बच्चों में कफ की समस्या अक्सर मौसम बदलने के साथ ही दिखाई देती है। मौसम बदलने के साथ ही बच्चों को जुकाम और बुखार की समस्या हो सकती है। कफ जम जाने के कारण बच्चों को खांसी भी आती है। ये समस्या कभी भी हो सकती है। ऐसे में पैरेंट्स बच्चों को अक्सर हॉस्पिटल लेकर जाते हैं। वैसे तो कहा जाता है कि कोल्ड की समस्या को दूर करने के लिए दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि ये दो से तीन दिन में अपने आप ही सही हो जाती है। अगर आपके बच्चों में कफ की समस्या ज्यादा बढ़ गई है तो बेहतर होगा कि डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों में कफ की समस्या अगर ज्यादा नहीं है तो कुछ घरेलू उपाय की मदद से भी कफ की समस्या को दूर किया जा सकता है। बच्चों और नवजात शिशु का इम्यून पावर कम होता है। इसलिए, बच्चों को सर्दी जुकाम और कफ की समस्या जल्दी होती है। कई बार बाहर के दूषित वातावरण से भी बच्चे और नवजात शिशु प्रभावित हो सकता है। यह बच्चों को सर्दी जुकाम दे सकता है। अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो ये आर्टिकल पढ़ें।
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बच्चों में कफ की समस्या : जानें कफ का प्रकार
अगर बच्चे को कफ की समस्या है तो पहले कफ का प्रकार जानने की कोशिश करें। बच्चों को दो प्रकार के कफ की समस्या होती है। पहली तो सूखे कफ की समस्या और दूसरा गीला कफ की समस्या
चेस्ट से कफ आना
चेस्ट से डीप कफ की समस्या एयरवे के कारण बनने वाले म्युकस से होता है।
टाइट कफ की समस्या
टाइट कफ की समस्या में इंफेक्शन और स्वेलिंग (वॉइस बॉक्स) के कारण होती है।
माइल्ड कफ की समस्या
माइल्ड कफ की समस्या में थ्रोट से पोस्ट-नासल ड्रिप की समस्या हो जाती है।
बच्चों में कफ की समस्या से छुटकारा : सेलाइन नेजल स्प्रे
बच्चों में कफ की समस्या होने सेलाइन नेजल स्प्रे का यूज कर सकते हैं। सेलाइन नेजल स्प्रे में नमक के साथ ही स्टेराइल्ड वॉटर होता है। ये कफ की समस्या को दूर करने में मदद करेगा। नोज ड्रॉप म्युकस को ढीला करके ये हटाने का काम करता है। अगर बच्चा नोज ड्राप सही से नहीं डाल रहा है तो बेहतर रहेगा कि आप उसे वार्म बाथ दें। ऐसा करने से भी बच्चे के नाक और गले में कफ ढीला पड़ जाएगा। अगर नोज ड्रॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो बेहतर रहेगा कि जब बच्चा सोने जा रहा हो, उससे पहले नोज ड्रॉप का यूज करें। बच्चों को रात के समय ही कफ की वजह से खांसी की समस्या शुरू हो जाती है। कफ की समस्या ड्रॉप यूज करने से कम हो जाएगी। अगर बच्चा बंद नाक से परेशान है, तो नमक वाला गर्म पानी आपके लिए मददगार हो सकता है। गर्म पानी और नमक का यह मिश्रण नाक से वायरस के कणों और बैक्टीरिया को भी साफ करने का काम करता है।
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बच्चों में कफ की समस्या से छुटकारा : तरल पदार्थ पिलाएं
बच्चों में कफ की समस्या होने पर उन्हें हाइड्रेटेड रखें। पानी शरीर को बीमारी से दूर रखने में मदद करता है और वायुमार्ग को नम और मजबूत बनाता है। अगर बच्चा सही से दूध या पानी या फिर तरल पदार्थ नहीं ले रहा है तो बेहतर होगा कि उसे दो घंटे के अन्तराल में कुछ तरल पदार्थ देते रहे। बच्चों में कफ की समस्या को दूर करने के लिए समय-समय पर लिक्विड देते रहना बहुत जरूरी है। बच्चे की साफ-सफाई के साथ ही उसके खिलौने और बिस्तर को भी साफ-सुथरा रखें। जिससे उसे संक्रमण का खतरा कम रहे।
बच्चों में कफ की समस्या से छुटकारा: शहद का उपयोग
बच्चों में कफ की समस्या को दूर करने के लिए शहद का उपयोग करें। शहद अपने नैचुरल टेस्ट के कारण बच्चों को पसंद आएगा। साथ ही शहद खाने से बच्चे के गले की खराश की समस्या में भी राहत मिलेगी। शहद में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती हैं जो इंफेक्शन की समस्या को दूर करने का काम करती है। अगर बच्चा शहद खा लेता है तो उसे एक चम्मच शहद खिलाएं। अगर बच्चा शहद नहीं ले रहा है तो बेहतर होगा कि उसे पानी में शहद मिलाकर दें। ऐसा करने से कफ की समस्या से राहत मिलेगी। वैसे तो बच्चे अदरक न ही खाएंगे और न ही उसका रस पिएंगे। बेहतर रहेगा कि आधे चम्मच अदरक के रस में शहद मिलाएं और फिर बच्चे को पिला दें। अदरक में एंटी-इन्फ्लेमेटरी के गुण होते हैं। जो सर्दी-जुकाम के साथ-साथ उल्टी और दर्द से राहत भी दिलाता है। ऐसा करने से बच्चे को कफ की समस्या में भी राहत मिलेगी।
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बच्चों में कफ की समस्या से छुटकारा : सिर को थोड़ा उठा दें
बच्चों में कफ की समस्या को दूर करने के लिए सोते समय बच्चे को सिर को थोड़ा सा ऊपर उठा दें। अगर बच्चा दो साल से कम का है तो ऐसा करना मुश्किल होता है क्योंकि छोटे बच्चे अक्सर तकिया नहीं लगाते हैं। बड़े बच्चों के साथ ये उपाय अपनाया जा सकता है। जब बच्चा सो जाए तो सिर को ऊपर उठाने कि लिए मुलायम तकिए का प्रयोग करें। ऐसा करने से कफ की समस्या से राहत मिलेगा।
बच्चों में कफ की समस्या से छुटकारा: मॉस्चराइजर के साथ ह्युमिडिफायर
एयर में मॉस्चराइजर एड करने के बाद बच्चों की नाक में जमा कफ ढीला पड़ जाएगा और आसानी से साफ हो जाएगा। जब भी ह्युमिडिफायर खरीदें, हमेशा ठंडा ह्युमिडिफायर ही खरीदें। कोल्ड ह्युमिडिफायर हमेशा वार्म ह्युमिडिफायर से अच्छा होता है और इससे बच्चों में कफ की समस्या भी में भी राहत मिलती है। जब बच्चा रात में सो जाए तो ह्युमिडिफायर का यूज करें। दिन के समय बच्चा जिस रूम में अधिक रहता है, वहां ह्युमिडिफायर ऑन रखें। अगर आपके पास ह्युमिडिफायर नहीं है तो बेहतर रहेगा कि हॉट शॉवर का यूज करें। स्टीमी बाथरूम में बच्चे को कुछ देर रखे। ऐसा करने से बच्चे के शरीर के अंदर का कफ ढीला पड़ जाएगा और बच्चे को आराम महसूस होगा।
बच्चों में कफ की समस्या से छुटकारा : ठंडी हवा में जाएं
हो सकता है कि ये सुनकर आपको अजीब महसूस हो, लेकिन बच्चों में कफ की समस्या को दूर करने के लिए ये भी अच्छा उपाय है। बच्चों को कफ की सम्सया हो जाने पर उन्हें ठोड़ी देर बाहर ठंडी हवा में लें जाएं। ऐसा करने से खांसी के लक्षणों में राहत मिल सकती है। साथ ही बच्चे की छाती में जमा कफ भी ढीला पड़ सकता है। ऐसा नहीं है कि बच्चे को बाहर ठंड में रखें। बच्चे को कुछ देर यानी 10 से 15 मिनट के लिए बाहर टहलाएं।
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बच्चों में कफ की समस्या : वेपर रब
बच्चों में कफ की समस्या को ठीक करने के लिए वेपर रब का यूज करें। वेपर रब में मेंथाल होता है। बच्चों में कफ की समस्या से राहत पाने के लिए बाम रगड़ा जा सकता है। ऐसा उनकी पीठ और पैर पर भी करें। कोशिश करें कि बच्चा दो साल से बड़ा हो। अगर आपको वेपर रब को लेकर समस्या हो तो बेहतर रहेगा कि एक बार डॉक्टर से इस बारे में जरूर बात करें।
बच्चों में कफ की समस्या : असेंशियल ऑयल का इस्तेमाल
असेंशियल ऑयल मांसपेशियों में दर्द को कम करने में प्रभावी हो सकते हैं। असेंशियल ऑयल का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। सभी तेल टॉडलर्स के लिए सुरक्षित नहीं हैं। लेकिन कुछ हर्बल ऑयल का यूज करने से बच्चों को सर्दी में राहत मिलती है। बेहतर होगा कि एक बार इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें।
बच्चों में कफ की समस्या : दवा का यूज
छह साल से कम उम्र के बच्चों में सर्दी -जुकाम के लिए दवा का यूज नहीं किया जाता है। दवा का यूज बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। आमतौर पर दवा देने से बच्चों में कफ की समस्या से राहत नहीं मिल पाती है। कम उम्र के बच्चों को दवा का कॉम्बिनेशन देने पर उन्हें साइड इफेक्ट का अधिक खतरा रहता है। अगर बच्चा चार साल का है और उसे अधिक खांसी आ रही है तो उसे डॉक्टर से पूछने के बाद ही दवा का डोज दें। एक साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए गर्म पानी और नींबू का रस और शहद की कुछ बूदों को मिलाकर पिलाने से खांसी की समस्या से राहत मिल सकती है।
बच्चों में कफ की समस्या : डॉक्टर से संपर्क
ऐसा नहीं है कि बच्चों में कफ की समस्या से निपटने के लिए केवल घरेलू उपाय ही बेहतर होते हैं। अगर बच्चे को कई दिनों से कफ की समस्या है तो बेहतर रहेगा कि डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चे को खांसी की वजह से अगर सूजन की समस्या है तो डॉक्टर स्टेरॉयड लिख सकते हैं। अधिक खांसी के कारण बच्चों को बुखार भी आ सकता है। अगर बच्चे को बैक्टीरियल इंफेक्शन है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स भी लिख सकते हैं। बच्चों में कफ की समस्या बढ़ जाने पर उसे अनदेखा बिल्कुल भी न करें। जब एंटीबायोटिक्स लेने के बाद बच्चा सही हो जाए तो दवा को भी बंद कर दें।
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इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
अगर बच्चे को कुछ दिनों से खांसी की समस्या परेशान कर रही है तो इसे अनदेखा बिल्कुल भी न करें। बेहतर रहेगा कि डॉक्टर से संपर्क करें। अस्थमा और एलर्जी की वजह से भी बच्चों को क्रोनिक कफ की समस्या हो जाती है, ऐसे में डॉक्टर का एपॉइंटमेंट लेना जरूरी हो जाता है। कुछ लक्षण के दिखने पर बच्चों को डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
- बच्चों में कफ की समस्या 10 दिनों ज्यादा होना।
- 3 दिनों से अधिक समय तक 100.4 F (38˚C) से अधिक बुखार
- सांस लेने में दिक्कत
- छाती में दर्द की समस्या
- सांस लेते समय गर्दन या पसली के पिंजरे के आसपास की मांसपेशियां में दर्द की समस्या
- कान में इंफेक्शन के कारण टनिंग की समस्या
डॉक्टर बच्चे की सांस का चेकअप करेंगे और फिर एक्स-रे भी कर सकते हैं।
बच्चे को इमरजेंसी की जरूरत भी पड़ सकती है जब,
- बच्चा बहुत सुस्त या बीमार लग रह हो।
- डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख रहे हो।
- तेजी से सांस ले रहा हो, सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो।
- होंठ, नाखून, या त्वचा पर नीले रंग के निशान दिख रहे हो। बच्चे को ऑक्सीजन की कमी होने पर शरीर नीले रंग का होने लगता है।
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इन बातों पर भी दें ध्यान
बच्चों को कफ की समस्या से बचाने के लिए शरीर की रोजाना 10-15 मिनट मालिश किसी भी नैचुरल ऑइल (सरसों, जैतून, बादाम) से जरूर करें। इससे ब्लड सर्क्युलेशन बढ़ता है और मसल्स मजबूत होती हैं। ध्यान दें कि मसाज हमेशा नीचे से ऊपर की ओर करनी चाहिए। मसाज अगर नैचुरल सनलाइट में की जाए तो इसका फायदा ज्यादा होता है। वहीं, नहलाते समय बच्चे को ज्यादा देर तक टब में न रहने दें और केवल गुनगुने पानी से ही बच्चे को नहलाएं।
सर्दी के समय फ्लू (flu) और जुकाम होने की संभावना ज्यादा रहती है। इसलिए, बच्चों को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छे से साफ करें। इससे बच्चों को रोगाणुओं से बचाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही घर में आने वाले लोग भी हाइजीन का ख्याल रखें। किसी को सर्दी है तो उन्हें बच्चे से दूर रखें। बच्चे को किसी भी प्रकार के इंफेक्शन और सर्दी से बचाने के लिए ऊनी कपड़े जरूर पहना कर रखें। बच्चों को जरूरत से ज्यादा कपड़े भी न पहनाएं। वरना बच्चा असहज महसूस कर सकता है। बेहतर होगा कि उसके शरीर को ढके न की अधिक कपड़ों को पहनाएं।
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बच्चों में कफ की समस्या आम समस्या है। लेकिन बच्चों में कफ की समस्या कभी-कभी भयानक रूप भी ले सकती है। अगर कफ की शुरुआत हुई है तो घरेलू उपाय अपनाएं जा सकते हैं। लेकिन अधिक दिनों तक बच्चों में कफ की समस्या को अनदेखा न करें। बेहतर रहेगा कि डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और बीमारी का इलाज करें।