छोटी-छोटी बीमारी पर एंटीबायोटिक लेना बेहद गंभीर हो सकता है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इस बात का सबूत है कि कैसे लोगों को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस होने लगा है। यानी एंटीबायोटिक्स छोटी-छोटी बात पर लेने की वजह से एक वक्त ऐसा आता है कि इन दवाईयों का असर होना बंद हो जाता है। डाॅ. अविनाश फड़के लैब्स कि इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबईवासियों को किस तरह बैक्टीरियल इंफेक्शन और एंटीबायोटिक (antibiotic) रेजिस्टेंस पैटर्न प्रभावित कर रहा है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) को कम करने में योगदान देना है, जोकि पूरी दुनिया में लोगों को प्रभावित कर रहा है। पैथोलॉजी लैब्स की चेन एसआरएल डॉ. अविनाश फड़के लैब्स ने ‘मुंबई की एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस रिपोर्ट’ 2019 को जारी किया। एंटीबायोटिक अवेयरनेस क्यों है जरूरी?