आर्टिरियोस्क्लेरोसिस में उन स्मॉल आर्टरीज और आर्टिरिओल्स को शामिल किया जाता है, जिनका डायमीटर 40 से 150μm होता है। साथ ही इन्हें कोलेजन फाइबर के साथ स्मूथ मसल्स के रिप्लेसमेंट इसकी विशेषता होती है। दो हिस्टोलॉजिक रूपों में पाया जाता है। पहला हायलिन आर्टिरियोस्क्लेरोसिस (Hyaline arteriolosclerosis) और दूसरा है हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस (Hyperplastic arteriolosclerosis)। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस के बारे में जानकारी देंगे। जानिए हायपरप्लास्टिक आर्टियोस्केरोसिस की कंडीशन के दौरान क्या बदलाव आते हैं।
और पढ़ें: हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी: हार्ट से जुड़ी इस समस्या के बारे में जानते हैं आप?
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस (Hyperplastic arteriolosclerosis)
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस (Hyperplastic arteriolosclerosis) की समस्या आर्टिओलर वॉल की थिकनिंग के कारण पैदा होती है और ये समस्या उम्र बढ़ने के साथ बढ़ जाती है। अधिक उम्र के लोगों में ये समस्या होने की ज्यादा संभावना होती है। ये समस्या एजिंग प्रोसेस का पार्ट है। हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस उम्र बढ़ने (Aging), उच्च रक्तचाप, (Hypertension), डायबिटीज मलिटिस (Diabetes mellitus) से जुड़ा हुआ है और कुछ दवाओं जैसे कि कैल्सीनुरिन इनहिबिटर्स (Calcineurin inhibitors) के रिस्पॉन्स के रूप में भी देखने को मिलता है।
इसे आर्टिरियोलर वॉल की थिकनिंग के रूप में परिभाषित किया जाता है। ऐसा स्मूथ मसल्स सेल्स के कॉन्सेट्रिक प्रोलिफरेशन के कारण होता है, जिससे आर्टिरियोल्स (Arterioles) को ओनियन स्किन अपियरेंस मिलती है। घातक हायपरटेंशन (Malignant hypertension) के कारण आर्टिरिओलर डैमेज का कारण बनती है और फाइब्रिनोइड नेक्रोसिस (Fibrinoid necrosis) की संभावना बढ़ जाती है।
और पढ़ें: हार्ट इंफेक्शन्स में कोर्टिकोस्टेरॉइड ड्रग्स: जानिए किस तरह करते हैं मदद
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस (Hyperplastic arteriolosclerosis) हायपरटेंशन के कारण होने वाला आम घाव है। हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस गंभीर रूप से प्रवाह को सीमित कर सकता है और लुमेन के ऑब्लिटरेशन का रिजल्ट हो सकता है। इसका पता पेरिफेरल पल्सेस के कम होने पर चलता है, जब शारीरिक जांच यानी फिजिकल एक्जामिनेशन किया जाता है। हायपरटेंसिव पेशेंट्स में हाइलाइन स्क्लेरोसिस (Hyaline sclerosis) बदलाव दिखते हैं। पेशेंट में वैसेल वॉल कोलेजन (Collagen) के कारण अधिक मोटी हो जाती है।
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस के लक्षण (Hyperplastic arteriolosclerosis symptoms)
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस की समस्या होने पर चेस्ट पेन का आभास हो सकता है। कुछ पेशेंट्स में अचानक से थकावट का एहसाह (Exhaustion) या फिर शरीर के कुछ अंगों में सुन्नता का एहसास हो सकता है। पेशेंट् को आय साइट में समस्या, चेहरे की मसल्स में क्षति पहुंच सकती है। अगर बताए गए लक्षणों के समय पर ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है, तो पेशेंट्स में स्ट्रोक का खतरा (Stroke risk) भी बढ़ सकता है। कुछ लोगों को चलने के दौरान भी दर्द का एहसास हो सकता है। किडनी की ओर जाने वाली ब्लड वैसल्स में इस समस्या के कारण किडनी फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो डॉक्टर से इस विषय में परामर्श जरूर करें। हार्ट की किसी भी कंडीशन को समझने के लिए आपको डॉक्टर से बेहतर अन्य कोई जानकारी नहीं दे सकता है।
और पढ़ें: सिस्टोलिक हार्ट फेलियर : लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव से सुधर सकती है दिल की यह कंडिशन!
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस के कारण (Hyperplastic arteriolosclerosis cause )
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस (Hyperplastic arteriolosclerosis) की समस्या स्मॉल आर्टरी और आर्टिरिओल्स के डैमेज होने के कारण उत्पन्न होती है। हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), स्मोकिंग (Smoking) या फिर कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाय होने पर हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस की संभावना बढ़ जाती है। ये डैमेज प्लाक (plaque) का निर्माण करते हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल इनर लाइनिंग से गुजरता है और आर्टरी के साथ ही आर्टरी की दीवार को क्षति पहुंचाता है। फिर वाइट ब्लड सेल्स कोलेस्ट्रॉल कंज्यूम करने लगती हैं। ये कंडीशन ब्लड फ्लो को बधित करने का काम करती है।
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस के लक्षण आमतौर पर नजर नहीं आते हैं लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही समस्याएं बढ़ने लगती हैं। ब्लड वैसल्स के नौरो हो जाने के कारण दर्द की समस्या पैदा हो सकती है। ये ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा कर दर्द का कारण बन जाता है और साथ ही इनर वॉल में डैमेज करता है। ये समस्या रक्त के थक्कों का कारण भी बन सकती है। सही समय पर ट्रीटमेंट की हेल्प से बड़ी समस्या से बचा जा सकता है। लक्षण दिखते ही आपको जांच कराने की जरूर है।
और पढ़ें: कार्डिएक कैथेटेराइजेशन: कई प्रकार की हार्ट डिजीज का पता लगाने के लिए किया जाता है ये टेस्ट
हार्ट से जुड़ी इस समस्या का रिस्क फैक्टर क्या है?
हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसिस से जुड़े रिस्क की बात की जाए, तो 40 साल की उम्र के व्यक्ति में इस बीमारी की संभावना 50 प्रतिशत होती है। उम्र बढ़ने के साथ ही बीमारी की संभावना भी बढ़ने लगती है। 60 साल के लोगों इस बीमारी के रिस्क में अधिक होते हैं। हार्ट की बीमारी का मुख्य कारण अनहेल्दी डायट, मोटापा (Obesity), स्ट्रेस (Stress) , स्मोकिंग आदि से जुड़ा होता है। बेटर क्वालिटी लाइफ के साथ ही अच्छे ट्रीटमेंट की हेल्प से पेशेंट की जान बचाई जा सकती है। यानी अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए, तो हार्ट पेशेंट (Heart patient) बनने से बचा जा सकता है। आपको इस बीमारी के रिस्क के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सावधानी ही है बीमारी का उपाय
इस बीमारी की संभावना को कम करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है। आपको स्मोकिंग के साथ ही एल्कोहॉल को भी छोड़ना होगा। आप डायबिटी (Diabetes) के साथ ही बीपी को भी कंट्रोल में रखें। आपको इसके लिए खानपान पर ध्यान देने के साथ ही रेगुलर चेकअप कराने की भी जरूरत है। चेकअप से हाय बीपी या फिर नॉर्मल बीपी के बारे में जानकारी मिलती रहती है। अगर आपको ये समस्या हुई है, तो डॉक्टर कुछ दवाओं के साथ ही आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह भी दे सकते हैं। बिना सलाह के दवा का सेवन बिल्कुल न करें।
यहां दी गई जानकारी बीमारी के निदान या उपचार से संबंधित बिल्कुल नहीं है। अगर आपको किसी भी तरह की हार्ट संबंधी समस्या (Heart problems) होती है या फिर दिए गए लक्षण नजर आते हैं, तो आपको डॉक्टर से तुरंत जानकारी देनी चाहिए। जांच के बाद ही डॉक्टर बता पाएंगे कि आपको किस तरह से ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। आपको डॉक्टर को अपनी समस्या के बारे में अवश्य बताना चाहिए। बिना परामर्श के आपको हार्ट संबंधी किसी भी दवाओं का सेवन भी नहीं करना चाहिए। किसी संबंध में अगर कंफ्यूजन हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको हायपरप्लास्टिक आर्टिरियोस्क्लेरोसि (Hyperplastic arteriolosclerosis) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको हेल्थ से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
[embed-health-tool-heart-rate]