नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease and Alzheimer’s) के बीच संबंध बताया गया है। अल्जाइमर बुजुर्गी में होने वाली समस्या है, तो वहीं कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानी दिल से जुड़ी बीमारी (Heart disease) किसी भी उम्र में दस्तक दे सकती है। ऐसे में अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का आपसी तालमेल क्या है इसे समझेंगे और कैसे इन गंभीर बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखा जाए यह भी समझेंगे।
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भारत के अल्जाइमर एसोसिएशन (Alzheimer’s Association of India) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में 4 मिलियन लोग डिमेंशिया के शिकार हैं, जो अल्जाइमर का सबसे सामान्य कारण है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा पब्लिश्ड साल 2019 रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 17.9 मिलियन लोगों की मौत कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के कारण हुई। हालांकि ऐसा नहीं है कि अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease and Alzheimer’s) से बचा नहीं जा सकता। अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से कैसे अपनी या अपने करीबियों को दूर रखने से जुड़े टिप्स जानेंगे, लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease and Alzheimer’s) क्या है।
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अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease and Alzheimer’s) क्या है?
अल्जाइमर (Alzheimer’s)-
अल्जाइमर याददाश्त से जुड़ी समस्या है, जो डिमेंशिया का सबसे सामान्य कारण है। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर की समस्या सामान्य मानी जाती है। याददाश्त कमजोर होने के कारण व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती है। शुरुआती स्टेज में अल्जाइमर को समझना आसान नहीं होता है और छोटी-छोटी बातों को याद ना रखपाना गंभीर हो जाती है। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर के कारण ब्रेन में सेल्स बनने के साथ-साथ खत्म भी होने लगते हैं। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति के स्वभाव में लगातार नकारात्मक बदलाव आता है। इसका कोई ठोस इलाज नहीं है, जिससे अल्जाइमर की बीमारी ठीक हो सके। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर की वजह से डिहाइड्रेशन (Dehydration), कुपोषण (Malnutrition) या इंफेक्शन (Infection) का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि अगर के लक्षणों पर ध्यान दिया जाए तो इस बीमारी से दूर रहने में मदद मिल सकती है।
अल्जाइमर के लक्षण (Alzheimer’s symptoms)-
- हमेशा थका हुआ महसूस होना।
- किसी से मिलने की इच्छा न होना।
- काम करने की इच्छा नहीं होना।
- तुरंत की बातों को भूलना।
- बात करने में कठिनाई महसूस होना।
- डिसीजन लेने में परेशानी होना।
- स्वभाव में अत्यधिक बदलाव होना।
- रास्ता भूल जाना।
- थाइरॉइड (Thyroid) की समस्या होना।
- पार्किंसंस डिजीज (Parkinson’s disease) की समस्या।
- तनाव (Tension) में रहना।
- डिप्रेशन में रहना।
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कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease)
दिल से जुड़ी एक यही, बल्कि कई बीमारियां होती हैं। जैसे हार्ट फेलियर (Heart failure), हार्ट अटैक (Heart attack) या स्ट्रोक (Stroke)। अगर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज को सामान्य शब्दों में समझें तो कार्डियोवैस्क्युलर या सर्क्युलेटरी सिस्टम शरीर में ब्लड सप्लाय (Blood supply) का काम करता है। इस प्रक्रिया में हार्ट, आर्टरीज, वेंस और कैपिलरीज मुख्य भूमिका निभाती है। हालांकि जब किसी कारण से ब्लड सप्लाय में बाधा पहुंचती है, तो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में लक्षणों को समझकर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) के खतरे को कम किया जा सकता है।
कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के लक्षण (Symptoms of Cardiovascular disease)
- सीने में दर्द (Chest pain) महसूस होना।
- बाहों, बाएं कंधे, कोहनी, जबड़े या पीठ में दर्द होना।
- सांस लेने में कठिनाई (Breathing problem) होना।
- मतली और थकान महसूस होना।
- बार-बार चक्कर आना।
- ठंड लगना और पसीना आना।
तो ये हैं अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के लक्षण। अगर ऐसे लक्षण नजर आ रहें हैं या आप महसूस करते हैं, तो डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें। आर्टिकल में आगे जानेंगे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) क्यों दावत दे सकता है अल्जाइमर (Alzheimer’s) को।
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अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का क्या है कनेक्शन? (Link Between Cardiovascular disease and Alzheimer’s)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने की वजह से भविष्य में अल्जाइमर का खतरा बढ़ सकता है। वहीं जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड बोलोग्ना यूनिवर्सिटी ऑफ इटली (Johns Hopkins University School of Medicine and the University of Bologna, Italy) के पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार अगर अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज को सामान्य शब्दों में समझें तो हार्ट फेलियर (Heart failure) होने की स्थिति में हार्ट मसल्स में प्रोटीन क्लस्टर (Protein Clusters) जमा होने लगते हैं। यही प्रोटीन क्लस्टर धीरे-धीरे ब्रेन टिशू (Brain Tissue) को भी अपना शिकार बनाने लगते हैं, जिससे अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए दिल की बीमारी को इग्नोर ना करें और हमेशा हेल्दी हार्ट के लिए हेल्दी टिप्स और अगर हार्ट डिजीज की समस्या है, तो समय-समय पर डॉक्टर से कंसल्टेशन करते रहें।
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कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से बचाव कैसे संभव है? (Tips to prevention Cardiovascular disease)
कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से निम्नलिखित तरह से बचाव संभव है। जैसे:
- एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन ना करें।
- तंबाकू या सिगरेट (Smoking) जैसी चीजों से दूर रहें।
- चीनी (Sugar), नमक (Salt) एवं सैचुरेटेड फैट (Saturated fat) का सेवन ना करें।
- जंक फूड (Junk food) या प्रोसेस्ड फूड (Processed food) का सेवन ना करें।
- ताजे फल (Fruits) एवं सब्जियों (Vegetables) का सेवन रोजाना करें।
- नियमित योग (Yoga), एक्सरसाइज (Workout) या वॉक (Walk) करें।
- ब्रेन गेम्स (Brain games) खेलने की आदत डालें।
ये 7 टिप्स हेल्दी हार्ट (Healthy heart) एवं हेल्दी ब्रेन (Healthy brain) के लिए बेहद कारगर माने जाते हैं।
अगर आप अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन जल्द से जल्द करें। ध्यान रखें कि कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) होने पर लापरवाही ना बरतें। आपकी छोटी सी लापरवाही आपको गंभीर बीमारियों का शिकार भी बना सकती हैं। इसलिए अगर आपको कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की समस्या है, तो डॉक्टर से समय-समय पर कंसल्टेशन करें, वॉक (Walk) करें, योग (Yoga) करें और पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन। अगर आप अल्जाइमर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease and Alzheimer’s) से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
स्वस्थ्य रहने के लिए हेल्दी फूड (Healthy food) का सेवन जरूरी माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं हेल्दी खाने के लिए टाइम टेबल मैनेज करना भी बेहद जरूरी है। इसलिए नीचे दिय इस वीडियो पर क्लिक करें और एक्सपर्ट से जानिए कब और क्या खाएं।
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