उम्र चाहे कोई भी हो नियमित व्यायाम करना हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि फिजिकली एक्टिव रहना बेहतरीन हार्ट व लंग हेल्थ की ओर एक बेहतरीन स्टेप है। हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) करना आवश्यक माना गया है। इससे न केवल हार्ट मसल्स मजबूत होते हैं, वजन सही में रहता है। बल्कि इसके साथ ही हाय कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर आदि भी कंट्रोल में रहते हैं। जिससे हार्ट अटैक (Heart attack) या स्ट्रोक (Stroke) का जोखिम कम होता है। ऐसे में ही व्यायाम करना मानसिक और भावनात्मक रूप से भी आपको कई लाभ प्रदान कर सकता है। आइए जानें हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए एक्सरसाइजेज के बारे में विस्तार से। किंतु, सबसे पहले हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) क्यों जरूरी है यह जान लेते हैं।
हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम क्यों जरूरी है?
अगर किसी व्यक्ति को पल्मोनरी हाइयपरटेंशन (Pulmonary hypertension) या हार्ट फेलियर (Heart failure) की समस्या है, तो रूटीन एक्सरसाइज उसे सामान्य जीवन जीने में मदद कर सकती है। इन सब चीजों में भी नियमित एक्सरसाइज फायदेमंद साबित हो सकती है, जैसे:
- लाइफस्टाइल चेंजेज (Lifestyle changes)
- मेटल और इमोशनल हैपीनेस (Mental and emotional happiness)
- फिजिकल पोटेंशियल को बढ़ना (Maximizing physical potential)
अगर किसी को हार्ट और लंग डिजीज (Heart and lungs disease) है, लेकिन आप कम एक्टिव रहते हैं, तो आप अपने आप में कम एनर्जी महसूस करेंगे और अपनी पसंद का काम नहीं कर पाएंगे। यही नहीं, कमजोर मसल्स को अधिक ऑक्सीजन की जरूरत होती है, इससे आपकी जीवनशैली में बाधा डालने वाले लक्षणों पैदा हो सकते हैं।
और पढ़ें: हार्ट बायपास सर्जरी के बाद ये सावधानियां रखना है बेहद जरूरी, रिकवरी हो सकेगी फास्ट
रोजाना एक्टिव रहने के लिए कुछ लोग वॉक करते हैं, साइकिलिंग करते हैं, व्यायाम करते हैं। यानी आप अपने स्वास्थ्य, इच्छा और क्षमता के अनुसार कोई भी एक्टिविटी चुन सकते हैं। लेकिन इस बात को ध्यान में रखें कि अगर आपको कोई भी हार्ट या लंग डिजीज है, तो एक्सरसाइज करते हुए किसी के सुपरविजन की आवश्यकता हो सकती है। क्योंकि, इन स्थितियों में आप कुछ अन्य समस्याओं का अनुभव भी कर सकते हैं, जैसे:
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
- बेहोशी (Fainting)
- हार्ट के राइट साइड में एक्सेस स्ट्रेस (Excess stress to right side of Heart)
- अन्य रिलेटेड समस्याएं (Other related problems)
फिजिकली एक्टिव रहने से आप गंभीर बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं जिसमें हार्ट डिजीज (Heart Disease), डायबिटीज (Diabetes), लंग कैंसर (Lung Cancer) आदि शामिल हैं। इसके साथ ही हड्डियों को मजबूत करने, फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाएं, वजन और नींद को सही रखने में भी यह आवश्यक है। हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी यह महत्वपूर्ण है। रोजाना व्यायाम करने से एंग्जायटी और डिप्रेशन की समस्या कम होती है, मेमोरी और अटेंशन में सुधार होता है और कई अन्य समस्याओं से भो बचाव संभव है। हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम करना कितना जरूरी है, यह तो आप जान ही गए होंगे। अब जानते हैं हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs)के उदाहरणों के बारे में।
और पढ़ें: ओबेसिटी और लंग्स हेल्थ : ओबेसिटी प्रभावित कर सकती है हमारे लंग्स को भी!
हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम के उदाहरण (Exercise for heart and lungs)
ऐसा माना जाता है कि सभी वयस्कों को हफ्ते में पांच दिन तीस मिनटों तक मॉडरेट फिजिकल एक्टिविटीज करनी चाहिए। जिसमें ब्रिस्क वॉकिंग, साइकिलिंग, गार्डनिंग आदि शामिल है। हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स ही सही हेल्थ के लिए इन एक्सरसाइजेज को अपनी रूटीन में शामिल किया जा सकता है:
वॉकिंग (Walking)
वॉकिंग यानी सैर करना। यह सुनने में बहुत आसान लगता है। लेकिन, वॉकिंग खासतौर पर स्पीड वॉकिंग (Speed walking) हार्ट को मजबूत करने का बेहतरीन तरीका है। तेजी से वॉक करने से हार्ट रेट बढ़ती है और पूरे शरीर का व्यायाम होता है। हम कभी भी किसी भी समय वॉक कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी खास चीज की भी जरूरत नहीं होती। बस एक जोड़ी आरामदायक जूते और आप तैयार हैं वॉक करने के लिए। हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) में वॉक को करना फायदेमंद साबित हो सकती है। रोजाना आधे घंटे तक वॉक कर के आपको हेल्दी रहने में मदद मिल सकती है।
वेट ट्रेनिंग (Weight training)
वेट ट्रेनिंग को अक्सर मसल्स के लिए बेहतरीन माना जाता है। लेकिन, हार्ट के लिए भी यह एक अच्छा व्यायाम है। वेट ट्रेनिंग (Weight training) से मसल्स मास को बिल्ड होने और फैट बर्न होने में मदद मिलती है। हालांकि, इसके लिए आप जिम भी जा सकते हैं। लेकिन, अपने बॉडी वेट का इस्तेमाल कर भी इन्हें करना संभव है जैसे पुश-अप्स (Push-ups), स्क्वाट्स (squats), पुल-अप्स (Pull-ups) आदि। लेकिन, अगर आपको लंग या हार्ट प्रॉब्लम है तो वेट ट्रेनिंग (Weight training) से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें।
और पढ़ें: इस तरह बिगिनर्स खुद को रख सकते हैं फिट, जानिए वेट ट्रेनिंग के नियम
स्विमिंग (Swimming)
स्विमिंग करना केवल बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी पसंद होता है। यह केवल एक फन एक्टिविटी नहीं है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहतरीन एक्टिविटी है। इससे पूरे शरीर का अच्छा व्यायाम होता है। हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) में इसे भी आप शामिल कर सकते हैं। लंग्स और हार्ट के साथ ही इससे पूरे शरीर को मजबूत होने में सहायता मिलती है।
योगा (Yoga)
योगा के कई लाभ हैं। इसके शारीरिक और मानसिक फायदों के बारे में हर कोई जानता है। यही कारण है कि आजकल योगा इतना लोकप्रिय हो रहा है। इसी तरह से हार्ट और लंग्स (Heart and lungs) के लिए भी योगा बहुत फायदेमंद है। योगा करने से मसल्स टोंड और मजबूत होते हैं। कुछ तरह के योगासन को करने से आपको हार्ट रेट को बढ़ने में मदद मिलती है। लेकिन, यह ब्लड प्रेशर के लो होने में भी सहायक है। योगासनों को करने से पहले डॉक्टर की सलाह और योगासनों का मार्गदर्शन लेना जरूरी है।
साइकिलिंग (Cycling)
हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) में साइकिलिंग को शामिल करना भी एक अच्छा विचार है। अगर आपको हार्ट और लंग्स (Heart and lungs)संबंधी समस्या है, तो अपनी साइकिल का सही इस्तेमाल करें। हालांकि, संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में भी साइकिलिंग करना सहायक है। साइकिलिंग करने से आप हार्ट डिजीज के रिस्क कम हो सकते हैं। मेंटल हेल्थ (Mental health) में भी यह लाभदायक है।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercises)
अगर आपको लंग प्रॉब्लम है, तो सबसे पहले तो आपको कोई भी ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercise) करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। हालांकि, कुछ खास ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज (Breathing exercises) आपकी कंडिशन को बेहतर बनाने में आपके लिए सहायक साबित हो सकती हैं। जैसे डायाफ्राम की स्ट्रेंथ को सुधारनें में, लंग्स में अधिक एयर प्राप्त करने के लिए, चेस्ट और लंग वॉल को सही बनाए रखने में। लंग प्रॉब्लम्स की स्थिति में आपको डायफ़्रामेटिक ब्रीदिंग (Diaphragmatic breathing), प्रसड लिप्स ब्रीदिंग (Pursed-lips breathing), बैली ब्रीदिंग (Belly breathing) आदि की सलाह दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर और किसी एक्सपर्ट की राय अवश्य लें।
और पढ़ें: फेफड़ों को स्वस्थ्य बनाये रखने के लिए करें ये लंग्स एक्सरसाइज
फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (Flexibility Exercise)
फ्लेक्सिबिलिटीज जैसे स्ट्रेचिंग डायरेक्टली हार्ट हेल्थ को कंट्रीब्यूट करती है। यही नहीं, हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी यह बेहतरीन है। मस्कुलर इशूज (Muscular issues) और जॉइंट्स पैन (Joint Pain) की स्थिति में भी यह लाभदायक है। इन व्यायामों को करना आसान है। स्ट्रेचिंग को व्यायाम शुरू करने से पहले और बाद में करने के भी कई लाभ हैं। उम्मीद है की हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। लेकिन, इन व्यायामों को करते हुए कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जानते हैं इन चीजों के बारे में।
और पढ़ें: स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के दौरान सावधानी रखना है जरूरी, स्ट्रेच करने से पहले जान लें ये बातें
हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम में इन चीजों का रखें ध्यान
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार हेल्दी रहने और अपने हार्ट व लंग्स को भी स्वस्थ बनाए रखने के लिए हर व्यक्ति को दिन में कम से कम तीस मिनटों के लिए व्यायाम करना चाहिए। इसके साथ ही आपको कुछ अन्य चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए, जैसे:
- किसी भी व्यायाम की शुरुआत धीरे-धीरे करें। बाद में अपनी एक्टिविटी लेवल बढ़ाएं। खासतौर, पर अगर आप रेगुलर व्यायाम नहीं करते हैं। एकदम से अधिक इंटेंसिटी से व्यायाम करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- खाना खाने के कम से कम एक या डेढ़ घंटे बाद ही व्यायाम करें।
- व्यायाम के दौरान लिक्विड्स का सेवन करते हुए फ्लूइड रिस्ट्रिक्शन गाइडलाइन्स (Fluid restriction guidelines) का पूरी तरह से पालन करें।
- व्यायाम से पहले कम से कम पांच मिनट वार्म-अप के लिए निकालें, जिसमें आप स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (Stretching exercises) कर सकते हैं। इसके साथ ही एक्टिविटीज के बाद पांच से दस मिनटों तक भी इन व्यायामों को करें। ताकि, आपके शरीर को कूल-डाउन होने में मदद मिले। इससे आप चोट के जोखिमों से बच सकते हैं।
- अपनी एक्सरसाइज का रिकॉर्ड रखें।
- ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercise) और लाइट फिजिकल एक्टिविटी (Light physical activity) से आपको ब्रीदिंग प्रॉब्लम्स को दूर करने में मदद मिल सकती है।अगर आपको लंग प्रॉब्लम (Lung problem) है और आप जहां रहते हैं वहां पॉल्यूशन लेवल हाय है तो आउटडोर एक्सरसाइज करने से बचें। अगर पॉल्यूशन लेवल हाय हो तो घर के अंदर ही वॉक करें।
Quiz: फिटनेस को लेकर कितना जागरूक हैं आप? खेलें फिटनेस को लेकर क्विज
और पढ़ें: क्या आपको भी जानना है व्यायाम कैसे शुरू करें, जानें ये जरूरी बातें
यह तो थी हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) के बारे में जानकारी। हार्ट, लंग्स या संपूर्ण हेल्थ के लिए आप चाहें योगा का चुनाव करें या वॉक, स्विमिंग या साइकिलिंग का, आपका नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। अपनी क्षमता और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही अपने लिए व्यायाम को चुनें। यही नहीं, अपनी शरीर को समझें की भी कोशिश करें। अगर कोई व्यायाम करते हुए आपको कोई समस्या हो तो उसे तुरंत करना छोड़ दें और मेडिकल हेल्प लें। इसके साथ ही कोई भी एक्सरसाइज करते हुए किसी एक्सपर्ट या अन्य व्यक्ति का आपके पास होना जरूरी है। ताकि आपको कोई भी परेशानी होने पर वो आपकी मदद कर सकें। इसके अलावा सबसे जरूरी है व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह और एक्सपर्ट की गाइडेंस लेना।
आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।