स्ट्रोक की समस्या तब होती है, जब हमारे दिमाग के किसी हिस्से तक ब्लड फ्लो बंद हो जाता है। स्ट्रोक से मरीज के शरीर में कई परिवर्तन आते हैं। यही नहीं, उनके शरीर के काम करने के तरीके में भी बदलाव आ जाता है। इसका प्रभाव रोगी का अपने पार्टनर के साथ रिश्ते पर भी पड़ता है। स्ट्रोक के बाद हर व्यक्ति का रिकवरी टाइम अलग-अलग होता है। इसके साथ ही उन्हें लॉन्ग-टर्म केयर की भी जरूरत होती है। अगर बात की जाए सेक्स की, तो सेक्स भी मनुष्य के जीवन और रिश्ते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन, स्ट्रोक के बाद सेक्स लाइफ पर भी असर हो सकता है। आज हम बात करने वाले हैं स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) के बारे में। लेकिन, स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) से पहले स्ट्रोक के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
क्या है स्ट्रोक? (Stroke)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि स्ट्रोक की समस्या तब होती है, जब ब्रेन तक पर्याप्त ब्लड सप्लाई नहीं हो पाती। इससे ब्रेन तक पर्याप्त ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट नहीं पहुंच जाते हैं और ब्रेन सेल्स कुछ ही देर में नष्ट होना शुरू हो जाते हैं। यह एक मेडिकल एमरजेंसी है और इसमें तुरंत उपचार जरूरी है। जिन लोगों को हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol), डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होती है, उन्हें स्ट्रोक की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा भी इसके कई अन्य रिस्क फैक्टर्स भी हो सकते हैं। हालांकि, तुरंत उपचार से इसकी कॉम्प्लीकेशन्स से बचा जा सकता है। लेकिन, स्ट्रोक के बाद भी रोगी कई समस्याओं का सामना कर सकता है।
जैसा की पहले ही बताया गया है कि इसका प्रभाव उनकी सेक्स लाइफ पर भी पड़ता है। स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) से पहले इसके लक्षणों के बारे में भी जान लेते हैं
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स्ट्रोक के लक्षण (Symptoms of stroke)
अगर किसी व्यक्ति को स्ट्रोक का जोखिम अधिक है, तो उन्हें इसके लक्षणों का खास ध्यान रखना चाहिए। स्ट्रोक की शुरुआत में कुछ ट्रीटमेंट ऑप्शन बहुत ही प्रभावी होते हैं। स्ट्रोक के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- रोगी के बोलने और दूसरे व्यक्ति के द्वारा कही गई बात को समझने में समस्या होना।
- रोगी के चेहरे, बाजू और टांग में पैरालिसिस या नंबनेस होना।
- एक या दोनों आंखों से देखने में समस्या होना।
- चलने-फिरने में परेशानी।
- सिरदर्द होना।
यह तो थी स्ट्रोक के लक्षणों के बारे में इंफॉर्मेशन। अब पाइए, स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) के बारे में जानकारी।
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स्ट्रोक के बाद सेक्स: यह जानकारी है जरूरी (Sex after stroke)
सेक्स, स्ट्रोक सर्वाइवर्स के लिए एक सेंसिटिव इशू हो सकता है। लेकिन, स्ट्रोक के कारण होने वाले शारीरिक और इमोशनल बदलावों के कारण रोगी की सेक्शुअल डिजायर्स, क्षमताओं और आत्मविश्वास पर प्रभाव पड़ सकता है। यही नहीं, स्ट्रोक के सर्वाइवर्स के मन में पार्टनर के साथ सेक्शुअल इंटिमेसी को लेकर कई चिंताएं हो सकती हैं। स्ट्रोक के बाद सेक्शुअल रिलेशन्स को रिज्यूम करने से पहले, आपको अपनी चिंताओं के बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए। आइए, जानते हैं कि स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) संबंधी क्या समस्याएं हो सकती हैं?
डिप्रेशन (Depression)
पोस्ट-स्ट्रोक डिप्रेशन (Post-stroke depression), स्ट्रोक सर्वाइवर्स को अधिक प्रभावित करता है। डिप्रेशन के कारण रोगी की सेक्स लाइफ पर कई तरह से असर हो सकता है। डिप्रेशन के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं: एक्टिविटीज में रुचि का कम होना, थकावट, बेकार होने की फीलिंग और शॉर्ट-टर्म मेमोरी लॉस। इन सब से लवमेकिंग जैसी एक्टिविटी पर फोकस करना मुश्किल हो सकता है। यही नहीं, डिप्रेशन के कारण लिबिडो भी कम हो सकती है, जिससे सेक्स और भी अधिक चुनौती भरा हो सकता है।
हालांकि, डिप्रेशन के लिए कई ट्रीटमेंट ऑप्शन हैं। ऐसी कई ड्रग्स हैं, जिनसे कम हुई कामेच्छा का उपचार संभव है। हालांकि, इससे ओवरकम बेहद परेशानी भरा और मुश्किल हो सकता है। इसलिए, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। वो आपका सही मार्गदर्शन कर सकते हैं। हो सकता है कि वो आपको कम साइड इफेक्ट वाली दवा की सलाह दें या आप किसी ऐसे काउंसलर से भी मिल सकते हैं, जो आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते को फिर से बनाने में मदद कर सके। इससे स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) लाइफ बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
एपेशिया (Aphasia)
कम्युनिकेशन हेल्दी सेक्स लाइफ की कुंजी है। लेकिन, स्ट्रोक के बाद मरीज स्पीच और लैंग्वेज डिफीकल्टीज से पीड़ित होता है, जिससे कम्युनिकेशन के रास्ते बंद हो जाते हैं। किन्तु, बिना बोले भी से लवमेकिंग के बहुत सारे तरीके हैं। स्पर्श, देखभाल और इशारों के माध्यम से, आप अभी भी अपने साथी के साथ अपनी लव लाइफ को बैटर बना सकते हैं। शुरुआत में यह मुश्किल हो सकता है। लेकिन धीरे-धीरे आप इस नए तरीके से अपनी बातों को व्यक्त करने की आदत डाल लें। स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) में यह बेहद महत्वपूर्ण पॉइंट है।
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पैरालिसिस (Paralysis)
स्ट्रोक के बाद रोगी के शरीर का एक हिस्सा पैरालाइज्ड हो सकता है या उनका एक हिस्सा कमजोर हो सकता है।पैरालिसिस की गंभीरता और स्थान के आधार पर, आपको अपने और अपने साथी के लिए कुछ कम्फर्टेबल खोजने के लिए अपनी स्थिति में बदलाव करना पड़ सकता है। ऐसे में पैरालिसिस होने के कारण स्ट्रोक के बाद सेक्स में समस्या आ सकती है। ऐसे में आप कुछ नई पोसिशन्स ट्राय कर सकते हैं जो आप दोनों के लिए कंफर्टेबल हो।
सेक्स के दौरान स्ट्रोक (Stroke During Sex)
स्ट्रोक सर्वाइवर्स के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय होता है फिर से सेक्शुअल रिलेशन को रिज्यूम करना। क्योंकि, सेक्स के दौरान दूसरे स्ट्रोक की संभावना भी हो सकती है। हालांकि, इस बात की बहुत कम चांसेस है कि सेक्स से किसी को दूसरा स्ट्रोक होने का खतरा हो। क्योंकि, इस दौरान, आपकी हार्ट रेट और ब्रीदिंग में वृद्धि होगी। इस दौरान आप केवल उतनी ही ऊर्जा खर्च करेंगे जितनी आप सीढ़ियों को चढ़ने में खर्च करते हैं। लेकिन इसे लेकर अगर आपके मन में कोई भी सवाल या चिंता है तो डॉक्टर से अवश्य जानें।
स्ट्रोक के बाद सेक्स और बर्थ कंट्रोल (Birth Control)
उन महिलाओं को, जो स्ट्रोक की सर्वाइवर हैं, फैमिली प्लानिंग (Family Planning) के लिए डॉक्टर से बात करनी चाहिए। क्योंकि प्रेग्नेंसी आपके लिए हाय रिस्क हो सकती है। लेकिन, ऐसे में बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth Control Pills) लेने से ब्लड क्लॉट्स (Blood clots) की पॉसिबिलिट्ज बढ़ सकती है। यानी, यह भी स्ट्रोक सर्वाइवर्स के लिए भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना जरूरी है।
इंकॉन्टीनेंस (Incontinence)
स्ट्रोक के बाद इंकॉन्टीनेंस यानी असंयमिता अनकम्फर्टेबल और शर्म का कारण हो सकता है। लेकिन यह कई स्ट्रोक सर्वाइवर्स के लिए एक सामान्य समस्या है। अगर आप सेक्स के दौरान किसी एक्सीडेंट की संभावना को लेकर चिंतित हैं, तो कुछ चीजों के बाद आपके लिए कम्फर्टेबल और रिलैक्स महसूस कर सकते हैं। जैसे अपने पार्टनर के साथ खुल कर बात करें। सेक्स से पहले लिक्विड को कम मात्रा में लें, ताकि आप बार-बार बाथरूम न जाएं। स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) के दौरान ऐसी पोसिशन्स को ट्राय करने से भी बचें जिससे ब्लैडर पर अधिक प्रेशर पड़े आदि।
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स्ट्रोक के बाद सेक्स और नपुंसकता (Impotence)
अगर आपको स्ट्रोक के बाद इरेक्शन को बनाए रखने में समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से बात करना जरूरी है। क्योंकि, यह अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण भी हो सकता है। डॉक्टर आपको सही उपचार के विकल्पों की सलाह देंगे। करेक्टिव मेडिसिन्स भी पुरुषों को हार्ट अटैक के खतरे में डाल सकती हैं, खासकर यदि वे हाय ब्लड प्रेशर (High blood sugar) के लिए कुछ दवाएं ले रहे हैं। करेक्टिव मेडिसिन्स को लेने के लिए आपको कभी भी अपने हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की दवाइयों को लेना बंद नहीं करना चाहिए। नपुंसकता की स्थिति में डॉक्टर आपको वैक्यूम पंप (Vacuum pumps), इंजेक्शन (Injections) और पेनाइल इम्प्लांट (Penile implants )आदि की सलाह दे सकते हैं।
इमोशनल और मूड चेंजेज (Emotional and mood changes)
स्ट्रोक के बाद रोगी की खुद और अपनी सेक्शुएलिटी को लेकर सोच बदल सकती है। स्ट्रोक के बाद विभिन्न इमोशंस को फील करना कॉमन है जैसे स्ट्रोक, गुस्सा, दुख आदि। जैसा की पहले ही बताया गया है कि डिप्रेशन और एंग्जायटी भी इसके कारण हो सकते हैं। इमोशनल चेंज से सेक्स में रूचि पर भी असर हो सकता है।
रिलेशनशिप इशूज (Relationship issues)
स्ट्रोक के बाद आने वाले बदलावों से आपका सेक्शुअल रिलेशनशिप पर असर हो सकता है, खासतौर पर जब आपके पार्टनर को आपकी देखभाल की नई जिम्मेदारी मिलती है। आप भी इस बात को लेकर चिंतित रह सकते हैं कि आपका पार्टनर आपके बारे में क्या सोच रहा होगा। इसके साथ ही आपका पार्टनर यह भी सोच सकता है कि सेक्स आपके लिए चिंता और दर्द का कारण बन सकता है। यह तो थी स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) के बारे में जानकारी। आइये जानते हैं कि स्ट्रोक के बाद सेक्शुअल लाइफ को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है?
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स्ट्रोक के बाद सेक्स को बेहतर बनाने के कुछ आसान तरीके (Ways of better Sex after stroke)
स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) और सेक्शुअल लाइफ को बेहतर करने के लिए सेक्स थेरेपी (Sex therapy) सबसे बेहतरीन तरीका है। इसके साथ ही कुछ अन्य तरीकों से भी आप इस समस्या के बाद सेक्स लाइफ को सही बना सकते हैं, जैसे:
- पार्टनर से इस बारे में खुलकर बात करें। क्योंकि, ऐसा करना आप दोनों के लिए लाभदायक हो सकता है और आप भी बेहतर महसूस करेंगे।
- अगर स्ट्रोक के बाद आपको सेक्स सम्बन्धी समस्याएं हो रही हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें ताकि वो उन दवाओं को बदल दें जो आपकी सेक्शुअल ड्राइव को प्रभावित कर रही हैं।
- अपनी एंग्जायटी को कंट्रोल में रखें। इसके साथ ही स्ट्रोक के बाद जीवन में आए परिवर्तनों को एक्सेप्ट करें।
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स्ट्रोक के बाद सेक्स (Sex after stroke) के बारे में यह जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी। स्ट्रोक के बाद फिर से सेक्सशुअल रिलेशन्स को रिज्यूम करना रोगी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन, डॉक्टर की हेल्प और पार्टनर की मदद से धीरे-धीरे आप अपने सेक्शुअल लाइफ में अच्छे बदलाव ला सकते हैं। इसके लिए आपका अपने पार्टनर से खुलकर बात करना जरूरी है। ताकि, आपका रिलेशनशिप और सेक्स लाइफ ट्रैक पर वापस आ सके। अगर आपके दिमाग में इस बारे में कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर से इसके बारे में अवश्य जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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