एंटीप्लेटलेट एजेंट और ड्युअल एंटीप्लेटलेट थेरिपी (Antiplatelet Agents and Dual Antiplatelet Therapy) दोनों ही हृदय रोग की समस्याओं में कारगर साबित होती हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि एंटीप्लेटलेट एजेंट और ड्युअल एंटीप्लेटलेट थेरिपी (Dual Antiplatelet Therapy) किस तरह हृदय रोग में कारगर मानी जाती है। लेकिन उससे पहले जान लेते हैं हार्ड डिजीज से जुड़ी यह जरूरी जानकारी।
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क्या है हार्ट डिजीज (Heart disease)?
जैसा कि आप सभी जानते हैं, मनुष्य का हृदय एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। जो लगातार शरीर के काम को चलाए रखने के लिए ब्लड पंप करता है और पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। जब दिल के काम में किसी तरह की समस्या उत्पन्न होती है, तो इसे ह्रदय रोग कहा जाता है। हृदय रोग आमतौर पर ब्लड वेसल्स और रक्त संचार प्रणाली से जुड़े होते हैं। कभी कभी हार्ट डिजीज (Heart disease) किसी अन्य तरह की बीमारी से भी जुड़ी होती है। यही वजह है कि आपको हृदय रोग के दौरान खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। आइए अब जानते हैं हार्ट डिजीज के प्रकारों के बारे में।
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क्या हैं हार्ट डिजीज के प्रकार? (Types of Heart disease)
जैसा कि हमने पहले जाना हार्ट डिजीज (Heart disease) अलग-अलग तरह की हो सकती हैं। ये समस्याएं आमतौर पर आपकी आर्टरी और रक्त संचार प्रणाली से जुड़ी हो सकती हैं। यही वजह है कि हार्ट डिजीज के प्रकार भी अंदरूनी अंगों से जुड़े हुए होते हैं। आइए जानते हैं हार्ट डिजीज के प्रकार कौन कौन से हैं।
कोरोनरी आर्टरी डिजीज : यह हार्ट डिजीज (Heart disease) में खतरनाक स्थिति मानी जाती है। इस स्थिति में कोरोनरी आर्टरी में वसा जमा होने लगती है। जिसकी वजह से यह ब्लॉक हो जाती है। समय के साथ वसायुक्त प्लाक कठोर होता चला जाता है, जिसकी वजह से आर्टरी को नुकसान पहुंचता है। यही वजह है कि यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन युक्त ब्लड की आपूर्ति नहीं कर पाती और व्यक्ति कोरोनरी आर्टरी डिजीज से ग्रस्त हो जाता है।
हार्ट एरिथमिया : दिल से जुड़ी समस्याओं में एक ऐसी समस्या है हार्ट एरिथमिया, जिसमें हृदय की धड़कन अनियमित हो जाती है। उदाहरण के तौर पर जब ह्रदय सामान्य से तीव्र गति से धड़कता है, तो इसे टैकीकार्डिया के नाम से जाना जाता है।
कार्डियोमायोपैथी : इस समस्या में हृदय में मौजूद मांसपेशियां बड़ी और मोटी हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड सप्लाय में तकलीफ होती है। जिसका सीधा प्रभाव आपके शरीर के जरूरी अंगों पर पड़ता है।