ऑक्सीजन के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। बिना खाना खाए और बिना पानी के हम कुछ दिनों तक जीवित रह सकते हैं, लेकिन बिना ऑक्सीजन कुछ मिनटों तक भी हमारा जिंदा मुश्किल है। खून में ऑक्सीजन की मात्रा को मापने के लिए किए जाने वाले टेस्ट को पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry) के नाम से जाना जाता है। यह एक आसान और पेनलेस टेस्ट है, जिसकी सलाह डॉक्टर कई कंडिशंस में रोगी को दे सकते हैं। आइए जानें क्या है पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry)? इसके प्रयोग, रिस्क और फायदों के बारे में जानना भी जरूरी है।
पल्स ऑक्सीमेट्री क्या है? (Pulse Oximetry)
पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry) एक नॉन-इनवेसिव टेस्ट है, जो रोगी के खून में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल (Oxygen saturation level) को मापने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट से ऑक्सीजन लेवल में छोटे-छोटे बदलावों का भी तेजी से पता लग सकता है। इन लेवल्स से यह पता चलता है कि ब्लड हार्ट से दूर तक ऑक्सीजन को कितनी कुशलता से ले जा रहा है। इस टेस्ट को पल्स ऑक्सीमीटर डिवाइस (Pulse oximeter device) से किया जाता है जो एक छोटा, क्लिप के जैसा डिवाइस होता है। इस डिवाइस को बॉडी पार्ट (सामान्यतया उंगली में) में अटैच किया जाता है। पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry) को पल्स ऑक्स (Pulse ox) भी कहा जाता है। इस टेस्ट से इस बात का भी पता चल सकता है कि हमारा हार्ट और लंग्स हमारे शरीर की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई कर रहा है या नहीं।
हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स हमारे लंग्स से अन्य अंगों तक ऑक्सीजन कैरी करते हैं। लेकिन, लंग और हार्ट डिजीज व अन्य समस्याओं के कारण इन सेल्स में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो सकती है। जब यह मात्रा बहुत अधिक कम हो जाती है तो हमारा शरीर उस तरह से काम नहीं कर पाता है जैसे उसको करना चाहिए। हमारे हार्ट, ब्रेन और अन्य अंगों को अपने काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऑक्सीजन की कमी होने से कई समस्याएं हो सकती हैं। ऑक्सीजन के लेवल के बारे में जानने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। अब जानते हैं इस टेस्ट के उद्देश्य और इस्तेमाल के बारे में।
यह बढ़ें: क्या है धीमी हार्ट पल्स रेट की समस्या? जानिए इस आर्टिकल के जरिए!
पल्स ऑक्सीमेट्री टेस्ट (Pulse Oximetry Test) क्यों किया जाता है?
इस टेस्ट का उद्देश्य यह जानना होता है कि क्या रोगी का ब्लड सही से ओक्सिजनेटेड है या नहीं? इस टेस्ट की सलाह डॉक्टर उन मरीजों को देते हैं, जिन्हें ऐसी कोई समस्या है, जिससे ब्लड ऑक्सीजन लेवल प्रभावित हो सकता है। यह समस्याएं इस प्रकार हैं:
- क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic obstructive pulmonary disease)
- अस्थमा (Asthma)
- निमोनिया (Pneumonia)
- लंग कैंसर (Lung cancer)
- एनीमिया (Anemia)
- हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर (Heart attack or heart failure)
- जन्मजात हृदय रोग (Congenital heart disease)
डॉक्टर कई अन्य कारणों से भी इस पल्स ऑक्सीमेट्री टेस्ट (Pulse Oximetry test) को कराने की सलाह दे सकते हैं, जैसे:
- यह जानने के लिए कि नई लंग मेडिकेशन्स कैसे काम कर रही हैं व रोगी को ब्रीदिंग में मदद की जरूरत है या नहीं।
- किसी ऐसे में सर्जिकल प्रोसीजर के दौरान या बाद में इसमें सडेशन की जरूरत है उनमें ऑक्सीजन लेवल को मॉनिटर करने के लिए भी इस टेस्ट की जरूरत हो सकती है।
- किसी व्यक्ति को सप्लिमेंटल ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत हो, तो उसे इस पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry) की सलाह दी जा सकती है।
- बढ़ी हुई फिजिकल एक्टिविटी को सहन करने की क्षमता का आकलन करने के लिए इस टेस्ट के लिए कहा जा सकता है।
- सांस की तकलीफ जैसे लक्षणों का निदान करने के लिए यह टेस्ट किया जा सकता है।
- जब रोगी को सप्लिमेंट ऑक्सीजन दी जाती है, तो ऑक्सीजन लेवल का टेस्ट करने के ऑक्सीमेट्री टेस्ट (Oximetry test) का इस्तेमाल किया जाता है।
इसके अलावा अन्य कंडिशंस में भी इस टेस्ट की सलाह दी जा सकती है। अब जानिए यह टेस्ट कैसे होता है?
यह बढ़ें: हार्ट पेशेंट : समय न होने पर खुद को कैसे एक्टिव रखा जाए?
कैसे किया जाता है पल्स ऑक्सीमेट्री टेस्ट? (Pulse Oximetry Test)
यह टेस्ट बेहद आसान होता है। इस टेस्ट को करने के लिए डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट रोगी की उंगली या अंगूठे में पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter) नाम का क्लिप जैसा डिवाइस लगाते हैं या स्टिकी डिस्पोजेबल प्रोब को रोगी की उंगली, नाक, अंगूठे या माथे पर लगा देते हैं। त्वचा के नीचे ब्लड वेसल्स के माध्यम से ट्रेवल करने वाले रेड ब्लड सेल्स में कितनी ऑक्सीजन है, यह जांचने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter) एक विशेष प्रकार के प्रकाश का उपयोग करता है। यह टेस्ट बेहद क्विक भी होता है यानी कुछ ही सेकंड्स में इस डिवाइस से रोगी के हार्ट रेट और ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल (Oxygen saturation level) का पता चल जाता है, जो ऑक्सीजन ले जाने वाली रेड ब्लड सेल्स परसेंटेज है।
यही नहीं, इससे यह हार्ट रेट का भी पता चलता है। एक बार रीडिंग लेने के बाद इस क्लिप को निकाल दिया जाता है। सर्जरी या नींद की स्टडी के दौरान, ब्लड ऑक्सीजन को ट्रैक करने के लिए इसे एक ही जगह पर लगा कर रखा जा सकता है। अब जानते हैं इसके टेस्ट के परिणाम के बारे में।
पल्स ऑक्सीमेट्री, Pulse Oximetry
यह बढ़ें: ये 10 हेल्दी हार्ट टिप्स फॉलो करें और अपने दिल को रखें स्वस्थ
इसके परिणाम का क्या अर्थ है?
पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry) टेस्ट के परिणाम के अनुसार अगर ब्लड ऑक्सीजन लेवल 89% से कम होता है, तो इसका अर्थ है कि रोगी के शरीर में जरूरत से कम ऑक्सीजन है। इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि मरीज को हार्ट या लंग में समस्या है। अगर आपका ऑक्सीजन लेवल (Oxygen level) कम है, तो यह भी हो सकता है कि आपको ट्यूब के माध्यम से अतिरिक्त ऑक्सीजन ब्रीद करने की जरूरत हो। लेकिन ध्यान रखें कि पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter) का परिणाम केवल एक अनुमान है। उदाहरण के लिए, FDA-अप्रूव्ड प्रिस्क्रिप्शन मशीन पर 90% ऑक्सीजन सैचुरेटेड का मतलब 86% से 94% तक कुछ भी हो सकता है। इसके अलावा, कई अन्य चीजें की एक्यूरेसी को प्रभावित कर सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बैड सर्क्युलेशन (Bad circulation)
- फिंगरनेल पोलिश (Fingernail polish)
- लंबे और गंदे फिंगरनेल्स (Long or dirty fingernails)
- तंबाकू का इस्तेमाल (Tobacco use)
- विभिन्न पल्स ऑक्सीमीटर सेंसर्स (Different pulse oximeter sensors)
- स्किन थिकनेस (Skin thickness)
- स्किन टेम्प्रेचर (Skin temperature)
- स्किन कलर (Skin color)
यह बढ़ें: लॉन्ग टर्म एक्सरसाइज सक्सेस टिप्स: हार्ट के लिए जरूरी एक्सरसाइज को ऐसे रखें जारी!
लो ऑक्सीजन के लक्षण (Symptoms of low oxygen)
पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter) रीडिंग से रोगी के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी मिलती है। अगर आपको लो ऑक्सीजन का कोई भी लक्षण नजर आए (खासकर यदि आपको कोई अंडरलायिंग समस्या है जैसे लंग डिजीज) तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। इसके साथ ही यह जानकारी होना भी जरुरी है कि लो ऑक्सीजन से पीड़ित कुछ लोगों को इस कंडिशन में कई बार कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। ऐसे में सिर्फ डॉक्टर ही इस बात का निदान कर पाते हैं कि रोगी का ऑक्सीजन लेवल लो है या नहीं। लो ऑक्सीजन के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
- सांस लेने में समस्या
- नाखून, चेहरे और होंठों में नीला रंग
- रेसिंग पल्स
- छाती में कसाव या दर्द
- खांसी जो समय के साथ बदतर हो जाए
- बेचैनी का अनुभव
कुछ लोग पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter) का इस्तेमाल घर पर भी करते हैं, खासतौर पर कोविड-19 पेंडेमिक के दौरान। घर पर प्रयोग किए जाने वाले इसके सबसे सामान्य प्रकार को ओवर-द-काउंटर ऑक्सीमीटर (Over-the-counter oximeter) कहा जाता है, जिसे आप ऑनलाइन या किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। अगर आप होम डिवाइस का इस्तेमाल करते हुए ऊपर दिए किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है। अब जानिए पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry) से जुड़े रिस्क्स के बारे में।
यह बढ़ें: विभिन्न हार्ट कंडिशंस में वयस्कों को दी जाती है, इन फिजिकल एक्टिविटीज की सलाह
पल्स ऑक्सीमेट्री के जोखिम क्या हैं? (Risks of Pulse Oximetry)
पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry) को एक सुरक्षित टेस्ट माना जाता है, जिसका कोई भी जोखिम नहीं होता है। लेकिन, कुछ लोग इसके इस्तेमाल के बाद इन समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं, जैसे:
- प्रोब पर लगे स्टिकी मटेरियल से कई बार कुछ लोगों की त्वचा में समस्या हो सकती है।
- अगर पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse oximeter) को सही से नहीं लगाया जाता है, तो रोगी को सही परिणाम नहीं मिलता है।
यह बढ़ें: अत्यधिक मोटापा हार्ट हेल्थ को कैसे करता है प्रभावित?
यह तो थी पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry) के बारे में जानकारी। यह तो आप जान ही गए होंगे कि यह एक आसान, क्विक और पूरी तरह से दर्दरहित टेस्ट है। यह टेस्ट बिलकुल भी रिस्की नहीं है और इससे ब्लड में ऑक्सीजन की सही मात्रा का पता चल सकता है। अगर आपके दिमाग में इस बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-heart-rate]