एंजाइना को एंजाइना पेक्टोरिस (Angina Pectoris) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की चेस्ट पेन है, जो हार्ट तक ब्लड फ्लो के कम होने पर होती है। यह कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) का एक लक्षण भी हो सकती है। एंजाइना पेन को छाती में स्क्वीजिंग, प्रेशर, कसाव या दर्द के रूप में पारिभाषित किया जाता है। इससे प्रभावित व्यक्ति को ऐसा लग सकता है जैसे उसकी छाती में कोई भारी वजन रखा गया हो। ऐसा पाया गया है कि पुरुषों और महिलाओं में यह समस्या अलग हो सकती है। आज हम बात करने वाले हैं पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) के बारे में। पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) जानने से पहले इस समस्या के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं।
एंजाइना के बारे में पाएं जानकारी
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह छाती में होने वाली दर्द है, जो सामान्यतया कॉमन होती है। अन्य तरह की चेस्ट पेन और एंजाइना में अंतर करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। अगर आपको अनएक्सप्लेंड चेस्ट पेन है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। छाती में दर्द (Chest pain) के साथ ही इस परेशानी के अन्य लक्षण इस तरह से हैं:
- छाती में बर्निंग सेंसेशन (Burning sensation in chest)
- भारीपन (Heaviness)
- प्रेशर (Pressure)
- स्क्वीजिंग (Squeezing)
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इस दर्द को बाजू, गर्दन, जबड़ों, कंधे और पीठ में भी अनुभव किया जा सकता है। इसके साथ ही इसके अन्य कुछ लक्षण भी रोगी में नजर आ सकते हैं, जैसे:
- डिजिनेस (Dizziness)
- थकावट (Fatigue)
- जी मिचलाना (Nausea)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
- पसीना आना (Sweating)
एंजाइना (Angina) की गम्भीरता, ड्यूरेशन और टाइप अलग हो सकते हैं। इसके नए या अलग लक्षण एंजाइना (Angina) के अधिक गंभीर प्रकार या हार्ट अटैक (Heart attack) का सिग्नल भी हो सकते हैं। ऐसे में, तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) होता है। महिलाओं में इसके लक्षणों में जी मिचलाना, उल्टी, गर्दन, जबड़े, पीठ आदि में दर्द शामिल है। महिलाओं में इन लक्षणों को हमेशा हार्ट कंडिशंस के लक्षणों के रूप में नहीं पहचाना जाता है। जिसके परिणामस्वरूप, महिलाओं में ट्रीटमेंट में देरी हो सकती है। अब जानते हैं पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) क्यों होता है?
पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) क्या है, जानिए
पुरुषों में हार्ट डिजीज अधिकतर कोरोनरी आर्टरीज के ब्लॉक होने के कारण होती हैं, जिन्हें ऑब्सट्रक्टिव कोरोनरी आर्टरी डिजीज (obstructive Coronary artery disease) कहा जाता है। महिलाओं में कोरोनरी आर्टरीज से निकलने वाली बहुत छोटी आर्टरीज के भीतर हार्ट डिजीज विकसित होती हैं। इन्हें मायक्रोवैस्कुलर डिजीज ( microvascular disease) कहा जाता है और यह समस्या अधिकतर कम उम्र की महिलाओं को होती है।
एंजाइना (Angina) के लक्षणों वाली पचास प्रतिशत महिलाएं, जो कार्डिएक कैथेटेराइजेशन (Cardiac catheterization) से गुजरती हैं, उनमें ऑब्सट्रक्टिव कोरोनरी आर्टरी डिजीज (obstructive Coronary artery disease) की समस्या नहीं होती है। महिलाओं में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) को सबसे अधिक खतरनाक माना गया है। अब जानते हैं कि एंजाइना के महिलाओं और पुरुषों में कौन-कौन से अलग लक्षण नजर आते हैं।
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पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women): कौन से हो सकते हैं इसके लक्षण?
एंजाइना (Angina) हार्ट मसल तक कम ब्लड फ्लो के कारण होने वाली परेशानी है। ब्लड ऑक्सीजन को कैरी करता है, जो हार्ट मसल्स को सर्वाइव करने के लिए चाहिए होता है। पुरुषों में इसके निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं:
- छाती में दर्द, जो प्रेशर की तरह लगता है (Chest pain)
- जी मिचलाना (Nausea)
- थकावट (Fatigue)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
- एंग्जायटी (Anxiety)
- पसीना आना (Sweating)
- चक्कर आना (Dizziness)
- बाजू, पीठ, जबड़े, कंधे आदि में दर्द (Pain)
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यह तो थे पुरुषों में नजर आने वाले इस परेशानी के लक्षण। अब जानते हैं कि महिलाओं इसके लक्षण क्या हो सकते हैं? जैसा कि पहले ही बताया गया है कि महिलाओं में इसके लक्षण अलग हो सके हैं जिससे उपचार में देरी हो सकती है। पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) के बारे में यह जानकारी जरूरी है। महिलाओं में इस परेशानी के लक्षण इस प्रकार हैं:
- एक शार्प चेस्ट पेन (Sharp chest pain) यह दर्द पुरुषों को महसूस होने वाली दर्द से अलग हो सकती है।
- पेट में दर्द
- गले और जबड़े में समस्या
- जी मिचलाना और सांस लेने में समस्या
- उल्टी आना
- अपच
यह तो आप समझ ही गए होंगे कि पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) होता है। महिलाओं में इसके लक्षण अन्य कंडिशंस जैसे हो सकते हैं। ऐसे में इसका निदान करना मुश्किल हो सकता है। जानिए ऐसे में महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है रिस्क फैक्टर्स को पहचानना?
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इसके रिस्क फैक्टर्स को पहचानें
महिलाओं में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज को बहुत भयानक माना गया है। ऐसा माना गया है कि महिलाओ की बड़ी संख्या इस समस्या से पीड़ित है। ऐसे में इसे इग्नोर बिलकुल भी न करें। इसके रिस्क फैक्टर्स को पहचानना बेहद जरूरी है। क्योंकि, अस्सी प्रतिशत मामलों में हार्ट डिजीज से बचाव संभव है। इसलिए न केवल महिलाओं के लिए इस समस्या के लक्षणों को पहचानना बल्कि एंजाइना और हार्ट डिजीज से जुड़े रिस्क फैक्टर्स के बारे में जानकारी होना भी जरूरी है। इसके रिस्क फैक्टर्स में एंजाइना (Angina) की फैमिली हिस्ट्री, डायबिटीज, स्मोकिंग, हाय ब्लड प्रेशर, ओबेसिटी, स्ट्रेस आदि शामिल हैं। यह तो थी जानकारी पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) के बारे में। अब जानिए कि किस तरह से संभव है इस परेशानी का उपचार?
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एंजाइना (Angina) का उपचार कैसे किया जा सकता है?
इस समस्या के उपचार के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचाना और निदान जरूरी है। इसके उपचार के तरीके इस प्रकार हैं:
- जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes): जैसे सही आहार का सेवन, नियमित व्यायाम, तंबाकू और एल्कोहॉल से दूर रहना और स्ट्रेस से बचाव आदि।
- मेडिकेशन्स (Medications): जैसे नाइट्रेट्स (Nitrates), एस्पिरिन (Aspirin), बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers), स्टेटिंस (Statins), कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers) आदि।
- सर्जरी (Surgery): जैसे एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग (Angioplasty and stenting) और ओपन हार्ट सर्जरी (Open-heart surgery)।
एंजाइना (Angina) के उपचार का लक्ष्य लक्षणों की फ्रेक्वेंसी और गंभीरता को कम करना और हार्ट अटैक (Heart attack) व डेथ के जोखिम को कम करना है। यदि आपको अनस्टेबल एंजाइना या एंजाइना पेन है, जो आपके सामान्य से अलग है, तो आपको तुरंत उपचार की जरूरत होगी। अब जान लेते हैं कि कैसे बचा जा सकता है इस समस्या से?
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एंजाइना (Angina) से कैसे बचें?
महिला हो या पुरुष इस परेशानी से बचने के लिए उनके लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है। इसके लिए निम्नलिखित चीजों को ध्यान में रखें:
- स्मोकिंग करने से बचें
- हार्ट हेल्दी डायट का सेवन करें
- एल्कोहॉल को अवॉइड करें या सीमित मात्रा में इसका सेवन करें
- रोजाना एक्सरसाइज करें
- हेल्दी वेट मैंटेन रखें
- हार्ट डिजीज से रिलेटेड अन्य हेल्थ कंडिशंस को मैनेज करें
- स्ट्रेस से बचें
- हार्ट कॉम्प्लीकेशन्स से बचाव के लिए डॉक्टर की सलाह के बाद सही वैक्सीन्स का इस्तेमाल करें
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यह तो थी जानकारी पुरुषों और महिलाओं में एंजाइना डिफरेंस (Angina difference in men and women) के बारे में। इस समस्या के जल्दी इलाज के लिए इसके लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही इसके रिस्क फैक्टर्स के बारे में भी जानें जैसे फैमिली हिस्ट्री, ताकि समय-समय पर जांच से कॉम्प्लीकेशन्स से बचा जा सके। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हमारे एक्सपर्ट से जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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