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कार्डियोमायोपैथी का उपचार (Treatment of Cardiomyopathy)
कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) के उपचार का उद्देश्य बीमारी को धीमा करना, लक्षणों को कंट्रोल करना और इसके कारण जान के जोखिम को कम करना है। अगर आपमें इस समस्या का निदान हुआ है ,तो डॉक्टर आपको डायट में बदलाव करने, व्यायाम करने, तनाव से बचने, शराब से दूर रहने और उचित दवाईयों को लेने की सलाह देंगे डॉक्टर कार्डियोमायोपैथी का कारण बनने वाली स्थितियों के उपचार के बारे में सोच सकते हैं। इसका उपचार इस बात पर भी निर्भर करता है कि रोगी कौन सी कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) से पीड़ित है। कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) के जेनेटिक और इनहेरिटेड प्रकारों से बचाव संभव नहीं है। लेकिन, अपने लाइफस्टाइल को हेल्दी और सही रखकर आप इसके लक्षणों और जटिलताओं से बच सकते हैं।
अगर आपको कोई ऐसी समस्या है जो इस बीमारी का कारण बन सकती है, तो सबसे पहले इस कंडीशन का उपचार करना जरूरी है। ताकि, डिजीज के बदतर होने से से बचा जा सके। जानिए. कार्डियोमायोपैथी में बचाव (Cardiomyopathy Prevention) कैसे हो सकता है?
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कार्डियोमायोपैथी में बचाव कैसे संभव है? (Cardiomyopathy Prevention)
कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) या दिल से जुडी अन्य समस्याओं से बचने के लिए सबसे जरूरी है। अपनों जीवनशैली को सही बनाए रखना। इससे इन समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। कार्डियोमायोपैथी में बचाव के लिए इन तरीकों को अपनाएं:
कार्डियोमायोपैथी में बचाव के लिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें (Control Blood Pressure)
हार्ट डिजीज जिनमें कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) भी शामिल है। उनका मुख्य रिस्क फैक्टर हाय ब्लड प्रेशर है। ऐसे में नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करना जरूरी है। वयस्कों के लिए कम से कम साल में एक बार या अगर आपको यह समस्या है, तो नियमित रूप से इसका चेकअप साथ ही हाय ब्लड प्रेशर से बचाव और कंट्रोल के लिए जीवनशैली में बदलाव करें।
कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लिसराइड्स लेवल को कंट्रोल में रखें (Keep Cholesterol and Triglycerides Levels under Control)
कोलेस्ट्रॉल का हाय लेवल आर्टरीज को ब्लॉक कर सकता है और कोरोनरी आर्टरी डिजीज व हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है। जीवनशैली में बदलाव और दवाईयां कोलेस्ट्रॉल को लो बनाए रखती है। ट्रायग्लिसराइड्स रक्त में वसा का एक अन्य प्रकार है। ट्रायग्लिसराइड्स का उच्च स्तर कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) का खतरा भी बढ़ा सकता है, खासकर महिलाओं में।