दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया। वेे लंबे समय से दिल की बीमारी से लड़ रही थीं। फोर्टिस हॉस्पिटल द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया कि उन्हें सीने में तकलीफ के बाद ओखला स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 20 जुलाई की सुबह शीला दीक्षित को कार्डिएक अरेस्ट की गंभीर स्थिति में हॉस्पिटल लाया गया था।
फोर्टिस हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ के नेतृत्व में डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स की टीम ने फौरन उनका इलाज शुरू किया। इस दौरान कुछ समय के लिए उनकी स्थिति सामान्य हुई लेकिन तभी शीला दीक्षित को कार्डिएक अरेस्ट आया और दोपहर 3.55 पर उनका निधन हो गया। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उन्हें कार्डिएक एरिथमिया हुआ था। cardiac arrhythmia दिल की धड़कन के अचानक असामान्य व्यवहार को कहते हैं।
डॉक्टर्स के मुताबिक इस बीमारी का सीधा संबंध चिंता और तनाव से होता है। उन्हें इसी के बाद कार्डिएक अरेस्ट आया। हमारे इस आर्टिकल में पढ़ें कि कैसे तनाव हमें कार्डिएक एरिथमिया, कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारी के करीब ले जाता है।
शीला दीक्षित को कार्डिएक अरेस्ट, आखिर क्या है कार्डिएक अरेस्ट (Cardiac Arrest)?
शीला दीक्षित को कार्डिएक अरेस्ट आया, जिसमें उनकी मौत हो गई। डॉक्टर्स के मुताबिक जब हमारे दिल की धड़कन में असामान्य रूकावट आ जाए तो इसे कार्डिएक अरेस्ट कहते हैं। इससे व्यक्ति की तुरंत मौत हो जाती है। हो सकता है कुछ मामले में व्यक्ति बच भी जाए पर इससे दिल को नुकसान पहुंचाना तय रहता है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर कार्डिएक अरेस्ट को इलेक्ट्रिक डिस्टर्बेंस से जोड़कर देखते हैं, जो विभिन्न कारणों से हो सकता है।
दिल की बीमारी (Heart Disease)
कार्डिएक एरिथमिया, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक जैसे ह्रदय रोग दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतों का कारण बनते जा रहे हैं। ह्रदय रोग का खतरा कई वजहों से हो सकता है खासकर हमारी बिगड़ी हुई जीवनशैली की वजह से। उदाहरण के तौर पर असंतुलित आहार, फैट का ज्यादा सेवन, एक्सरसाइज न करना और मोटापा आपको दिल की बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं। मोटापे की वजह से हमारे खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। वहीं एक नई रिसर्च के मुताबिक अब हमारे काम के दौरान बढ़ता तनाव भी दिल की बीमारी का एक बढ़ा कारण बन गया है।
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तनाव और हृदय रोग के बीच का संबंध (Stress and Heart Disease)
तनाव कई तरह से हमारे कार्डियोवेस्क्युलर सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, जो ह्रदय रोग का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ा रहा है। फिनलैंड में हुई एक रिसर्च के मुताबिक तनाव में काम करने वाले लोगों में दिल की बीमारी से मौत की संभावना बिना तनाव में काम करने वाले लोगों से दोगुना थी। साथ ये देखा गया कि तनाव के साथ-साथ जो व्यक्ति समाज में घुलमिल नहीं पाता और कम आमदनी पर काम करता है उसमें दिल की बीमारी से मौत की संभावना ढाई गुना तक थी।
ऐसे की गई रिसर्च
इस रिसर्च में जॉब करने वाले कई लोगों पर टेस्ट किए गए। इसके लिए सवालों का एक सेट बनाया गया, लोगों के इंटरव्यू लिए गए और उनके मेडिकल टेस्ट किए गए। इस सबके आधार पर उनके तनाव, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और बीएमआई के आंकड़े जुटाए गए। इसमें पता चला कि जो लोग ज्यादा तनाव लंबे समय तक लेते रहे, उनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा और बीएमआई ज्यादा था। इसका सीधा मतलब था कि ये लोग ह्दय रोगी बनने की कगार पर थे या बन चुके थे।
बहुत अधिक तनाव उच्च रक्तचाप या हृदय रोग वाले लोगों के लिए अनुकूल नहीं है। सात देशों में की गई 13 संयुक्त शोधों में पता चला कि करीब 2 लाख में से 30214 लोग अत्यधिक दबाव में काम कर रहे हैं। ये दवाब अतिरिक्त कार्यभार, काम करने का समय और दबाव और निर्णय लेने की स्वतंत्रता की वजह से था। शोधकर्ताओं ने 2 लाख में से 3.4 प्रतिशित लोगों में सभी प्रकार की दिली की बीमारी होने की संभावना का पता लगाया। शोध में ये भी सामने आया कि कैसे ऑफिस में अच्छा माहौल बनाकर, काम के बीच-बीच में वॉकिंग और बातचीत कर स्ट्रेस से बचा जा सकता है जो दिल की बीमारी का सबसे बड़ा कारण है
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दिल की बीमारी से बचने के लिए क्या करें?
दिल से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनायें। जैसे-
शीला दीक्षित को कार्डिएक अरेस्ट आया, जिसमें उनकी मौत हो गई। इसलिए अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए और इससे जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। अपने आहार में फैट की मात्रा कम करें, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करें। नियमित रूप से ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। साबुत अनाज का सेवन रोजाना करें और नमक और चीनी का सेवन कम करें। अपने आहार में अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा कम कर दें।
एक्सरसाइज रोजाना करें। नियमित वर्कआउट से दिल और सर्कूलेट्री सिस्टम स्वस्थ रहता है वहीं कोलेस्ट्रॉल एयर ब्लड प्रेशर लेवल भी ठीक रहता है। अगर आप हार्ट पेशेंट हैं तो कौन-कौन से वर्कआउट आपके लिए ठीक है इसकी जानकारी अपने डॉक्टर से अवश्य लें। कोशिश करें बेहतर रिजल्ट के लिए फिटनेस एक्सपर्ट के साथ कम-से-कम आधे घंटे एक्सरसाइज अवश्य करें।
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अपनी उम्र और हाइट के अनुसार अपने शरीर का वजन संतुलित रखें। बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का भी ध्यान रखें।
अगर स्मोकिंग करते हैं, तो सिगरेट पीना तुरंत बंद कर दें। स्मोकिंग की वजह से आपकी परेशानी बढ़ सकती है और स्मोकिंग की वजह दिल की बीमारी के साथ-साथ कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
अगर आप एल्कोहॉल का सेवन करते हैं तो इसके सेवन से बचें। रिसर्च के अनुसार लोगों के एक हफ्ते में 14 यूनिट से ज्यादा एल्कोहॉल का सेवन नहीं करना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और डायबिटीज (Diabetes) जैसी बीमारी से बच कर रहें। अगर आप हार्ट पेशेंट हैं तो हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की वजह से परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। इसलिए इन बीमारियों से बच कर रहें। दरअसल ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है।
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रोजाना सात से नौ घंटे की नींद अवश्य लें। अगर आप ठीक तरह से नहीं सोयेंगे और अगर आपकी नींद पूरी नहीं होगी तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए अपने व्यस्त समय से वक्त निकाल कर साउंड स्लीप अवश्य लें।
हमें उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस लेख में शीला दीक्षित को कार्डिएक अरेस्ट हुआ, इससे जुड़ी जानकारी दी गई है। अगर आप दिल की बीमारी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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