हाय ब्लड प्रेशर जिसे हायपरटेंशन भी कहा जाता है, एक कॉमन, लेकिन गंभीर स्थिति मानी जाती है। हाय ब्लड प्रेशर होने की वजह से आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं। जिससे ब्लड के फ्लो में समस्या होती है। इसकी वजह से हार्ट फेलियर, स्ट्रोक जैसे गंभीर रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इसके उपचार के लिए रोगी को कुछ दवाइयां दी जाती हैं। उन्हीं में से एक हैं हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension)। आज हम इन्हीं दवाईयों के बारे में बात करने वाले हैं। आइए, जानते हैं कि हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) का इस्तेमाल किस तरह से किया जाता है, लेकिन सबसे पहले जानिए कि रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors) किन्हें कहा जाता है?
रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors) क्या हैं?
जैसा कि आप जानते हैं कि रेनिन इन्हिबिटर्स का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए किया जाता है। रेनिन इन्हिबिटर्स, रेनिन की एक्टिविटी को ब्लॉक करते हैं और वेसोडायलेटर (Vasodilator) का कारण बनते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National Library of Medicine) के अनुसार रेनिन उन एंजाइम्स को कहा जाता है जो एंजियोटेंसिनोजिन (Angiotensinogen) को एंजियोटेंसिन I (Angiotensin I) में बदलते हैं। जो बाद में एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम (Angiotensin Converting Enzyme) द्वारा एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) में परिवर्तित हो जाते हैं । एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) वो पोटेंट वासोकॉन्सट्रिक्टर (Potent Vasoconstrictor) है जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
आसान भाषा में कहा जाए तो रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors), रेनिन नाम के एंजाइम को ब्लॉक करते हैं, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है। इसके परिणामस्वरूप ब्लड वेसल रिलैक्स रहंते हैं और इनके माध्यम से खून आसानी से फ्लो हो पाता है। जिससे ब्लड प्रेशर को लो होने में मदद मिलती है। अब जानते हैं कि रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors) और किस तरह से हमारे लिए लाभदायक हैं?
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रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors) के क्या काम हैं?
जैसा की आप जानते ही हैं कि हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) का प्रयोग किया जाता है। जो दवाईयां ब्लड प्रेशर को कम करती हैं उन्हें एंटी-हायपरटेंसिव मेडिसिन(Anti-hypertensive Medicine) कहा जाता है। हायपरटेंशन की स्थिति में कौन सी दवा रोगी को देनी है, इस बात को निर्धारित करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखते हैं, जैसे:
- रोगी का ब्लड प्रेशर कितना हाय है?
- उसका कारण क्या है?
- रोगी को कौन सी अन्य हेल्थ संबंधी प्रॉब्लम है ?
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कई लोगों को हाय ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए एक से अधिक दवाईयों की जरूरत होती है। अब बात करते हैं रेनिन इन्हिबिटर्स की, तो इन ड्रग्स को रोगी को देने से पहले भी डॉक्टर कई चीजों के बारे में जानते हैं। उसके बाद ही इस ड्रग की सलाह रोगी को दी जाती है। यह दवा निम्नलिखित काम करने में भी सहायक मानी जाती है।
- एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) को ब्लॉक कर के रेनिन इन्हिबिटर्स आर्टरीज और वेन्स को डायलेट (Dilates) करती है। जिससे आर्टेरिअल प्रेशर (Arterial Pressure), हार्ट का प्रीलोड और आफ्टरलोड कम हो जाता है।
- एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) को ब्लॉक कर यह ड्रग सिम्पैथेटिक एड्रीनर्जिक एक्टिविटी (Adrenergic Activity) को कम करने में सहायक है।
- एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) को ब्लॉक कर के रेनिन इन्हिबिटर्स किडनी में सोडियम और वॉटर एक्सक्रेशन (Water Excretion) को बढ़ाती है। इससे भी ब्लड वॉल्यूम (Blood Volume) और आर्टेरिअल प्रेशर (Arterial Pressure) को कम होने में मदद मिलती है।
आइए अब जानते हैं हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) के उदाहरणों के बारे में।
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हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension)
हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) को बेहद लाभदायक माना गया है। इसे अन्य एंटी-हायपरटेंसिव मेडिसिन(Anti-hypertensive medicine) के साथ कंबाइन कर के भी रोगी को दिया जा सकता है। लेकिन, डॉक्टर की सलाह के बाद ही इन्हें लेना चाहिए। यही नहीं, इसे लेने से पहले इस दवा के फायदों के बारे में जानना भी जरूरी है। हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स के उदाहरण इस प्रकार हैं:
एलीस्कायरिन (Aliskiren)
हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) में एलीस्कायरिन (Aliskiren) का प्रयोग किया जाता है। एलीस्कायरिन (Aliskiren) को ब्रांड नेम टेकतुर्ना (Tekturna) के नाम से भी जाना जाता है। इस दवा का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन के उपचार के लिए किया जाता है। हाय ब्लड प्रेशर के लो होने से स्ट्रोक, हार्ट अटैक और किडनी संबंधी समस्याओं से भी बचा जा सकता है। एलीस्कायरिन (Aliskiren) ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करने का काम करती है ताकि ब्लड आसानी से फ्लो कर सके। इस दवा की सलाह दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाती क्योंकि इससे उनमें साइड-इफेक्ट्स का जोखिम बढ़ सकता है।
अगर आपको इस दवा या किसी अन्य दवा से एलर्जी (Allergy) है, तो आप पहले ही डॉक्टर से इस बारे में बात करें। इसके साथ ही डॉक्टर को रोगी की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी पता होना चाहिए। खासतौर पर अगर मरीज डायबिटीज, किडनी डिजीज या अन्य गंभीर समस्याओं से पीड़ित हो। इस मेडिसिन को नियमित रूप से लेने की सलाह दी जाती है ताकि मरीज को अधिक से अधिक फायदा हो। अगर आप बेहतर महसूस कर रहे हैं, तब भी इस दवा को लेना जारी रखें। इस ड्रग के बारे में कुछ चीजों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। जानिए इस बारे में।
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इन बातों का रखें ध्यान
हायपरटेंशन में एलीस्कायरिन (Aliskiren) को लेने से पहले ड्रग्स के लेबल पर लिखी सभी इंस्ट्रक्शन को पढ़ें और उनका पालन करें। इस दवा को डॉक्टर ओरल तरीके से लेने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही रेनिन इन्हिबिटर्स के इस प्रकार को लेने से पहले इन चीजों का ध्यान रखना भी जरूरी है:
- हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) में एलीस्कायरिन (Aliskiren) का सेवन भोजन के साथ या भोजन के बिना किया जा सकता है। लेकिन, हाय फैट फूड (High Fat Food) के साथ एलीस्कायरिन (Aliskiren) को लेने के साथ शरीर की इस दवा को अवशोषित करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए, इस दवा को हाय फैट मील के साथ लेना नजरअंदाज करें।
- इस दवा को लेने से रोगी को चक्कर आ सकते हैं। ऐसे में इसे लेने के बाद एल्कोहॉल या अन्य मादक चीजों का सेवन करने से बचें। यही नहीं इसके बाद ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिसमें ध्यान लगाने की जरूरत हो जैसे ड्राइविंग।
- इस ड्रग को लेने के बाद आपका पोटैशियम लेवल (Potassium Level) बढ़ सकता है। इसलिए इस दवा को लेने के बाद पोटैशियम सप्लीमेंट (Potassium Supplements) आदि को लेने से पहले डॉक्टर से पूछ लें।
- गर्भावस्था में भी इस दवा को न लेने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह ड्रग गर्भ में शिशु के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है। स्तनपान कराने वाली माताओं को भी रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors) को लेने से बचना चाहिए।
- अन्य दवाईयों के साथ एलीस्कायरिन (Aliskiren) इंटरैक्ट कर सकती है यानी इसके कारण दूसरी दवाईयों का प्रभाव कम हो सकता है। इसलिए, इस बारे में भी अपने डॉक्टर से बात करें।
- हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) में एलीस्कायरिन (Aliskiren) को लेने से कई लोग कुछ साइड-इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे चक्कर आना, डायरिया, थकावट, खांसी आदि। ऐसे में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। एलीस्कायरिन (Aliskiren) की 300 mg स्ट्रेंथ की सात टेबलेट्स की कीमत ऑनलाइन लगभग 400 रुपये है।
इस दवा को कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के न लें क्योंकि ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। इसे कितनी मात्रा में लेना है, इसके बारे में भी डॉक्टर से जानें।अपनी मर्जी से इस दवा को लेना शुरू या बंद करना घातक हो सकता है। हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) के इस्तेमाल से कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। आइए, जानते हैं इन साइड-इफेक्ट्स के बारे में विस्तार से।
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रेनिन इन्हिबिटर्स के साइड-इफेक्ट्स (Side effects of Renin inhibitors)
सभी दवाईयों के साइड-इफेक्ट्स होते हैं। लेकिन, कई लोग इन साइड इफेक्ट्स को महसूस नहीं करते। वहीं कुछ लोग इनका अनुभव करते हैं। इस तरह से हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) को लेने के भी कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इस दवा को लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर से इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में भी जान लेना चाहिए। इसके सामान्य साइड-इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:
- सांस लेने में समस्या (Trouble Breathing)
- चेहरे, होंठों, जीभ और गले में सूजन (Swelling)
- चक्कर आना (Dizziness)
- सिरदर्द (Headache)
- डायरिया (Diarrhea)
- नाक का जमा होना (Stuffy nose)
इसके कुछ गंभीर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे हाइव्स (Hives)। हालांकि, दवाईयों के लाभ उसके माइनर साइड इफेक्ट्स से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension)के अधिकतर साइड इफेक्ट्स समय के साथ खुद ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है और यह साइड-इफेक्ट बदतर हो जाते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि यह साइड-इफेक्ट्स कई बार बेहद हानिकारक भी हो सकते हैं।
हाय ब्लड प्रेशर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिय इस क्विज को खेलिए।
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यह तो थी हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) के बारे में पूरी जानकारी। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह ड्रग हाय ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए लाभदायक है। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि यह दवा आपके उपचार का केवल एक हिस्सा है। रोगी को हायपरटेंशन में रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin inhibitors in Hypertension) के साथ-साथ डॉक्टर अन्य दवाईयों और हेल्दी लाइफस्टाइल की सलाह भी देंगे, ताकि वो जल्दी रिकवर हो सकें। हेल्दी लाइफस्टाइल में हेल्दी आहार का सेवन, नियमित व्यायाम, तनाव से बचाव, धूम्रपान और एल्कोहॉल का सेवन न करना आदि शामिल हैं। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह का पालन करना और नियमित जांच भी जरूरी है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी ब्रांड का प्रचार नहीं कर रहा है। डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद ही इन दवाईयों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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