इसके अलावा, सबक्यूटेनियस इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) की सलाह डॉक्टर तब भी दे सकते हैं, अगर आपके हार्ट में स्ट्रक्चरल डिफेक्ट्स (Structural defects हों। कुछ अन्य स्थितियों में भी इस डिवाइस का प्रयोग किया जा सकता है। रोगी के लिए यह डिवाइस सही है या नहीं इसका निर्णय डॉक्टर कई फैक्टर्स को ध्यान में रखकर लेते हैं। अब जानते हैं उन बेहतरीन इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) (Implantable cardioverter-defibrillator) के बारे में, जो आसानी से उपलब्ध हैं।
बेहतरीन इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) कौन से हैं? (Implantable cardioverter-defibrillator)
मेडलाइनप्लस (MedlinePlus) के अनुसार बेहतरीन इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) रोगी की हार्टबीट को लगातार मॉनिटर करता है और यह सुनिश्चित करता है कि यह स्थिर है या नहीं। जब उसे जानलेवा रिदम का अनुभव होता है, तो वो हार्ट तक शॉक को डिलीवर करता है। यह डिवाइस पेसमेकर की तरह काम कर सकता है लेकिन यह पेसमेकर नहीं है। आइए जानें, कुछ बेहतरीन इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) (Implantable cardioverter-defibrillator) के बारे में।
इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर विजिया (Implantable cardioverter-defibrillator VISIA)
यह इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (Implantable cardioverter-defibrillator) , मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging) कम्पैटिबल है। विजिया AF™ और विजिया AF MRI™ वो सिंगल चैम्बर इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) डिवाइसेस हैं, जो ट्रेडिशनल लीड के साथ है। यह डिवाइस रोगी में लगातार एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation) को मॉनिटर, डायग्नोज और मैनेज कर सकते हैं। लेकिन, प्रयोग से पहले डॉक्टर यह सुनिश्चित कर लें कि जब प्रयोग के लिए एमआर ? कंडिशंस पूरी हो जाएं, तो रोगियों को विजिया ? AF, एमआरआई के साथ 1.5T और 3T एमआरआई एक्सेस प्राप्त हो। सिंगल चैम्बर इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (Single Chamber Implantable cardioverter-defibrillator) की जरूरत एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation) के निदान के लिए इन स्थतियों में पड़ती है, अगर:
- एट्रियल फिब्रिलेशन स्ट्रोक के जोखिम को 5×1 तक बढ़ा दे।
- एट्रियल फिब्रिलेशन हार्ट फेलियर के जोखिम को 3×2 तक बढ़ा दे।
- एट्रियल फिब्रिलेशन के 79-94% एपिसोड्स एसिम्पटोमैटिक हों।
- एट्रियल फिब्रिलेशन एपिसोड्स के 68% मामले एनुअल होल्टर मॉनिटर (Annual Holter Monitor) के साथ मिस हो गए हों।
- सिंगल चैम्बर इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (Implantable cardioverter-defibrillator) के 27% पेशेंट्स में प्रत्यारोपण के बाद पहले 6 महीनों के भीतर नए ऑनसेट एट्रियल फिब्रिलेशन (Onset Atrial fibrillation) के लक्षण विकसित हो जाएं।
- एट्रियल फिब्रिलेशन, वेंट्रिकल में भी संचालित हो सकता है, जिसकी वजह से हार्ट रेट में बदलाव आ सकता है और जिससे आर वेव्ज (R waves) की टाइमिंग में भी बदलाव परिवर्तन आ सकता है।
इस इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) की कीमत के बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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