वायरल बुखार हो या फिर कोई अन्य बुखार, सभी वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) के कारण होते हैं। वायरस छोटे जर्म होते हैं, जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलते हैं। जब आप वायरल संक्रमण के संपर्क में आते हैं तो आपको कोल्ड (Cold) व फ्लू (Flu) होता है और आपका इम्युन सिस्टम कमजोर पड़ जाता है। इसके कारण आपके शरीर का तापमान एकाएक बढ़ने लगता है। ज्यादातर लोगों के शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट या 37 डिग्री सेल्सियस हो सकता है। इसमें एक डिग्री का भी इजाफा होना बुखार की श्रेणी में आता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन की तरह वायरल के कारण होने वाली बीमारी में एंटीबायटिक दवा असर नहीं करती हैं। ऐसे में इस बीमारी से पीड़ित ज्यादातर मरीजों को कोर्स पूरा करना पड़ता है, इंफेक्शन के प्रकार के अनुसार बीमारी को ठीक होने में कुछ दिन या सप्ताह भर तक का समय लगता है। जबतक वायरस आपके शरीर में होता है तब तक वायरल बुखार के घरेलू उपाय को आजमाकर काफी हद तक इससे राहत पाया जा सकता है।
जानें कब वायरल बुखार के घरेलू उपाय करें और किसे लेनी चाहिए डॉक्टरी सलाह
वायरल बुखार ऐसी बीमारी है जिसको लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं होती, लेकिन जब बुखार काफी ज्यादा हो तो उस स्थिति में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है।
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें : Fever : बुखार क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
वायरल बुखार के घरेलू उपाय: बच्चों के लिए ध्यान देने योग्य बातें
वायरल बुखार के घरेलू उपाय (Home remedies for Viral fever) जानने के पहले हमें हेल्थ कंडीशन के बारे में जानना बेहद जरूरी है, ताकि हम जान सकें कि किन हेल्थ कंडीशन में डॉक्टरी सलाह लें व किन कंडीशन में घरेलू उपाय की ओर रुख करें।नवजात या फिर शिशु के मामले में वायरल बुखार खतरनाक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह लें।
- नवजात 0 से तीन महीने : रेक्टल टेंप्रेचर यदि 100.4 डिग्री फारेनहाइट या 38 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा हो।
- नवजात तीन से छह महीने तक : रेक्टल टेंप्रेचर यदि 102 डिग्री फारेनहाइट या 39 डिग्री सेल्सियस होने पर और सोने में परेशानी हो।
- शिशु छह से 24 महीनों में : रेक्टल टेंप्रेचर यदि 102 डिग्री फारेनहाइट या 39 डिग्री सेल्सियस एक दिन से अधिक बना रहे। उन्हें अन्य परेशानी हो सकती है, जैसे रैश, कफ, डायरिया। ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टरी सलाह लें।
दो साल से कम : यदि शिशु की उम्र दो साल से कम है और बुखार 104 डिग्री फारेनहाइट या 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए तो डॉक्टरी सलाह लें, इस अवस्था में शिशु में कुछ लक्षण भी दिख सकते हैं, जैसे
- दवा देने के बावजूद बुखार कम न हो
- शिशु किसी के साथ आंखों से आंखें न मिला पाए
- तरल पदार्थों का सेवन न कर पाए
- शिशु असामान्य रूप से सुस्त व चिड़चिड़ा हो जाए तब
- बुखार तीन दिन से ज्यादा बना रहे
बीमारी से बचाव के लिए योग का महत्व एक्सपर्ट से जानें, देखें वीडियो
वयस्कों के लिए, उन्हें कब लेनी चाहिए डॉक्टरी सलाह
कुछ मामलों में वायरल बुखार यदि वयस्कों को हो उस दौरान भी यह रिस्की हो सकता है। किसी को 103 डिग्री फारेनहाइट या 39 डिग्री सेल्सियस व इससे अधिक बुखार हो, दवा देने के बावजूद (वायरल बुखार के घरेलू उपाय) बुखार ठीक न हो या फिर तीन दिनों से अधिक बुखार हो तो उस स्थिति में डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। वयस्कों में इस प्रकार के लक्षण भी दिख सकते हैं, जैसे-
- गर्दन में जकड़न
- लगातार उल्टी
- सांस लेने में तकलीफ
- गंभीर सिर दर्द
- रैश
- तेज रौशनी में असहज महसूस करना
- छाती व पेट में दर्द
- सीजर्स (seizures)
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में बुखार: कहीं शिशु को न कर दे ताउम्र के लिए लाचार
वायरल बुखार के घरेलू उपाय में ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
वायरल बुखार होने से हमारा शरीर सामान्य से ज्यादा गर्म हो जाता है। इस कारण शरीर से पसीना निकलता है और शरीर का तापमान सामान्य होने में शरीर को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। वहीं शरीर में पानी की कमी हो जाती है इस कारण मरीज डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है। ऐसे में मरीज को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, ताकि शरीर में पानी की कमी की पूर्ति की जा सके। ज्यादा फ्लूइड का अर्थ सिर्फ पानी से नहीं बल्कि मरीज को नीचे दिए गए तरल का सेवन भी करना चाहिए, जैसे
- जूस
- स्पोर्ट्स ड्रिंक
- शोरबा
- सूप
शिशु व बच्चों को वायरल बुखार के घरेलू उपाय कर बचाने के लिए उन्हें इलेक्ट्रोलाइट जैसे पिडीलाइट (Pedialyte) दे सकते हैं। स्थानीय मेडिकल स्टोर से इसे खरीद सकते हैं। वहीं चाहें तो इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक को हम घर पर भी तैयार कर सकते हैं।
और पढ़ें : Dengue fever : डेंगू बुखार क्या है?
वायरल बुखार के घरेलू उपाय: लें पर्याप्त आराम, आठ से नौ घंटे सोएं
वायरल फीवर उस अवस्था में होता है जब हमारा शरीर सामान्य से अधिक मेहनत करता है और इंफेक्शन से लड़ने में कड़ी मशक्कत करता है। वायरल बुखार के घरेलू उपाय में जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा आराम करें। शारीरिक मेहनत कम करने के साथ आराम करें। बीमारी होने पर आठ से नौ घंटे की पर्याप्त नींद लें। यदि आप एक्सरसाइज करते हैं तो जबतक आप बीमार हैं एक्सरसाइज न ही करें। एक्सरसाइज करने से आपके शरीर का तापमान बढ़ सकता है।
और पढ़ें : टायफाइड का बुखार हो सकता है जानलेवा, जानें इसका इलाज
वायरल बुखार के घरेलू उपाय: मरीज को हर्बल दवा देकर करें इलाज
वायरल बुखार के घरेलू उपाय में मरीज को हर्बल दवा देकर भी इलाज किया जाता है। हर्बल दवा को लेकर जानवरों पर शोध किया गया है, लेकिन वयस्कों पर इसके शोध स्पष्ट नहीं है। वहीं बच्चों की सुरक्षा के लिए उन्हें यह दवा न ही दें तो बेहतर है। वहीं हर्बल सप्लीमेंट्स का सेवन करने के पूर्व डॉक्टरी सलाह ले लें, उसके बाद ही सेवन करना सुरक्षित होता है।
डेंगू बुखार के बारे में जानने के लिए क्विज खेल पायें जानकारी : Quiz: डेंगू से जुड़ी कई अफवाहें बन सकती हैं आपके लिए मुसीबत, जरूर जानें
सहजन/मॉरिनगा (Moringa) के फायदों पर एक नजर
वायरल बुखार के घरेलू उपाय में सहजन काफी लाभकारी माना जाता है। सहजन के पेड़, पत्ते, फूल, ड्रम स्टिक न्यूट्रीशन से भरपूर होने के साथ इसमें औषधीय गुण छिपे होते हैं। इस पौधे में विटामिन, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ एंटीबैक्टीरियल एजेंट होते हैं। 2014 में खरगोश पर किए शोध में पाया गया कि इसके इस्तेमाल से उनका बुखार कम होता है। इंसानों पर इसको लेकर शोध किए जाने हैं। वहीं आप इस अवस्था से गुजर रहे हो तो सहजन का सेवन कतई नहीं करना चाहिए, जैसे
- गर्भवती
- यदि आप साइटोक्रोम पी450 (cytochrome P450) व इसमें पाए जाने वाले तत्वों का दवा का रूप में सेवन कर रहे हो, जैसे लोवास्टेटिन (एल्ट्रोप्रिव- lovastatin (Altoprev), फेक्सोफेनाडिन (एलेग्रा- fexofenadine (Allegra), कीटोकोनाजोल (निजोराल – ketoconazole (Nizoral) का सेवन कर रहे हो तब।
एक और शोध से पता चला है कि यदि सहजन के पत्तों का कोई सेवन करता है, तो उसे स्किन और म्यूकस से जुड़ी रेयर बीमारी स्टीवन्स जॉन्सन सिंड्रोम (Stevens-Johnson syndrome) हो सकती है। ऐसे लोग जिन्हें इस बीमारी के होने की संभावना रहती है, उन्हें इसका सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। वहीं सहजन का सेवन करने से किसी प्रकार का रिएक्शन नहीं होता है। वायरल बुखार के घरेलू उपाय करें, लेकिन इस घरेलू नुस्खे को ना अपनाएं।
और पढ़ें : Encephalitis: इंसेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय
वायरल बुखार से निजात के लिए कुड्जू की जड़ (kudzu root) के फायदे
कुड्जू रूट पारंपरिक चायनीज मेडिसिन में प्रयोग में लाई जाने वाली औषधी है। इसमें एंटी इन्फ्लामेटरी गुण होते हैं, वहीं यह दर्द को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। वायरल बुखार के घरेलू उपाय में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। 2012 में चूहों पर किए शोध से पता चला कि इसके इस्तेमाल से उनका बुखार कम हुआ था। वहीं इन हेल्थ कंडीशन में या इन दवा का सेवन कर रहे हो तब कुड्जू रूट का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे-
- मेथोट्रिक्सेट (methotrexate)
- यदि आप टेमोक्सीफिन ले रहे हो (tamoxifen)
- यदि आपको हार्मोनल सेंसिटिव कैंसर हो, जैसे ईआर पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर हो
यदि आप डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित हैं और दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो जरूरी है कि आप किड्जू औषधी का सेवन करने के पूर्व डॉक्टरी सलाह लें। संभावनाएं रहती है कि डायबिटीज के मरीज यदि इसका सेवन करें तो उन्हें लो ब्लड प्रेशर हो सकता है व दवाओं को बदलने की आवश्यकता पड़ सकती है। मौजूदा समय में किड्जू की जड़ पाउडर के रूप में, कैप्सूल्स व लिक्विड के रूप में बाजार में उपलब्ध है।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
और पढ़ें : डेंगू से बचाव के उपाय : इन 6 उपायों से बुखार होगा दूर और बढ़ेगा प्लेटलेट्स काउंट
शरीर के तापमान को ठंडा रखने की करें कोशिश
वायरल बुखार के घरेलू उपाय के लिए जरूरी है कि आप शरीर के तापमान को ठंडा रखने की कोशिश करें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने आसपास कूलर लगाएं। ध्यान रखें कि घर के तापमान को ज्यादा ठंडा रखने की कोशिश न करें। यदि आपको कंपकपी होने लगे तो कूलर बंद कर दें, कंपकपी के कारण बुखार बढ़ सकता है। वायरल बुखार के घरेलू उपाय में इनको आजमा कर आप आराम पा सकते हैं।
और पढ़ें : बच्चों में टाइफाइड के लक्षण को पहचानें, खतरनाक हो सकता है यह बुखार
सुरक्षित रूप में शरीर को ठंडा रखने के कुछ टिप्स
- जब आपको ठंड लगे तो शरीर ढकने के लिए अत्यधिक कंबल का इस्तेमाल न करें
- रूम टैम्प्रेचर पर करें पानी का सेवन
- पंखा चलाकर सोएं, ताकि हवा का सर्कुलेशन होता रहे, आप ऐसा तभी करें जब आप कंफर्टेबल फील करें
- गुनगुने पानी से नहाएं, बुखार होने के मामले में यह आपको ठंडा महसूस कराएगा (ठंडे पानी से नहाने के कारण आपके शरीर का तापमान गिरने की बजाय और ऊपर उठता है)
- आरामदायक कपड़े जैसे पजामा व सूती का कुर्ता पहनें
मेडिकल स्टोर से दवाओं का सेवन
बुखार को ठीक करने के लिए आप चाहें तो मेडिकल स्टोर से दवा खरीद सेवन कर सकते हैं। लेकिन किस हेल्थ कंडीशन में आपको सेवन करना चाहिए व किस कंडीशन में नहीं यह पता होना चाहिए। बच्चे, गर्भवती महिलाएं, अत्यधिक शराब पीते हो या फिर किसी बीमारी से ग्रसित हो तो उस स्थिति में बिना डॉक्टरी सलाह के दवा का सेवन न करें। डॉक्टरी सलाह के बाद इन दवा का कर सकते हैं , जैसे
- एसिटामिनोफेन (थायलेन, चिल्ड्रेन्स थायल) (acetaminophen (Tylenol, Children’s Tylenol))
- ब्रूफेन (एडविल, चिल्ड्रेन एडविल, मॉटरिन) (ibuprofen (Advil, Children’s Advil, Motrin))
- एसप्रिन (aspirin)
- नेप्रोक्सिन (एलिव) (naproxen (Aleve)
और पढ़ें : जानें बच्चों में डेंगू (Dengue) बुखार के लक्षण और उपाय
मेडिकल स्टोर से दवा खरीदते वक्त इन सुरक्षा के पहलुओं पर दें ध्यान, जैसे
- बच्चों को भूलकर भी एसप्रिन नहीं देना चाहिए, रेइस सिंड्रोम (Reye syndrome) होने की संभावनाएं रहती है। यह रेयर बीमारी होने के साथ काफी गंभीर बीमारी होती है।
- डॉक्टर ने जितनी खुराक सुझाई है उतनी मात्रा में ही दवा का सेवन करना चाहिए, उससे ज्यादा सेवन कतई नहीं करना चाहिए। ओवरडोज की स्थित में मरीज को स्टमक ब्लीडिंग, लिवर डैमेज व किडनी की समस्या हो सकती है।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
ज्यादातर वायरल बुखार खुद ब खुद हो जाते हैं ठीक, घबराए नहीं
वायरल बुखार होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। चाहे यह बच्चों को हो या फिर वयस्कों को। ज्यादातर वायरस हमारे शरीर में खुद ब खुद ही ठीक हो जाते हैं। हमारे शरीर की संरचना ही ऐसे हुई है कि वो खुद छोटी-छोटी बीमारियों से लड़ सकता है, लेकिन जब आपको यह एहसास हो कि बुखार ठीक ही नहीं हो रहा है, तो उस स्थिति में वायरल बुखार के घरेलू उपाय करें, लेकिन बीमारी को नजरअंदाज करने के बजाय आप डॉक्टरी सलाह लें।