मच्छरों से आए दिन हर कोई बीमार होता है। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों में डेंगू, चिकगुनिया आदि जानलेवा बीमारियां शामिल हैं। जिससे हर साल भारत में लाखों लोग बीमार होते हैं। इसलिए ज्यादातर लोग मच्छर मारने की दवा के बारे में जानना चाहते हैं। साथ ही वे मच्छर मारने की दवा के रूप में क्वॉयल, लिक्विड मॉस्क्विटो किलर आदि का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये सभी हमारे शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इसलिए आइए जानते हैं कि मच्छर मारने की दवा और उसके नैचुरल तरीकों के बारे में।
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मच्छर कैसे फैलते हैं?
मच्छर मारने की दवा के बारे में जानने के पहले मच्छर के बारे में जानना जरूरी है। मच्छर दो पंखों के साथ उड़ने वाला इंसेक्ट है। मच्छर के पास छह पैर और एक खून चूसने के लिए लंबा मुंह होता है। हमेशा मादा मच्छर ही खून चूसती है, जबकि नर मच्छर पत्तियों के जूस पर जिंदा रहता है। मच्छर हमारे शरीर से खून को इसलिए चूसते है, ताकि वह अंडों का उत्पादन कर सके। खून में मौजूद प्रोटीन मच्छर को एग प्रोडक्शन में मदद करता है। इसके साथ ही मादा मच्छर एनर्जी के लिए पौधों के जूस को पीते हैं।
मच्छर अपनी पूरी लाइफसाइकिल पानी में ही पूरा करते हैं। ये कहीं पर रूके हुए पानी में ही अंडे देते हैं और अंडे आगे चल कर लार्वा में तब होते हैं। अगर मच्छर मारने की दवा को लार्वा पर इस्तेमाल कर दिया जाए तो मच्छरों की तादाद बढ़ेगी ही नहीं। जिससे मच्छर से होने वाली बीमारियां नहीं होती हैं।
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मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए प्राथमिक तौर पर क्या करें?
मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए प्राथमिक तौर पर हमें उनके वास स्थान पर सफाई करनी होगी। जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि मच्छर पानी में ही पनपते हैं। मच्छर निम्न स्थानों पर फैल सकते हैं :
- ब्लॉक नालियां, गटर, पाइप के नीचे
- गमले
- बर्तन
- बच्चों के खिलौने
- पानी की टंकी और फिश पॉन्ड
- टायर, बाल्टियां, पानी
इसके अलावा अन्य कई जगहों पर भी मच्छर पनप सकते हैं। इसलिए इन जगहों पर आप पानी को जमा न होने दें। जब पानी जमा नहीं होगा तो मच्छर प्रजनन नहीं कर सकेंगे और उनकी तादाद में भी इजाफा नहीं होगा। इसके अलावा अगर कहीं पर पानी को निकालना कठिन हो तो पानी में केरोसीन ऑयल डाल दें। केरोसिन ऑयल मच्छर मारने की दवा के रूप में इस्तेमाल करने से मच्छर और उनका लार्वा मर जाएगा।
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मच्छर मारने की दवा या पेस्ट मैनेजर क्या हैं?
मच्छर मारने की दवा उसके फैलने की स्थिति पर निर्भर करती है। मच्छर मारने की दवा को इंसेक्टिसाइड्स कहा जाता है। जिसे पानी में डाल कर या घरों में छिड़ककर मच्छरों का खातमा किया जाता है।
- हमारी सरकार मच्छरों को खत्म करने के लिए कई ठोस कदम उठाती है। जिसमें सरकार गटर, नालों, रुके हुए जल आदि बड़े स्थानों पर कुछ बैक्टीरियम को डालती है। जो बिना पानी के जीवों को नुकसान पहुंचाए मच्छर के लार्वा और अंडे को खत्म कर देता है।
- अगर मच्छर किसी बड़े क्षेत्र में पनपते हैं तो उन्हें खत्म करने के लिए पीपीएम आदि का छिड़काव विशाल स्तर पर किया जाता है।
- इसके अलावा मच्छरदानी को भी मच्छर मारने की दवा में भिगाएं और उसे वैसे ही सुखा दें। इसके बाद सोने से पहले बिस्तर पर मच्छरदानी लगा लें। जिससे आपको रात के समय मच्छर नहीं काटेंगे।
- मच्छर मारने के लिए घर में पेस्ट कंट्रोलिंग करा सकते हैं।
- मच्छर मारने के लिए आप घरों में लिक्विड मॉस्क्विटो किलर, क्वॉयल आदि लगा सकते हैं।
मच्छर मारने की दवा का सेहत पर क्या असर होता है?
मच्छर मारने की दवा का हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिससे हमारे शरीर में एक्यूट और क्रॉनिक दोनों तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं। मच्छर मारने की दवा से एक्यूट में त्वचा और आंखों में जलन हो सकती है, सिरदर्द, चक्कर आना और मितली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही कमजोरी, सांस लेने में परेशानी, मानसिक भ्रम, दौरे, कोमा और मृत्यु तक हो सकती है। वहीं, क्रॉनिक परेशानियों में लक्षण तुरंत तो नहीं, लेकिन कुछ महीनों या सालों में लक्षण नजर आने लगते हैं। जिसमें नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर, कैंसर और इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर हो सकता है।
बच्चों की सेहत पर दवा के केमिकल का ज्यादा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि बच्चे का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं रहता है, जिस कारण केमिकल उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इससे बच्चे के शरीर का विकास भी बाधित होता है। इसलिए डॉक्टर हमेशा यही सलाह देते हैं कि बच्चे, गर्भवती महिलाओं, कीमोथेरिपी से गुजर रहे मरीज और बुजुर्गों को दवा के केमिकल से बचाना चाहिए।
इसके अलावा आप जब भी मच्छर मारने की दवा खरीदने जाएं, तब जरूर देखें कि दवा एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) में रजिस्टर्ड हो, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) में रजिस्टर्ड दवा आपके लिए सेफ हो। बस इतना होता है कि अगर आपको कोई नुकसान होता है तो आप एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) के द्वारा दवा बनाने वाली कंपनी को क्लेम कर सकते हैं कि उनके केमिकल से आपको स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
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मच्छर मारने के नैचुरल तरीके क्या हैं?
मच्छर मारने की दवा से सेहत को कई नुकसान हैं, जिसके लिए आप चाहें तो नैचुरल मच्छर मारने की दवा घर पर बना सकते हैं। जैसे:
कपूर से दूर भागेंगे मच्छर
कपूर ऑयल एक लंबा प्रभाव डालने वाला मॉस्क्विटो रिपिलेंट है। अगर आप मच्छर को भगाना चाहते हैं तो घर के सभी खिड़की और दरवाजे बंद कर के 15 से 20 मिनट के लिए कपूर को जला दें। जिससे घर में मच्छर मर जाएंगे। इसके अलावा एक स्प्रे बॉटल में कपूर ऑयल को भर कर घरों के कोने में छिड़कने से मच्छर घर से बाहर भाग जाएंगे। कपूर की गोलियों को खुला ही कमरे में रख दें। समय के साथ-साथ कपूर वाष्पित हो जाता है। कपूर के कई सारे सेहत के फायदे होते हैं, जैसे- मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में परेशानी दूर होना आदि फायदे होते हैं।
आंगन की तुलसी है फायदेमंद
तुलसी मच्छर को मारने में फायदेमंद होती है। एक रिसर्च के हिसाब से तुलसी एक बहुत ही फायदेमंद हर्ब है। तुलसी को गमले में लगा कर खिड़की के पास रखने से मच्छर घर में नहीं आ पाते हैं। मच्छर के काटने वाली जगह पर तुलसी की पत्तियां पीस कर लगाने से खुजली और दर्द से राहत मिलती है।
लहसुन की महक खत्म करेगी मच्छर के लार्वा को
लहसुन की महक काफी तेज होती है, लहसुन की महक से मच्छर के लार्वा खत्म हो जाते हैं। एक लहसुन की सभी कलियों को कूच कर पानी में डालकर उबालें। इसके बाद इस पानी को स्प्रे बॉटल में लहसुन वाला पानी भर के घर में सभी ओर स्प्रे करें। इसके अलावा आप लहसुन के पानी को उबाल कर कमरे में रख दें और इसके भांप को कमरे में फैलने दें। जिससे मच्छर भाग जाएंगे।
घर पर बनाएं मॉस्क्विटो ट्रैप्स
बाजारों में तो मॉस्क्विटो ट्रैप्स मिलता रहता है। आप चाहें तो घर पर भी मॉस्क्विटो ट्रैप्स बना सकते हैं। आप एक प्लास्टिक की बॉटल को आधा काटें। गर्म पानी में ब्राउन शुगर को अच्छे से मिलाएं। इस मिक्चर को ठंडा होने दें, इस घोल को बॉटल में डालें और इसमें यीस्ट मिलाएं। इस घोल में सौंफ के बीज मिलाएं। इसके बाद आप बॉटल को रख दें। घोल की महक मच्छर को अपनी तरफ खींचती है। मच्छर आ कर इसमें फंस जाते हैं।
हमें उम्मीद है कि मच्छर की दवा पर और मच्छर भगाने के घरेलू उपाय पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी जानकारी नहीं दे रहा है।