ब्लड प्रेशर (Blood pressure) एक लाइफस्टाइल डिजीज है, जिसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है, नहीं तो यह भविष्य में आपके लिए खतरे की घंटी भी बन हो सकती है। आज के समय में बढ़ते तनाव के कारण अधिकतर लोग ब्लड प्रेशर की चपेट में रह रहे हैं। फिर चाहे वो हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) हो या लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure)। दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदेह हैं। आज हम बात करेंगे बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट (Homeopathic remedies for BP) के बारे में। होम्योपैथिक इलाज कई गंभीर से गंभीर बीमारियों में फायदेमंद साबित हुआ है। लेकिन आगे बढ़ने से पहले हम यह जान लेते हैं कि ब्लड प्रेशर क्या होता है और बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट (Homeopathic remedies for BP) कितना फायदेमंद है।
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ब्लड प्रेशर क्या है? (Blood Pressure)
जब धमनियों में रक्त का प्रवाह सुचारू रुप से नहीं हो पाता है, यानि कि ब्लड का फ्लो या तो बहुत तेज या बहुत धीमी गति में होने लगता है, तो उस स्थिति को ब्लड प्रेशर कहा जाता है। मेडिकल टर्म में किसी व्यक्ति का रक्तचाप, सिस्टोलिक या डिस्टोलिक रक्तचाप के रूप में देखा जाता है, जैसे कि किसी का बीपी 120/ 80 एमएम एचजी ( 120/ 80 mm Hg) के ऊपर है, तो वो हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) कहलाता है। जब बीपी 120/ 80 एमएम एचजी ( 120/ 80 mm Hg) से नीचे हो जाता है, तो वो लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure) कहलाता है। नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 एमएम एचजी होता है। इसका घटना या बढ़ना, दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदेह है। आइए अब जान लेते हैं बीपी के लिए होम्योपैथिक इलाज।
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बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट : हाय ब्लड प्रेशर में होम्योपैथिक उपचार (Homeopathic treatment for Hypertension)
बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट जानने से पहले आप जानें कि हाय ब्लड प्रेशर (Blood pressure) क्या है। हायपरटेंशन को हाय ब्लड प्रेशर भी कहते हैं। इसमें हार्ट से आर्टरी के जरिए पूरे बाॅडी में ब्लड का सप्लाय ठीक से नही हो पाता है। रक्त का प्रवाह बहुत तेज होता है, जिस कारण वो ब्लड वेसल्स की दीवारों से टकराता है, जिसे हाय ब्लड प्रेशर कहा जाता है। इसका बढ़ना कई गंभीर बीमारियों की स्थिति पैदा कर सकता है, जैसे कि हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर (Heart Failure), स्ट्रोक, किडनी डैमेज (Kidney Damage) या आंखों से जुड़ी परेशानियों का कारण बन सकता है। कई बार जान के जाने जैसी स्थिति भी हो सकती है। बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के पहले आइए अब जानते हैं हाय ब्लड प्रेशर के कारण के बारे में।
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हाय ब्लड प्रेश के कारण (Causes of Hypertension)
वैसे तो हाय ब्लड प्रेशर के कई वजह हो सकती है, यह एक हेल्थ कंडिशन (Health condition) है। लेकिन इसके होने के जो सबसे अधिक कारण देखे गए हैं, वो है बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, गलत खानपान, तनाव और किसी में ब्लड प्रेशर की फैमिली हिस्ट्री होना। इसके अलावा, जो अन्य कारण हो सकते हैं, वो हैं:
- ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive sleep apnea)
- किडनी डिसऑर्डर (Kidney disorders)
- एडरनल ग्लैंड टूयमर (Adrenal gland tumors)
- थॉयराइड डिसऑर्डर (Thyroid disorders)
- कंजनाइटल डिफेक्ट इन ब्लड वेसल्स (Congenital defects in blood vessels)
- बर्थ पिल्स जैसी कुछ दवाइंयों के सेवन से (Certain medication like birth control pills)
- प्रिस्क्रिप्शन ड्रग (prescription drugs)
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बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट से पहले जानें हाय ब्लड प्रेशर को बढ़ाने वाले रिस्क फैक्टर (Risk factors )
हाय ब्लड प्रेशर के मरीजों के उनकी इस समस्या के होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बढ़ती हुई उम्र भी लोगों के हाय ब्लड प्रेशर होने की एक बड़ी वजह है।
- कई लोगों के हायपरटेंशन की समस्या (Hypertension problem) जेनेटिक होती है, क्योंकि यह समस्या उनके परिवार में पहले से ही चली आ रही है, यानि कि फैमिली हिस्ट्री (Family History) भी एक बड़ी वजह है।
- आजकल कई लोगों में हायपरटेंशन की शिकायत उनमें होने वाले ओवर वेट (over Weight) की वजह से भी देखने को मिल रही है।
- एक्सरसाइज न करना और कम फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity) भी इसके रिस्क को बढ़ाती है।
- अधिक तनाव लेना।
- प्रेग्नेंसी के दौरान भी महिलाओं में हाय बीपी की समस्या देखने को मिलती है।
- खाने में अधिक नमक का सेवन भी इसका कारण है।
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हाय ब्लड प्रेश के लक्षण (symptoms of hypertension)
वैसे कई लोगों में हाय ब्लड प्रेशर के लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन कुछ गंभीर स्थितियों में इस के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- अधिक सिरदर्द होना (Severe headaches)
- नाक से खून आना (Nosebleed)
- थकान (Fatigue)
- ठीक से दिखायी न देना (Vision problems)
- सीने में दर्द होना (Chest pain)
- सांस लेने में दिक्कत होना (Difficulty breathing)
- दिल की धड़क्कन का तेज होना (Irregular heartbeat)
- यूरिन से ब्लड आना (Blood in the urine)
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अब जानते हैं हाय ब्लड प्रेशर का होम्योपैथिक इलाज क्या है! (Homeopathic treatment for Hypertension)
बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट की बात करें, तो हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। हाय ब्लड प्रेशर का इलाज एलोपैथी (Allopathy) और होम्योपैथी (Homeopathy) दोनों में ही है। हम यहां बात कर रहे हैं कि बीपी के होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के बारे में। होम्योपैथी को कई बार बहुत गंभीर से गंभीर बीमारियाें में काफी फायदेमंद साबित हुआ है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव बहुत जरूरी है,लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ जीवनशैली में बदलाव ही पर्याप्त हैं, साथ में मेडिकेशन भी बहुत जरूरी है। और उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए दवा की आवश्यकता होती है। होम्योपैथिक उपचार पौधे, जानवर या खनिज अर्क पर आधारित है, जो पूर्ण रूप से नैचुरल है। इसके लिए इसके नुकसान नहीं देखते को मिलते हैं। इसमें लिक्विड बेस्ड मेडिसन (Liquid based medicine) को शुगर फ्लेवर टैबलेट के साथ देते हैं। यह भले ही अपना असर देर से दिखाती है, पर बीमारी को जड़ से कम करती है।
हाय ब्लड प्रेशर के लिए होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावकारी उपचार है। डॉक्टर इसमें आपको आपके लक्षणों को देखते हुए विभिन्न तरह की दवाईयां दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum): जिनमें डिस्टोलिक रक्तचाप होता है, जो सिस्टोलिक रक्तचाप से अधिक बढ़ा हुआ होता है। जो किडनी में होने वाले डैमेज को रोकता है।
औरम मेटालिकम (Aurum Metallicum): होम्योपैथी में इसे रक्तचाप के इलाज के लिए एक प्रभावी दवा मानी जाती है। यह हृदय की मांसपेशियों में होने वाले तनाव को कम करता है। जिसके वजह से हाय ब्लड प्रेशर का शरीर को नुकसान नहीं हो पाता है।
कंवलारिया मजलिस (Convallaria Majalis) : यह धमनियों में खून के प्रवाह (Blood flow in the arteries) को आसान बनाने के साथ यह ब्लड के प्रेशर को कम करने में मददगार है।
क्रेटेगस (Crataegus) : यह धमनियों में होने वाले प्लाक की लाइनिंग को हटाने के साथ उच्च रक्तचाप (High blood pressure) को कम करता है।
डिजिटलिस (Digitalis): होम्यापैथी में डॉक्टर हायपरटेंशन के इलाज के लिए इस दवा को देते हैं। यह तेज हार्ट बीट को कंट्रोल करने के साथ ब्लड के प्रवाह को आसान बनाता है।
बेलाडोना (Belladonna) : जिनमें हायपरटेंशन के साथ सिर दर्द की समस्या देखी जाती है, उन्हें डाॅक्टर बेलाडोना की सलाह देते हैं। यह उच्च रक्तचाप के लिए श्रेष्ठतम होम्योपैथिक दवा है। यह थोड़ी हार्ड दवा है और इसे लेने बाद चेहरे में हल्की सी जलन या गर्माहट भी महसूस हो सकती है।
नक्स वोमिका (Nux vomica): यह दवा हाय ब्लड प्रेशर के साथ कब्ज (Constipation), इर्रिटेशन (Irritability) और कई हार्ट प्रॉब्लम (Heart problem) के लिए यह दवा प्रभावी मानी जाती है।
नैट्रम म्युर (Natrum Mayur): जो लोग अधिक मात्रा में नमक खाते हैं यानी कि जिनमें बढ़े हुए सोडियम (Sodium) के कारण उच्च रक्तचाप की समस्या है, उन्हें यह दवा दी जाती है।
रवोल्फिआ (Ravolfia): हाय ब्लड प्रेशर के लिए सर्वोत्तम होम्योपैथिक दवा है, जोकि रवोल्फिआ सर्पगंधा नामक पौधे से बनी है। यह हायपरटेंशन के साथ शरीर में होने वाली कमजोरी को दूर करती है।
बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट: लो ब्लड प्रेशर का होम्योपैथिक उपचार (Homeopathic treatment for Low Blood Pressure)
अगर किसी व्यक्ति के ब्लड का प्रेशर 90 और 60 से कम है, तो वह लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure) की स्थिति कहलाएगी। इसमें शरीर में रक्त का प्रवाह इतना धीमा हो जाता है कि हार्ट को ऑक्सिजन नहीं मिल पाता है। जिस कारण मरीज को तेज पसीना और चक्कते आने लगते हैं। बहुत अधिक बीपी के लो होने पर मरीज की जान भी जा सकती है। जानें लो ब्लड प्रेशर के कारणों (Causes of Low Blood Pressure) को और इसके दिखने वाले लक्षणों को। और जानिए किस तरह बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट प्रभावकारी है।
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लो ब्लड प्रेशर के कारण (Causes of low blood pressure)
अगर आप लो ब्लड प्रेशर के शिकार हैं, तो आपमें यह स्थितियां लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं
- प्रेग्नेंसी की स्थिति में (Pregnancy)
- डायबिटीज या अन्य हॉर्मोनल प्राॅब्लम होने पर (Hormonal problems)
- लंबे समय से चल रहे तनाव के कारण भी ऐसा होता है।
- पहले से कोई मेडिकेशन चल रहा हो (Certain over the counter medications)
- हार्ट फेल्योर की स्थिति में (Heart failure)
- हीट स्ट्रोक होने पर (heat stroke)
- लिवर डिजीज होने पर (Liver disease)
- अधिक ब्लीडिंग होने के कारण (Loss of blood from bleeding)
- लो बॉडी टेम्परेचर होने पर (Low body temperature)
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लो ब्लड प्रेशर के लक्षण (Symptoms of low blood pressure)
बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट को करने के लिए आपको लो ब्लड प्रेशर के लक्षणों को भी जानना जरूरी है। अधिकतर लेागों में लो ब्लड प्रेशर के यह लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- चक्कर आना (Dizziness)
- चक्कर आना (Lightheadedness)
- कमजोरी (Weakness)
- थकान (Fatigue)
- जी मिचलाना (Nausea)
- बेहोशी (Fainting)
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लो ब्लड प्रेशर के लिए होम्योपैथिक दवाएं (Homeopathic treatment of low blood pressure)
रक्तचाप में अचानक से होने वाला गिरावट कई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि ब्लड के प्रेशर का लो हाेने पर हार्ट और ब्रेन को पर्याप्त ऑक्सिजन की मात्रा नहीं मिल पाता है। जिससे सांस लेने में दिक्कत (Breathing problem) हाेने लगती है। कई बार जान का भी जोखिम हो जाता है। बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट में लो बीपी के लिए डॉक्टर ये दवाईयां दे सकते हैं, जैसे कि:
जेलसीमियम (Gelsemium): जिन लोगों को चक्कर आने के साथ लो ब्लड प्रेशर की दिककत होती है। डाॅक्टर इसकी सलाह उनको देते हैं। यह जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर के कारण आंखों की रोशनी में दिक्कत (Vision Problem) आ रही है, तो यह उनके इलाज के लिए भी प्रभावी है।
विस्कम एल्बम (Viscum Album): लो ब्लड प्रेशर और वाल्वुलर हार्ट डिजीज (Valvular heart disease) की वजह जिनमें लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो यह उनके लिए है। यह इन समस्याओं को कम करता है।
ग्लोनोइन (Glonoine): जो लोग बहार लंबे समय तक धूप में रहते हैं और उनमें सिर दर्द के साथ लो बीपी की समस्या देखी जाती है, तो डॉक्टर उन्हें ग्लोनोइन की सलाह देते हैं। यह धीरे-धीरे जड़ से समस्या को दूर करता है।
नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum Muriaticum) : जिन लोगों को फैमिली हिस्ट्री (Family History) के कारण लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, यह उनके लिए है। इससे सिस दर्द और अधिक प्यास लगने जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
कार्बो वेजीटेबिलिस (Carbo Vegetabilis) : जिन्हें सांस की प्रॉब्लम के साथ लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, यह दवा उनके लिए है।
बीपी के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट में इन होम्योपैथी दवा को खाने से कम से कम 30 मिनट पहले या बाद में लेने की सलाह दी जाती है, तभी इसके सकारात्मक और प्रभावी परिणााम देखने को मिलते हैंं। इन दवाओं को ब्लड प्रेशर का इलाज समझकर अपने मन से न लें। सभी के लिए इसका उपयोग अगल-अलग हो सकता है। हो सकता है डॉक्टर आपको किसी अन्य दवा की सलाह दें। इसलिए आप डॉक्टर की सलाह पर दवा और डाेज लें। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से बात करें।
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