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दोस्त आपको छोड़ सकते हैं, लेकिन थेरेपिस्ट नहीं
हम सब जानते हैं कि समय के साथ कभी-कभी रिश्ते और दोस्ती दोनों बदल जाते हैं। हो सकता है कि वो दोस्त जिसे आप अपना थेरेपिस्ट मानते हों। उसके साथ आपके रिश्ते ऐसे न रहें जैसे अभी हैं। समय के साथ रिश्तों में बदलाव आना सामान्य और मनुष्य की प्रकृति का हिस्सा है। यानी, आपका दोस्त आपको छोड़ सकता है लेकिन आपका थेरेपिस्ट नहीं। जब तक आप खुद उससे इलाज कराना न छोड़ दें। यह भी एक बड़ा कारण है जो आपको सोचने पर मजबूर कर दे कि क्या आपका दोस्त आपका थेरेपिस्ट हो सकता है(can your friend be your therapist) या नहीं।
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थेरेपिस्ट अपने स्वार्थ के लिए आपका प्रयोग नहीं करेगा
थेरेपिस्ट निष्पक्ष थर्ड पार्टी है। आपके थेरेपिस्ट आपको सही मार्गदर्शन प्रदान करने की कोशिश करेंगे। लेकिन, दोस्तों के साथ समस्या यह है कि दोस्त केवल अपने और आपके साथ उनके रिश्ते के बारे में ही सोचेंगे। इसके साथ ही वो आपको अच्छा महसूस कराने के लिए उन चीजों के लिए भी राजी हो सकते हैं जो आपको नहीं करनी चाहिए। ऐसा भी हो सकता है कि आपके दोस्त आपकी स्थिति का फायदा उठाते हुए आपको कंट्रोल करना शुरू कर दें और यह चाहें कि आप इसी स्थिति में रहें। एक थेरेपिस्ट ऐसा नहीं करना चाहेगा इसलिए वे आपके लिए पूरी तरह से ईमानदार और उद्देश्यपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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थेरेपिस्ट से बात करना है आसान
थेरेपिस्ट के साथ आपको किसी प्रकार का संकोच महसूस नहीं होगा। आप वही बता पाएंगे जो समस्या आपको होगी। आप उसके साथ आराम से अपनी हर समस्या को शेयर कर पाएंगे और आपको सही इलाज भी मिलेगा। जबकि, अपने दोस्त के साथ हो सकता है कि कुछ बातें शेयर करने में आपको शर्म महसूस हो। यह भी हो सकता है कि आप यह सोच कर अपने दोस्त से कुछ बातों को न बता पाएं ताकि वो आपसे दोस्ती न तोड़ दे या आपके बारे में गलत न सोचने लगे।
आप बन सकते हैं दोस्त की परेशानी की वजह
कुछ लोगों का यह सवाल होता है कि आपका दोस्त आपका थेरेपिस्ट हो सकता है(can your friend be your therapist) या नहीं लेकिन कई लोग यही मानते हैं कि मेरा थेरेपिस्ट मेरा सबसे अच्छा दोस्त है(My therapist is my best friend)। एक और फर्क हो सकता है आपके दोस्त और थेरेपिस्ट में, कि दोस्त आपकी बात सुनकर थक या परेशान हो सकते हैं। हो सकता है कि दोस्त आपकी मानसिक स्थिति को न समझ पाए। यही नहीं, दोस्तों के साथ आपको इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि आप अपनी लव लाइफ, रिश्तेदारों या किसी भी अन्य बात को बार-बार न दोहराएं। क्योंकि, ऐसा करने पर वो आपको ड्रामा करने वाला, छोटी-छोटी बात पर रोने वाला या अन्य किसी रूप में संबोधित कर सकते हैं।
ऐसा भी हो सकता है कि एक समय के बाद वो आपको सुनने या आपसे बात करने से भी कतराएं। लेकिन, आपकी बात को बार-बार सुनना थेरेपिस्ट की नौकरी का एक हिस्सा है।, एक थेरेपिस्ट को आपकी हर बात को बार-बार सुनना और अपनी समस्या को हल करना पड़ेगा। ऐसे में न तो वो आपसे थकेंगे और न ही आपको छोड़ेंगे।
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