महाराष्ट्र की खानाबदोश गोपाल समुदाय से आने वाली लंकाबाई खराट नाम की महिला ने 20वीं बार गर्भधारण किया है। अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने वाली इस महिला के अभी तक 16 सफल प्रसव रहें हैं। जिनमें से सभी नॉर्मल डिलिवरी रहीं हैं और वे घर पर ही हुई। बीड जिले के सिविल सर्जन डॉ. अशोक थोराट ने बताया कि, ’38 वर्षीय यह महिला सात माह से प्रेग्नेंट है और 38 साल की उम्र में वह 20वीं बार मां बनने वाली है।’’ इस वक्त उसके 11 बच्चे हैं जबकि अभी तक उसके तीन गर्भपात (miscarriage) भी हो चुके हैं। ये गर्भपात गर्भ ठहरने के तीन महीने के बाद हुए। 16 सफल प्रसव उसके पांच बच्चों की मौत प्रसव के कुछ घंटों या कुछ दिनों के अंदर ही हो गई थी।
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पहली बार हॉस्पिटल में होगी डिलिवरी
अन्य स्थानीय डॉक्टर ने बताया कि गर्भावस्था का पता लगने पर उसे सरकारी अस्पताल लाया गया और सभी जरूरी जांच की गई। जच्चा और बच्चा अब तक स्वस्थ हैं। उसे दवाइयां दी गई हैं और संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता और अन्य बातों की सलाह दी गई है। थोराट ने कहा, “पहली बार वह अस्पताल में बच्चे को जन्म देगी। इससे पहले उसने घर पर ही बच्चे को जन्म दिया था। किसी भी खतरे से बचने के लिए हमने उसे स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है।’
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घुमंतू समुदाय से आती है महिला
बीड जिले के एक अधिकारी ने बताया कि लंकाबाई गोपाल समुदाय (घुमंतू) से संबंधित है जो आमतौर पर भीख मांगने या मजदूरी या फिर छोटे-मोटे काम करते हैं। वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं।
आइए जानते हैं 35 साल से अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने वाली महिलाओं में क्या रिस्क फैक्टर हो सकते हैं:
वैज्ञानिक दृष्टि से एक महिला के लिए गर्भधारण की सबसे सही उम्र 20 से 30 वर्ष होती है, क्योंकि इस समय महिलाओं में प्रजनन क्षमता सबसे अधिक होती है। लखनऊ की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. विधु श्रीवास्तव कहती हैं “30 की उम्र के बाद महिलाओं में फर्टिलिटी कम होती जाती है। वहीं, 45 साल की उम्र तक, प्रजनन क्षमता में गिरावट आ जाती है जिससे महिलाओं के स्वाभाविक रूप से गर्भवती होने की संभावना बहुत कम हो जाते हैं लेकिन, पिछले कुछ सालों में भारत में 35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी के केसेस लगभग 20-30 प्रतिशत बढ़े हैं।”
बहुत सारी ऐसी महिलाएं हैं जो 35 की उम्र के बाद गर्भधारण करने का प्लान करती हैं लेकिन अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे जैसे उम्र बढ़ती है इसका फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। कुछ बातों का अगर ध्यान रखा जाए तो अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने के बाद भी सेफ डिलिवरी हो सकती है। मेडिकल भाषा में इसे एल्डरली प्राइमीग्रिविडा (Elderly Primigravida) कहते हैं।
35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंट होने में क्या परेशानियां हो सकती हैं?
सबसे पहली दिक्कत यह हो सकती है कि अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने में काफी समय लग सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उम्र के बढ़ने के साथ प्रजनन क्षमता कम हो सकती है। जिस समय महिला का जन्म होता है उस समय उसके यूटरस में लगभग एक से दो मिलियन अंडे होते हैं। 30-40 की उम्र में इन अंडों की संख्या आधी से कम रह जाती है। यही नहीं इनकी गुणवत्ता में भी गिरवाट आ जाती है। शोध की मानें तो इन अंडों की क्वालिटी में सुधार किया जा सकता है लेकिन इनकी संख्या में वृद्धि नहीं की जा सकती है।
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अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने के कारण क्या शिशु के जन्म पर प्रभाव पड़ता है?
अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने पर क्रोमोसोम एब्नार्मेलिटी होने का रिस्क होता है। ऐसे बच्चों में डाउन सिंड्रोम होने का खतरा रहता है। उम्र के हिसाब से बच्चे में होने वाला डाउन सिंड्रोम की संभावना कुछ ऐसी हो सकती है
- 20 साल की उम्र में 1,480 में से एक बच्चा
- 30 साल की उम्र में 940 में एक बच्चा
- 35 वर्ष की आयु में 353 में एक बच्चा
- 40 साल की उम्र में 85 में से एक बच्चा
- 45 वर्ष की आयु में 35 में से एक बच्चा
अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने से निम्नलिखित समस्याओं हो सकती हैं:
- 35 की उम्र में शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिसके कारण जुड़वा शिशु होने की संभावना अधिक हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उम्र के इस पड़ाव में अंडाशय से एक ही समय में कई अंडे रिलीज हो सकते हैं।
- अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने से प्री-एक्लेमप्सिया (Pre Eclampsia) की परेशानी हो सकती है। इसमें हाई ब्लड प्रेशर के साथ यूरिन में अधिक प्रोटीन पाया जाता है। इसमें हाथों, पैरों और टांगों में सूजन की शिकायत हो सकती है।
- ज्यादा उम्र में गर्भधारण करने से डायबिटीज होने की आशंका बढ़ सकती है।
- ज्यादा उम्र में प्रेग्नेंसी में मिसकैरिज होने का खतरा भी बढ़ता है।
- प्री मैच्योर डिलिवरी वैसे तो किस भी उम्र में हो सकती है लेकिन 35 की उम्र के बाद इसके चांसेस ज्यादा रहते हैं।
- अधिक उम्र में प्रेग्नेंट के बाद सिजेरियन और सी-सेक्शन डिलिवरी होने की संभावना ज्यादा रहती है।
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अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने का प्लान कर रही हैं तो ये हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए फॉलो करें ये टिप्स:
- प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले प्रीकॉन्सेप्शन चेकअप कराएं। इससे जो भी परेशानी है उसका ट्रीटमेंट कर जन्म के समय शिशु को और गर्भवती महिला को होने वाले खतरों को कम किया जा सकता है।
- अगर महिला को ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या थायरॉइड की परेशानी है तो उसका इलाज कर उसका असर प्रेग्नेंसी पर पड़ने से रोका जा सकता है।
- अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने के लिए सिगरेट और शराब से परहेज रखें। ये प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं।
- हर दिन मल्टीविटामिन के साथ 300 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड लें। फोलिक एसिड एक विटामिन है जो शरीर की हर कोशिका का विकास करती है। इसे लेने से बच्चे में जन्मदोषों को होने से रोका जा सकता है।
- 35 के बाद स्वस्थ गर्भधारण के लिए स्वस्थ जीवनशैली और आहार से भी मदद मिलती है। हेल्दी डायट प्रजनन क्षमता को बेहतर करती है।
- अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होने के लिए जितना हो सके तनाव मुक्त रहें। इस स्थिति में मानसिक और भावनात्मक रूप से आराम करना बहुत जरूरी है।
35 की उम्र के बाद महिलाओं में प्राकृतिक प्रजनन शक्ति में कमी आती है लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इस उम्र में प्रेग्नेंट होना असंभव है। स्वस्थ प्रेग्नेंसी के लिए हेल्दा लाइफस्टाइल और उचित देखभाल करना बहुत जरूरी है। गर्भवती होने से पहले इसके बारे में किसी प्रजनन विशेषज्ञ के साथ मुलाकात सुनिश्चित करें और सारी जानकारी लें।
नोट : नए संशोधन की डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा समीक्षा
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