रोहन की उम्र अभी दस साल है। उसकी आवाज में भारीपन सुनकर रोहन की मां ने कहा कि “रोहन अब बड़ा हो रहा है।” रोहन सोच में पड़ गया कि मम्मी ने ऐसा क्यों कहा? वह हैरान परेशान सा अपने पापा के पास गया। उसने अपने पापा से पूछा कि “मां ने कहा कि मैं बड़ा हो गया हूं। इसका क्या मतलब है?” इस पर रोहन के पापा ने उसे जो चीजें समझायी उससे रोहन को समझ में आ गया कि वह प्यूबर्टी (Puberty) से गुजर रहा है। आखिर लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान क्या-क्या शारीरिक बदलाव आते हैं। इसका जवाब हैलो स्वास्थ्य को दिया है इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. शरयु माकणीकर ने।
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लड़कों में प्यूबर्टी कब से शुरू होती है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक 10 साल के बाद लड़को में प्यूबर्टी शुरू हो जाती है। प्यूबर्टी (Puberty) को आसान भाषा में ‘बड़े होना’ या ‘व्यस्क अवस्था तक पहुंचना’ कहा जा सकता है। इस अवस्था में लड़कों में मानसिक और शारीरिक विकास होता है। इस दौरान लड़कों के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं। लड़कों के अंडकोश में एंड्रोजेन हॉर्मोन बनता है। यह लड़कों में प्यूबर्टी लाने के जिए जिम्मेदार होता है। टेस्टेस्टेरोन हॉर्मोन के कारण पेनिस का साइज बढ़ना, आवाज का भारी होना, प्यूबिक हेयर और दाढ़ी व मूंछ आती हैं। स्पर्म के बनने को भी यही टेस्टेस्टेरोन हॉर्मोन ही नियंत्रित करता है।
लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान शरीर में कौन से बदलाव होते हैं?
वजन और कद में इजाफा
लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान लड़के के शरीर की लंबाई में वृद्धि होती है। साथ ही उसका वजन बढ़ने लगता है। लड़के शरीर की लंबाई लगभग 18 से 19 साल तक बढ़ती रहेगी।
जननांगों के पास बालों का विकास (Pubic Hair)
लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान लड़के के जननांगों के आसपास बाल या प्यूबिक हेयर बढ़ने लगते हैं। प्यूबिक हेयर लड़कों के जांघों के भीतर के हिस्सों तक फैल जाते हैं। इसके अलावा उनके बगल (Armpits) और सीने पर बाल आने लगते हैं।
जननांगों में परिवर्तन
लड़कों में प्यूबर्टी के समय लड़कों के जननांगों में बदलाव होने लगता है। उनका पेनिस (penis) और वृषण (testis) का आकार बढ़ने लगता है। वहीं स्क्रोटम (scrotum) का रंग गहरा होने लगता है।
शारीरिक गंध (Body Odour)
लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान कुछ लड़कों के शरीर से गंध आनी शुरू हो जाती है। जिसकी महक अच्छी नहीं होती है। इसलिए लड़कों को नियमित रूप से नहाना चाहिए। शरीर की साफ-सफाई रखने से इस समस्या से निजात मिलती है।
आवाज में भारीपन
लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान लड़कों के आवाज में भारीपन आ जाता है। बच्चों की आवाज पतली होती है। लेकिन, जब प्यूबर्टी शुरू होती है तो लड़कों की आवाज सामान्य से मोटी हो जाती है।
चेहरे के बाल
दाढ़ी और मूंछ आना लड़कों में प्यूबर्टी की एक अहम प्रक्रिया है। जब लड़कों की दाढ़ी-मूंछ बढ़ने लगती है पैरेंट्स को लड़कों को स्टाईलिंग और शेविंग के बारे में बताना चाहिए।
कामोत्तेजना होना (Sexual Arousal)
लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान लड़कों के टेस्टिस में वीर्य (Sperm) बनने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें कामोत्तेजना होती है। साथ ही उन्हें रात में सोते समय वेट ड्रीम्स (Wet Dreams) आते हैं। जिसे स्लीप ऑर्गैज्म भी कहते हैं। नींद में सेक्शुअल सपने देखने पर होने वाले डिस्चार्ज को स्लीप ऑर्गैज्म कहते हैं। इससे लड़कों को शर्मिंदगी महसूस होती है। लेकिन, यह विकास का एक प्राकृतिक चरण है।
जननांग में इरेक्शन महसूस होना
लड़कों में प्यूबर्टी की शुरुआत में इरेक्शन (erections) महसूस होने लगते हैं। यह दिन के दौरान किसी भी समय हो सकते हैं। यह तब होता है जब रक्त पेनिस तक पहुंचने लगता है और उसे बड़ा और कठोर बना देता है।
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पिम्पल (Pimples)
लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान मुहांसे भी बहुत आम है। ऐसा हार्मोन में बदलाव के कारण होता है। तैलीय ग्रंथियों के कारण लड़कों के चेहरे पर मुहांसें होते हैं। डॉ. शरयु माकणीकर ने कहा कि लड़कों के शरीर में होने वाले ये बदलाव बहुत सामान्य हैं और उसे लेकर परेशान जरा भी नहीं होना चाहिए। शुरू में अजीब लगता है फिर बाद में लड़कों को सभी बदलावों की आदत हो जाएगी। लड़कों अपने शरीर में होने वाले बदलावों को जितना जल्दी स्वीकार कर लेंगे, उनके लिए उतना साकारत्मक होगा।
ये तो हो गई लड़कों में प्यूबर्टी की बात, जब लड़के किशोरावस्था में प्रवेश करते हैं तो पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने किशोर हो रहे बच्चे को सेक्स जैसी चीज के बारे में खुल कर बात करें। आइए जानते हैं कि लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान आप उनसे सेक्स एजुकेशन के बारे में कैसे बात करें।
किशोरों के बीच हस्तमैथुन करना एक तरह से सामान्य बात है। हस्तमैथुन सुरक्षित, आनंददायक है, यह तनाव या किसी अन्य कारण से शरीर की ऐंठन को कम करता है और इसका कोई बुरा दुष्प्रभाव भी नहीं है। यह सबसे सुरक्षित सेक्स भी है अगर आपको पता चले कि आपके किशोर हस्तमैथुन कर रहे हैं, तो चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। हस्तमैथुन यौन भावना को संतुष्ट कर सकता है और किशोर अपने शरीर को जानने में मदद कर सकता है।
बच्चे हस्तमैथुन के बारे में कई तरह की मिथक सुनते हैं – कि केवल लोग इसे करते हैं, या यह कि हर कोई ऐसा करता है यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, वे “अजीब” हैं। सच्चाई यह है कि सभी लिंग के लोग हस्तमैथुन करते हैं, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं करता है। यदि आप इसे करते हैं, तो यह सामान्य है और यदि आप नहीं करते हैं तो भी यह सामान्य है। अपने बच्चों को बातों-बातों में हस्तमैथुन से जुड़ी बातें बताएं, जो आप जानते हैं। ये जानकारियां उन्हें मिथकों से निपटने में मदद कर सकते हैं
बच्चों से दिल खोलकर बात करें। टीन एज ग्रुप के ज्यादातर बच्चे सेक्स से संबंधित जानकारियों के लिए इंटरनेट, टीवी और फिल्मों पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर अपनी धारणाएं बनाते हैं। डॉ. सुभद्रा कहती हैं, कि “बच्चों को कल्पनाशीलता और वास्तविकता के बीच अंतर को समझाना बहुत आवश्यक होता है। उन्हें यह समझाना चाहिए कि, प्यार अलग अहसास है और सेक्स एक प्रक्रिया। दोनों ही सुनी और देखी गई कहानियों से अलग होती हैं। सेक्स और फिल्मी फंतासी में बहुत अंतर होता है। उन्हें समझाना चाहिए कि, सेक्स ऐसी प्रक्रिया है, जिसके लिए उन्हें कोई भी काम अपने शरीर की सहजता के बिना नहीं करना चाहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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