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जानें बच्चों में अंधापन क्यों होता है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/07/2021

    जानें बच्चों में अंधापन क्यों होता है?

    “मेरी डेढ़ साल की बेटी है। मैं प्रेग्नेंसी के दौरान स्वस्थ थी लेकिन, मन में कई सवाल उठते थे कि मेरा बच्चा जन्म के बाद कैसा होगा? हेल्दी होगा या नहीं? और न जाने ऐसे ही कई सवाल लेकिन, जब मेरी बेटी का जन्म हुआ और मुझे पता चला वह बिलकुल ठीक है तो मैंने राहत भरी सांस ली।” यह कहना है दिल्ली की रहने वाली 34 वर्षीय शिल्पा सरदाना का। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 के दस्तक देने के साथ ही दुनिया भर में लगभग 400,000 शिशुओं का जन्म हुआ था। जिसमें भारत में जन्में बच्चों में अंधापन (Blindness in childness) की संख्या 67,385 थी। जरा सोचिये इन बच्चों के पेरेंट्स की ख्वाइश यही होगी की उनका जन्म लेने वाला बच्चा स्वस्थ हो। उसमें कोई शारीरिक परेशानी बच्चों में अंधापन (Blindness in childness) जैसी समस्या ना हो।

    हालांकि लाख कोशिशों के बाद भी कुछ शिशुओं में कोई न कोई शारीरिक परेशानी होने के साथ ही बच्चों में अंधापन (Blindness in childness) भी हो जाता हैं। कुछ बच्चों में जन्म से ही देखने की क्षमता कम या न के बराबर होती है। जन्म लेने वाले शिशु के शारीरिक विकास की तरह ही आंखों का भी विकास होता है। नवजात बच्चा (Newly born baby) अपनी आंखें (Eye) कम खोलता है लेकिन, माता-पिता (Parents) को ध्यान रखना चाहिए की वो जब आंख खोले तो उसके दोनों आंखों की आई बॉल की मूवमेंट होती है या नहीं। आप अपनी उंगली (Fingers) की मदद से इसे समझ सकते हैं। शिशु जब आंख (Babies eye) खोले तो बस आप अपनी उंगली की मूवमेंट करें और देखें बच्चा उस ओर देखता है या नहीं।

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    बच्चों में अंधापन के कारण क्या हैं? (Cause of Blindness in childness)

    बच्चों में अंधापन होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:-

    • विजन प्रॉब्लम गर्भ में पल रहे शिशु को गर्भावस्था के दौरान भी शुरू हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब गर्भ में शिशु का विकास (Babies growth)  हो रहा होता है उस दौरान आंख ठीक तरह से विकसित न होने की स्थिति में विजन प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। अगर मस्तिष्क का विकास (Brain development) भी ठीक तरह से न होने की स्थिति में भी बच्चों में अंधापन की समस्या हो सकती है। दरअसल ऑप्टिक नर्व मस्तिष्क को तस्वीर भेजने का काम करती है और मस्तिष्क से ही संदेश मिलने के बाद देखने की समस्या नहीं होती है। यह सारी प्रक्रिया काफी तेजी से होती है।
    • बच्चों में अंधापन जेनेटिकल (Genetical) भी हो सकती है, जिसका अर्थ है कि यह समस्या माता-पिता से या ब्लड रिलेशन में ऐसी परेशानी होने पर हो सकती है।  
    • बच्चों में अंधापन किसी दुर्घटना के कारण भी हो सकती है। अगर कोई चीज आंख को नुकसान पहुंचाती है। ऐसा नवजात शिशु (Newborn baby) में भी हो सकता है। 
    • अगर बच्चे में डायबिटीज की समस्या है, तो ऐसी स्थिति में भी बच्चों में अंधापन हो सकता है।

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    इन कारणों के साथ-साथ बच्चों में अंधापन निम्नलिखित कारणों की वजह से भी हो सकती है। जैसे:-

    • शिशु के आंख में इंफेक्शन (Infection) होना और ऐसी स्थिति में नवजात की आंखें गुलाबी हो जाना
    • आंसू (Tear) आने वाले डक्ट ब्लॉक हो जाना
    • मोतियाबिंद (Cataract)
    • क्रॉस्ड आई (Crossed eye)
    • कॉन्जेनिटल ग्लूकोमा (Congenital glaucoma)
    • पल्कों का झुका हुआ होना
    • आंखों का विकास सामान्य से धीमा होना

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    बच्चों में अंधापन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Blindness in childness)

    बच्चों में अंधापन के लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे:-

    शिशुओं एवं बच्चों में अंधापन होने पर आंखों में लालिमा होना,पानी आना, आंखों का बड़ा होना, किसी भी वस्तु पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना, ऐसे काम करने की इच्छा न होना जिसमें ठीक तरह से देखकर करना हो और कॉर्निया में परेशानी (Problem in Cornea)होना। इसके साथ ही अलग लक्षण हो सकते हैं। इस दौरान यह समझना बेहद जरूरी है कि शिशु में अंधापन अलग-अलग तरह की भी हो सकती है।

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    बच्चों में अंधापन का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Blindness in childness)

    शिशुओं में अंधेपन के इलाज के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान रखें। जैसे:-

  • सबसे पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ (Eye specialist) के साथ अपॉइंटमेंट तय करें, यदि आप अपने बच्चे में ऊपर बताये गए लक्षण या आंखों से जुड़ी अन्य समस्या को नोटिस कर रहे हैं। ऐसे वक्त या ऐसी स्थिति में घबराये नहीं और वक्त बर्बाद न करते हुए इलाज शुरू करवाएं। 
  • डॉक्टर आमतौर पर आपके द्वारा देखे गए बच्चें में उन लक्षणों के बारे में पूछेंगे और समझने की कोशिश करेंगे। इस दौरान बच्चे की आई चेकअप (Eye checkup) की जायेगी।
  • कुछ बच्चों को चश्मा या कॉन्टैक्ट लैंस (Contact lense) लगाने की सलाह डॉक्टर देते हैं।
  • बच्चों में अंधापन होने पर कई बार डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। आई सर्जरी की मदद से बच्चे फिर से देख सकते हैं। 
  • कई बार बच्चों में अंधापन पौष्टिक आहार (Healthy food), विटामिन (Vitamin) और खनिज तत्वों की कमी की वजह से भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में उन बच्चों के डायट पर खास ध्यान रखा जाता है।
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    बच्चों में विजुअल इम्पेयरमेंट (Vision impairment in child) होने पर क्या करना चाहिए?

    • अगर आपका शिशु या बच्चा देखने में असमर्थ होता है, तो ऐसे बच्चों को माता-पिता का पूर-पूरा सपोर्ट मिलना चाहिए।
    • बच्चे को ब्रेल सीखने के लिए प्रोत्साहित करें। ब्रेल सिखने से दृष्टिहीन बच्चे आसानी से पढ़ सकते हैं। उसे अच्छी-अच्छी किताबे पढ़ने दें। 
    • नेत्रहीन बच्चों के लिए स्कूल (School) भी होते हैं, जहां आप अपने बच्चे को पढ़ने के लिए भेज सकते हैं। यहां वो अपने जैसे अन्य बच्चों से मिलकर अपने आपको अकेला महसूस नहीं करेगा। 
    • आपका बच्चा जो पसंद करता है उसे वह करने की आजादी दें न की उसे रोकें या जबरदस्ती उसे कुछ और करने को कहें।
    • अपने बच्चे को नई-नई टेक्नोलॉजी और डॉक्टर के साथ संपर्क में रखें। ऐसा करने से आपके बच्चे को उसकी दृष्टि वापस लाने में मदद मिल सकती है। क्योंकि बढ़ती टेक्नोलॉजी की मदद से वह वापस इस खूबसूरत दुनिया को देख सकता है और अपनी जिंदगी बिना किसी पर आश्रित हुए जी सकता है।  
    • किसी भी माता-पिता के लिए अपने बच्चे के अंधेपन के बारे में जानना एक बड़ा झटका हो सकता है लेकिन, आपको ऐसे वक्त में यह समझने की जरूरत  है कि आपके बच्चे को इलाज (Treatment) से भी पहले अगर किसी की जरूरत होती तो आप होंगे। इसलिए अपने आपको स्ट्रॉन्ग बनायें और उसपर ब्लाइंडनेस (Blindness) न हाबी होने दें। कई माता-पिता अपने बच्चे की कमजोर दृष्टि के बारे में दोषी महसूस करते हैं। ऐसा किसी भी पेरेंट्स को नहीं सोचना चाहिए। सिर्फ इच्छा शक्ति मजबूत रखनी चाहिए। 

    अगर आप बच्चों में अंधापन (Blindness in childness) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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