प्रीमैच्योर बेबी की न्यूट्रिशनल नीड्स (Nutritional need for Premature Baby)
ऐसा माना जाता है कि मां का दूध न्यूट्रिशन का सबसे अच्छा तरीका है। यह बात प्रीमैच्योर बेबी पर भी लागू होती है। लेकिन, अगर मां पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क न बना पा रही हो, तो फार्मूला मिल्क भी दिया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह आवश्यक है। शुरुआती प्रीटर्म मिल्क में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसके साथ ही अतिरिक्त न्यूट्रिएंट भी होते हैं। शिशु की सभी जरूरतें यह दूध पूरा करता है और यह अच्छे से पचने वाला होता है। प्री मैच्योर बेबी का पूरा विकास मां के गर्भ में नहीं हो पाता। ऐसे, में उन्हें मां के दूध के साथ अतिरिक्त न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट भी दिए जा सकते हैं। ऐसे शिशुओं का गर्भ में विकास नहीं हो पाता और प्रसव के बाद उनके दिमाग, फेफड़ों और किडनी का विकास हो रहा होता है। इसलिए, उन्हें अतिरिक्त न्यूट्रिशन की जरूरत होती है।
प्रीमैच्योर बेबी होने पर अन्य फॅमिली मेंबर्स की भूमिका कैसी होती है? (Role of other Family Members)
प्रीमैच्योर बेबी के माता-पिता होना परेशान करने वाला हो सकता है क्योंकि उन्हें कई भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है। ऐसे में, उन्हें परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। अगर आप भी प्रीमैच्योर शिशु के परिवार के सदस्य हैं। तो जानिए परिवार के अन्य लोग उनकी किस तरह से मदद कर सकते हैं:
शिशु के जन्म को सामान्य रूप से सेलेब्रेट करें (Celebrate Baby Birth Normally)
प्रीमैच्योर बेबी होने पर भी एक परिवार का सदस्य होने के नाते आपको यह ख़ुशी वैसे ही मनानी चाहिए, जैसे सामान्य शिशु के होने पर मनाते हैं। ऐसा करने पर शिशु के माता-पिता को भी अच्छा लगेगा।
उनकी मदद करें (Help Them)
प्रीमैच्योर बेबी के जन्म के बाद माता-पिता को हो सकता है कि लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़े। ऐसे में ,उन्हें अन्य लोगों की मदद की जरूरत होगी जैसे घर, अन्य बच्चों की देखभाल आदि के लिए। उनकी हर संभव मदद करने की कोशिश करें।
सपोर्ट करें (Support Them)
केवल काम में ही नहीं बल्कि शिशु के माता-पिता को आपकी मेंटली, फायनेंशियल और भावनात्मक रूप से भी मदद की जरूरत होती है। आप उन्हें हर तरह से सपोर्ट करने की कोशिश करें।
शिशु को लेकर सकारात्मक बातें कहें (Say Positive Things about Baby)
माता पिता के सामने ऐसा कुछ भी कहने से बचें, जिससे उन्हें बुरा लगे। शिशु के बारे में अच्छी बातें करें और उन्हें दिलासा देने की कोशिश करें। शिशु के बारे में कोई भी सलाह देने से भी बचें।
माता-पिता की बात को सुनें और समझें
प्रीमैच्योर बेबी (Premature Baby) के माता-पिता इस दौरान एक मुश्किल दौर से गुजर रहे होंगे। उनके अनुभव भी अलग हो सकते हैं। ऐसे में उनसे बात करें और उन्हें समझने की कोशिश करें। उन्हें सकारात्मक रहने की सलाह दें, ताकि वो भी सकारात्मक रहें और सोचें।
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अगर आप प्रीमैच्योर बेबी (Premature Baby) के माता-पिता हैं, तो आपका सकारात्मक रहना बेहद जरूरी है। अधिकतर प्रीमैच्योर शिशुओं का विकास सही से हो जाता है। बस उन्हें अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। समय-समय पर उनका चेकअप कराना जरूरी है। समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहें जिससे बच्चे को बेहतर ढंग से बढ़ने में सहायता मिलती है। याद रखें, प्रीमैच्योर बेबी (Premature Baby) के जन्म के कुछ समय तक का समय आपके और शिशु के जीवन का सबसे मुश्किल समय हो सकता है। लेकिन, थोड़ी देखभाल के बाद आपका शिशु सामान्य जीवन जीने में सफल होगा।