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गोनोरिया का उपचार न कराने पर हो सकता है सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/03/2021

    गोनोरिया का उपचार न कराने पर हो सकता है सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन

    यौन संबंध बनाने के दौरान कई तरह की बीमारिया होती हैं जिसे सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually transmitted infection) कहा जाता है, गोनोरिया (Gonorrhea) भी ऐसे ही संक्रमण में से एक है। यह नाइसिरिया गोनोरिया (Neisseria Gonorrhoeae)  नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यदि समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो यह बैक्टीरिया रक्तप्रवाह (Bloodstream) के साथ ही शरीर के दूसरे हिस्से में फैलकर गंभीर संक्रमण पैदा कर देता है जिसे सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन (Systemic gonococcal infection) या डिसिमिनेटेड गोनोकोकल इंफेक्शन (Disseminated gonococcal infection (DGI) कहते हैं। सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन (Systemic gonococcal infection) के लक्षण और उपचार क्या है जानिए इस आर्टिकल में।

    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन क्या है? (What is a systemic gonococcal infection)

    गोनोरिया (Gonorrhea) एक यौन संचारित संक्रमण (Sexually transmitted infection (STI) है, जो संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण फैलता है यानी सेक्स के समय कॉन्डम का इस्तेमाल न करने से यह इंफेक्शन फैलता है। गोनोरिया के लिए नाइसिरिया गोनोरिया (Neisseria Gonorrhoeae) नामक बैक्टीरिया जिम्मेदार है। कोई भी व्यक्ति इस बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकता है। आमतौर पर यह संक्रमण शरीर के इन अंगों को प्रभावित करता है-

    • मूत्रमार्ग (Urethra)
    • गला (Throat)
    • मलाशय (Rectum)
    • गर्भाशय ग्रीवा (Cervix)

    नवजात शिशु भी इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकता है, यदि प्रसव के समय मां गोनोरिया से पीड़ित है तो। इसकी वजह से नवजात शिशु की आंखों पर असर पड़ता है। हालांकि गोनोरिया (Gonorrhea) का उपचार असरदार है, लेकिन अधिकांश मामलों में इसका समय पर पता ही नहीं चल पाता है। कई बार गोनोरिया बिना किसी लक्षण (Asymptomatic) के होता है। समय के साथ जब इसका उपचार नहीं किया जाता तो गोनोरिया (Gonorrhea) रक्तप्रवाह (Bloodstream) और शरीर के अन्य अंगों तक फैलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्या खड़ी कर देता है, जिसे सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन (Systemic gonococcal infection) या डिसिमिनेटेड गोनोकोकल इंफेक्शन (Disseminated gonococcal infection (DGI) कहा जाता है।

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    गोनोरिया और सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of gonorrhea and DGI)

    Systemic gonococcal infection-सिस्टमिटिक गोनोकोकल इंफेक्शन

    गोनोरिया (Gonorrhea) की शुरुआती अवस्था में जरूरी नहीं कि हर किसी में संक्रमण के लक्षण नजर आएं। यदि किसी में लक्षण दिखते हैं, तो उसमें शामिल है-

    • पेनिस (Penis) से गाढ़ा डिस्चार्ज (Tick discharge) होना
    • पेशाब (Urination) के समय दर्द या जलन (burning) होना
  • अंडकोश (Testicles) में सूजन या दर्द
    • गुदा में खुजली (Anal itching)
    • गुदा डिस्चार्ज (Anal discharge)

    यदि गोनोरिया का उपचार जल्दी नहीं किया जाता है, तो यह शरीर के दूसरे हिस्से में फैलकर गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। इसके विशेष लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि बैक्टीरिया शरीर के किस हिस्से में पहुंचा है।

    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन (Systemic gonococcal infection)  या डिसिमिनेटेड गोनोकोकल इंफेक्शन (Disseminated gonococcal infection (DGI) के लक्षणों में शामिल है-

    • बुखार या ठंड लगना (Fever or chills)
    • बीमार महसूस करना (Feeling ill or generally unwell)
    • जोड़ों में दर्द (Pain in the joints)
    • जोड़ों में सूजन (Swelling of the joints)
    • कलाई या एड़ी के टेंडन (Tendons) में दर्द
    • त्वचा पर रैश या चकत्ते होना जिनका रंग पिंक या लाल होता है और इसमें पस भरा होता है।

    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन के कारण (What causes Systemic gonococcal infection)

    जैसा की आपको पता ही होगा कि गोनोरिया (Gonorrhea) एक यौन संचारित संक्रमण है जो असुरक्षित वजाइनल, एनल और ओरल सेक्स इंटरकोर्स के जरिए फैलता है। सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन (Systemic gonococcal infection) गोनोरिया से संक्रमित हने के 2 हफ्ते के अंदर विकसित हो सकता है। एक बार जब गोनोरिया रक्तप्रवाह तक पहुंच जाता है, तो यह कई टिशू को प्रभावित और स्थाई क्षति पहुंचा सकता है।

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    गोनोरिया का खतरा किसे अधिक होता है?

    गोनोरिया (Gonorrhea) बहुत ही आम सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है (STI) है और कोई भी सेक्शुअली एक्टिव व्यक्ति इससे संक्रमित हो सकता है, फिर भी कुछ लोगों में इसका जोखिम अधिक होता है जिसमें शामिल हैं-

  • बिना कॉन्डम या अन्य सुरक्षा के यौन संबंध बनाने वाले लोग
  • 25 साल से कम उम्र की महिलाएं और ऐसे पुरुष जो पुरुष के साथ संबंध बनाते हैं
  • एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध बनाने वाले
  • गोनोरिया या अन्य यौन संक्रमण से पीड़ित पार्टनर के साथ संबंध बनाने वाले
  • गोनोरिया से होने वाली जटिलताएं (Complications related to gonorrhea)

    Systemic gonococcal infection-सिस्टमिटिक गोनोकोकल इंफेक्शन

    गोनोरिया (Gonorrhea) का यदि समय पर निदान करके उपचार नहीं किया जाता है, तो आगे चलकर यह महिलाओं और पुरुषों दोनों में कई तरह की जटिलताओं का कारण बन सकता है।

    महिलाओं में बांझपन (Infertility in women)- गोनोरिया गर्भाशय (Uterus) और फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tubes) में फैलकर पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिसीज (Pelvic inflammatory disease (PID) का कारण बन सकता है पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिसीज के कारण ट्यूब को नुकसान पहुंच सकता है जिससे प्रेग्नेंसी में गंभीर जटिलताएं या बांझपन की समस्या हो सकती है। पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिसीज का तुरंत उपचार किया जाना जरूरी है।

    पुरुषों में नपुंसकता (Infertility in men)- गोनोरिया की वजह से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।

    संक्रमण जोड़ों और शरीर के दूसरे हिस्से तक पहुंच सकता है- गोनोरिया (Gonorrhea) के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया रक्तप्रवाह के जरिए शरीर के दूसरे हिस्सों तक पहुंच सकता है जिसमें जॉइंट्स भी शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप बुखार, रैश, त्वचा पर घाव, जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न की समस्या हो सकती है।

    एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) का खरता बढ़ा देती है- गोनोरिया से पीड़ित व्यक्ति के ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी (Human immunodeficiency virus (HIV)) से पीड़ित होने का खतरा बढ़ जाता है, यह वायरस ही एड्स का कारण बनता है। यदि कोई व्यक्ति गोनोरिया और एचआईवी दोनों से पीड़ित है तो वह दोनों ही संक्रमण पार्टनर तक पहुंचा सकता है।

    नवजात शिशु को समस्याएं- प्रसव के समय मां से गोनोरिया (Gonorrhea) संक्रमित होने वाले नवजात शिशु में अंधापन, स्कैल्प पर घाव या इंफेक्शन की समस्या देखी गई है।

    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन से होने वाली जटिलताएं (Complications systemic gonococcal infection)

    यदि आपको गोनोरिया  होने का संदेह है, तो बिना किसी झिझक और शर्म के इसका उपचार करवाएं, क्योंकि अनुपचारित रहने पर यह सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर सकता है, जो निम्न जटिलताओं को बढ़ा सकती है-

    गोनोकोकोल आर्थराइटिस (Gonococcal arthritis)- इसमें जोड़ों में रैश और सूजन होती है।

    गोनोकोकोल एंडोकारडायटिस (Gonococcal endocarditis)- यह हृदय की आंतरिक मांसपेशियों की लाइनिंग में होने वाली क्षति है।

    गोनोकोकल मैनिंजाइटिस (Gonococcal meningitis)- यह मस्तिष्क (Brain) और स्पाइनल कॉर्ड (Spinal cord) को ढंकककर रखने वाले मेमब्रान (Membranes) का इंफेक्शन है।

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    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन का निदान कैसे किया जाता है?

    डॉक्टर जांच के जरिए यह पता लगाने की कोशिश करता है कि आपको गोनोरिया (Gonorrhea) के लक्षण हैं या सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन (Systemic gonococcal infection) के।

    गोनोरिया की जांच के लिए डॉक्टर प्रभावित हिस्से का नूमना या कल्चर लेता है। वह इसे लैबोरेट्री में भेजता है, जहां इसमें गोनोरिया बैक्टीरिया (Bacteria) की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट की रिपोर्ट आमतौर पर 24 घंटे के भीतर आ जाती है।

    जांच के लिए कल्चर इन जगहों से लिया जा सकता है

    • खून से (Blood)
    • त्वचा के घाव (Skin lesion)
    • जोड़ों के तरल (Fluid from the joints)
    • गर्भाशय ग्रीवा (Cervix)
    • गला (Throat)
    • मलाशय (Anus)
    • मूत्राशय (Urethra)

    यदि गोनोरिया (Gonorrhea) के लिए आपकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो डॉक्टर आगे जांच करेगा कि कहीं आपको दूसरे यौन संचारित संक्रमण तो नहीं। आमतौर पर गोनोरिया का निदान क्लैमाइडिया (Chlamydia) जैसे अन्य यौन संचारित संक्रमण के साथ किया जाता है।

    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन का उपचार कैसे किया जाता है? (Systemic gonococcal infection Treatment)

    गोनोरिया और सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन का उपचार एंटीबायोटिक्स से किया जाता है। पहले पेनिसिलिन का इस्तेमाल गोनोरिया के प्राथमिक उपचार के लिए किया जाता था, लेकिन गोनोरिया के एंटीबायोटिक रेसिस्टेंड स्ट्रेन के कारण पेनिसिलिन इलाज के लिए प्रभावी नहीं रहा।

    गोनोरिया यदि बहुत जटिल या गंभीर नहीं है तो मरीज को एंटीबायोटिक्स की दो डोज दी जाती है। एक मुंह से जो एजिथ्रोमाइसिन (azithromycin) है और दूसरा इंजेक्शन के जरिए जो सेफ्ट्रिएक्सोन (ceftriaxone) है।

    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन के उपचार के लिए एंटीबायोटिक नसों के जरिए दी जाती है। इसका उपचार आमतौर पर 7 दिनों तक चलता है।

    यदि गोनोरिया या सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन के उपचार के दौरान आपको एंटीबायोटिक की पहली डोज से एलर्जी होती है या आपका शरीर से पचा नहीं पाता है तो डॉक्टर इसकी जगह दूसरी दवा का इस्तेमाल कर सकता है। गोनोरिया के इलाज में पार्टनर को इस बारे में सतर्क करना भी शामिल है, क्योंकि एक संक्रमित से संबंध बनाने के दौरान यह दूसरे पार्टनर में भी फैल सकता है, इसलिए अपने पार्टनर को भी जांच के लिए कहें ताकि स्थिति को गंभीर होने से बचाया जा सके।

    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन का लंबे समय में क्या प्रभाव होता है?

    यदि आप गोनोरिया या सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन ( (Systemic gonococcal infection) का जल्दी उपचार शुरू कर देते हैं, तो संभव है कि आप पूरी तरह से ठीक हो जाएं। यदि आपको लक्षण दिखते हैं या गोनोरिया का संदेह होता है, तो तुरंत मेडिकल सहायता लेना जरूरी है। इलाज के पहले या दूसरे दिन से ही लक्षणों में सुधार दिख सकता है। लंबे समय में इसका आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ेगा यदि आप इसका उपचार नहीं करवाते हैं और डॉक्टर के निर्देशों का पालन नहीं करते हैं। अनुपचारित रहने पर सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन (systemic gonococcal infections) शरीर के कई दूसरे अंगों को प्रभावित और स्थाई क्षति पहुंचा सकता है।

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    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन से कैसे बचाव किया जा सकता है?

    सिस्टमिक गोनोकोकल इंफेक्शन से बचने के लिए गोनोरिया से (Gonorrhea) से बचाव जरूरी है। इससे बचाव के लिए सेक्शुअली एक्टिव लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे-

    • यौन संबंध बनाने के दौरान कॉन्डम (Condom) या अन्य सुरक्षा का ध्यान रखना
    • यौन संचारित संक्रमण (Sexually transmitted infection) के लिए नियमित जांच कराना और पार्टनर की भी जांच करना
    • यदि आपको या पार्टनर को यौन संचारित संक्रमण (Sexually transmitted infection) का कोई भी लक्षण दिखता है तो सेक्स से परहेज करें और तुरंत जाच करवाएं
    • एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध न बनाएं।

    यदि आपको गोनोरिया होता है तो इसका पूरा उपचार करवाएं, लक्षण में सुधार होने के बाद भी उपचार का कोर्स पूरा करना जरूरी है।

    यौन संबंध किसी भी कपल्स के रिश्ते को मजबूती देता है, लेकिन ऐसे संबंधो के दौरान किसी तरह के संक्रमण से बचने के लिए एहतियात भी जरूरी है। और यदि आप कभी यौन रोग से संक्रमित हो जाते है तो ईमानदारी बरतते हुए पार्टनर को इसकी जानकारी दें और रोग का पूरा उपचार करवाएं। गोनोरिया और दूसरे यौन संचारित संक्रमण से बचने का एक आसान उपाय है यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल और एक ही पार्टनर के साथ सेक्स संबंध बनाना।

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