बच्चों की सेहत का ख्याल रखना या उनके खानपान का ध्यान रखना पैरेंट्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। नवजात के जन्म के बाद पैरेंट्स के पास शिशु को फीड करने के लिए एक मात्र विकल्प होता है मां के दूध, लेकिन छे महीने के बाद उनके आहार के विकल्प एक से बढ़कर कई हो जाते हैं और बढ़ जाती है न्यू मॉम की टेंशन! छे महीने के बाद शिशु के डायट प्लान में थोड़ा बदलाव आता है जैसे दूध के अलावा डाल का पानी, पका हुआ केला, मैश किए हुए चावल आदि। अब धीरे-धीरे बच्चा जब एक साल का हो जाता है, तो उन्हें कई अन्य पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में क्या बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर (Protein powder for kids) बेस्ट ऑप्शन माना जा सकता है?
मुंबई की रहने वाली 36 वर्षीय श्वेता खन्ना की एक साल की बेटी है। हमने श्वेता से जानना चाहा कि वो अपनी बिटिया रानी के सेहत का ख्याल कैसे रखती हैं? श्वेता कहती हैं कि मेरी बेटी जल्दी कुछ खाना ही नहीं चाहती ऐसे में मुझे बहुत टेंशन होती है कि उसे मैं ऐसा क्या खिलाऊं, जिससे वह हेल्दी रहे क्योंकि अभी का खाया पीया ही आगे काम आता है। मैंने कई लोगों से बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर (Protein powder) के बारे में सुना है, लेकिन क्या बच्चों को प्रोटीन पाउडर देना चाहिए या नहीं देना चाहिए ये बड़ी उलझन है। वैसे देखा जाए, तो ज्यादातर पैरेंट्स की शिकायत यही रहती है कि मेरा बच्चा खाना ही नहीं खाता है या उसे खाने में सिर्फ कुछ ही चीजें पसंद है। अगर आपभी ऐसी ही सिचुएशन फेस कर रहीं हैं और अपने बच्चे को प्रोटीन पाउडर देने की सोंच रहीं हैं, लेकिन बच्चों को प्रोटीन पाउडर देना चाहिए या नहीं? तो आपकी उलझन हम आर्टिकल में सुलझाने की कोशिश करें, जिससे बेबी भी हेल्थी और मम्मी यानी आपभी टेंशन फ्री (Tension free)।
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बच्चों को लिए प्रोटीन पाउडर (Protein powder for kids) सेफ है?
इस सवाल का जवाब सीधे तरह से हां या ना में नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि यह बच्चे की सेहत पर निर्भर करता है कि उन्हें प्रोटीन पाउडर देना चाहिए या नहीं। बच्चों में प्रोटीन की कमी सामान्य बात है अगर बच्चा हर तरह के खाने को खाता है और उसे कोई शारीरिक परेशानी नहीं है। जिन बच्चों का डायट ठीक है या जो बच्चे खाना ठीक तरह से खाते हैं, उन्हें प्रोटीन पाउडर की आवश्यकता नहीं होती है। अगर बच्चों को जरूरत से ज्यादा प्रोटीन दिया गया, तो यह उनके सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। लेकिन अगर शरीर में प्रोटीन की कमी हुई, तो बच्चों का ग्रोथ ठीक तरह से नहीं हो पाता है। इसलिए इस आर्टिकल में आगे जानेंगे बच्चों को प्रोटोन पाउडर कब दिया जा सकता है।
बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर कब है जरूरी? (When Protein powder for kids is required?)
आप कभी भी अपने बच्चे को प्रोटीन पाउडर या प्रोटीन सप्लिमेंट्स नहीं दे सकते हैं, क्योंकि इसका फायदा नहीं मिल सकता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार अगर बच्चें में कोई मेडिकल कंडिशन जैसे बच्चे का अंडरवेट होना, मेटाबॉलिक कंडिशन या बच्चा सिर्फ वीगन और वेजिटेरियन फूड पर ही निर्भर करता है, तो ऐसी स्थिति में बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर या प्रोटीन सप्लिमेंट्स दिया जा सकता है। हालांकि अपनी मर्जी से बच्चे को प्रोटीन पाउडर या प्रोटीन सप्लिमेंट्स देने का निर्णय गलत हो सकता है और बच्चे को इससे फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है। इसलिए डॉक्टर जबतक बच्चे को प्रोटीन पाउडर या प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein supplements) प्रिस्क्राइब ना करें तबतक आप अपने बच्चों को प्रोटीन पाउडर या सप्लिमेंट्स ना दें।
अगर आपके बच्चे को डॉक्टर ने प्रोटीन पाउडर या सप्लिमेंट लेने की सलाह दी है और इसे प्रिस्क्राइब किया है, तो डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह का ठीक तरह से पालन करें। कई बार डॉक्टर बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर या प्रोटीन सप्लिमेंट्स की जगह प्रोटीन रिच फूड देने की सलाह सबसे पहले करते हैं।
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प्रोटीन पाउडर के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं? (Side effects of Protein powder)
डॉक्टर के सलाह के बिना बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर का सेवन नुकसानदायक हो सकता है, जो इस प्रकार हैं।
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम (Gastrointestinal disturbances): बॉडी में प्रोटीन पाउडर का सेवन जरूरत से ज्यादा करने पर डायजेशन से जुड़ी परेशानी जैसे ब्लोटिंग (Bloating), गैस बनना, पेट फूलना, डायरिया (Diarrhea) या पेट दर्द जैसी तकलीफ शुरू हो सकती है। जिन बच्चों को लैक्टोज इन्टॉलरेंस की समस्या है, तो उनमें डायजेशन से जुड़ी तकलीफ हो सकती है।
- न्यूट्रिशन की कमी (Loss of nutrition): अगर प्रोटीन रिच फूड की जगह प्रोटीन पाउडर का सेवन बच्चों को करवाया जाता है, तो ऐसी स्थिति में बच्चों में न्यूट्रिशन की कमी हो सकती है। अगर लम्बे वक्त तक प्रोटीन पाउडर बच्चों को दिया जाए, तो न्यूट्रिशनल डिफीशियनशि (Nutritional deficiencies) की समस्या हो सकती है।
- शरीर का वजन बढ़ना (Unwanted weight gain): प्रोटीन पाउडर में शुगर की मात्रा ज्यादा हो सकती है। अगर बच्चे के द्वारा प्रोटीन पाउडर लिया जाता है, तो वजन बढ़ने की संभावना बनी रहती है। कुछ ऐसे भी प्रोटीन पाउडर होते हैं, जिनमें क्रिएटिन कम्पाउंड (Creatine compound) मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से वजन बढ़ने के अलावा अन्य साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
- किडनी स्टोन (Kidney stones): जरूरत से ज्यादा प्रोटीन पाउडर के सेवन से बच्चों में किडनी स्टोन (Kidney stone) होने का खतरा बना रहता है।
प्रोटीन पाउडर में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो बच्चों के लिए ऊपर बताये साइड इफेक्ट्स के अलावा अन्य शारीरिक परेशानियों को दावत दे सकते हैं। इसलिए अगर डॉक्टर ने बच्चे को प्रोटीन पाउडर प्रिस्क्राइब किया है, तो उसका सेवन वैसे ही करवाएं जैसे आपको बताई गई है। शायद अब आप सोच रहीं हो कि बच्चों को रोजाना कितनी प्रोटीन की जरूरत होती है? तो इस आर्टिकल में आगे समझेंगे कि बच्चों को कितना प्रोटीन एक दिन में दिया जाना चाहिए।
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बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर (Protein powder for kids) की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
ऑफिस ऑफ डिजीज प्रिवेंशन एंड हेल्थ प्रमोशन (ODPHP) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर की मात्रा निम्नलिखित होती है। जैसे:
उम्र (Age) | प्रोटीन की आवश्यकता प्रतिदिन (Protein requirements per day) |
1 से 3 साल | 13 ग्राम |
4 से 8 साल | 19 ग्राम |
9 से 13 साल | 34 ग्राम |
14 से 18 साल (लड़की) | 46 ग्राम |
14 से 18 साल (लड़का) | 52 ग्राम |
सामान्य रूप से इतने प्रोटीन की आश्यकता बच्चों को रोजाना होती है, लेकिन अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (American Academy of Pediatrics) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार जो बच्चे ज्यादा कैलोरी बर्न करते हैं उनमें प्रोटीन की आवश्यकता थोड़ी ज्यादा होती है। आप चाहें, तो बच्चों को जो भी खाने-पीने की चीजें देती हैं, तो उस फूड प्रोडक्ट के ऊपर लिखे प्रोटीन की मात्रा की जांच करें।
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बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर (Protein powder for kids) में क्या-क्या होना चाहिए?
बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर से बेहतर होगा अगर आप अपने लाडले या लाडली को डेली डायट में प्रोटीन दें। इसलिए बेहतर होगा आप बच्चे को प्रोटीन रिच फूड जैसे मछली, अंडा, बीन्स एवं हरी सब्जियां रोज खिलाएं। अगर आप बच्चे को प्रोटीन पाउडर देती हैं, तो उनमें ब्राउन राइस प्रोटीन या मिल्क प्रोटीन होता है।
नोट: प्रोटीन पाउडर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की ओर से रेगुलेटेड नहीं है। इसलिए इनमें कई अलग-अलग कम्पाउंड या इंग्रीडिएंट्स मौजूद हो सकते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई प्रोटीन पाउडर ही बच्चों को दें। क्योंकि डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई बच्चों के लिए प्रोटीन में एडेड शुगर, विटामिन, मिनिरल या न्यूट्रिशन की मात्रा ज्यादा नहीं होगी।
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प्रोटीन पाउडर की वजह से बच्चों को क्या-क्या परेशानी हो सकती है?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार प्रोटीन पाउडर की वजह से कई तरह की बीमारियों को खतरा बढ़ जाता है। जैसे:
- किडनी स्टोन
- लिवर की बीमारी
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज
- बोन डिसऑर्डर
- कैंसर
इन ऊपर बताई गई बीमारियों से बचना बेहद जरूरी है। इसलिए प्रोटीन रिच फूड (प्रोटीन युक्त आहार) का सेवन करना सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है।
बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर (Protein powder for kids) की जगह प्रोटीन रिच फूड का विकल्प अपनाएं-
- बच्चों को मीट खिलाएं, क्योंकि मीट में विटामिन बी 12, आयरन एवं जिंक जैसे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।
- ऑयली फिश बच्चों के लिए हेल्दी माना जाता है, क्योंकि इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होता है।
- विटामिन डी की पूर्ति के लिए बच्चे को अंडा खिलाएं।
- कैल्शियम की पूर्ति के लिए डेयरी प्रोडक्ट दें।
- मटर और बिन्स बच्चें को दें, क्योंकि इसमें फायबर की मात्रा ज्यादा होता।
- विटामिन ई के लिए नट्स बटर दें।
- बच्चों को ब्रोकली खिलाएं।
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अगर आप बच्चें को वेजिटेरियन या वेगन डायट (Vegetarians and vegans) फॉलो करवाते हैं, तो निम्लिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करवाएं। जैसे:
- बीन्स, मटर एवं दाल
- चने
- टोफू और सोया दूध
- बीज या नट बटर
- क्विनोआ
- ब्राउन राइस
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अगर आपका बच्चा खाना नहीं चाहता है, तो आप निम्लिखित विकल्प अपना सकते हैं।
- योगर्ट
- भुना हुआ चना
- नट बटर
- कॉटेज चीज
इन ऊपर बताये खाद्य पदार्थों को अपने बच्चों को जरूर खिलाएं। इससे प्रोटीन और न्यूट्रिशन की कमी को दूर किया जा सकता है। अगर आप बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर (Protein powder for kids) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।