प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही जच्चा-बच्चा दोनों के लिए काफी अहम होता है। इस दौरान सबसे अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। हल्की-सी भी लापरवाही से शिशु के जान को खतरा हो सकता है। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में हार्मोनल बदलाव होने के कारण जी मिचलाना और थकावट का काफी एहसास होता है। यहां तक कि सेक्स करने से आपके भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है, इन तमाम कारणों से प्रेग्नेंसी के नौ महीने काफी अहम होते हैं। तो आइए इस आर्टिकल में पहली तिमाही में सेक्स को लेकर चर्चा करते हैं, वहीं जानने की कोशिश करते हैं कि क्या इस दौरान सेक्स करने से गर्भपात सहित अन्य परेशानी तो नहीं होगी, जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल।
पहली तिमाही में सेक्स के बाद ब्लीडिंग किस ओर करते हैं इशारा
पहली तिमाही में सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने के कई कारण होते हैं। यह लाइट और स्पॉटिंग ब्लीडिंग के रूप में हो सकता है। वहीं कई बार तो यह ब्लीडिंग सेक्स के कारण नहीं होते हैं। औसतन 15 से 25 फीसदी गर्भवती महिलाओं में पहली तिमाही में ब्लीडिंग होती है।
पहली तिमाही में सेक्स के कारण समस्याओं को जानने से पहले हमें इन बातों को जानना जरूरी है, जैसे पहली तिमाही में स्पॉटिंग का होना यह फर्टिलाइज एग के इम्प्लांटेशन का संकेत होता है। यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं तो यह शुभ संकेत हैं। यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात यह है कि कई महिलाओं को इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग नहीं होती है।
वहीं ज्यादा मात्रा में रक्तस्त्राव हो रहा हो तो यह शुभ संकेत नहीं हैं। यह प्लेसेंटा प्रिविया (placenta previa) या इक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) के लक्षण हो सकते हैं। लेकिन यह लक्षण भी सेक्स के कारण नहीं होते हैं।
इसका अर्थ यह हुआ कि आपका सर्विक्स कई बड़े बदलावों से गुजर रहा है। प्रेग्नेंसी हार्मोन इसे सामान्य की तुलना में काफी ड्राय कर रहे हैं। इस कारण यह रक्त वाहिकाओं को आसानी से फटने का कारण बनता है। पहली तिमाही में सेक्स करने से वजाइना में इरीटेशन हो सकता है, इस कारण भी लाइट ब्लीडिंग और स्पॉटिंग की समस्या देखने को मिलती है। वहीं ब्लीडिंग, पिंक, लाइट रेड या ब्राउन की तरह दिखता है। यह सामान्य है जो एक से दो दिनों में ठीक हो जाता है।
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ऐसे लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क
- एक व दो दिन से अधिक ब्लीडिंग होने पर
- डार्क और हेवी ब्लीडिंग होने पर (जिसके कारण आपको बार-बार पैड्स बदलना पड़ रहा हो)
- ऐंठन, बुखार, दर्द या संकुचन होने पर
क्या प्रेग्नेंसी के 12 सप्ताह में सेक्स करने से हो सकता मिसकैरिज?
पहली तिमाही में सेक्स की बात करें तो कई लोगों के लिए यह काफी डरावना होता है। गर्भवती की बात करें तो उनके साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु की चिंता उन्हें सताती है। लेकिन सामान्य गर्भावस्था की बात करें तो वो पहली तिमाही में सेक्स करने के साथ नौ महीने सेक्स कर सकती हैं। इससे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता।
जबतक आपका डॉक्टर प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने को न कहे तबतक आपको सेक्स नहीं करना चाहिए। बता दें कि यूट्रस के आसपास के मसल्स के साथ एमनीओटिक फ्लूइड (amniotic fluid) सेक्स करने के दौरान शिशु की रक्षा करता है। वहीं सर्विक्स के छोर पर मौजूद म्यूकस प्लस जर्म्स को अंदर जाने से रोकता है। ऐसे में सेक्स के दौरान पेनिस न तो यूट्रस को टच कर पाता है और न ही डैमेज, कुल मिलकार कहें तो इस अवस्था में संभोग कर सकते हैं। लेकिन सबसे जरूरी है कि पहले आप डॉक्टरी सलाह लें, उसके बाद ही सेक्स करें।
अन्य ट्राइमेस्टर की तुलना में सामान्य तौर पर पहली तिमाही में सेक्स करना काफी घातक होता है। यह दुख की बात है कि करीब 10 से 15 फीसदी प्रेग्नेंसी में मिस्कैरिज हो जाता है। लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण सेक्स नहीं है।
लगभग आधे गर्भपात का कारण क्रोमोसोम एब्नार्मेलिटीज है, जो फर्टिलाइजेशन के दौरान एम्ब्रियो में पनपती है। यह वो कारण हैं जिसके लिए आप जिम्मेदार नहीं हैं, वहीं इसके कारणों का भी नहीं पता चलता है।
हर ट्राइमेस्टर पर बदलती हैं इच्छाएं
पहली तिमाही में सेक्स की बात करें तो पहले ट्राइमेस्टर में कई महिलाओं में सेक्स की इच्छा नहीं होती है। क्योंकि इस समय वो शारिरिक थकान से जूझ रही होती हैं। वहीं दूसरी तिमाही में उन्हें अच्छा महसूस होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके जेनाइटल एरिया में लूब्रिकेंट पहले के मुकाबले ज्यादा बनते हैं। ऐसे में उन्हें सेक्स की इच्छा ज्यादा करती है। वहीं इस समय तक कई महिलाओं को सेक्स की इच्छा नहीं भी कर सकती है। क्योंकि उनके पेट का आकार पूर्ण रूप से गोलाकार नहीं हुआ होता है।
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पहली तिमाही में सेक्स न करने का क्या-क्या हैं कारण
जैसा कि हमने पहले भी चर्चा की है कि जबतक आपका डॉक्टर न कहे तबतक सेक्स गर्भावस्था के दौरान पूरी तरह सुरक्षित है। पहली तिमाही में सेक्स या गर्भावस्था के दौरान सेक्स करने से कुछ समस्याएं जरूर हो सकती हैं, लेकिन वो कुछ समय के लिए होती है, प्रेग्नेंसी पर उसका कोई खास असर नहीं पड़ता है। लेकिन यदि आपको कोई मेडिकल से जुड़ी समस्या है तो स्थिति जटिल हो सकती है। इन स्थिति में बेहतर यही होगा कि आप डॉक्टरी सलाह लेने के बाद ही सेक्स करें।
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गर्भपात होने के यह भी हैं रिस्क फैक्टर
- मेटर्नल इंफेक्शन और डिजीज
- हार्मोनल इशू
- यूटेराइन एब्नॉर्मेलिटी
- एक्यूटेन सहित अन्य दवा का सेवन करने की वजह से
- स्मोकिंग और ड्रग्स का सेवन करने के कारण
- रिप्रोडक्टिव डिसऑर्डर जो आगे चलकर इनफर्टिलिटी का कारण बनता है, जैसे एंडोमेट्रियोसिस और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
यह संभव है कि आपको प्रेग्नेंसी के बाद के कुछ दिनों में सेक्स करने की इच्छा नहीं करेगी, लेकिन गर्भपात की आशंका को लेकर सेक्स न करें यह सही नहीं है। आप डॉक्टरी सलाह लेने के बाद सेक्स संबंधी इच्छाओं की पूर्ति कर सकती हैं।
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पहली तिमाही में सेक्स करने के बाद दर्द हो तो क्या करें
पहली तिमाही में सेक्स करने से आपको दर्द महसूस हो सकता है। इसका कारण शरीर में होने वाला बदलाव है। कोई भी महिला जैसे ही गर्भवती होती है, उसके शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। वहीं जबतक आपको इंफेक्शन न हो तो इन कारणों से पहली तिमाही में सेक्स के बाद आपको दर्द हो सकता है, जैसे
- आपके ब्रेस्ट या फिर निप्पल में दर्द होने के कारण
- शरीर में हार्मोनल बदलाव होने की वजह से वजाइना का ड्राय होना
- हमेशा पेशाब लगना या फिर ब्लैडर में प्रेशर का एहसास होना
यदि सेक्स के बाद आपको काफी ज्यादा दर्द हो रहा है तो ऐसी स्थिति में अच्छा यही है कि आप डॉक्टर से बात करें। ऐसा कई मेडिकल कारणों से हो सकता है, डॉक्टर उचित कदम उठाकर या फिर सही सलाह देकर उपचार करते हैं। कई मामलों में सेक्स पोजिशन चेंज करने की सलाह देते हैं।
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पहली तिमाही में सेक्स के बाद क्यों होता है ऐंठन, जानें
इसके दो कारण हैं, जिसकी वजह से आपको पहली तिमाही में सेक्स के बाद ऐंठन की समस्या हो सकती है। पहला ऑर्गेज्म है, यह ऑक्सीटोसिन और सीमेन रिलीज करता है, इसमें प्रोस्टाग्लैंडिंस होता है, यह दोनों गर्भाशय के संकुचन का कारण बनता है और सेक्स के बाद आपको कुछ घंटों के लिए ऐंठन का एहसास हो सकता है। यदि आपके पार्टनर सेक्स के दौरान निप्पल को उत्तेजित करते हैं तो उसके कारण भी इस प्रकार की समस्या हो सकती है। यह सामान्य प्रक्रिया है, इन मामलों में ऐंठन गंभीर नहीं होते। वहीं कुछ घंटों में अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। यदि दर्द न जाए तो आप रेस्ट लें। वहीं डॉक्टरी सलाह भी ले सकती हैं।
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मल्टीपल बर्थ प्रेग्नेंसी की स्थिति में क्या करें
गर्भावस्था के दौरान यदि आपके गर्भ में ट्विंस पल रहे हैं तो उस स्थिति में डॉक्टर आपको पेल्विक रेस्ट का सुझाव दे सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि पहली तिमाही में सेक्स के साथ पूरे गर्भावस्था में सेक्स करने का सुझाव डॉक्टर नहीं देते हैं। पेल्विक रेस्ट बेड रेस्ट की तरह नहीं है, इसके दौरान आपको डॉक्टर की बताई गई बातों को फॉलो करना होता है।
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यदि आपको पहले भी गर्भपात हुआ हो, तब क्या करें
द अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्ट्रेशियंस और गायनकोलॉजिस्ट के अनुसार यदि किसी महिला का दो या दो से अधिक गर्भपात हुआ हो तो फिर मिसकैरेज होने की संभावना रहती है, वहीं इसके कारणों का भी पता नहीं है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि सेक्स ही एकमात्र गर्भपात का कराण नहीं है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में काफी अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है।
अक्षम गर्भाशय
अक्षम गर्भाशय (incompetent cervix) का मतलब यह हुआ कि सर्विक्स गर्भावस्था के दौरान पहले ही खुल जाती है। आदर्श रूप में लेबर के पहले तक सर्विक्स का पतला और सॉफ्ट होना जरूरी होता है। ताकि शिशु आसानी से बाहर आ सके। लेकिन सर्विक्स यदि काफी पहले खुल जाए तो उस स्थिति में मिसकैरेज और प्रीमैच्योर डिलीवरी होने की संभावना रहती है।
जानें कब दिखाएं डॉक्टर को
पहली तिमाही में सेक्स के बाद यदि कम खून निकले, दर्द हो, ऐंठन की समस्या हो तो यह सामान्य है। इसके लिए आपको गायनोकोलॉजिस्ट की सलाह की जरूरत नहीं पड़ती है। वहीं इंटरकोर्स के बाद एक से दो दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि ब्लीडिंग ज्यादा हो, तेज दर्द कर रहा हो वहीं ऐंठन भी ज्यादा होने के साथ किसी प्रकार का इंफेक्शन हो तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टरी सलाह की जरूरत पड़ सकती है।
पहली तिमाही में सेक्स करना हमेशा कंफर्टेबल नहीं होता, क्योंकि इस दौरान आपके दिमाग में भ्रूण में पल रहे बच्चे की चिंता भी सता रही होती है। जबतक किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो तबतक प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स या पहली तिमाही में सेक्स सुरक्षित है। लेकिन जब आपको प्रेग्नेंसी से जुड़ी परेशानी है तो उस स्थिति में आपको डॉक्टरी सलाह की जरूरत पड़ सकती है। बेहतर यही होगा कि पहली तिमाही में सेक्स को लेकर आप पहले डॉक्टर से बात कर लें फिर उचित कदम उठाएं।
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