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शिशु और मां के लिए खतरा
मां के लिए खतरा – प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले कुछ संक्रमण केवल मां के लिए जटिलताएं खड़ी कर सकते हैं। जैसे की यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, योनिशोथ (vaginitis) और पोस्टपार्टम इंफेक्शन।
शिशु के लिए खतरा – अन्य प्रकार के संक्रमण मुख्य रूप से शिशु के लिए नुक्सानदायी हो सकते हैं। जैसे की साइटोमेगालोवायरस (cytomegalovirus), टोक्सोप्लास्मोसिस (toxoplasmosis) और पार्वोवायरस (parvovirus), यह सभी वायरस मां से शिशु में ट्रांसफर हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह बेहद खतरनाक स्थिति हो सकती है।
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अभी तक साइटोमेगालोवायरस संक्रमण का कोई प्रभावित इलाज नहीं मिल पाया है। टोक्सोप्लास्मोसिस को कुछ एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, पार्वोवायरस के लिए किसी भी एंटीबायोटिक दवा मौजूद नहीं है, लेकिन इस संक्रमण को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की मदद से ठीक किया जा सकता है।
चलिए अब जानते हैं उन इंफेक्शन के बारे में जो मां और शिशु दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें से कई संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक के द्वारा मुमकिन है लेकिन कई ऐसे भी वायरस हैं जिनका फिलहाल इलाज नहीं मिल पाया है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान वजायनल इंफेक्शन (Vaginal infection in pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान अधिकतर वजायनल इंफेक्शन (vaginal infection in pregnancy) होता है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान इंफेक्शन होने की जरा सी भी शंका है तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। वजायनल इंफेक्शन, बैक्टीरियल वेजिनोसिस और क्लैमाइडिया में बिना जांच के अंतर कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। आपको जब भी किसी प्रकार की समस्या हो तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जांच के बाद मेडिसिन देंगे।
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वजायनल यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal yeast infection)
वजायनल यीस्ट इंफेक्शन (vaginal yeast infection)फंगस (Candida) के कारण होता है। प्रेग्नेंसी के समय इम्यून सिस्टम में बदलाव की वजह से ये इंफेक्शन होता है। इस दौरान ग्लाइकोजन और इस्ट्रोजन का लेवल हाय होता है। 2015 में एक रिपोर्ट के मुताबिक 20 प्रतिशत महिलाओं में कैंडिडा फंगस पाया गया जो प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया। ये फंगस दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान अधिक पाया जाता है।
इस फंगस के कारण महिलाओं में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जैसे,