प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं वॉमटिंग और मुंह के बिगड़े स्वाद को ठीक करने के लिए अलग-अलग चीजें ट्राई करने के साथ ही कई तरह की ड्रिंक्स भी आजमाती हैं। इसके लिए महिलाएं सॉफ्ट ड्रिंक्स का भी सहारा लेती हैं। नॉर्मल लाइफ में हम सभी सॉफ्ट ड्रिंक्स पीते हैं और ये नॉर्मल है, लेकिन प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स लेना परेशानी की वजह बन सकता है। कुछ रिसर्च के अनुसार प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक लेना होने वाली मां की सेहत के लिए ठीक नहीं होता है। अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान के खानपान को लेकर महिलाओं के मन सवाल रहते हैं। उनमें से ये सवाल भी आता हैं कि क्या हमें प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स या गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स लेना चाहिए? इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि क्यों प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूरी बना लेनी चाहिए।
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कोक में होती है कैफीन
प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा कैफीन न लेने की सलाह दी जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अधिकांश कोक और कोला में कैफीन होती है। आपको इसकी आदत भी पड़ सकती है। कैफीन शरीर में जाते ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम और एड्रिनल ग्लैंड्स को प्रभावित करती है। कैफीन सर्कुलेटरी सिस्टम में 11 घंटे तक रहती है। कैफीन के कारण होने वाले बच्चे पर भी प्रभाव पड़ता है। अधिक कैफीन की वजह से डीहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स या गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से और भी कई नुकसान हो सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स से हो सकता है जन्मजात दोष
प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स या गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स बच्चे को जन्मजात दोष दे सकती हैं। कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स में सैकरीन मौजूद रहता है। ये होने वाले बच्चे में जन्मदोष उत्पन्न कर सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि आर्टिफिशयल कलर की कम मात्रा होने वाले बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचती है, लेकिन अगर सॉफ्ट ड्रिंक्स में अधिक मात्रा में आर्टिफिशियल कलर है तो ये बच्चे के लिए समस्या खड़ी कर सकता है। अगर आप प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स या गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स ले रही हैं तो एक बार लेबल जरूर ध्यान से पढ़ें।
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प्रेग्नेंसी में ड्रिंक्स लेने से नहीं मिलेगा विटामिन या खनिज
प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान में पोषण वाला आहार शामिल किया जाता है। सॉफ्ट ड्रिंक्स में ऐसा नहीं होता है। कॉर्बोनेटेड पेय में विटामिन या खनिज नहीं होते हैं। ये आपके साथ ही बच्चे को भी किसी प्रकार का लाभ नहीं पहुंचाते हैं। अगर आपका प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स या गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने का बहुत मन कर रहा है तो एक या दो घूंट लिए जा सकते हैं। इससे आपको कोई परेशानी नहीं होगी।
सॉफ्ट ड्रिंक्स की मिठास से बचें
कुछ लोगों को सॉफ्ट ड्रिंक्स बहुत पसंद होती है। खाने के बाद या ईवनिंग स्नैक्स के दौरान इसे लेना पसंद किया जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसा नहीं करना चाहिए। सॉफ्ट ड्रिंक्स की मिठास से मोटापा बढ़ सकता है। मीठे पेय से दांतों में भी समस्या हो सकती है। सॉफ्ट ड्रिंक्स पोषकता का विकल्प नहीं हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स या गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से अच्छा आप ऐसे जूस पिएं।
चिल्ड ड्रिंक भी है हानिकारक
प्रेग्नेंट महिला के पेट का तापमान सेंसिटिव रहता है। आइस्ड और चिल्ड ड्रिंक्स स्टमक की वेसल्स को सिकोड़ने का काम कर सकती हैं। इस कारण से डायजेशन में समस्या या अर्ली मिसकैरिज की संभावना बढ़ सकती है। साथ ही होने वाले बच्चे में जन्म विकलांगता का भी खतरा हो सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स और आइस्ड और चिल्ड ड्रिंक्स से दूरी बनाना ही बेहतर होगा।
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प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स की बजाय चुनें इसे
अगर प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने का मन है तो आप इसे इग्नोर करके दूसरे ऑप्शन चुन सकती हैं।
- पानी
- ताजे फल
- सब्जी का रस
- नींबू पानी
- आम पन्ना
- सत्तू का घोल
- लस्सी, छाछ
- डेयरी आधारित पेय
- नारियल पानी
प्रेग्नेंसी के दौरान आप जो पी रही हैं, उसकी जानकारी डॉक्टर से जरूर लें। प्रेग्नेंसी में कोल्ड ड्रिंक्स ही नहीं चॉकलेट का सेवन भी सोच-समझकर करना चाहिए। चॉकलेट के अत्यधिक सेवन से भी नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
कैफीन और चॉकलेट का संबंध
हो सकता हो कि आपको जानकारी न हो, लेकिन चाय और कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक्स की तरह ही चॉकलेट में भी कैफीन पाई जाती है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियंस एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स के अनुसार प्रेग्नेंट महिला को एक दिन में 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन नहीं लेनी चाहिए। अगर चॉकलेट की थोड़ी सी मात्रा दिन में ली जाती है तो इससे प्रेग्नेंट महिला को कोई भी परेशानी नहीं होगी, लेकिन अगर महिला ड्रिंक में यानी कैफीनेटेड बेवरेज के साथ ही डॉर्क चॉकलेट का भी सेवन कर रही है तो उसके शरीर में कैफीन की मात्रा ज्यादा हो जाएगी।
प्रेग्नेंसी के दौरान कब नहीं खानी चाहिए चॉकलेट?
- अगर प्रेग्नेंट महिला का ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा हो।
- अगर महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज हो।
- प्रेग्नेंसी में अचानक से वजन बढ़ गया हो।
प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाने के साइड- इफेक्ट्स हो सकते हैं?
यह जरूरी नहीं है कि हमेशा प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाने के साइड इफेक्ट्स दिखाई दें। हर महिला का शरीर चॉकलेट के प्रति अलग क्रिया कर सकता है। प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाने के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान की भी संभावना हो सकती है, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है। अगर आपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ले ली है तो कोई भी समस्या नहीं होगी।
साइड-इफेक्ट्स:
- सिरदर्द, माइग्रेन, जलन, घबराहट, चिंता और चक्कर आना।
- मुंहासे, स्किन एलर्जी।
- गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर।
- बोन डेंसिटी में कमी, एक्जिमा।
- कोलेस्ट्रॉल के लेवल में बढ़ोतरी।
- इंसुलिन सेंसटिविटी में सुधार और इंसुलिन के लेवल में बढ़त।
- इरेगुलर हार्ट रिदम, यूरिन में ऑक्सलेट का लेवल बढ़ जाता है।
- चिड़चिड़ापन, घबराहट, किडनी डिसऑर्डर।
- गर्दन में दर्द, घबराहट, शैकिनेस, नींद की गड़बड़ी।
उचित मात्रा में चॉकलेट खाने से हो सकते हैं फायदे भी
उचित मात्रा में ली गई चॉकलेट प्रेग्नेंट महिला को फायदा पहुंचा सकती है।
- हाल के अध्ययनों में ये बात सामने आई है कि चॉकलेट का दैनिक सेवन प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप) के जोखिम को कम कर सकता है। उचित मात्रा में चॉकलेट का सेवन करने से प्रीक्लेम्पसिया का खतरा 50 फीसदी तक कम हो जाता है।
- साथ ही चॉकलेट की थोड़ी मात्रा फीटल ग्रोथ में भी हेल्प करती है।
- आप प्रेग्नेंसी के बाद ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं तो चॉकलेट खाना सही रहेगा या नहीं, इस बारे में डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
- प्रेग्नेंसी में अगर आप पहले से ही दूसरी दवाइयां ले रहे हैं तो भी चॉकलेट खाना है या नहीं, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें।
- प्रेग्नेंसी में अगर महिला को किसी भी प्रकार की समस्या (एलर्जी) या डिसऑर्डर या फिर कोई हेल्थ कंडिशन है तो चॉकलेट खाने से पहले एक बार डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लें।
बिना डॉक्टर की एडवाइज से प्रेग्नेंसी के दौरान कोई भी डायट न अपनाएं। प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक्स या गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक्स और ज्यादा चॉकलेट खाने के खतरे के बारे में डॉक्टर से भी चर्चा करें।
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