गर्भावस्था में एक्सरसाइज आपको हेल्दी रखने के साथ ही फिट भी रखती है। प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ आम समस्याएं जैसे थकान व पीठ दर्द से महिलाएं अक्सर परेशान रहती हैं। अगर आप गर्भावस्था में एक्सरसाइज जारी रखती हैं तो इन आम समस्याओं से आसानी से राहत मिल सकती है।
अगर आप गर्भावस्था में एक्सरसाइज करती हैं तो कुछ समस्याओं जैसे स्ट्रेस, जेस्टेशनल डायबिटीज आदि से बच सकती हैं। वहीं रेगुलर एक्सरसाइज लेबर के दौरान स्टेमिना को बढ़ाने का काम करती है।
गर्भावस्था में एक्सरसाइज करें घर पर
जब हैलो स्वास्थ्य ने फोर्टिस हॉस्पिटल की कंसल्टेंट गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना सिन्हा से बात की तो उन्होंने कहा कि, “प्रेग्नेंसी के तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला को ऐसी एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे पेल्विक मसल्स को फैलने में आसानी हो। आप चाहे तो फिटनेस ट्रेनर की हेल्प ले सकते हैं या फिर घर में रहकर भी एक्सरसाइज कर सकते हैं। घर में बैठकर सफाई करने वाले काम जैसे पोछा लगाना या फिर जमीन में बैठना और फिर उठना पेल्विक मसल्स को फैलाने का काम करेगा। गर्भावस्था में एक्सरसाइज करना हमेशा महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।”
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गर्भावस्था में एक्सरसाइज की ऐसे करें शुरुआत
गर्भावस्था में एक्सरसाइज की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले वार्मअप करें। पांच मिनट में वार्मअप और स्ट्रेचिंग करें। किसी भी एक्टिविटी के दौरान हार्टबीट जरूर मेजर करें। पांच से 10 मिनट के लिए एरोबिक्स एक्सरसाइज करने के बाद स्ट्रेचिंग के साथ खत्म करें।
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गर्भावस्था में एक्सरसाइज के दौरान ध्यान रखें ये बातें
- गर्भावस्था में एक्सरसाइज करते समय लूज कपड़े पहनें। एक्सरसाइज के दौरान सपोर्टिंग ब्रा पहनना न भूलें।
- गर्भावस्था में एक्सरसाइज करना हमेशा सही है लेकिन इस दौरान कठिन एक्सरसाइज न करें। ऐसा कोई भी काम न करें जिससे आपको इंजुरी का खतरा रहे।
- एक्सरसाइज के साथ ही खाने पर भी ध्यान दें। ध्यान रखें कि पर्याप्त कैलोरी शरीर को मिलनी चाहिए। 300 कैलोरी से ज्यादा आपके शरीर को चाहिए। आप इस बारे में एक बार डॉक्टर से डिस्कस करें।
- गर्भावस्था में एक्सरसाइज के एक घंटे पहले खाना खा लें।
- जब भी थकावट महसूस हो, रिलेक्स करें। गर्भावस्था में एक्सरसाइज लगातार एक्सरसाइज करने से आपको समस्या हो सकती है।
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वॉक पर दें ध्यान
प्रेग्नेंसी के दौरान वॉकिंग करना बेस्ट माना जाता है। आप जॉगिंग भी ट्राई कर सकती हैं। अगर आपको कोई हेल्थ इश्यू नहीं है तो जॉगिंग करना बेहतर रहेगा। स्पोर्ट्ज हेल्थ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 110 महिलाओं पर अध्ययन किया गया और पाया कि 70 प्रतिशत महिलाओं ने अपने रनिंग रूटीन को जारी रखा वहीं 31 प्रतिशत महिलाएं तीसरी तिमाही में भी वॉकिंग करती रही। इस दौरान ये पाया गया कि महिलाएं वॉकिंग के दौरान अच्छा महसूस कर रही थीं। गर्भावस्था में एक्सरसाइज के साथ-साथ वॉकिंग को भी अपने रूटिन में जोड़ें। यह हमेशा आपके और बच्चे के स्वास्थ के लिए बेहतर है। वॉक करने के लिए आपको किसी ट्रेनर या जिम की जरूरत नहीं होती बल्कि आप घर में रहकर वॉक कर सकते हैं।
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जॉगिंग का ले सकती हैं सहारा
गर्भावस्था में एक्सरसाइज के दौरान इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है कि प्रेग्नेंसी को कितने महीने हो चुके हैं। अगर आपको कोई समस्या नहीं है तो आप जॉगिंग का भी सहारा ले सकती हैं। कई महिलाओं को जॉगिंग से परेशानी होती है या फिर उन्हें थकावट महसूस होती है तो वे इसे इग्नोर कर सकती हैं। आपको सुबह या फिर शाम के समय जब भी सहज महसूस हो, आप जॉगिंग कर सकती हैं। गर्भावस्था में एक्सरसाइज की जगह जॉगिंग करने के लिए अपने डॉक्टर से राय जरूर लें। कई बार कुछ महिलाओं के गर्भाशय में कुछ परेशानी होती है ऐसे में जॉगिंग की वजह से मां को असहट महसूस हो सकता है। इसलिए अगर गर्भावस्था में एक्सरसाइज की जगह आप जॉगिंग को चुनती हैं तो अपने डॉक्टर से इसके बारे में राय लें।
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प्रेग्नेंसी के 8वें महीने में करें केगल्स एक्सरसाइज
तीसरी तिमाही के दौरान पेल्विक मसल्स कमजोर हो जाती हैं और बच्चे के बड़ा होने के कारण खिंचने लगती हैं। इससे बचने के लिए कीगल एक्सरसाइज कर सकती हैं। ये गुड मसल्स टोन के लिए हेल्पफुल एक्सरसाइज है। इसे कई बार डॉक्टर्स डिलिवरी के बाद भी सजेस्ट करते हैं। एक्सरसाइज को करने के लिए आपको आराम से लेटना होगा। फिर कमर के हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाना होगा। कुछ समय रुकने के बाद वापस कमर के हिस्से को नीचे की तरफ ले आएं। गर्भावस्था में एक्सरसाइज के लिए आप तीसरे महीने से केगल्स एक्सरसाइज को चुन सकती है। इसके मसल कॉन्ट्रेक्शन में मदद मिलती है।
उलझी हुई पेल्विक मसल्स को दें आराम
गर्भावस्था के आठवें महीने में शरीर भारी हो जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को सपोर्ट करने के लिए आप स्क्वैट्स कर सकती हैं। स्क्वैट्स करने से पेल्विक फ्लोर की उलझी हुई मसल्स को आराम मिलता है। स्क्वैट्स करने में ज्यादा मेहनत लगती है। अगर आप आठवें महीने में इसे करने में सक्षम नहीं है तो इसे न करें। गर्भावस्था में एक्सरसाइज करना आपकी सेहत पर भी निर्भर करता है। अगर आप स्क्वैट्स करने में सक्षम नहीं है तो अपने शरीर से जबरदस्ती ना करें। किसी भी नई एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
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प्रेग्नेंसी के दौरान अगर ये समस्याएं हैं तो न करें एक्सरसाइज
अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की समस्या है या फिर डॉक्टर ने आपको किसी भी प्रकार के भारी काम के लिए मना किया तो आप एक्सरसाइज को इग्नोर करें। ये आपके होने वाले बच्चे के लिए बेहतर रहेगा। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को होने वाली कुछ समस्याएं जैसे-
- ब्लीडिंग और स्पॉटिंग की समस्या
- लो प्लेसेंटा
- मिसकैरेज की समस्या
- प्रीमैच्योर बर्थ का इतिहास
- कमजोर सर्विक्स
आठवें महीने में गर्भावस्था में एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर की राय लेना बहुत जरूरी है। बिना डॉक्टर से पूछे किसी भी तरह की एक्सरसाइज आपके साथ ही बच्चे के लिए जोखिम को बढ़ा सकती है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार का कॉम्प्लिकेशन है तो एक्सरसाइज न करें।
हमें उम्मीद है कि आपको गर्भावस्था में एक्सरसाइज विषय पर लिखा गया यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर या फिटनेस एक्सपर्ट की सलाह लें।
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