नॉर्मल और सिजेरियन डिलीवरी (cesarean delivery) के अलावा बच्चे को जन्म देने के और भी तरीके है जिसमें वॉटर बर्थ (Water birth) भी शामिल है, लेकिन क्या आपने लोटस बर्थ के बारे में सुना है? जी हां, यह भी बच्चे के जन्म का एक तरीका है, मगर यह दूसरे तरीकों से बिल्कुल अलग है, हालांकि आजकल कई देशों में माएं इस तरीके को आजमा रही हैं। लोटस बर्थ (Lotus birth) में जन्म के बाद प्लेसेंटा (placenta ) और गर्भनाल (Umbilical cord) को बच्चे से अलग नहीं किया जाता, बल्कि इसके अपने आप अलग होने का इंतजार किया जाता है। भले ही महिलाएं इस नए ट्रेंड को अपना रही हों, लेकिन विशेषज्ञ लोटस बर्थ (Lotus birth) को सुरक्षित नहीं मानते हैं। लोटस बर्थ के फायदे और इससे जुड़े जोखिमों के बारे में जानिए इस आर्टिकल में।
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