लोटस बर्थ (Lotus birth) के फायदों के लेकर ठोस अध्ययन का अभाव है, फिर भी इसके समर्थकों का मानना है कि यह इंफेक्शन (Infection) के जोखिम को कम करता है, क्योंकि इस तकनीक में नाल को किसी तरह की चोट नहीं पहुंचती है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह इंफेक्शन (Infection) के खतरे को बढ़ा देता हैं, क्योंकि जन्म के बाद प्लेसेंटा (Placenta) एक मृत अंग ही होता है जो खून से बना है और इसमें बैक्टीरिया (Bacteria) पनपने की संभावना अधिक होती है। लेकिन इससे कितना ज्यादा रिस्क होता है इस संबंध में कोई रिसर्च नहीं हुई है।
बहुत से लोग इसे आध्यात्मिक से भी जोड़ते हैं, क्योंकि यह प्लेसेंटा और नवजात शिशु के बीच के रिश्ते का सम्मान करता है, हालांकि यह कितना सुरक्षित है या नहीं इस बारे में सटीक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।
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लोटस बर्थ के फायदे (Benefits of lotus birth)
भले ही डॉक्टर्स लोटस बर्थ की सलाह नहीं देते हैं, लेकिन लोटस बर्थ के प्रैक्टिशनर इसके कई फायदे बताते हैं, जिसमें शामिल है-
- गर्भ से दुनिया में आने का कम आक्रामक तरीका।
- प्लेसेंटा से ब्लड (blood) और पोषक तत्वों (Nutrition) की अधिक आपूर्ति।
- नाभि (belly button) को कम चोट पहुंचती है।
- प्लेसेंटा और बच्चे के बीच के संबंधों को सम्मान देने का आध्यात्मिक (Spiritual) तरीका।
हालांकि कोई विश्वसनीय रिसर्च इन दावों की पुष्टि नहीं करता है। इसलिए इसके फायदों पर पूरी तरह से यकीन नहीं किया जा सकता। हां, लोटस बर्थ (Lotus birth) किसी आपातस्थिति (Emergency) में मददगार हो सकता है। मान लीजिए आपने बच्चे को ऐसी स्थिति में जन्म दिया हो कि तब तुरंत मेडिकल हेल्प मिलना संभव न हो तो ऐसे में नाल और प्लेसेंटा को अलग नहीं किया जा सकता और खुद से इसे काटने से संक्रमण का खतरा रहता है
लोटस बर्थ के जोखिम (Risks of lotus birth)
लोटस बर्थ से संबंधित रिसर्च बहुत सीमित है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि यह कितना सुरक्षित है। साथ ही प्लेसेंटा को किस तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है, इस संबंध में भी पर्याप्त जानकारी का अभाव है।
- गर्भ से बाहर आने के बाद प्लेसेंटा (Placenta) को रक्त की सप्लाई (Blood supply) बंद हो जाती है, ऐसे में यह एक मृत कोशिका (Dead cell) बन जाता है जिसमें संक्रमण का खतरा (Infection risk) बढ़ जाता है। क्योंकि प्लसेंटा नाल के जरिए बच्चे से जुड़ा होता है, इसलिए बच्चे के भी संक्रमित होने की संभावना रहती है।
- इसके अलावा गर्भनाल (umbilical cord) के दुर्घटनावश बच्चे के शरीर से अलग हो जाने या अलगाव की वजह से चोट (Injury) लगने का खतरा बढ़ जाता है।
लोटस बर्थ का चुनाव करने पर आपको क्या कदम उठाने की जरूरत है?