किसी बच्चे का जन्म नॉर्मल डिलिवरी या सी-सेक्शन यानी ऑपरेशन की प्रक्रिया से होकर गुजरता है। नॉर्मल डिलिवरी का आज के समय में बहुत ही कम अपनाई जाती है। इसी के साथ सी-सेक्शन डिलिवरी की दर भारत समेत अन्य देशों में काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सी-सेक्शन के दौरान एनेस्थीसिया की भूमिका सबसे अहम हो जाती है। आंकड़ों की बात करें, तो मौजूदा समय में सीजेरियन डिलिवरी से हर साल भारत में लगभग 17.2 फीसदी बच्चों का जन्म होता है। सीजेरियन डिलिवरी में एनेस्थीसिया का इस्तेमाल महिला के शरीर को सुन्न करने के लिए किया जाता है, ताकि ऑपरेशन में चलने वाली प्रक्रिया के दौरान उसे किसी तरह के शारीरिक दर्द का अनुभव न हो।
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क्या है एनेस्थीसिया (Anaesthesia)?
दरअसल, एनेस्थीसिया (Anaesthesia) एक तरह की दवाई होती है जो दर्द निवारक का कार्य करती है। एनेस्थीसिया शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों ‘an’ और ‘aethesis’ से मिलकर बना है। यहां पर An का अर्थ है ‘बिना’ और aethesis का अर्थ है ‘संवेदना’, जिसका मतलब हुआ ‘संवेदना के बिना’। एनेस्थीसिया का इस्तेमाल चिकित्सा की दुनिया मरीजों को बेहोश करने या ऑपरेशन या किसी अन्य सर्जरी की प्रक्रिया के दौरान उनके अंगों को सुन्न करने के लिए किया जाता है। ताकि, उन्हें दर्द का एहसास न हो।
एनेस्थीसिया (Anaesthesia) का इस्तेमाल कब किया जाता है?
एनेस्थीसिया का इस्तेमाल खासतौर पर किसी भी तरह की सर्जरी या ऑपरेशन के दौरान किया जाता है, इसमें सी-सेक्शन डिलिवरी भी शामिल है।ऑपरेशन की प्रक्रिया के दौरान मरीज को दर्द के अनुभव न हो। एनेस्थीसिया के कई प्रकार हैं। इनमें से कुछ एनेस्थीसिया के प्रकार से मरीज ऑपरेशन के दौरान पूरी तरह होश में तो रहता है, लेकिन दर्द का अनुभव नहीं करता है और अपना ऑपरेशन भी देख भी सकता है। इसके कुछ प्रकार सीधे कांउटर से भी खरीदे जा सकते हैं, जिसके लिए आमतौर पर डॉक्टर की पर्ची की सलाह भी जरूरी नहीं होती है।
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एनेस्थीसिया (Anaesthesia) के प्रकार
आमतौर पर एनेस्थीसिया के तीन प्रकार होते हैं, जिनमें लोकल एनेस्थीसिया, रीजनल एनेस्थीसिया और जनरल एनेस्थीसिया होता है। जिनके उपयोग अलग-अलग स्थितियों में किए जाते हैं।
लोकल एनेस्थीसिया
लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल व्यक्ति के शरीर के सिर्फ थोड़े से अंग को सुन्न करने के लिए किया जाता है। जैसे, कान, नाक, गला, हाथ या पैर। आमतौर पर जिस हिस्से का उपचार किया जाता है सिर्फ उसी हिस्से को सुन्न करने के लिए लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से व्यक्ति पूरी तरह से होश में रहता है और उपचार की प्रक्रिया के दौरान दर्द का एहसास भी नहीं होता है। इसका असर चार से छह घंटे तक रह सकता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर डेंटिस्ट या क्लीनिकल डॉक्टर्स करते हैं।
रीजनल एनेस्थीसिया
रीजनल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल मरीज के शरीर के किसी एक भाग को पूरी तरह से सुन्न करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर किसी छोटी सर्जरी या बड़े घाव के इलाज के दौरान रीजनल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल मरीज के शरीर के आधे हिस्से या निचले भाग को सुन्न करने के लिए भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, बच्चे के जन्म के समय रीजनल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल सर्जन की देखरेख में ही किया जाता है।
जनरल एनेस्थीसिया
जनरल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल सिर्फ सर्जन ही कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल किसी बड़े ऑपरेशन के दौरान ही किया जाता है। इसके अलावा किसी आपताकालीन चिकित्सक स्थिति जैसे एक्सीडेंट या कॉम्प्लिकेटेड डिलिवरी के दौरान भी सर्जन जनरल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। जनरल बेहोश करने की दवा की खुराक व्यक्ति को इंजेक्शन, निगलने वाली दवा या IV के माध्यम से दी जा सकता है। ऑपरेशन के बाद मरीज को दवाएं देकर जनरल एनेस्थीसिया के प्रभाव से होश में लाया जाता है।
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सी-सेक्शन के दौरान एनेस्थीसिया का इस्तेमाल कब किया जाता है?
ज्यादातर मामलों में सी-सेक्शन की प्रक्रिया के दौरान सर्जन रीजनल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल करते हैं। रीजनल एनेस्थीसिया से महिला के शरीर के केवल निचले हिस्से को सुन्न किया जाता है। महिला ऑपरेशन के दौरान पूरी तरह से होश में रहती हैं और सी-सेक्शन की प्रक्रिया भी देख सकती है। हालांकि, महिला के इच्छानुसार उसके शरीर के अन्य हिस्सों या पूरे शरीर को भी सुन्न करने का विकल्प सी-सेक्शन के दौरान दिया जाता है। इसके सामान्य विकल्पों में स्पाइनल ब्लॉक और एपिड्यूरल ब्लॉक भी शामिल हैं। लेकिन, आपातकालीन स्थितियों में, कभी-कभी जनरल एनेस्थीसिया की आवश्यकता भी हो सकती है। जनरल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल करने के बाद महिला जन्म के दौरान कुछ भी देखने, महसूस करने या सुनने में सक्षम नहीं होती हैं।
सी-सेक्शन के दौरान मुझे किस प्रकार की एनेस्थीसिया दी जाएगी?
डॉक्टर्स सी-सेक्शन के दौरान बेहोश करने की दवा के तौर पर स्पाइनल ब्लॉक या एपिड्यूरल ब्लॉक का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह रीजनल एनेस्थीसिया होता है। क्योंकि इसके विकल्प में बच्चे के शरीर में कोई दुष्प्रभाव होने के जोखिम बहुत ही कम होते हैं। साथ ही, इसके इस्तेमाल से सिर्फ मां के शरीर के निचले हिस्से को ही सुन्न किया जाता है। मां ऑपरेशन की प्रक्रिया के दौरान होश में रह सकती है।
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एपिड्यूरल ब्लॉक क्या है?
एपिड्यूरल ब्लॉक एनेस्थीसिया का एक विकल्प होता है। इसे महिला की पीठ पर एक छोटे हिस्से को सुन्न करने के लिए इंजेक्शन से दिया जाता है। फिर चिकित्सक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट पीठ के निचले हिस्से में सुई को हटा कर कैथेटर को छोड़ देते हैं, ताकि सर्जरी के लिए पूरे पेट को सुन्न करने के लिए इस ट्यूब के माध्यम से एनेस्थीसिया दवा महिला के शरीर में पहुंचाया जा सके। इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता है।
स्पाइनल ब्लॉक क्या है?
स्पाइनल ब्लॉक में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट पीठ के निचले हिस्से में सुई के माध्यम से रीढ़ की हड्डी में दवा इंजेक्ट करते हैं। बेहोश करने की दवा को शरीर में पहुंचाने के लिए सुई का इस्तेमाल किया जाता है। इसका प्रभाव एक घंटे से तीन घंटे तक रहता है। इसके इस्तेमाल के बाद महिला अपने पेट से लेकर पैरों तक सुन्न हो जाएंगी।
जनरल एनेस्थीसिया
जनरल बेहोश करने की दवा के खुराक से महिला पूरी तरह से बेहोश हो जाती है। इसका इस्तेमाल सिर्फ गंभीर स्थितियों में ही किया जाता है। प्रसव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डॉक्टर बेहोश करने की दवा के प्रभाव को खत्म करने के लिए दवा की खुराक दे सकते हैं।
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सी-सेक्शन के दौरान एनेस्थीसिया देने पर महिला को बाद में क्या स्वास्थ्य समस्या हो सकती है?
सी-सेक्शन में बेहोश करने की दवा का प्रयोग करने पर प्रेग्नेंसी के बाद महिला को कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती है, जिनमें शामिल हैंः
सी-सेक्शन के दौरान जनरल एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट
प्रसव के दौरान महिलाएं उल्टी भी कर सकती हैं। ऐसे में अगर उन्हें जनरल बेहोश करने की दवा की खुराक दी गई होती है, तो उल्टी फेफड़ों में ही रह सकती है। हालांकि यह बहुत दुर्लभ है। लेकिन यह जीवन के लिए जोखिम भरा भी हो सकता है।
सी-सेक्शन के दौरान रीजनल एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट
एपिड्यूरल या स्पाइनल ब्लॉक की वजह से कभी-कभी महिला का ब्लड प्रेशर अचानक बहुत लो हो सकता है। इसके कारण सिरदर्द की भी समस्या हो सकती है।
सी-सेक्शन के दौरान बेहोश करने की दवा के अन्य साइड इफेक्ट्स
- उल्टी होना
- जी मिचलाना
- चक्कर आना
- बेहोशी आना
- ठंड लगना
- सिरदर्द
- खुजली
- पेशाब करने में परेशानी
क्या सी-सेक्शन में महिला को एनेस्थीसिया देने का प्रभाव बच्चे पर भी पड़ता है?
हालांकि, कई मामलों में देखा गया है कि ऑपरेशन के दौरान बेहोश करने की दवा का प्रभाव बच्चे पर भी हो सकता है। इससे बच्चे को जन्म के बाद सांस लेने में तकलीफ और सुस्ती की समस्या हो सकती हैं। हालांकि, इसकी स्थिति बहुत ही दुर्लभ होती है। लेकिन, बच्चे को इसमें जान का खतरा बहुत ही कम होता है। इसलिए शिशु के जन्म के बाद शिशु उस पर ध्यान दें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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