क्या आप जानते हैं? गर्भवती महिला के ओवर वेट होने की वजह से गर्भावस्था में कई सारी परेशानियां दस्तक देती हैं। ओवर वेट गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज या प्रीक्लेम्पसिया जैसी अन्य बीमारियां शुरू हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ना ठीक नहीं माना जाता है। आज ओवर वेट गर्भवती महिला के डायट के साथ-साथ BMI के बारे में भी जानेंगे।
ओवर वेट गर्भवती महिला का कैसा हो डायट प्लान?
प्रेग्नेंसी में यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि गर्भवती महिला का वजन उनके सामान्य वजन की तुलना में 11 से 16 किलो तक बढ़ सकता है। अगर किसी भी गर्भवती महिला का वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो रेगुलर वजन चेक करवाना चाहिए। कितना बढ़ना चाहिए वजन नीचे देखिए
नॉर्मल गर्भवती महिला का वजन 11 से 16 किलो
अंडर वेट गर्भवती महिला का वजन 12 से 18 किलो
ओवर वेट गर्भवती महिला का वजन 07 से 11 किलो
ओवर वेट गर्भवती महिला का डायट निम्नलिखित तरह का होना चाहिए-
- कम वसा वाले दही या दूध का सेवन करना चाहिए।
- अनहेल्दी और फ्राइड खाद्य पदार्थों से बचें। इन खाद्य पदार्थों की जगह रोस्टेड और ठीक तरह से पके हुए आहार का सेवन करें।
- ताजी हरी सब्जियां और फलों को खाएं।
- घर का बना हुआ खाद्य पदार्थ जो कि हाई-कैलोरी जंक या प्रोसेस्ड फूड से कहीं ज्यादा बेहतर होता है।
- ब्रेकफास्ट में साबुत अनाज जैसे ब्राउन ब्रेड, ब्राउन राइस या गेहूं की रोटी शामिल करें।
- ज्यादा वजन वाली गर्भवती महिला को लीन प्रोटीन जैसे अंडे का सफेद भाग, मछली या लो फैट मिल्क का सेवन करना चाहिए।
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ओवर वेट गर्भवती महिलाओं के लिए खाने से जुड़ी अहम जानकारी
निमनिखित टिप्स जो गर्भावस्था के दौरान बढ़ते वजन को कम करने या बैलेंस करने में मददगार हो सकते हैं
- ओवर वेट गर्भवती महिला के लिए अपने आहार में बदलाव करने में परेशानी हो सकती, लेकिन ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें प्रोटीन की मात्रा कम हो।
- नॉर्मल कुकिंग ऑयल की जगह ऑलिव ऑयल का उपयोग या लो-फैट बटर आहार में सेवन करें। दरअसल एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसा नहीं करने पर फीटस के ग्रोथ पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- रिफाइंड फ्लॉर और चीनी का सेवन जितना ज्यादा संभव हो सके कम करें।
- खाने में नमक कम खाएं। बटर और नमक दोनों ही लो सोडियम युक्त खाएं।
- नियमित रूप से पानी, फल और जूस का सेवन करें। ऐसा करने से ओवर वेट गर्भवती महिला हाइड्रेटेड रहेगी।
- स्पाइसी (मसालेदार) खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं रखें।
ऊपर बताई गई ओवर वेट गर्भवती महिला के आहार सारणी के साथ-साथ प्रेग्नेंट लेडी को बीएमआई (Body Mass Index) की भी जानकारी होनी चाहिए। BMI कैल्युलेटर प्रेग्नेंसी के पहले के वजन अनुसार काम करता है।
अपने बॉडी मास इंडेक्स को समझें
वर्कआउट करने के दौरान BMI निम्नलिखित होना चाहिए
18.5 से कम = अंडर वेट
18.5 से 24.9 = हेल्दी वेट
25 to 29.9 = ओवर वेट
30 से 39.9 = मोटापा
40 या इससे ज्यादा = अत्यधिक मोटापा
इंग्लैंड के चैरिटेबल संस्था टॉमीज टुगेदर फॉर एवरी बेबी (Tommy’s together for every baby) अनुसार प्रेग्नेंसी के पहले होना या प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में BMI 25 से ज्यादा होना गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारत्मक प्रभाव डालता है। जितना ज्यादा BMI होगा उतना ज्यादा खतरा बढ़ सकता है।
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प्रेग्नेंसी में मोटापा: बढ़ा हुआ BMI का गर्भवती महिला पर क्या असर होता है?
बढ़े हुए BMI के कारण निम्नलिखित बीमारी होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर
- प्री-एक्लेम्पसिया
- थ्राम्बोसिस (ब्लड क्लॉट होना)
- जेस्टेशनल डायबिटीज
- समय से पहले शिशु का जन्म
- लंबे वक्त तक लेबर पेन होना
- सिजेरियन डिलिवरी
- डिलिवरी के बाद अत्यधिक ब्लीडिंग होना
- मिसकैरिज
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बढ़े हुए BMI के कारण शिशु पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं।
- नवजात के शारीरिक अंगों का ठीक से विकसित नहीं होना
- मोटापे की समस्या
- भविष्य में डायबिटीज होने की संभावना
इसलिए ओवर वेट गर्भवती महिला को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ओवर वेट गर्भवती महिलाओं को हेल्थ एक्सपर्ट के साथ-साथ डायटीशियन से अपने आहार की जानकारी लेनी चाहिए और उसे ही फॉलो करना चाहिए। यह मां और शिशु दोनों के लिए लाभदायक हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी में मोटापा: गर्भावस्था के दौरान वजन से जुड़ी खास जानकारी क्या हैं?
- प्रेग्नेंसी के शुरुआत से ही हेल्थ केयर एक्सपर्ट के साथ बात करें और उनसे समझें की आपके शारीरिक बनावट के अनुसार शरीर का वजन कैसे संतुलित रखा जा सकता है। क्या-क्या करें जिससे गर्भावस्था के 9 महीने तक बॉडी वेट को लेकर कोई परेशानी या चिंता न हो।
- प्रेग्नेंसी के शुरुआत से ही और नियमित रूप से गर्भावस्था के दौरान अपने गर्भावस्था के वजन को ट्रैक करें। ध्यान रखें की आपका वजन कितना बढ़ रहा है और कितनी तेजी से बढ़ रहा है। हेल्दी वेट गेन पर फोकस करें। ऐसा करने से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहा शिशु दोनों फिट रहेगा।
- गर्भवती महिलाओं को सॉफ्ट ड्रिंक, डेजर्ट, फ्राइड फूड और फैटी मीट जैसे खाद्य या पे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसका नकारात्मक असर गर्भवती महिला के वजन पर पड़ सकता है।
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- गर्भवती महिला कितना कैलोरी का सेवन करती हैं यह भी ध्यान रखें। पहले ट्राइमेस्टर में (गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीने) तक अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत नहीं पड़ती है। गर्भवती महिलाओं को दूसरे ट्राइमेस्टर (चौथे मंथ की शुरुआत) से 340 कैलोरी ज्यादा सेवन की जरूरत पड़ती है वहीं 450 कैलोरी गर्भावस्था के आखरी 3 महीने में लेना चाहिए। ऐसा करने से शरीर का वजन नियंत्रित रखा जा सकता है।
- ओवर वेट गर्भवती महिला के साथ-साथ वैसी महिलायें जिनका वजन सामान्य से कम है उन्हें अपने आहार पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। अंडरवेट गर्भवती महिलाओं को साबुत अनाज, हरी सब्जियां, मौसमी फल, कम वसा वाली डेयरी प्रोडक्ट्स, और लीन प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। नियमित रूप से वजन चेक करते रहें। आहार विशेषज्ञ से सलाह भी लें की आपकी बॉडी के अनुसार आपकी डाइट कैसी होने चाहिए।
- ओवर वेट गर्भवती महिला के साथ-साथ अंडरवेट महिलाओं को भी रोजाना एक्सरसाइज करना चाहिए। अगर आप एकबार में अपना वर्कआउट पूरा नहीं कर पा रहीं हैं, तो फिटनेस एक्सपर्ट से सलाह लेकर और समझकर कुछ वक्त का ब्रेक लेकर एक्सरसाइज कर सकती हैं।
अगर आप ओवर वेट गर्भवती महिला हैं या गर्भ धारण करने वाली हैं, तो इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आपके मन में अगर प्रेग्नेंसी या डिलिवरी से रिलेटेड कोई प्रश्न हो तो हमसे हमारे फेसबुक पेज पर आप पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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