मिसकैरिज के बाद महिला शारीरिक और मानसिक रूप से टूट जाती है, लेकिन फिर कुछ दिनों बाद वह अगली प्रेग्नेंसी प्लान करती है। ऐसे में आगे मिसकैरिज की संभावना न हो, इसलिए मिसकैरिज के कारणों का पता लगाकर उसका इलाज जरूरी है। मिसकैरिज होने के बाद डॉक्टर से सलाह लें और उसके निर्देशानुसार ही आगे इलाज करवाएं। इससे मिसकैरिज की संभावना को काफी हद तक टाला जा सकता है।
मिसकैरिज के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं और कुछ मामलों में तो बार-बार गर्भपात होने के बावजूद कारण का पता नहीं चल पाता है। कुछ टेस्ट के आधार पर डॉक्टर मिसकैरिज के कारणों का पता लगते हैं और उपचार करते हैं। सफल प्रेग्नेंसी के लिए मिसकैरिज के कारणों का इलाज करवाना आवश्यक है। ताकि मिसकैरिज की संभावना को खत्म किया जा सके।
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आगे मिसकैरिज की संभावना कम करने के लिए इलाज
डायलेशन और क्यूरेटेज सर्जरी से कम की जा सकती है मिसकैरिज की संभावना (Dilation and curettage)
यदि मिसकैरिज की वजह गर्भाशय की असामान्यताएं हैं तो सर्जरी के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है। इसे डायलेशन और क्यूरेटेज कहा जाता है। इसमें गर्भाशय को बांटने वाले अतिरिक्त टिशूज को निकाल दिया जाता है। सर्जरी से गर्भाशय के अंदर की सरंचना को भी ठीक किया जाता है। जिससे मिसकैरिज की संभावना कम हो जाती है। इसके साथ ही मिसकैरिज की संभावना को कम करने के लिए फाइब्रॉएड (ट्यूमर) और स्कार टिशूज को निकाल दिया जाता है। यह सर्जरी एक दिन में ही हो जाती है और ठीक होने में कुछ दिन से एक हफ्ते का समय लग सकता है।
खून पतला करने वाली दवा
ऑटोइम्यून और क्लॉटिंग (थ्रोम्बोफिलिया) की समस्या से पीड़ित महिलाओं का इलाज एस्प्रिरिन और हेपरिन की कम खुराक देकर किया जा सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मिसकैरिज की संभावना को कम करने के लिए भी यह दवा ली जा सकती है। हालांकि ये दवाएं लेने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें, क्योंकि इनकी वजह से अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या हो सकती है।
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मिसकैरिज की संभावना को बढ़ा सकती हैं अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
मिसकैरिज की संभावना को बढ़ाने में महिलाओं की कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं, जैसे- असामान्य ब्लड शुगर लेवल, ओवर या अंडर एक्टिव थायरॉयड ग्लैंड या हार्मोन प्रोलैक्टिन का उच्च स्तर। डायबिटीज, थायरॉइड और हाई प्रोलैक्टिन स्तर जैसी समस्याओं का इलाज करके सफल गर्भधारण की संभावना को बढ़ाया जा सकता है और मिसकैरिज की संभावना को कम किया जा सकता है।
मिसकैरिज की संभावना को कम कर सकती है अनुवांशिक जांच
मिसकैरिज की एक वजह क्रोमोसोम्स का असंतुलन भी है जो अनुवाशिंक कारणों से होता है। ऐसे में डॉक्टर कपल का ब्लड टेस्ट करके अनुवांशिक कारणों का पता लगाने की कोशिश करते हैं और यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें जेनेटिक काउंसलिंग की सलाह दी जाती है। क्रोमोसोम्स में असंतुलन होने पर स्वस्थ बच्चे का जन्म मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हेल्दी बच्चे की चाह रखने वाले कपल्स को डॉक्टर आईवीएफ की सलाह देते हैं। आईवीएफ के दौरान एग और स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज किया जाता है और महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित करने से पहले भ्रूण की किसी भी तरह की असामान्यता की जांच की जाती है, इससे हेल्दी प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ सके और मिसकैरिज की संभावना कम हो सके।
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मिसकैरिज की संभावना को कम करने के लिए अपनाएं स्वस्थ जीवनशैली
मिसकैरिज की संभावना कम करने और हेल्दी प्रेग्नेंसी के चांसेस बढ़ाने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल बहुत जरूरी है। सिगरेट, शराब, कैफीन और हानिकारक ड्रग से दूरी बहुत जरूरी है, इससे मिसकैरिज का खतरा भी कम हो जाता है। मोटापा भी गर्भपात का खतरा बढ़ा देता है, इसलिए अपना वजन कंट्रोल में रखें। हालांकि अभी तक इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि स्ट्रेस, एंग्जाइटी और थोड़ा बहुत डिप्रेशन भी गर्भपात के लिए जिम्मेदार है, फिर भी इनसे बचने की कोशिश करें।
मिसकैरिज की संभावनाओं को कम करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- प्रेग्नेंसी प्लानिंग से पहले से ही फॉलिक एसिड और अन्य पेरेंटल विटामिन लेने से गर्भपात का खतरा कम हो जाता है। आमतौर पर डॉक्टर रोजाना 400 से 800 [mcg] फॉलिक एसिड लेने की सलाह देते हैं।
- प्रेग्नेंसी के दौरान रेग्युलर वैक्सीनेशन आवश्यक है, वरना कुछ पुरानी बीमारियां गर्भपात का कारण बन सकती हैं।
- यदि किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो उसका इलाज करवाने और पूरी तरह से ठीक होने के बाद ही प्रेग्नेंसी प्लान करें।
- प्रेग्नेंसी के दौरान भी खुद को फिट रखना जरूरी है, इसलिए वॉकिंग और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। इससे गर्भपात का खतरा कम हो जाता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान डायट का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। खासतौर पर पहले तीन महीने में डॉक्टर द्वारा दी गई डायट ही फॉलो करें। डॉक्टर जिन चीजों को खाने से मना करें, उसे भूलकर भी न खाएं। आमतौर पर इस दौरान बहुत गर्म तासीर वाली चीजें खाने की मनाही होती है।
- सिगरेट, शराब से पूरी तरह परहेज करें। चाय/कॉफी का भी अधिक सेवन आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
- अपने मन से कोई दवा न लें, यानी सेल्फ मेडिकेशन से परहेज करें।
- वजन यदि बहुत अधिक है तो उसे सामान्य करने की कोशिश करें। इसके लिए डॉक्टर से डायट और एक्सरसाइज से संबंधित सलाह लेने के बाद ही कोई डायट और एक्सरसाइज रूटीन फॉलो करें।
- रेडिएशन और अन्य हानिकारक केमिकल से दूर रहें।
- प्रेग्नेंसी के दौरान कोई ऐसा स्पोर्ट्स न खेलें जिसमें अधिक शारीरिक श्रम लगता हो और चोट लगने की अधिक संभावना हो।
इन टिप्स को फॉलो कर मिसकैरिज की संभावना को कम किया जा सकता है। हालांकि इस बारे में डॉक्टर से बात करना ज्यादा सही रहेगा।
मिसकैरिज के लक्षण
मिसकैरिज के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
- स्पॉटिंग जो 3 दिन से अधिक समय तक रहती है।
- ब्लीडिंग में क्लॉट और टिशूज शामिल होना।
- पीठ और पेट में कम से लेकर बहुत अधिक दर्द होना।
- वजन कम होना।
- वजायना से तरल पदार्थ या बलगम का स्राव।
- प्रेग्नेंसी के लक्षण न दिखाई देना जैसे- ब्रेस्ट की कोमलता, मितली, उल्टी आदि।
यदि आपको मिसकैरिज के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या मिसकैरिज के लक्षण दिखने पर इसको रोका जा सकता है?
अधिकांश मामलों में मिसकैरिज के लक्षण दिखने पर इसे रोका नहीं जा सकता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह प्रेग्नेंसी के कौन से चरण में हुआ है। मिसकैरिज के लक्षणों के दिखने का मतलब है कि प्रेग्नेंसी खत्म हो गई। हालांकि कुछ मालमों में ये लक्षण थ्रेटेंड मिसकैरिज नामक एक कंडिशन के हो सकते हैं। यह उन महिलाओं में होता है जो 20 हफ्ते से कम की गर्भवती हैं। इसमें हैवी ब्लीडिंग होती है जिससे आपको लगेगा कि प्रेग्नेंसी खत्म हो गई है।
हालांकि, यदि भ्रूण के दिल की धड़कन अभी भी बनी हुई है तो प्रेग्नेंसी जारी रह सकती है, भले ही आपको मिसकैरिज के कुछ लक्षण दिखें। इसलिए ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
थ्रेटेंड मिसकैरिज के उपचार में शामिल हैंः
- बेड रेस्ट
- सेक्स से परहेज
- ब्लीडिंग के कारणों का इलाज
- प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का इंजेक्शन लगाना
- यदि आपका ब्लड Rh निगेटिव और भ्रूण का Rh पॉजिटिव है तो Rh इम्यूनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन लगाना
हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल में दी गई मिसकैरिज की संभावना को कम करने से संबंधित जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां बताएं गए टिप्स को फॉलो करके मिसकैरिज की संभावना को कम किया जा सकता है। अगर आपको इससे संबंधित कोई शंका है तो एक बार डॉक्टर से कंसल्ट करें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता।
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