मिसकैरिज की संभावना को बढ़ा सकती हैं अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
मिसकैरिज की संभावना को बढ़ाने में महिलाओं की कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं, जैसे- असामान्य ब्लड शुगर लेवल, ओवर या अंडर एक्टिव थायरॉयड ग्लैंड या हार्मोन प्रोलैक्टिन का उच्च स्तर। डायबिटीज, थायरॉइड और हाई प्रोलैक्टिन स्तर जैसी समस्याओं का इलाज करके सफल गर्भधारण की संभावना को बढ़ाया जा सकता है और मिसकैरिज की संभावना को कम किया जा सकता है।
मिसकैरिज की संभावना को कम कर सकती है अनुवांशिक जांच
मिसकैरिज की एक वजह क्रोमोसोम्स का असंतुलन भी है जो अनुवाशिंक कारणों से होता है। ऐसे में डॉक्टर कपल का ब्लड टेस्ट करके अनुवांशिक कारणों का पता लगाने की कोशिश करते हैं और यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें जेनेटिक काउंसलिंग की सलाह दी जाती है। क्रोमोसोम्स में असंतुलन होने पर स्वस्थ बच्चे का जन्म मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हेल्दी बच्चे की चाह रखने वाले कपल्स को डॉक्टर आईवीएफ की सलाह देते हैं। आईवीएफ के दौरान एग और स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज किया जाता है और महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित करने से पहले भ्रूण की किसी भी तरह की असामान्यता की जांच की जाती है, इससे हेल्दी प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ सके और मिसकैरिज की संभावना कम हो सके।
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मिसकैरिज की संभावना को कम करने के लिए अपनाएं स्वस्थ जीवनशैली
मिसकैरिज की संभावना कम करने और हेल्दी प्रेग्नेंसी के चांसेस बढ़ाने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल बहुत जरूरी है। सिगरेट, शराब, कैफीन और हानिकारक ड्रग से दूरी बहुत जरूरी है, इससे मिसकैरिज का खतरा भी कम हो जाता है। मोटापा भी गर्भपात का खतरा बढ़ा देता है, इसलिए अपना वजन कंट्रोल में रखें। हालांकि अभी तक इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि स्ट्रेस, एंग्जाइटी और थोड़ा बहुत डिप्रेशन भी गर्भपात के लिए जिम्मेदार है, फिर भी इनसे बचने की कोशिश करें।