अगर आप जल्द से जल्द प्रेग्नेंट होना चाहती है तो आप के मन में एक्साइटमेंट जरूर होगा। ऐसे में आप जल्द से जल्द जानना चाहेंगी कि सेक्स के बाद आप कितनी जल्दी प्रेग्नेंट हो सकती है। हालांकि, प्रेग्नेंट होने के लिए कुछ मिनटों से 12 घंटे ही काफी है। लेकिन इसके लक्षण आपको कुछ समय के बाद ही दिखाई देंगे। क्योंकि सेक्स के बाद प्रेग्नेंसी के लक्षण (Symptoms of pregnancy after sex) सामने आने में कम से कम 6 से 10 दिन का वक्त लग सकता है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण की सारी बातें।
सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण (Symptoms of pregnancy after sex) और फर्टिलाइजेशन
फर्टिलाइजेशन प्रेग्नेंसी का सबसे पहला स्टेप है। जिसे हिंदी में निषेचन भी कहते हैं। निषेचन सभी जीवों में होता है, इसमें अंडाणु और शुक्राणु मिल कर भ्रूण का निर्माण करते हैं, जिससे नया जीव बनता होता है। इसी तरह से सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण आने से पहले फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया होती है। सेक्स करने के बाद जब पुरुष का स्पर्म महिला के वजायना से होते हुए सर्विक्स में पहुंचता है। इसके बाद सर्विक्स से स्पर्म फैलोपियन ट्यूब में मौजूद अंडे के पास पहुंचता है। इसके बाद स्पर्म अंडाणु को पेनिट्रेट करता है और फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू होती है।
सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण (Symptoms of pregnancy after sex) और फर्टाइल विंडो
आपको जानना जरूरी है कि सेक्स के बाद प्रेग्नेंट होने के लिए एक सही समय पर सेक्स होना जरूरी है। प्रेग्नेंट होने के लिए सही समय ‘फर्टाइल विंडो’ है। फर्टाइल विंडो को ओव्यूलेशन भी कहते हैं। ये किसी भी महिला के पीरियड आने से 11वें दिन से 14वें दिन के बीच का समय होता है। जिसमें 14वें दिन में अंडाणु फैलोपियन ट्यूब में आ जाते हैं और स्पर्म के वहां पहुंचते ही फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। सेक्स करने के बाद एक बार में 28 करोड़ स्पर्म निकलते हैं। लेकिन जो स्पर्म हेल्दी और ज्यादा मोबिलिटी वाला होता है, वहीं अंडाणु को पेनिट्रेट पाता है। इसके अलावा अगर आप पीरियड्स के 11वें दिन सेक्स करते हैं तो स्पर्म कम से 15वें दिन तक गर्भाशय में रुका रहता है। ऐसे में 14वें दिन जब अंडाणु बाहर निकलता है तो स्पर्म उसे फर्टिलाइज कर देता है।
एक अंडाणु को फर्टिलाइज्ड होने में 12 से 24 घंटे का समय लगता है। इसके बाद हॉर्मोनल चेंजेस होते हैं और फर्टिलाइजेशन के बाद अंडाणु भ्रूण बनने के ओर अग्रसर होने लगता है। जो कि कोशिका विभाजन की प्रक्रिया से हो कर गुजरता है।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस का असर पड़ सकता है भ्रूण के मष्तिष्क विकास पर
[mc4wp_form id=”183492″]
सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण का पहला चरण है इम्प्लांटेशन
अभी आप सोच रही होंगी कि ये इम्प्लांटेशन क्या होता है? इम्प्लांटेशन का मतलब होता है किसी भी चीज का स्थापन करना। इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया फर्टिलाइजेशन के बाद होती है। इम्प्लांटेशन में नया भ्रूण या जाइगोट में परिवर्तन शुरू हो जाता है। जैसे कि पहले मॉरूला और फिर ब्लास्टोप्लास्टी। जब भ्रूण ब्लास्टोप्लास्टी वाली स्टेज पर पहुंचता है तो इम्प्लांटेशन शुरू होता है। इस दौरान भ्रूण लगातार तेजी से बड़ा होता है। इसके बाद भ्रूण एंडोमैट्रियम वॉल पर जा कर एक ओर चिपक जाता है। इस दौरान थोड़ी ब्लीडिंग होती है और भ्रूण गर्भाशय में आ कर स्थापित हो जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को होने में कम से कम 6 से 10 दिन का वक्त लगता है।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन क्या सुरक्षित है? जानें इसके फायदे और नुकसान
इम्प्लांटेशन के लक्षण क्या हैं?
इम्प्लांटेशन के दौरान हल्की ब्लीडिंग होती है, जो पीरियड में हो रही ब्लीडिंग से अलग होती है। सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण में इम्प्लांटेशन पहला चरण है। जिसमें निम्न लक्षण सामने आते हैं :
- वजायना से हल्का खून निकलना और कुछ समय के बाद बंद हो जाना
- पेट में हल्का दर्द होना
- मूड स्विंग होना
- सिर दर्द होना
- वजायनल डिस्चार्ज होना
- बॉडी टेम्प्रेचर बढ़ जाना
- चक्कर आना
- जी मिचलाना
सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण क्या हैं?
हैलो स्वास्थ्य ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) स्थित ओपल हॉस्पिटल की स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. पूनम राय से बात की। डॉ. पूनम बताती हैं कि, सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण से पहले फर्टिलाइजेशन और फिर इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी होती है। फिर सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण सामने आने लगते हैं। जिसे गर्भावस्था के लक्षण भी कहा जा सकता है। शुरुआत में निम्न गर्भावस्था के लक्षण सामने आते हैं :
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में सीने में जलन से कैसे पाएं निजात
पीरियड मिस होना
सेक्स के बाद प्रेगनेंट होने के लक्षण में इम्प्लांटेशन के बाद सबसे पहले पीरियड मिस होता है। इससे किसी भी महिला को पता चलता है कि वह प्रेग्नेंट हो गई है। ऐसा इसलिए होता है कि जब इम्प्लांटेशन हो जाता है तो हॉर्मोंस यूटेराइन लाइनिंग को संभालने लगते हैं। लेकिन बिना किसी प्रेग्नेंसी जांच के इस बात की पुष्टि कर पाना कठिन है कि महिला प्रेग्नेंट है या नहीं।
स्तनों में बदलाव होना
सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण सामने आने पर ब्रेस्ट में बदलाव महसूस होता है। जिसके बाद ब्रेस्ट में सूजन होना, ब्रेस्ट को छूने पर मुलायमपन महसूस होना। इसके अलावा निप्पल में भी सेंसेशन होना प्रेग्नेंसी के लक्षणों में से एक है।
मॉर्निंग सिकनेस
प्रेग्नेंसी के लक्षण में सुबह उठने के बाद मन ठीक नहीं रहता है। इसके साथ ही सुबह जी मचलाना या उल्टियां होने जैसी समस्याओं से भी दो चार होना पड़ता है।
थकान महसूस होना
सेक्स के बाद गर्भावस्था के लक्षण में थकान होना सबसे आम लक्षण है। प्रेग्नेंसी की शुरुआत होने पर हॉर्मोन में बदलाव शुरू हो जाते हैं। ऐसे में प्रोजेस्ट्रॉन नामक हॉर्मोन के निकलने से शरीर पूरी तरह से एक्जॉस्ट हो जाता है। जिस कारण से महिला को थकान महसूस होने लगता है।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज क्यों होता है?
बार-बार पेशाब आना
सेक्स के बाद प्रेग्नेंट होने के लक्षण में ये लक्षण सबी महिलाओं में सामने नहीं आते हैं, लेकिन फिर भी कुछ महिलाओं ने इस लक्षण को महसूस किया है। गर्भावस्था के दौरान आपकी किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें रक्त की मात्रा बढ़ने के कारण ज्यादा मात्रा में प्यूरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होता है। इसी कारण से बार-बार पेशाब होने की समस्या होती है।
ध्यान दें
सेक्स के बाद प्रेग्नेंसी के लक्षण के बारे में तो बात हो गई। लेकिन इन लक्षणों की पुष्टि तभी होगी, जब महिला प्रेग्नेंसी टेस्ट किट के द्वारा अपनी जांच करेगी। प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए पेशाब की जांच, ब्लड की जांच और अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीकों का सहारा लेना होता है। सबसे आसान होता है पेशाब के द्वारा प्रेग्नेंसी का पता लगाना। क्योंकि इसे महिला खुद से घर पर भी कर सकती है। अगर फिर भी नहीं आश्वस्त हो तो अपने डॉक्टर के पास जा कर प्रेग्नेंसी टेस्ट कराएं और घर पर गुड न्यूज लेकर जाएं। इस तरह से आप मां बनने की खुशी को पा सकती है। इसके अलावा अगर किसी भी तरह की समस्या हो तो सीधे अपने डॉक्टर से संपर्क करना आपके लिए बेहतर होगा।
[embed-health-tool-ovulation]