सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज और इंफेक्शंस होना बहुत ही सामान्य है और अधिकतर लोग अपने जीवन में कभी न कभी इनका अनुभव करते ही हैं। इन्हीं में से एक है ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus), जिसे एचपीवी (HPV) के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस बहुत ही सामान्य, भयानक और तेजी से फैलने वाला है। इसके अधिकतर मामलों में रोगी को इसके लक्षण भी महसूस नहीं होते हैं। यही कारण है कि यह समस्या सेक्शुअल कांटेक्ट (Sexual Contact) के माध्यम से तेजी से फैलती है। हालांकि, इसका उपचार संभव है। लेकिन उससे भी अधिक जरूरी है इससे बचना। आज हम बात करने वाले हैं कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से कैसे बचा जा सकता है। आइए जानें, HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) यानि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से बचाव के बारे में।
ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के बारे में पाएं जानकारी (Know about Human papillomavirus)
HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) से पहले ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus) के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस 150 से भी अधिक वायरस का एक समूह है। जिनमें से 40 एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सेक्शुअल कांटेक्ट के माध्यम से फैलते हैं। यह इंफेक्शन महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित कर सकता है। अधिकतर मामलों में यह वायरस हानिकारक नहीं होता और खुद ही ठीक हो जाता है। लेकिन, एचपीवी के कुछ प्रकार जेनिटल वार्ट्स (Genital Warts) और कई सेल्स में बदलाव का कारण बन सकते हैं। जिससे उनकी कैंसर में बदलने की संभावना बढ़ जाती है। जिससे यह घातक रूप ले सकता है। ऐसे में, HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) या ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus) से बचाव बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं क्या हैं इसके लक्षण और कारण।
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ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के लक्षण और कारण (Symptoms and Causes of Human papillomavirus)
अधिकतर मामलों में ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus) का कोई लक्षण सामने नहीं आता है। गुप्तांगों में वार्ट्स ही इसका सबसे सामान्य लक्षण है। वायरस के संपर्क में आने के कई हफ्तों, महीनों या सालों के बाद यह लक्षण नजर आते हैं। HPV प्रिवेंशन के लिए जरूरी है इसके लक्षणों और कारणों के बारे में जानना। तो सबसे पहले जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में:
ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के लक्षण कौन से हैं (Symptoms)?
HPV इंफेक्शन तब होता है, जब वायरस शरीर में प्रवेश करता है। आमतौर, पर ऐसा किसी कट या चोट आदि के माध्यम से होता है। यह वायरस स्किन टू स्किन कांटेक्ट से फैल सकता है।
ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण (Causes)
जेनिटल HPV इंफेक्शन (Genital HPV Infection) फैलता है सेक्शुअल इंटरकोर्स (Sexual Intercourse), एनल सेक्स (Anal Sex) और अन्य जेनिटल रीजन के स्किन टू स्किन कांटेक्ट (Skin to Skin Contact) के माध्यम से। कुछ HPV इंफेक्शन जो ओरल और अपर रेस्पायरेटरी लिजन्स (Upper Respiratory Lesions) का कारण बनते हैं, वो ओरल सेक्स के माध्यम से भी फैल सकते हैं। अगर आप प्रेग्नेंट हैं और आपको जेनिटल वार्ट्स में HPV इंफेक्शन (HPV Infection) है, तो इससे आपका शिशु भी प्रभावित हो सकता है। वार्ट्स संक्रामक होते हैं और वार्ट के साथ संपर्क में आने से यह इंफेक्शन फैल सकता है। अब जानते हैं कि कैसे निदान और उपचार संभव है ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का।
HPV का निदान और उपचार कैसे किया जाता है? (Diagnosis and Treatment of HPV)
HPV प्रीवेंशन (HPV Prevention) तो जरूरी है, लेकिन इस समस्या के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। शारीरिक जांच के साथ ही इसका निदान संभव है। अगर जेनिटल वार्ट्स (Genital Warts) विजिबल न हों, तो आपको कुछ अन्य टेस्ट्स कराने की सलाह भी दी जा सकती है जैसे:
- विनेगर सॉलूशन टेस्ट (Acetic Acid)
- पैप टेस्ट (Pap Test)
- डीएनए टेस्ट (DNA Test)
वार्ट्स बिना ट्रीटमेंट के भी ठीक हो जाते हैं, खासतौर पर बच्चों में। लेकिन इसके उपचार के लिए यह तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- दवाइयां (Medications) जैसे सैलिसिलिक एसिड (Salicylic acid) , इमिक्विमोड (Imiquimod) और ट्राइक्लोरोएसिटिक एसिड (Trichloroacetic acid)
- अगर दवाइयां काम नहीं करती हैं, तो डॉक्टर वार्ट्स को निकालने के लिए अन्य तरीकों को अपना सकते हैं, जैसे:
1) लिक्विड नाइट्रोजन के साथ फ्रीजिंग (Freezing with Liquid Nitrogen) (Cryotherapy)
2) इलेक्ट्रिकल करंट के साथ जलाना (Burning with an Electrical Current) (Electrocautery)
3) सर्जिकल रिमूवल (Surgical Removal)
4) लेजर सर्जरी (Laser Surgery)
यह तो थे इसके उपचार के कुछ तरीके। इसके बाद आते हैं कि इससे कैसे बचा जा सकता है, जानिए इसके बारे में:
HPV प्रिवेंशन के तरीके कौन से हैं? (Ways of HPV Prevention)
HPV सबसे सामान्य सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexual Transmitted Infection) है और इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है वैक्सीनेशन, जिससे हम कुछ तरह के HPV से बच सकते हैं। आइए जानते HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) के तरीके वैक्सीनेशन के बारे में:
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HPV वैक्सीन क्या है (What’s the HPV Vaccine)?
HPV वैक्सीन आपको कुछ विशेष प्रकार के एचपीवी से बचाने में मदद करती है। जिससे कैंसर या जेनिटल वार्ट्स हो सकते हैं। यह एचपीवी वैक्सीन इन सब समस्याओं से बचाती है:
- HPV टायप्स 16 और 18 (HPV Types 16 and 18)— यह दो प्रकार के ह्यूमन पेपिलोमा वायरस 80% सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) मामलों का कारण बनते हैं। यह वैक्सीन इनसे बचाव कर सकती है।
- HPVटायप्स 6 और 11 (HPV Types 6 and 11)- यह 90% जेनिटल वार्ट्स मामलों का कारण बनते हैं।
- अन्य पांच तरह के HPV (Types 31, 33, 45, 52, and 58) : यह ह्यूमन पेपिलोमा वायरस सर्विक्स (Cervix) , एनस (Anus), वजाइना (Vagina), पीनस (Penis), या थ्रोट (Throat) से जुड़े कैंसर का कारण बन सकते हैं।
HPV वैक्सीन प्रभावित लोगों को अलग-अगल शॉट्स में दी जाती हैं। जैसे 15 -45 साल के लोगों को इसके तीन विभिन्न शॉट्स लगाए जाते हैं। दूसरा शॉट पहले के दो महीने बाद दिया जाता है और तीसरा दूसरे के चार महीने बाद दिया जाता है। इसलिए ,इन तीनों शॉट्स को लगाने में 6 महीने तक लग जाते हैं। 9 -14 साल के लोगों को केवल दो शॉट्स लगते हैं और दूसरा शॉट पहले के 6 महीने बाद लगता है।
किसे यह वैक्सीन लगवानी चाहिए (Who should get the HPV Vaccine)?
9 से 45 साल के लोग इस वैक्सीन को ले सकते हैं। ताकि, उनका जेनिटल वार्ट्स या विभिन्न तरह के HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) हो सके। जो कैंसर का कारण बनते हैं। यह भी सलाह दी जाती है कि बच्चों को 11 या 12 साल में ही वैक्सीन लगा लेनी चाहिए। ताकि वो सेक्शुअली एक्टिव होने से पहले पूरी तरह से सुरक्षित हों। लेकिन, उम्र के अलावा आपको डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए। ताकि, आप जान पाएं कि यह वैक्सीन आपके लिए किस तरह से लाभदायक है।
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क्या इसके साइड इफ़ेक्ट भी हैं (What are the HPV Vaccine Side Effects) ?
शोध के मुताबिक यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका सबसे सामान्य साइड इफेक्ट है जब आप शॉट लेते हैं, तो अस्थायी दर्द और लालिमा होना। इससे जुड़ा सबसे बड़ा बहस का मुद्दा यह है कि यह सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually Transmitted Infections) से बचाता है। इससे कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि यह बच्चों के लिए सही नहीं है लेकिन यह बिलकुल गलत है। छोटी उम्र में ही इसे लगाना ही सही है, ताकि बच्चों को जीवन में किसी भी तरह के कैंसर की समस्या न हो। हालांकि वैक्सीन लगवाने के बाद भी आपको नियमित HPV टेस्ट कराने की जरूरत हो सकती है।
HPV वैक्सीन के बारे में कुछ तथ्य (Facts about HPV Vaccine)
HPV वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और यह काफी हद तक इस इंफेक्शन से हमें सुरक्षित रखने में भी प्रभावी है। लेकिन, फिर भी लोगों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है। पाएं जानकारी इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में:
- HPV वैक्सीन सभी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus) से नहीं बचाती है, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसलिए अगर आपने यह वैक्सीन लगवा ली ।है तब भी आपके लिए पैप (Pap) या HVP टेस्ट (HVP Test) कराना जरूरी है।
- अगर आपको पहले ही यह इंफेक्शन है तो यह वैक्सीन आपका उपचार नहीं कर सकती है। हालांकि यह आपको दूसरी तरह का ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus) होने से अवश्य सुरक्षित रख सकती है।
- आप इस वैक्सीन को किसी भी अस्पताल, नर्सिंग होम या मेडिकल सेंटर से लगवा सकते हैं। इसके लिए अपने डॉक्टर से पूछें और सही मार्गदर्शन प्राप्त करें।
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स्क्रीनिंग भी है जरूरी (Screening Is Important)
HPV सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामलों का कारण बनता है। लेकिन, इसकी नियमित स्क्रीनिंग से इसका जल्दी निदान हो सकता है। HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) का यह भी एक अच्छा तरीका है। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की जांच 21 साल की उम्र से शुरू होती है, जिसे पैप स्मीयर (Pap Smear) कहा जाता है। यह टेस्ट सर्विक्स पर किसी भी असामान्य कोशिकाओं की पहचान करने में मदद करता है। नियमित जांच के साथ, असामान्य कोशिकाओं का जल्दी पता चल जाता है। जिससे कैंसर की ग्रोथ को रोकने का निदान और उपचार जल्दी हो पाता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार सेक्शुअली ट्रांसमिटेड ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Sexually Transmitted Human Papillomavirus) इंफेक्शंस जेनिटल वार्ट्स और सर्वाइकल कैंसर का कारण है। यह अन्य प्रकार के एंनोजेनिटल कैंसर (Anogenital Cancers) के विकास में भी एक योगदान कारक हैं। सेक्शुअल पार्टनर्स की अधिक संख्या के कारण भी HPV संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
HPV प्रिवेंशन के अन्य तरीके (Other Ways of HPV Prevention)
यह तो थे HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) के कुछ आसान तरीके जैसे वैक्सीनेशन और नियमित स्क्रीनिंग। इसके साथ ही आपको कुछ अन्य चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए। STD जैसे HPV से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप किसी भी व्यक्ति के सेक्शुअल कांटेक्ट में आने से बचे जैसे वजायनल (Vaginal), ओरल (Oral), एनल सेक्स (Anal Sex) आदि। लेकिन संभोग जीवन का एक अहम हिस्सा है। इसलिए अगर आप सेक्शुअली एक्टिव हैं तो इन इस समस्या को होने और फैलने के जोखिम को इस तरह से कम कर सकते हैं:
- वजाइनल (Vaginal), एनल (Anal) या ओरल सेक्स (Oral Sex) के लिए हर बार कंडोम (Condom) या डेंटल डैम (Dental Dam) का प्रयोग करें।
- सही समय पर वैक्सीनेशन कराएं।
- दूसरे व्यक्ति तक यह इंफेक्शन न फैले इसके लिए भी आपको सोचना चाहिए। जैसे अगर आपको पता है कि आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो इसके बारे में अपने पार्टनर को अवश्य बताएं। ताकि, वो तुरंत अपनी जांच और उपचार कराए। इससे वो भी इस रोग से बच सकते हैं।
- ध्यान रहे, आपके सेक्शुअल पार्टनर कम होने चाहिए। सेक्शुअल पार्टनर अधिक होने पर इस इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है।
- छोटी उम्र से ही संभोग करना भी इस समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए, अपने बच्चों का सही मार्गदर्शन करें।
- नियमित रूप से सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस (Sextually Transmitted Infections) का टेस्ट कराएं ।
हेल्दी लाइफस्टाइल से मजबूत करें इम्यूनिटी
हालांकि, किसी खास डायट से HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) संभव नहीं है। यही नहीं इससे कैंसर से जुड़े HPV से भी बचाव नहीं हो सकता। लेकिन, यह साबित हो चुका है कि हेल्दी, प्लांट बेस्ड डायट जिनमें पर्याप्त विटामिन या मिनरल होते हैं वो इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं और कुछ कैंसर के विकास को रोक सकते हैं। इसलिए हेल्दी डायट को फॉलो करें जिनमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि शामिल हैं। इसके साथ ही नियमित व्यायाम करें, तनाव से दूर रहें, स्मोकिंग से बचे और शराब की मात्रा सीमित कर दें। हेल्दी इम्यून सिस्टम (Healthy Immune System) इंफेक्शन से लड़ने में आपको मदद कर सकता है।
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HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) का सबसे अच्छा तरीका है सेक्शुअल एक्टिविटीज शुरू करने से पहले वैक्सीन का प्रयोग करना। इसके साथ ही इससे बचने के लिए सही मार्गदर्शन के लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। लेकिन, अगर आपको इससे संबंधित कोई भी लक्षण नजर आता है, तो देर न करें और तुरंत मेडिकल हेल्प लेकर इस समस्या का उपचार कराएं। अपने बच्चों को भी इस रोग के बारे में जागरूक करें और उन्हें भी HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) के तरीकों के बारे में समझाएं ताकि वो पूरी उम्र इस समस्या से बच सकें।
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