ऑर्गैज्म सेक्स के दौरान प्राप्त होने वाले आनंद को कहा जाता है। जब बात ऑर्गैज्म की होती है, तो इस पुरुष प्रधान समाज में महिला के ऑर्गैज्म को अधिक महत्व नहीं दिया जाता है। इसे लेकर कई गलत जानकारियां और मिथक भी फैले हुए हैं। ऑर्गैज्म तक पहुंचने के लिए महिला के कई अंग मदद करते हैं। यह केवल आनंद के लिए ही नहीं, बल्कि शरीर को आराम पहुंचाने, तनाव को दूर करने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी अच्छा है। अगर आप भी महिला ऑर्गैज्म के बारे में नहीं जानते, तो अवश्य जानिए। पाएं महिला ऑर्गैज्म के बारे में कुछ रोचक जानकारियां।
महिला ऑर्गैज्म कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
महिलाओं को योनि के माध्यम से सेक्स करने पर ऑर्गैज्म प्राप्त करने में मुश्किल होती है। ऐसे में अन्य तरीकों जैसे क्लिटोरियल, ओरल सेक्स, निप्पल प्ले आदि से ऑर्गैज्म पाने में मदद मिलती है। इसलिए यदि आपको ऑर्गैज्म पाने में समस्या हो रही है, तो आप विभिन्न प्रकार की यौन क्रियाओं को ट्राय कर सकती हैं और पता कर सकती हैं कि इनमें से आपके लिए कौन-सा तरीका सही है।
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आप कितनी तरह के महिला ऑर्गैज्म के बारे में जानते हैं?
तीन तरह के मुख्य महिला ऑर्गैज्म हैं: क्लिटोरियल, वजायनल और ब्लेंडेड (blended)। इनमें से क्लिटोरियल बहुत ही सामान्य है। लगभग 75% महिलाओं को ऑर्गैज्म तक पहुंचने के लिए क्लिटोरियल स्टिमुलेशन की जरूरत पड़ती है।
वजायनल ऑर्गैज्म का अर्थ है कि महिला बिना क्लिटोरियल स्टिमुलेशन के ऑर्गैज्म तक पहुंच सकती है। हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक वजायनल ऑर्गैज्म कुछ भी नहीं है, यह केवल एक मिथक है। क्योंकि योनि स्वयं शरीर-रचना की दृष्टि से ऑर्गैज्म तक पहुंचाने में असमर्थ है। महिलाओं के अनुभव के मुताबिक वो वजायनल और क्लिटोरियल ऑर्गैज्म के मेल से अधिक आनंद का अनुभव करती हैं। ब्लेंडेड ऑर्गैज्म बहुत ही दुर्लभ है और इनका अनुभव केवल कुछ ही लोग कर सकते हैं। इसमें महिला को वजायनल और क्लिटोरियल दोनों ऑर्गैज्म एकसाथ प्राप्त होते हैं।
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महिलाओं में जी-स्पॉट कहां होता है?
जी-स्पॉट को योनि का ही एक हिस्सा माना जाता है। कुछ लोग यह मानते हैं कि यह क्लिटोरियल का ही विस्तार है। ऐसा भी माना जाता है कि यह जी-स्पॉट योनि के शुरुआती पॉइंट से अंदर 0.8–1.2 इंच दूर पहली दीवार पर होता है। छूने पर यह, यह एक खुरदरे बटन के समान है और इस पर दबाव डालने से ऐसा प्रतीत हो सकता है जैसे आपका ब्लाडर भरा हुआ है।
ऐसा भी कहा जाता है कि सेक्स के दौरान जी-स्पॉट ही महिलाओं के सेक्शुअल प्लेजर का मुख्य भाग है। हालांकि सेक्स के दौरान इसे ढूंढना मुश्किल है।
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महिलाओं को ऑर्गैज्म के दौरान शरीर में क्या होता है?
ऑर्गैज्म में हमारा दिमाग बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। ऐसा लगता है कि ऑर्गैज्म का प्रभाव केवल गुप्तांगों पर पड़ता है, लेकिन इसका असर पूरे शरीर पर होता है। ऑर्गैज्म में दिमाग इतना शक्तिशाली होता है कि कुछ महिलाएं सोच-समझकर ही इसे हासिल कर पाती हैं, जिसमें शारीरिक उत्तेजना बिल्कुल नहीं होती। दिमाग और गुप्तांग नसों के माध्यम से संचार करते हैं। इस तरह की नसें योनि, गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को मस्तिष्क से जोड़ती हैं।
यही कारण है कि, महिलाओं को क्लिटोरियल ऑर्गैज्म में योनि के ऑर्गैज्म से अलग महसूस होता है। दिमाग केमिकल्स का उत्पादन करता है, जिससे अधिक आनंद महसूस होता है। ऑर्गैज्म के दौरान, मस्तिष्क ऑक्सीटोसिन नाम के एक हॉर्मोन को भी छोड़ता है, जो इंटीमेसी और विश्वास की भावनाओं को लाता है।
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महिला ऑर्गैज्म और पुरुष ऑर्गैज्म में क्या फर्क है
महिला ऑर्गैज्म और पुरुष ऑर्गैज्म के बीच कोई फर्क नहीं है। दोनों के गुप्तांगों में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, सांस और हार्ट रेट बढ़ जाती है और मांसपेशियों में संकुचन होता है। हां, अवधि में वो अलग हो सकते हैं। महिला ऑर्गैज्म आमतौर पर लंबे समय तक रहता है जबकि पुरुष ऑर्गैज्म की अवधि कम हो सकती है। महिलाओं को आमतौर पर फिर से उत्तेजित होने पर अधिक ऑर्गैज्म का सुख प्राप्त हो सकता है।
महिलाएं ऑर्गैज्म कैसे प्राप्त करें?
महिलाओं में ऑर्गैज्म प्राप्त करना पुरुषों के मुकाबले अधिक कठिन होता है। क्योंकि ऐसा करने के लिए अभी तक कोई स्पष्ट तरीके के बारे में पता नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि, निम्न प्रकार के ऑर्गैज्म के बारे में जानकार आपको सेक्स के दौरान काफी मदद मिल सकती है। तो आइए जानते महिलाओं में कितने प्रकार के ऑर्गैज्म होते हैं और उन्हें कैसे प्राप्त किया जा सकता है-
क्लिटोरियल- इस प्रकार के ऑर्गैज्म त्वचा के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं। शरीर की ऊपरी सतह पर उत्तेजना महसूस होने पर मस्तिष्क में हॉर्मोन का उत्पादन होता है, जिससे ऑर्गैज्म की स्थिति उत्पन्न होती है।
वजायनल- वजायनल ऑर्गैज्म को पैनिट्रेशन की मदद से प्राप्त किया जाता है। योनि में मौजूद वाल्स पर प्रेशर बढ़ने के कारण ऐसा हो पाता है।
एनल- एनल सेक्स के दौरान आपको ऑर्गैज्म की फील आने पर जेनिटल की बजाए एनल के पास ऑर्गैज्म महसूस होगा।
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ऑर्गैज्म पाने में असमर्थता के कारण क्या हो सकते हैं?
एक अध्ययन के अनुसार लगभग 33 प्रतिशत महिलाएं ऑर्गैज्म तक नहीं पहुंच पाती। इसके कारणों को दो भागों में बांटा गया है।
मनोवैज्ञानिक कारण
- भावनाओं पर अत्यधिक नियंत्रण
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आत्मविश्वास की कमी, कुछ गलत करने का डर
- गर्भवती होने का डर
- पहला यौन अनुभव बुरा होना
- मनोवैज्ञानिक ट्रॉमा
- तनाव
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शारीरिक कारण
- हार्मोनल विकार
- तंत्रिका और हृदय प्रणाली में खराबी
- दवाएं लेना (विशेषकर एंटीडिप्रेसेंट्स)
ऑर्गैज्म तक न पहुंच पाने की समस्या को एनोर्गास्मिया कहा जाता है। एनोर्गास्मिया का उपचार समस्या के कारण के अनुसार किया जाता है। कभी-कभी, नई पुजिशन को ट्राय करने या फोरप्ले पर अधिक ध्यान केंद्रित करने से भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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वजायनल ऑर्गैज्म पाने में समस्या हो, तो क्या करना चाहिए?
बहुत सी महिलाएं ऑर्गैज्म तक पहुंचने में समर्थ नहीं होती। कुछ महिलाएं तो पूरी उम्र इस समस्या का सामना करती हैं। तो कुछ लोगों के साथ ऐसा किसी खास पार्टनर या स्थितियों में होता है। कारण और स्थिति कोई भी हो, लेकिन यह बहुत ही परेशान करने वाला है। जानिए ऐसे में आप क्या कर सकती हैं:
डॉक्टर से मिलें
कुछ महिलाएं सेक्शुअल स्वास्थ्य के बारे में किसी से बात नहीं करना चाहती, लेकिन यह जरूरी है। हो सकता है कि कोई शारीरिक बाधा हो, जिसके कारण आप ऑर्गैज्म तक न पहुंच पा रही हों। जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर आदि। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।
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पार्टनर से बात करें
सबसे पहले खुद उन कारणों के बारे में सोचें, जिनकी वजह से आप ऑर्गैज्म तक नहीं पहुंच पा रही हैं। अपनी सेहत, सेक्स को लेकर आप क्या सोचती हैं? जैसे सवाल खुद से पूछें। इसके साथ ही अपने पार्टनर से भी बात करें। आप और आपका पार्टनर दोनों इस समस्या का हल कर सकते हैं।
हस्तमैथुन
कई बार लोग इस वजह से ऑर्गैज्म तक नहीं पहुंच पाते हैं, क्योंकि वो नहीं जानते कि यहां तक कैसे पहुंचे। ऐसे में आप आप खुद कुछ अकेले में समय निकाले, जहां आप रिलैक्स हो सकें। हस्तमैथुन ऑर्गैज्म पाने का एक तरीका हो सकता है। इसके लिए आप सेक्स टॉयज का प्रयोग भी कर सकती हैं।
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कुछ आसान उपायों से भी आप अपनी सेक्स लाइफ सुधार सकती हैं जैसे –
- अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करें।
- अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन न करें और ड्रग्स भी न लें।
- रोजाना व्यायाम करें। खासतौर पर कीगल एक्सरसाइज करें। इसे करने से पेल्विक फ्लोर मसल्स मजबूत होती है। जो शारीरिक और सेक्शुअल समस्याओं और ऑर्गैज्म तक पहुंचने में आपकी मदद कर सकती है।
- कोई भी ऐसी दवाई को लेना बंद न करें, जिसकी सलाह डॉक्टर ने दी है। जब तक डॉक्टर खुद उसे लेने के लिए मना न करे।
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें। इससे थकान और अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जो सेक्शुअल स्वास्थ्य और ऑर्गैज्म को प्रभावित कर सकती हैं।