संतरे के छिलके में फ्लेवोनॉएड प्रचीर मात्रा में पाया जाता है, जिसे हेस्पेरिडिन कहा जाता है। हेस्पेरिडिन से ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर का लेवल कम होता है। छिलके में भी एंटी-इंफ्लमेटरी गुण होते हैं। जिससे हार्ट डिजीज का रिस्क कम होता है, क्योंकि हार्ट डिजीज इंफ्लमेशन के कारण होता है। संतरे के छिलकों में पॉलीमेथोक्सिलेटेड फ्लेवोन के कम्पाउंड पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को ठीक रखता है।
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कैंसर से लड़ता है नारंगी का छिलका
एक अध्ययन के मुताबिक संतरे के छिलके में पाए जाने वाले फ्लैवेनॉएड्स में RLIP76 नामक एक प्रोटीनी पाया जाता है, जिसका संबंध कैंसर को ठीक करने से होता है। इसलिए अगर आपको कैंसर है तो आपको संतरे का छिलका खाना चाहिए, वहीं अगर नहीं है तो आप कैंसर के रिस्क को कम कर सकते हैं। संतरे के छिलके में एक कम्पाउंड पाया जाता है, जिसे लाइमोनिन (limonene) कहा जाता है। लाइमोनिन कैंसर के रिस्क को कम करता है।
डायबिटीज के इलाज में होता है संतरे के छिलके का इस्तेमाल
नारंगी के छिलके में पेक्टिन पाया जाता है। पेक्टिन एक प्रकार का फाइबर होता है, जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। जिससे अगर किसी को डायबिटीज हो तो संतरे का छिलका उसका शुगर लेवल मेंटेन कर के रखता है। एक रिसर्च के मुताबिक ऑरेंज पील का एक्सट्रैक्ट डायबिटीक नेफ्रोपैथी से बचाव करता है।
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वजन घटाने में करे मदद
ऑरेंज में लो कैलोरी होती है, जिससे कम कैलोरी वाले फूड्स में इसका नाम शामिल है। इसलिए अक्सर डायटीशियन वजन घटाने के लिए संतरा खाने की सलाह देते हैं। संतरे में डायट्री फाइबर होता है, जो कि भूख और ठूस-ठूस के खाने की आदत को कम करता है। संतरे के छिलके में विटामिन सी रहता है, जिससे फैट को बर्न करने में मदद मिलती है।
पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त