हर 10 में से 8 महिला अक्सर योनि से जुड़ी किसी न किसी एक समस्या से परेशान रहती हैं। किसी को पीरियड्स के दिनों में होने वाली खुजली और दानों का डर होता है, तो कुछ महिलाओं को योनि से दुर्गंध आने की शिकायत रहती है। जानिए योनि इंफेक्शन से जुड़ी इन समस्याओं का हल।
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सवाल
मैं रेगुलर बेसिस पर ट्रैवल करती हूं। ट्रैवलिंग के समय अगर टॉयलेट जाने की जरूरत होती है, तो जैसा भी टॉयलेट हो मुझे यूज करना पड़ता है। ऐसा करने से मुझे योनि इंफेक्शन और वजाइना में खुजली होने लगती है, जो लगभग 3 से 4 दिनों तक होती ही रहती है। क्या आप मुझे बता सकती हैं कि योनि इंफेक्शन से बचने के लिए मुझे किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए?
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जवाब
50 फीसदी से ज्यादा महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection) (UTI) और योनि इंफेक्शन के लक्षण दिखाई देते हैं। अगर योनि इंफेक्शन के लक्षणों की बात करें, तो खुजली होना, पेशाब करते समय जलन महसूस होना, वजाइना की त्वचा लाल होना, बार-बार बाथरूम जाना इस प्रकार के योनि इंफेक्शन के लक्षण दिखाई देते हैं। जिससे महिलाएं चिड़चिड़ा महसूस करती रहती हैं।
ट्रैवलिंग के समय तो योनि इंफेक्शन की समस्या बहुत ज्यादा होती है। इसके कुछ सामान्य कारण हैं, जैसे, आप पेशाब को बहुत देर तक रोक कर रखती हैं, टॉयलेट करने से पहले फ्लश नहीं करती हैं, आप जो अंडरवीयर पहनती हैं वो सिंथेटिक मटेरियल होती है या योनि इंफेक्शन के ऐसे ही कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। UTI को होने से रोकने के लिए आप इन चीजों को फॉलो कर सकती हैंः
- आपको जैसे ही पेशाब लगे, उसे रोके नहीं, बल्कि टॉयलेट जाएं।
- अगर आप सिंथेटिक मटेरियल की अंडरवीयर का इस्तेमाल करती हैं, तो ऐसा न करें। हमेशा कॉटन की अंडरवीयर का इस्तेमाल करें। यह ज्यागा आरामदायक होती है और कपड़े भी ढीले-ढाले पहनें।
- वजाइना पर किसी भी खुशबूदार चीज का इस्तेमाल न करें।
- ये बहुत जरूर है कि टॉयलेट जाने से पहले फ्लश करें और उसके बाद भी फ्लश करें।
- जब भी आप पेशाब करें, तो पानी से योनि को साफ करें। साफ करते समय इस बात का ध्यान रखें कि योनि की सफाई आगे से पीछे की ओर करें।
- आपको हर दिन साफ-सुथरा अंडरवीयर पहनना चाहिए। अंडरवीयर को हर दिन बदलना चाहिए। दिनभर इस्तेमाल की गए अंडरवीयर को रात में सोते समय बदलें।
- अगर आपको पहले से ही योनि इंफेक्शन हुआ है, तो ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। इससे आप कई बार बाथरूम जाओगे और ब्लैडर में जो बैक्टीरिया हैं वो बाहर निकल जाएंगे।
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जानिए योनि इंफेक्शन होने के कारण और उनके उपचार
योनि इंफेक्शन होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ साधारण तो कुछ गंभीर भी हो सकते हैं। जो निम्न हैंः
1.हार्मोन स्तर में बदलाव होना
बढ़ती उम्र के साथ ही शरीर में हार्मोन के स्तरों में भी बदलाव होता है, जिसके कारण एस्ट्रोजन स्तर घट सकता है। ब्रेस्टफीडिंग कराने से भी एस्ट्रोजन के लेवल में कमी आ सकती है। इसके कारण योनि की परत पतली हो सकती है जो योनि में खुजली और योनि इंफेक्शन का कारण भी बन सकती है।
उपचार
ब्रेस्टफीडिंग बंद करने के बाद हार्मोन के लेवल में अपने आप सुधार आ सकता है। हालांकि, इसके बाद भी अगर योनि इंफेक्शन की समस्या बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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2.यीस्ट इंफेक्शन
यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal Yeast Infection) होने पर योनि में बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है। योनि मार्ग में कभी-कभी हल्का दर्द भी होने लगता है। सेक्स करते समय या यूरिन पास करते समय जलन भी महसूस होता है। यीस्ट इंफेक्शन होने के कारण वजायना के अंदर सफेद रंग का लिक्विड डिस्चार्ज होने लगता है। जिसकी वजह से वजायना से बदबू आने की समस्या भी होने लगती है। इसके अलावा वजायना के ऊपरी और आसपास की त्वचा में लाल रंग के दाने भी होने लगते हैं।
उपचार
आमतौर पर योनि में फंगस पहले से ही मौजूद रहते हैं। अगर योनि की साफ-सफाई में लापरवाही बरती जाए, तो यह बढ़ सकते हैं। जिसकी वजह से योनि इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। योनि में यीस्ट इंफेक्शन के उपचार के लिए एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है और अपने डॉक्टर की सलाह पर मेडिकल स्टोर से योनि इंफेक्शन को दूर करने वाली क्रीम और गोलियों का भी सहारा ले सकते हैं।
3.बैक्टीरियल वेजिनोसिस
बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) वजायना में बैक्टीरिया की अधिक वृद्धि के कारण होने वाला वजायनल इंफेक्शन है। सेक्स करने से भी बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो सकता है और ये उन्हें भी हो सकता है जो लोग सेक्सुअल एक्टिव नहीं होते हैं। मेनोपॉज और हॉर्मोनल बदलावों के कारण भी बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो जाता है। जिसके कारण भी वजायना से बदबू भी आ सकती है। आमतौर पर बैक्टीरियल वेजिनोसिस योनि में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच के असंतुलन होने के कारण हो सकते है।
उपचार
इसका उपचार करने के लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाइयों के सेवन की सलाह दे सकते हैं, जो खाने वाली दवाओं, जेल और क्रीम के रूप में हो सकती है।
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4.सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STIs)
यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Infections) असुरक्षित सेक्स के कारण होते हैं, जो योनि में खुजली और योनि इंफेक्शन के कारण बन सकते हैं। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STIs) को सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STDs) भी कहा जाता है। ये योनि इंफेक्शन महिलाओं में बांझपन का कारण भी बनता है। साल 2002-03 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STIs) के कारण हर साल लगभग 100 लाख महिलाएं परेशान रहती हैं। यौन संचारित रोग का सबसे ज्यादा खतरा 15 साल से 24 साल तक ही महिलाओं में रहता है। इसके कई प्रकार हो सकते हैं:
- क्लैमाइडिया
- प्राइवेट पार्ट में दाने निकलना
- गोनोरिया
- जननांग में दाद
- ट्राइकोमोनिएसिस
उपचार
योनि इंफेक्शन के सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं, एंटीवायरल और एंटीपैरासिटिक्स की मदद ली जा सकती है। इसके इस्तेमाल के दौरान सेक्स से परहेज करना होता है।
5.यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection) (UTI) महिलाओं में होने वाली योनि इंफेक्शन की सबसे सामान्य बीमारी है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (WHO) के रिपोर्ट के मुताबिक, तकरीबन 50 फिसदी महिलाएं अपने पूरे जीवनकाल में कभी ना कभी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या का शिकार होती हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का मुख्य कारण सफाई में लापरवाही बरतना होता है। इसके कारण योनि व मूत्रमार्ग में जलन और दर्द भी हो सकता है। साथ ही, यह किसी भी उम्र की महिला या छोटी लड़कियों को कभी भी हो सकता है। एशेरिकिया कोलाए (Escherichia Coli) नाम का बैक्टीरिया यूटीआई के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होता है। ये बैक्टीरिया आंतों में रहता है, जहां से मलाशय (Rectum) से होते हुए गुदा (Anus) तक पहुंचता है और फिर वजायना से होते हुए मूत्रमार्ग तक पहुंच जाता है।
उपचार
ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा यूटीआई की समस्या होने पर आप करौंदे (Cranberry) का जूस भी पी सकते हैं।
ऊपर दी गई योनि इंफेक्शन की सलाह किसी भी चिकित्सा को प्रदान नहीं करती है। योनि इंफेक्शन के कारण और उपचार के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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