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सेक्स को लेकर हमेशा रहे जागरूक, ताकि सुरक्षित सेक्स कर बीमारियों से कर सकें बचाव

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/06/2021

    सेक्स को लेकर हमेशा रहे जागरूक, ताकि सुरक्षित सेक्स कर बीमारियों से कर सकें बचाव

    सबके जीवन में सेक्स अहम हिस्सा है, लेकिन जरूरी है कि इसे सुरक्षित तौर पर किया जाए ताकि बीमारियों से बचा जा सके। इसलिए हम यहां बात सुरक्षित सेक्स को लेकर कर रहे हैं, यह तभी संभव है जब हम खुलकर सेक्स जैसे विषय पर चर्चा करेंगे। शर्मिंदगी, पिछड़ापन, अंधविश्वास जैसे कारणों की वजह से भारत में आज भी लोग खुलकर सेक्स पर बात नहीं करते हैं, लेकिन जागरूकता तभी संभव है जब हम सेफ सेक्स या सुरक्षित सेक्स को लेकर खुलकर बात करेंगे। सिर्फ डॉक्टर और किताबों में सेक्स की बातें सिमटकर न रह जाए इसलिए सार्वजनिक मंच सुरक्षित सेक्स जैसे विषय पर बात करना जरूरी हो गया है, ऐसा करने से व जागरूकता लाने से सेक्स संबंधी बीमारियों में कमी होगी।

    सुरक्षित सेक्स के लिए हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमें संभोग करने के बाद सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Disease) न हो, खासतौर पर एचआईवी (HIV), हर्पीस (Herpes), सिफलिस (Syphlis) जैसी बीमारी। सुरक्षित सेक्स के लिए आप अपने पार्टनर से बात कर इसमें काफी हद तक सुधार कर सकते हैं। जैसा कि नाम है सुरक्षित सेक्स, इसमें भी कुछ हद तक रिस्क छिपे होते हैं, लेकिन बिना प्रोटेक्शन के सेक्स से यह काफी असुरक्षित है। कुल मिलाकर कहा जाए तो सेफ सेक्स उसे कहते हैं जिसमें संभोग क्रिया के दौरान सावधानी बरती जाए, जैसे

  • कंडोम के साथ ओरल सेक्स, डेंटल डैम या प्लास्टिक रैम का इस्तेमाल कर ओरल सेक्स
  • वजाइना सेक्स के लिए मेल और फीमेल कंडोम का इस्तेमाल
  • एनल सेक्स के लिए मेल और फीमेल कंडोम का इस्तेमाल कर
  • लोगों को कैसे होती है एसटीडी (How Do People Have STDs)

    सुरक्षित सेक्स

    झारखंड की यूनिवर्सल संस्था के साथ मिलकर एचआईवी मरीजों के लिए काम कर रहे जमशेदपुर के होमियोपैथिक डॉक्टर नागेन्द्र शर्मा ने कहा- एसटीडी को सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज कहा जाता है। यह बीमारी वजाइनल, ओरल या एनल सेक्स से फैल सकती है। एसटीडी के तहत होने वाली बीमारी में ज्यादातर बीमारी सीमेन, ब्लड, वजाइनल फ्लूड और स्किन में होने वाले इंफेक्शन के कारण होती है। एसटीडी के अंदर आने वाली सामान्य बीमारियों में सिफलिस, गोनोरिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस एचपीवी (human papillomavirus), एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस), हेपेटाइटिस ए, जेनाइटिस हर्पिस, फंगल इंफेक्शन सहित अन्य बीमारियां सामान्य हैं। जरूरी है कि एसटीडी से बचाव किया जाए।

    सुरक्षित सेक्स का अर्थ यही होता है कि अपने पार्टनर का सिमेन, वजायनल फ्लूइड व्यक्ति के वजाइना, एनस, पेनिस और मुंह में ही रह जाता है। सुरक्षित सेक्स के लिए जरूरी है कि स्किन से स्किन के संपर्क को भी कम करना चाहिए ताकि एसटीडी की बीमारी न फैले। असुरक्षित सेक्स में कट्स, सोर और ब्लीडिंग के साथ गम के कारण एक से दूसरे व्यक्ति में बीमारी फैल सकती है। जो भी व्यक्ति असुरक्षित यौन संबंध कायम करे उसे एसटीडी की बीमारी हो सकती है। वैसे वयस्क जिनके एक से अधिक पार्टनर हैं, गे, बायसेक्सुअल लोगों में एसटीडी की बीमारी होने की संभावनाएं अन्य की तुलना में अधिक रहती है। हो सकता है कि सेक्स करने के तुरंत बाद आपको कोई लक्षण न दिखाई दे, क्योंकि लक्षण बीमारियों पर निर्भर करते हैं। इसे जानने का सही तरीका यही है कि आप एसटीडी की जांच कराएं।

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    सुरक्षित सेक्स या सेफ सेक्स क्या है? (Safe Sex)

    एचआईवी और एसटीडी की बीमारी से बचाव का एक ही तरीका है कि आप सिंगल पार्टनर के साथ सेक्सुअल हाइजीन बनाए रखते हुए संभोग करें। सुरक्षित सेक्स का दूसरा सही तरीका यही है कि दो ऐसे व्यक्ति सेक्स करें, जिनको न तो एचआईवी है और न ही एसटीडी, वहीं ये लोग किसी प्रकार के इंजेक्टेबल ड्रग्स का भी इस्तेमाल न करते हों। ऐसा कर सुरक्षित सेक्स किया जा सकता है और बीमारियों से भी काफी हद तक बचा जा सकता है। आप चाहे तो कॉन्ट्रासेप्टिव का नियमित इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं एक से अन्य पार्टनर के साथ सेक्स करने से बचना चाहिए।  वहीं जब आपको आपके पार्टनर की सेक्स हिस्ट्री के बारे में पता न हो तब आप इन सुरक्षित उपायों को आजमा सकते हैं, जैसे

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    एसटीडी होने पर कैसे करें सुरक्षित सेक्स (Tips For Safe Sex If You Have STD)

    कुछ एसटीडी की बीमारी कभी ठीक नहीं होती। कुछ केस में बीमारी से प्रभावित होने के बावजूद उनमें लक्षण नहीं दिखते हैं। लेकिन आप इस परिस्थिति में भी सुरक्षित सेक्स कर अपने पार्टनर को एसटीडी की बीमारी से बचा सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि अपने नए साथी के साथ खुलकर इस मुद्दे पर चर्चा करें, उन्हें अपने पुराने साथी के बारे में बताएं, एसटीडी की हिस्ट्री के बारे में बताएं और आप पूर्व में किसी प्रकार का ड्रग्स का सेवन करते थे तो उसके बारे में भी पार्टनर को बताएं।

    सुरक्षित सेक्स के लिए जब भी आपने ज्यादा शराब पी रखी हो या फिर ड्रग्स का सेवन किया हो तो ऐसे में आपको सेक्स नहीं करनी चाहिए। संभावना रहती है कि ऐसी स्थिति में आप कंडोम लगाना भूल जाएं और अपनी जान को और भी ज्यादा जोखिम में डाल दें। सुरक्षित सेक्स के लिए आप नियमित तौर पर मेडिकल एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं। वहीं यदि आपको या आपके पार्टनर को किसी प्रकार का घाव हो, कट मार्क हो, रैशेज हो या फिर डिस्चार्ज आए तो उस स्थिति में भी डॉक्टरी सलाह लेने के बाद ही सेक्स करना चाहिए।

    आप सोचते हैं कि सेक्स करने के बाद आप प्राइवेट पार्ट को धो लेंगे तो इससे कोई बीमारी नहीं होगी, यह सही नहीं है, क्योंकि ऐसा कर आप एसटीडी से बचाव नहीं कर सकते हैं। लेकिन प्राइवेट पार्ट को धोने से इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है।

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    आपके पार्टनर को एचआईवी होने पर सुरक्षित सेक्स (Safe Sex Tips If You Have HIV)

    यदि आपके पार्टनर को एचआईवी है तो बेहतर यही होगा कि सेक्स करने के पूर्व आप डॉक्टरी सलाह लें। इस स्थिति में भी सुरक्षित सेक्स कर आप एसटीडी और उससे जुड़ी अन्य बीमारियों से बच सकते हैं। वहीं डॉक्टर के सुझाए अनुसार आप इलाज करा सकते हैं।

    सुरक्षित सेक्स (Safe Sex) में आने वाली रुकावटें

    सेक्स के दौरान बैरियर अपनाकर कई प्रकार के इंफेक्शन से बच सकते हैं, जैसे वायरस और बैक्टीरिया से बचाव कर सकते हैं। ज्यादातरपुरुष लेटेक्स से बने कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। यदि आपका मेल पार्टनर कंडोम का इस्तेमाल नहीं करता है तो आप महिला को फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करने की बात कह सकते हैं। यह कंडोम महिलाओं के वजाइना में फिट हो जाता है। यह पुरुषों के कंडोम की तुलना में अधिक कीमती है, वहीं इसे कैसे इस्तेमाल करना है उसके दिशा निर्देशों की जानकारी होनी भी जरूरी है।

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    इन स्टेप को अपनाएं, जब आप कंडोम का इस्तेमाल करें (Use Condom Properly)

    • हमेशा सेफ सेक्स के लिए बैरियर का इस्तेमाल करें, जैसे कंडोम
    • हमेशा लेटेक्स कंडोम का ही इस्तेमाल करें, इनकी डिजाइनिंग इस प्रकार से की जाती है जिससे आप कई प्रकार की बीमारी से बच सकते हैं। आप इसे बिना डॉक्टर के लिखित ही खरीद सकते हैं। यदि आपको लैटेक्स से एलर्जी है तो पोलीयूरीथेन कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर ऑयल बेस्ट या वाटर बेस्ट लूब्रिकेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    • लेटेक्स कंडोम के साथ हमेशा वाटर बेस्ड लूब्रिकेंट का ही इस्तेमाल करें, जैसे के वाई जेली, आप तेल या पेट्रोलियम बेस्ट लूब्रिकेंट का इस्तेमाल न करें, जैसे वैसलीन, हैंड लोशन। सेक्स के दौरान यह ब्रेक की तौर पर रुकावट बन सकते हैं।
    • कंडोम को हमेशा ठंडी जगह पर रखें, इसे सूर्य की सीधी किरणों से बचाकर रखें। कंडोम को एक बार में अपने पर्स में कुछ घंटों से ज्यादा समय तक न रखें
    • वैसे कंडोम का इस्तेमाल न करें जो स्टिकी, रंग उतर गया हो, डैमेज हुआ हो या फिर कट मार्क हो।
    • ओरल सेक्स के दौरान जेनाइटल व एनल एरिया को अच्छी तरह से कवर लें, इसके लिए आप चाहें तो डेंटल डैम का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेटेक्स स्कवायर को आप मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं।
    • जब आपको या आपके पार्टनर में से किसी को एचआईवो हो तो आप सर्जिकल ग्लव्स का इस्तेमाल कर एक-दूजे के पास जाएं। हाथों से एक छोटा सा कट आपके पार्टनर को एचआईवी संक्रमित कर सकता है।

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    सुरक्षित सेक्स (Safe Sex) के लिए जागरूकता जरूरी

    सुरक्षित सेक्स के लिए हम लोगों को जागरूक होना जरूरी होता है। क्योंकि सुरक्षित सेक्स को अपनाकर विभिन्न प्रकार की बीमारी से बच सकते हैं। वहीं यदि आपको सुरक्षित सेक्स को लेकर जानकारी नहीं है तो आपको सेक्सोलॉजिस्ट या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और सुरक्षित सेक्स से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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