स्किन इन्फ्लेमेशन (Skin inflammation) क्या है?
स्किन इन्फ्लेमेशन त्वचा रोग में एक सामान्य समस्या है। स्किन इन्फ्लेमेशन कई रूप में सामने आती है। स्किन इन्फ्लेमेशन अक्सर त्वचा पर खुजली और लालिमा के साथ रैशेज के साथ जिल्दी की सूजन (एग्जेमा), रोसैसिया, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस (Seborrheic dermatitis) और सोरायसिस के रूप में सामने आती है। स्किन इन्फ्लेमेशन को उसके प्रकार के आधार पर चिन्हित किया जा सकता है कि वह एक्यूट या क्रॉनिक है। वैसे भी एंटी इनफ्लेमेट्री डायट (Inflammatory diet) की मदद से स्किन इन्फ्लेमेशन की समस्या का निदान किया जा सकता है।
एक्यूट इन्फ्लेमेशन यूवी रेडिएशन (UVR), आइओनाइजिंग रेडिएशन, एलर्जेन्स या किसी कैमिकल (साबुन, हेयर डाई आदि) के संपर्क में आने से होती है। स्किन इन्फ्लेमेशन एक से दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाती है। स्किन इन्फ्लेमेशन में त्वचा के कुछ ऊत्तकों नुकसान भी पहुंचता है। इसके विपरीत, त्वचा में इम्यून कोशिकाओं के भीतर लगातार इन्फ्लेमेटरी प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन (Chronic Inflammation) सामने आती है।
यह स्किन इन्फ्लेमेशन लंबे समय तक रह सकती है और त्वचा के ऊत्तकों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि स्किन इन्फ्लेमेशन की प्रक्रिया काफी जटिल है, जिसे अभी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। जब त्वचा ‘ट्रिगरिंग’ स्टिमुलस (Triggering stimulus) जैसे यूवी रेडिएशन एक खुजली पैदा करने वाला पदार्थ या एलर्जेन्स (एलर्जी [Allergy] पैदा करने वाले) त्वचा की कोशिकाओं के संपर्क में आते हैं तो स्किन कई प्रकार के इन्फ्लेमेटरी हार्मोन्स पैदा करती है, जिन्हें साइटोकाइन्स (Cytokines) और केमोकाइन्स (Chemokine) कहा जाता है।
यह ‘इन्फ्लेमेटरी मैसेंजर्स’ एक लक्षित कोशिकाओं के विशेष रिसेप्टर्स से जुड़कर अतिरिक्त इन्फ्लेमेटरी संकेत हार्मोन्स के उत्पादन को बढ़ा देते हैं। इसमें से कई वैसोडाइलेशन (Vasodilation) का करण बनते हैं, जबकि अन्य नर्व कोशिकाओं को सक्रिय करने का कार्य करते हैं।
वहीं, अन्य साइटोकाइन्स प्रतरिक्षा कोशिकाओं को ब्लड छोड़ने और स्किन में स्थानांतरित करने का एक कारण बनते हैं, जहां पर यह प्रतिरक्षा कोशिकाएं (इम्यून सेल्स) अधिक इनफ्लेमेटरी हार्मोन्स का उत्पादन करने के साथ-साथ एंजाइम, फ्री रेडिकल्स और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले रसायन (कैमिकल्स) का उत्पादन करते हैं। इसके शुरुआती नतीजे के तौर पर बड़े स्तर पर इनफ्लेमेटरी प्रतिक्रिया सामने आती है, जो हमलावर बैक्टीरिया के संक्रमण से त्वचा को लड़ने में मदद करती है। वास्तव में यही बैक्टीरिया त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।
स्किन इन्फ्लेमेशन में एंटी इनफ्लेमेट्री डायट (Skin inflammation diet) क्या है?
स्किन इन्फ्लेमेशन में एंटी इनफ्लेमेट्री डायट में वह भोजन होता है, जो सूजन को बढ़ाने वाली प्रतिक्रिया को कम करता है। इस डायट में शुगर, तले भुने या रिफाइंड्स फूड्स को संपूर्ण पोषक तत्वों वाले भोजन से बदला जाता है।
एंटी इनफ्लेमेट्री डायट में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा होती है, जो भोजन के अणुओं को दोबारा सक्रिय कर देते हैं। यह अणु फ्री रेडिकल्स को कम कर देते हैं। फ्री रेडिकल्स बॉडी में मौजूद वह अणु होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कुछ बीमारियों के खतरे को भी बढ़ा देते हैं।
कई डायट प्लान्स में एंटी इनफ्लेमेटरी नियमों का पालन किया जाता है। उदाहरण के लिए मध्यकालीन डायट में मछली (Fish), साबुत अनाज और फैट्स को शामिल किया जाता था, जो हमारे दिल के लिए अच्छे होते हैं। डायट कार्डियोवसक्युलर सिस्टम पर सूजन के प्रभाव को कम कर सकती है।
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एंटी इनफ्लेमेट्री डायट (Skin inflammation diet) किन समस्याओं में मदद करती है?
पुरानी सूजन से बदतर होने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं में डॉक्टर्स, डायटीशियन्स और नैचुरोपैथ्स एंटी इनफ्लेमेट्री डायट को एक कॉम्प्लेमेंट्री थेरेपी के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
एंटी इनफ्लेमेट्री डायट निम्नलिखित समस्याओं में मददगार साबित हो सकती है:
- रयूमेटाइड अर्थराइटिस
- सोरियासिस
- अस्थमा (Asthma)
- क्रोहन रोग
- कोलाइटिस
- इनफ्लेमेटरी बाउल डीजेज
- डायबिटीज
- मोटापा (Obesity)
- मेटाबॉलिक सिंड्रोम
- हार्ट की बीमारी
- ल्युपस
- हेशिमोटो की बीमारी
इसके अतिरिक्त, एंटी इनफ्लेमेट्री डायट का सेवन करने से चुनिंदा प्रकार के कैंसर का खतरा कम होता है, जिसमें कोलरएक्टल कैंसर (colorectal cancer) भी शामिल है।
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एंटी इनफ्लेमेट्री डायट (Skin inflammation diet) में कौन से फूड्स आते हैं?
स्किन इन्फ्लेमेशन को कम करने के लिए निम्नलिखित फूड्स को डायट में शामिल किया जा सकता है:
- हरी पत्तेदार सब्जियां काले और पालक को मिलाकर। हरी पत्तेदार सब्जियों में एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो सूजन से लड़ते हैं।
- ब्लूबैरीज, ब्लैकबैरीज और चेरिस
- लाल अंगूर
- पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां जैसे ब्रोकली और फूल गोभी
- बीन्स और दालें। बीन्स में कई प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इनफ्लेमेट्री कंपाउंड्स होते हैं। बीन्स ज्यादा महंगी नहीं होती हैं। यह फाइबर, प्रोटीन, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम, आयरन और पोटैशियम जैसे खनिजों का एक सस्ता स्रोत होती हैं। बीन्स स्किन इन्फ्लेमेशन से लड़ने में काफी मददगार होती हैं।
- ग्रीन टी
- रेड वाइन (Red wine) हल्की मात्रा में
- एवोकाडो और नारियल
- ऑलिव्स
- एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल में दिल के लिए अच्छा माना जाने वाला मोनोसैचुरेटेड फैट, एंटीऑक्सीडेंट्स और ओलेइओआंथल (दर्द और सूजन को कम करने वाला पदार्थ) होता है। ऑलिव ऑयल भी स्किन इन्फ्लेमेशन से लड़ने में काफी कारगर साबित होता है।
- अखरोट, बादाम में स्किन इन्फ्लेमेशन से लड़ने वाले फैट, प्रोटीन और फिलिंग फाइबर्स होते हैं। इसके अतिरिक्त, यह वजन कम करने में भी मददगार होते हैं।
- ठंडे पानी की मछली साल्मन और साड़ीन को मिलाकर। कुछ मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो सी रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) और इंटरल्यूकिन-6 को कम करते हैं। यह बॉडी में स्किन इन्फ्लेमेशन को बढ़ाने वाले दो प्रकार के प्रोटीन होते हैं।
- हल्दी और दालचीनी
- डार्क चॉकलेट
- मसाले और जड़ी बूटी
- प्याज की छीलन या प्याज में फायदेमंद एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह स्किन इन्फ्लेमेशन को भी कम कर सकता है। इसके अलावा, प्याज बुरे कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल के खतरे को भी कम करता है। आप इसे स्किन इन्फ्लेमेशन के इलाजा के रूप में उपयोग कर सकती हैं।
- फाइबर सी-एक्टिव प्रोटीन (CPR), जो ब्लड में एक पदार्थ के रूप में मौजूद होता है यह स्किन इन्फ्लेमेशन का संकेत देता है। स्किन इन्फ्लेमेशन की स्थिति में पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन करने से सीआरपी का स्तर कम होता है। गाजर, पेपर्स और कुछ फलों में केरोटेनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं यह सीआरपी के स्तर को कम करने में काफी कारगर होते हैं।
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स्किन इन्फ्लेमेशन में इन फूड्स को न खाएं (Foods to avoid during skin inflammation)
- प्रोसेस्ड मीट
- शुगर से भरपूर ड्रिंक्स
- ट्रांस फैट्स जो तले हुए फूड्स में पाया जाता है।
- सफेद ब्रेड
- सफेद पास्ता
- ग्लुटेन
- सोयाबीन ऑयल और वेजेटेबल ऑयल
- प्रोसेस्ड स्नेक फूड्स् जैसे चिप्स और क्रैकर्स
- मीठा जैसे बिस्किट, टॉफी और आइसक्रीम
- अत्यधिक एल्कोहॉल
- अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट
- टमाटर, एप्लांट, पेपर्स और आलू जैसी सब्जियां जो नाइटशेड्स परिवार से ताल्लुक रखती हैं यह स्किन इन्फ्लेमेशन या इनफ्लेमेट्री बीमारियों को बढ़ा सकती हैं। हालांकि इस संबंध में सीमित सुबूत मौजूद हैं, लेकिन यदि स्किन इन्फ्लेमेशन के लक्षणों में सुधार नजर आने पर कोई भी व्यक्ति नाइटशेड्स वाले फल और सब्जियों का सेवन दो से तीन हफ्ते तक बंद कर सकता है। वहीं, अध्ययनों में कुछ ऐसे भी सुबूत मिले हैं कि डायट में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होने, यहां तक कि हेल्दी कार्ब्स से भी स्किन इन्फ्लेमेशन बढ़ती है। इसके चलते कई ऐसे लोग हैं, जो स्किन इन्फ्लेमेशन में कार्बोहाइड्रेट के सेवन को कम कर देते हैं।
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एंटी इन्फ्लेमेट्री डायट टिप्स या स्किन इन्फ्लेमेशन डायट टिप्स (Diet tips for Skin inflammation)
उन लोगों के लिए स्किन इन्फ्लेमेशन डायट का पालन करना काफी मुश्किल होता है, जो विभिन्न प्रकार के भोजन का स्वाद चखना पसंद करते हैं। इस स्थिति में ऐसे लोगों को अपनी डायट में कई चीजों का ध्यान रखना होता है, जिससे वह आसानी से एंटी इनफ्लेमेट्री डायट या स्किन इन्फ्लेमेशन डायट पर आ सकें।
यह टिप्स निम्नलिखित हैं:
- कई प्रकार की सब्जी और फलों का सेवन करना।
- एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल और सब्जियों का सेवन करना। एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन इन्फ्लेमेशन से लड़ने और उसे कम करने में हमारी मदद करते हैं।
- डायट में ओमेगा-6 वाले फैटी एसिड्स वाले भोजन को सीमित करना और ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले भोजन (फ्लैक्ससीड, अखरोट और साल्मन, टूना, मेकेरल और हेरिरंग जैसी ऑयली फिश) की मात्रा बढ़ाना।
- रेड मीट को हेल्दी प्रोटीन के सोर्स जैसे लीन पोल्ट्री, मछली, सोया, बीन्स और दालों से बदलना।
- ब्राउन राइस, ब्राउन ब्रेड और साबुत अनाज वाले पास्ता जो फाइबर से भरपूर होते हैं, इन्हें डायट में शामिल करना।
- भोजन में स्वाद के नाम पर नमक की मात्रा को बढ़ाने के बजाय एंटी इनफ्लेमेट्री औषधि जैसे लहसुन, अदरक और हल्दी को शामिल करना।
- डायट में फास्ट फूड की मात्रा को कम करना।
- डायट में सोडा और शुगर से भरपूर बेवेरेज की मात्रा कम करना।
- हेल्दी खाने और स्नेक्स के लिए एक शॉपिंग लिस्ट तैयार करना।
- ट्रेवलिंग या चलने फिरने के दौरान एंटी इनफ्लेमेट्री स्नेक्स का सेवन करना।
- अधिक पानी पीना।
- प्रतिदिन की कैलोरी जरूरत को पूरा करना।
- ओमेगा-3 (Omega-3), हल्दी जैसे सप्लिमेंट्स को डायट में शामिल करना।
- प्रतिदिन एक्सरसाइज करना।
- पर्याप्त नींद (Sleep) लेना।
अंत में हम यही कहेंगे कि आप भी स्किन इन्फ्लेमेशन की समस्या से आसानी से लड़ सकते हैं। इसके लिए आपके पास सही और पर्याप्त जानकारी अवश्य होनी चाहिए। डायट के माध्यम से स्किन इन्फ्लेमेशन से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि आप उपरोक्त टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपको स्किन इन्फ्लेमेशन से जरूरत निजात मिलेगी।
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