क्या है रात को नींद न आने के कारण ?
अक्सर आप रात को नींद न आने के कारण बहुत परेशान रहते होंगे। नींद हमारे जीवन का एक ऐसा हिस्सा है, जिसके बिना शायद ही हम जीवित रह पाएं। मेडिकल साइंस में भी यह बताया गया है कि अगर एक व्यक्ति कुछ दिन न सोए तो कुछ ही समय में उसकी मौत हो सकती है। नींद न आने के कारण कई हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि रात को नींद न आने के आम कारण क्या हो सकते हैं ?
क्या हैं नींद न आने के कारण?
नींद न आने के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की स्थिति में ऊपरी सांस नली में रुकावट आती है। इसकी वजह से आपकी स्वांस नली में रुकावट आएगी और खर्राटों की समस्या हो जाती है। दरअसल ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया या OSA से पीड़ित लोगों को सोते समय सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इस बीमारी में पेशेंट जब सोता है या रिलैक्स करता है तो गले की मांशपेशियां श्वास नली को ब्लॉक कर देती है। इसका सीधा असर शरीर की ऑक्सिजन सप्लाई पर पड़ता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित 30.6% पुरुष और 33.3% महिलाएं रात के पसीने से परेशान रहते हैं। वहीं सामान्य पुरुषों और महिलाओं में यह आंकड़ा क्रमशः 9.3% और 12.4% रहता है। इसलिए ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया नींद न आने के कारण में शामिल हो सकता है।
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम
इस स्थिति में आपके पैरों में अकड़न और झुनझुनाहट होगी। बार- बार पैरों में दर्द होने की वजह से आपको पैरों को हिलाने का मन होगा, जिसकी वजह से आप आराम से नहीं सो पाएंगे। दरअसल रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम जिसे विलीस-इक्बॉम डिजिज (Willis-Ekbom disease (WED)) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की न्यूरोलॉजिकल परेशानी है। यह समस्या जब आप आराम या रेस्ट कर रहें होते हैं तो शुरू होती है। यदि आप दोपहर के वक्त आराम कर रहें हैं या रात को सोने के लिए बिस्तर में लेट जाएं तो आरएलएस की समस्या शुरू होने लगती है। इसमें पैरों में ऐंठन या जुंझुनी हो सकती है। ऐसे समय में पैरों को हिलाने की इच्छा तो होती है लेकिन, कोशिशों के बाद भी पैरों को हिलाना मुश्किल सा लगने लगता है। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की समस्या पुरुष महिला दोनों में से किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि ये भी सच है कि यह बढ़ती उम्र की महिलाओं में आरएलएस की स्थिति को ज्यादा देखी गई है। इसलिए रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम नींद न आने के कारण बन सकता है।
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स्लीप साइकिल में खराबी
इस स्थिति में आपके शरीर में दर्द रहेगा और दिनभर थकान का एहसास होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि रात में आपको कच्ची और उखड़ी हुई सी नींद आएगी जिसकी वजह से आप सही ढंग से नहीं सो पाएंगे। नींद न आने के कारण में स्लीप साइकिल में खराबी भी हो सकती है।
ये तो हो गई बात उन बीमारियों की जिनकी वजह से आपको सोने में परेशानी आ सकती है। आइए जानते हैं कि हमारे दिन भर की दिनचर्या में ऐसी कौन सी बाते हैं जिनकी वजह से आपकी रातों की उड़ जाएगी
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नींद न आने के कारण में शामिल है दिनभर की अलग-अलग परेशानी।
1. तनाव में होना : कई बार काम की वजह से या फिर किसी और बात की वजह से तनाव होने पर नींद नहीं आ सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप तनाव की वजह से कई बातों के बारे में सोचते रहती हैं और नींद नहीं आती है।
2. बहुत अधिक कैफीन युक्त पेय पदार्थ लेना : कई बार बहुत ज्यादा कॉफी, चाय, कोल्ड ड्रिंक या फिर एल्कोहॉल पीने से भी नींद गायब हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं की एक दिन में दो या तीन कप से ज्यादा चाय, कॉफी या अन्य कैफीन वाले पे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। शाम के बाद कोशिश करें चाय-कॉफी से दूर रहें। ऐसा नहीं करने पर रात को नींद आने में परेशानी हो सकती है। एल्कोहॉल का उपयोग भी कम मात्रा में और कम फ्रिक्वेंसी में करें।
3. शारीरिक पीड़ा : किसी संक्रमण के होने पर या फिर चोट लगने पर शरीर में दर्द होने से भी नींद गायब हो सकती है। इसलिए अगर नींद न आना रोज की बात हो गई है तो जल्द से जल्द हेल्थ एक्सपर्ट से मिलें।
4. मानसिक रूप से परेशान होने पर : मानसिक तौर से परेशान होने पर भी रात को नींद नहीं आती है। इसलिए ऐसी किसी भी परेशानी ऊपर हाबी होने न दें। डिप्रेशन और नींद की कमी के बीच गहरा संबंध है। कई बार डिप्रेशन की वजह से नींद नहीं आती तो कभी नींद ना आने की वजह से डिप्रेशन हो जाता है।
5. बहुत अधिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इस्तेमाल करने पर : बहुत ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इस्तमाल करने से भी सर्केडियन साइकिल में खराबी आ सकती है और नींद न आने के कारण हो सकते हैं। इसलिए सोने से पहले इनका उपयोग न करें।
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कैसे पाएं साउंड स्लीप ?
साउंड स्लीप पाने के लिए इन बातों को मानें :
- रात को सोने से पहले हल्का खाना खाएं।
- रोजाना व्यायाम करें।
- एक्सरसाइज करना आपके लिए संभव नहीं है तो वॉक पर जाएं या हफ्ते में दो दिन स्विमिंग करें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। कोशिश करें कि एक दिन में दो से तीन लीटर पानी पिएं।
- किसी भी बात या काम के कारण ज्यादा तनाव न लें।
- दिन में सोने से बचें।
- सोते समय ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।
- सोने से पहले वॉशरूम जरूर जाएं।
- बेडरूम को साफ-सुथरा रखें।
- बेडरूम में ब्लू लाइट (नाइट लैम्प) का उपयोग अच्छी नींद लाने में मदद कर सकता है
- ग्लाइसिन एक एमिनो एसिड है जो नर्वस सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है। रिसर्च से पता चलता है कि यह नींद को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है। ग्लाइसिन का उपयोग नींद लाने का एक बेहतरीन उपाय है। इसके लिए ग्लाइसिन से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे-अंडे, मछली, सेम, पालक, गोभी, केले, कीवी आदि) अपनी डायट में शामिल करें।
- सोने से पहले स्नान करने से भी अच्छी नींद आ सकती है।
- सोने का समय फिक्स करें।
- रात को जल्दी सोएं ताकि सुबह जल्दी उठ सकें। इससे एक निश्चित साइकल बन जाएगा और आपको अच्छी नींद आएगी।
इन बातों को ध्यान में रखने से आप अच्छी नींद पा सकते हैं। नींद न आने के कारण को दूर करने के लिए आहार और व्यायाम भी जरूरी है।
वैसे अगर आप नींद न आने के कारण से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं या आपको नींद से जुड़ी कोई अन्य परेशानी है तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और नींद न आने के कारण से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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