आर्टिफिशियल पैंक्रियाज और एसएपी थेरिपी में क्या है बेहतर?
इस शोध में 14 और उससे अधिक उम्र के168 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इन सभी को अलग-अलग तकनीक उपयोग करने के लिए दी गई। कुछ लोगों को आर्टिफिशियल पैंक्रियाज तो कुछ को इंसुलिन के साथ सेंसर-ओगमेंटेड पंप (एसएपी) थेरिपी के लिए कहा गया। ये थेरिपी पूरा दिन इंसुलिन को दिनभर ऑटोमेटिकली एडजस्ट नहीं करती है। डिवाइस डेटा को डाउनलोड और समीक्षा करने के लिए हर दो से चार हफ्ते में शोधकर्ता सभी प्रतिभागियों से संपर्क करते थे।
शोधकर्ताओं ने पाया कि आर्टिफिशियल पैंक्रियाज सिस्टम ने शुरुआत में हर दिन 2.6 घंटे औसतन 70 से 180 मिलीग्राम/डीएल रक्त शर्करा के स्तर की मात्रा में वृद्धि की, जबकि एसएपी समूह में हर महीने रक्त शर्करा का स्तर अपरिवर्तित रहा। आर्टिफिशियल पैंक्रियाज सिस्टम वाले समूह के लोगों में एसएपी समूह की तुलना में उच्च और निम्न रक्त शर्करा, HBA1c, और मधुमेह नियंत्रण से संबंधित अन्य मापों में सुधार देखा गया।
मधुमेह (डायबिटीज) होने के कारण क्या हैं?
आर्टिफिशियल पैंक्रियाज के बारे में आपको जानकारी तो मिल गई होगी, अब जानिए मधुमेह के कारण क्या है।