हर्निया क्या है?
शरीर के किसी हिस्से का सामान्य से ज्यादा विकास होने पर हर्निया की बीमारी होती है। ऐसी स्थिति शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। हालांकि हर्निया सबसे ज्यादा शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में पेट पर ज्यादा होता है। पेट की मांसपेशियां जब कमजोर होने लगती हैं तो हर्निया की बीमारी धीरे-धीरे शुरू हो जाती है। यह महिला और पुरुषों दोनों में होने वाली समस्या है। हर्निया से बचाव संभव है लेकिन, लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर आप इससे बचाव कर सकते हैं। यदि आपका हर्निया कॉनजेनाइटल है तो भी इसे नियंत्रित करने के लिए आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हर्निया ऐसी समस्या है जो किसी को भी हो सकती है इसका सबसे मुख्य कारण बता पाना मुश्किल हो सकता है। चोट लगने या फिर सर्जरी के बाद घाव के न भर पाने की स्थिति में मांसपेशियों में से कुछ टिशू अपनी जगह से बाहर आ जाते हैं। ये टिशू उभार के रूप में एब्डोमेन में दिखाई देते हैं और इस स्थिति को ही हर्निया कहते हैं। हर्निया के दौरान डायट फॉलो करना जरूरी है। हर्निया के दौरान डायट पर ध्यान देना जरूरी है नहीं तो परेशानी बढ़ सकती है।
हर्निया होने पर शरीर के विभिन्न अंगों में परेशानियां आ सकती हैं। ज्यादातर मामलों में हर्निया पेट, फेफड़ों और के निचले हिस्सों को प्रभावित करता है। हर्निया के दौरान खानपान में लापरवाही आपकी समस्या को और बढ़ा सकता है। एक ओर जहां गलत डायट आपके पेट और उससे जुड़े हर्निया पर दबाव बना सकती है, तो वहीं पाचन तंत्र में खराबी और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स होने का खतरा भी होता है। इन सब वजहों से हाइटल हर्निया भी हो सकता है। इस आर्टिकल में जानें कि कैसे हर्निया के दौरान डायट पर किस तरह का ध्यान रखा जाना चाहिए।
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हर्निया के दौरान डायट में किन-किन बातों का ध्यान रखें?
हर्निया के दौरान डायट खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। जैसे-
- हरी सब्जियां – हर्निया के दौरान डायट में हरी सब्जियों के सेवन से शरीर को पौष्टिक तत्व मिलते हैं। इसलिए लौकी, तोरी और अन्य हरी पत्तीदार सब्जियां या साग का सेवन करना चाहिए।
- मटर और बीन्स – हर्निया के दौरान मटर और बीन्स के सेवन से प्रोटीन, फायबर और पोटैशियम की कमी शरीर में नहीं होती है। इसलिए नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए।
- साबुत अनाज- रोजाना साबुत अनाज के सेवन से शरीर फिट रहता है और अगर आपको हर्निया की शिकायत है तो यह आपको कई तरह से स्वास्थ्य लाभ देता है।
- टोफू और मछली– टोफू और मछली में ओमेगा 3 की मात्रा शरीर के लिए लाभदायक होता है।
- जूस और हल्के मीठे फल- हर्निया के दौरान डायट फॉलो कर रहें हैं तो इस दौरान अत्यधिक मीठा खाने से बचें और ऐसे फलों का सेवन करने जो ज्यादा मीठा न हो।
- दालचीनी– दालचीनी की छाल रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Respiratory Tract Infection) होने के कारणों को दूर करती है और इस बीमारी से बचाती है।
- अदरक– अदरक में कई सारे पौष्टिक तत्व होते हैं, जो सूजन और मितली को कम करने का काम करते हैं। कई शोधकर्ता मानते हैं कि इसमें मौजूद विटामिन और मिनिरल मुख्यतः पेट और आंतो के लिए काम करते है। इसके अलावा ये केमिकल्स दिमाग और नर्वस सिस्टम पर भी असर डालते हैं जिसकी वजह से सूजन और मितली को नियंत्रित किया जाता है।
- धनिया- धनिया में एंटी-लिपिड और एंटी-डायबिटिक जैसे तत्व मौजूद होते हैं। कुछ स्थानों पर धनिया का तेल भी इस्तेमाल किया जाता है। हर्निया के दौरान डायट जैसे सब्जियों में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
- विनेगर– विनेगर सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होने के साथ ही वजन कम करने के लिए भी काफी उपयोगी होता है। इसलिए भी लोगों का रुझान इसके इस्तेमाल की ओर ज्यादा बढ़ रहा है। बढ़ता वजन किसी को भी पसंद नहीं आता और हर कोई खुद को स्लिम ट्रिम और मेंटेन रखना चाहता है। आजकल कई हेल्थ एडवाइजर और जिम ट्रेनर भी इसके इस्तेमाल की सलाह देते हैं।
- चाय- अगर आप हर्निया के पेशेंट हैं तो चाय का सेवन किया जा सकता है लेकिन, एक दिन में दो कप से ज्यादा चाय न पीएं।
इन ऊपर बताये गये खाद्य पदार्थों को अपने डायट प्लान में अवश्य शामिल करें।
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इन सभी चीजों के साथ फर्मेन्टेड खाना भी हर्निया के मरीजों के लिए लाभदायक है जैसे कि :
- खट्टा दही
- अचार
- किमची (Khimchi)
- केफिर (Kefir)
- क्वार्क (Quark)
- सौएर्क्रौत (sauerkraut)
- कोम्बुचा (kombucha)
- चीज (Cheese)
- तोफू (Tofu)
- बटरमिल्क (Buttermilk)
- नाटो (Natto)
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हर्निया के दौरान डायट के दौरान किस तरह के खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए?
- तले-भुने या मसालेदार खाने का सेवन।
- ऐसे खाद्य पदार्थ जिनके सेवन से शरीर में फैट बढ़ने की संभावना होती है, उनका सेवन न करें।
- हर्निया के दौरान डायट में लाल मांस या रेड मीट शामिल न करें।
- कैफीन के अत्यधिक सेवन से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए इसका सेवन न करें।
- एल्कोहॉल का सेवन न करें। हर्निया के साथ-साथ अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
- चॉकलेट अत्यधिक मीठा होने के कारण चॉकलेट के सेवन से बचना चाहिए।
- सॉफ्ट ड्रिंक के सेवन से बचें। इसके सेवन से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है।
- जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन ब्लड प्रेशर जैसे अन्य बीमारियों को दावत देने के लिए काफी है।
- फास्ट फूड या जंक फूड का सेवन न करें।
इसके साथ ही खाते समय इन बातों को भी रखे ध्यान :
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। कोशिश करें एक दिन में 2 से 3 लीटर पानी पीएं।
- एक बार में ज्यादा खाना न खाएं। हर्निया के दौरान डायट को छोटे-छोटे हिस्सों में बाट दें।
- अत्याधिक फाइबर युक्त खाना खाएं।
- किसी भी तरह के व्यायाम से पहले खाना न खाएं। एक्सरसाइज के पहले फिटनेस एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।
- प्रोबायोटिक्स का सेवन शरीर के लिए लाभकारी होता है।
- धूम्रपान न करें।
- साबूत अनाज ही खाएं।
अगर आप हर्निया के दौरान डायट प्लान फॉलो कर रहें हैं या इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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