पिछले कुछ समय में डायबिटीज एक बड़ी और घातक बीमारी बन कर उभरी है। डायबिटीज (Diabetes) का असर पूरे शरीर पर होता है। यही नहीं, हाय ब्लड शुगर से शरीर के कई अंग सही से काम करना बंद कर देते हैं। ऐसे में, ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना जरूरी है। ऐसी कई समस्याएं हैं जो डायबिटीज के कारण बदतर हो सकती हैं जैसे आंखों, पैरों या हार्ट संबंधी बीमारियां आदि। एक ऐसी ही समस्या है जिसे हम PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) के नाम से जानते हैं। इस रोग के कारण डायबिटीज की संभावना बढ़ सकती है। डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) के बारे में जानने के लिए पढ़िए इस आर्टिकल को।
जानिए पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी PCOS के बारे में (What is Polycystic Ovary Syndrome)
डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) के बीच के संबंध को जानने से पहले जानते हैं पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) के बारे में। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) एक ऐसी स्थिति है, जो महिलाओं की ओवरीज (Ovaries) को प्रभावित करती है। जिसके कारण बहुत अधिक संख्या में सिस्ट्स ओवेरीज की सतह पर दिखाई देते हैं। यह एक हार्मोनल स्थिति है जिसमें अधिक एंड्रोजन (androgens) के कारण परेशानी वाली स्थितियां पैदा हो जाती है। एंड्रोजन (Androgens) एक मेल हॉर्मोन है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण इस प्रकार हैं:
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- अनियमित मेंस्ट्रुअल सायकिल (Irregular Menstrual Cycles)
- चेहरे, ठोड़ी या छाती पर अधिक बाल (Hair Growth on Face, Chin or Chest)
- बालों का पतला हो जाना या झड़ना (Hair Thinning or Hair Loss)
- पेल्विक में दर्द (Pelvic pain)
- इनफर्टिलिटी या गर्भवती होने में समस्या (Infertility or Problems Getting Pregnant)
- वजन का बढ़ना या कम करने में समस्या (Weight Gain or difficulty Losing Weight)
- छाती, ठोड़ी, पीठ या चेहरे पर मुहांसे (Acne on the Chest, Chin, Back, or on Face)
- डिप्रेशन और एंग्जायटी (Depression or anxiety) इस रोग से पीड़ित अधिकतर लोग मूड चेंज जैसी समस्या को महसूस सकते हैं।
किस तरह से PCOS के कारण डायबिटीज हो सकती है? (How PCOS can Lead to Diabetes)
PCOS एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप खुद को इस समस्या से बचाएं या अगर आपको यह समस्या है तो इसे नियंत्रित रखने का प्रयास करें। वहीं, डायबिटीज भी एक भयानक बीमारी है जो तब होती है, जब शरीर का ब्लड ग्लूकोज बहुत अधिक बढ़ जाता है। इंसुलिन प्रतिरोध के कारण शरीर इस ग्लूकोज का प्रयोग एनर्जी के लिए करने में असमर्थ होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) से पीड़ित लगभग चालीस प्रतिशत महिलाओं में प्रीडायबिटीज या बहुत अधिक ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है। प्रीडायबिटीज से पीड़ित बहुत से लोग ओवरवेट होते हैं।
PCOS को डायबिटीज से क्यों जोड़ा जाता है? (Why PCOS is Linked to Diabetes)?
डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) के संबंध को समझना मुश्किल है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि इंसुलिन प्रतिरोध के लिए बढ़ा हुआ टेस्टोस्टेरोन का स्तर इसका कारण हो सकता है। जब टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, तो यह इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करता है। यह इंसुलिन प्रतिरोध और हाइपरिन्सुलिनमिया का कारण बनता है। इंसुलिन प्रतिरोध और हाइपरिन्सुलिनमिया (Insulin Resistance and Hyperinsulinemia) दोनों ही प्रीडायबिटीज के बढ़ने और टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हैं। डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) के बीच में कनेक्शन के बारे में यही कहा जा सकता है कि बढ़ी हुई इंसुलिन न केवल PCOS का साइड इफेक्ट है, बल्कि यह PCOS के होने और इसे मेंटेन रखने में भी बहुत खास भूमिका निभाती है।
जब हाय इंसुलिन स्तर टेस्टोस्टेरोन जैसे अधिक हार्मोन का उत्पादन करने के लिए ओवेरीज को उत्तेजित करता है। यह बदले में, फिर बालों की ग्रोथ , अनियमित मासिक चक्र और अधिक वजन जैसी समस्याओं का कारण बनती है। इंसुलिन इस तरह से भी डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) की समस्या को बढ़ा सकती है:
- इंसुलिन भी PCOS की समस्या को बदतर बना सकती है। इंसुलिन के कारण ओवरी के भीतर थाका(Theca) कोशिकाओं की वास्तविक संख्या में वृद्धि होती है, जिससे अंडाशय की एंड्रोजन का उत्पादन करने की क्षमता बढ़ जाती है।
- इंसुलिन के कारण सेक्स हॉर्मोन -बायडिंग ग्लोब्युलिन (Binding Globulin) का बनना कम हो सकता है। जिससे मेल हॉर्मोन्स का लेवल बढ़ सकता है।
- इंसुलिन से भूख भी बढ़ती है और यह फैटी एसिड ऑक्सीकरण को बाधित करती है, जिससे वसा को जलाना अधिक कठिन होता है और वजन बढ़ सकता है।
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PCOS और गेस्टेशनल डायबिटीज (PCOS and Gestational Diabetes)
PCOS के कारण गेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या भी बढ़ सकती है। यह डायबिटीज महिलाओं को गर्भावस्था में होती है और इसके कारण बर्थ कॉम्प्लीकेशन्स जैसे प्रीमेच्योर बर्थ, सांस संबंधी समस्याएं, पीलिया आदि हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान इस बारे में डॉक्टर से बात करना जरूरी है। वो आपको सही खानपान और लाइफस्टाइल आदतों के बारे में बता सकते हैं। सही लाइफस्टाइल और खानपान गेस्टेशनल डायबिटीज से बचने का बेहतरीन उपाय है।
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कैसे करें डायबिटीज और PCOS का उपचार (Treatment of Diabetes and PCOS)?
मेडिकल कम्युनिटी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के सही कारणों को लेकर अभी स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन, डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि इसमें इंसुलिन का हाय लेवल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हॉर्मोन्स का हाय लेवल भी टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही अधिक वजन का होना या मोटा होना भी डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) का रिस्क फैक्टर है। ऐसे में जो लोग PCOS से पीड़ित हैं और अपने वजन, आहार या व्यायाम की परवाह नहीं करते हैं, तो उनका यह अनहेल्दी लाइफस्टाइल टाइप 2 मधुमेह के विकास के लिए जोखिम का कारण बन सकता है। जानिए किस तरह से संभव है डायबिटीज और PCOS का उपचार (Treatment of Diabetes and PCOS)
स्क्रीनिंग है आवश्यक (Regular Screening)
अगर कोई महिला PCOS से पीड़ित है तो उसे नियमित रूप से डायबिटीज की भी स्क्रीनिंग करानी चाहिए और डायबिटीज के लक्षणों का ध्यान रखना चाहिए ताकि सही समय पर निदान हो सके। निदान से ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है। यह लक्षण इस प्रकार हैं
- थकावट (Fatigue)
- नजर का धुंधला होना (Blurry Vision)
- बार-बार मूत्र त्याग की इच्छा होना (Frequent need to Urinate)
- रात को अधिक बार बाथरूम जाना (Frequent Urination at Night)
- अधिक प्यास (Increased Thirst)
- अधिक भूख (Increased Hunger)
- घाव जो जल्दी न भरें (Cuts that do not Heal Quickly)
- हाथों और पैरों में सुन्नता (Numbness in the Hands or Feet)
दवाइयां (Medication)
PCOSका कोई इलाज नहीं है। लेकिन, ऐसे कुछ तरीके हैं जिससे इस कंडीशन को मैनेज किया जा सकता है। हालांकि, इसमें कुछ समय लगता है और मेहनत भी चाहिए होती है, किंतु यह संभव है।जानिए कौन सी दवाइयां दे सकते हैं, डॉक्टर इस स्थिति में:
- सबसे पहले डॉक्टर आपको इसके लिए कुछ दवाइयां दे सकते हैं जैसे बर्थ कंट्रोल पिल्स, क्रीम या अन्य दवाइयां। यह दवाइयां कुछ लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकती हैं जिनमें हेयर ग्रोथ और हाय हॉर्मोन लेवल को संतुलित बनाए रखना आदि शामिल है।
- टाइप 2 डायबिटीज के उपचार में वो दवाइयां शामिल हैं, जो शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है और जिनसे ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम हो सकता है। डॉक्टर रोगी को इंसुलिन इंजेक्शन भी दे सकते हैं।
- मेटफोर्मिन (Metformin) टाइप 2 डायबिटीजके लिए एक आम उपचार है। यह PCOS के लक्षणों के इलाज में भी मदद कर सकती है। क्योंकि, यह इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) को कम करती है।
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वजन कम करें (Weight Loss)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (Center for Disease Control Prevention) के अनुसार अगर आप ओवरवेट हैं तो इन समस्याओं से बचने के लिए आपका वजन कम करना बेहद जरूरी है। डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) दोनों के उपचार में वेट लॉस शामिल है। इससे न केवल डायबिटीज संतुलित रहती है बल्कि पीरियड और ओवुलेशन सायकिल को रीसेट करने में भी मदद मिलती है। वेट लॉस ओवुलेशन को रिस्टोर करने और मेडिकल जटिलताओं को कम करने में भी मददगार है।
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सही डायट (Right Diet)
डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) के उपचार के लिए डॉक्टर आपको बैलेंस डायट लेने और रोजाना व्यायाम करने की सलाह देंगे। यह इन दोनों समस्याओं के लक्षणों को मैनेज करने के लिए जरूरी है। जानिए इस दौरान आपको क्या खाना चाहिए और क्या न खाएं
क्या खाएं (What To Eat)
डॉक्टर डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) के उपचार के लिए आपको हेल्दी आहार खाने की सलाह देंगे। यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। आप अपने आहार में इन चीजों को शामिल करें
- रंग -बिरंगे फल और सब्जियां (Colorful Fruits and Vegetables)
- लीन प्रोटीन (Lean Protein)
- हेल्दी फैट जैसे ओलिव आयल, नट्स या सीड आदि (Sources of Healthful Fat, including Olive Oil, Nuts and Seeds)
- साबुत अनाज (Whole-Grain)
क्या न खाएं (What not To Eat)
डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) से पीड़ित लोगों को निम्नलिखित आहारों का कम सेवन करना चाहिए:
- प्रोसेस्ड मीट्स (Processed Meats)
- ट्रांस फैटस (Trans Fats)
- सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स जैसे सफेद आटा,चीनी, ब्रेड आदि(Simple Carbohydrates, such as Sugar, White Flour, White Bread)
- फ़ास्ट फ़ूड और अन्य प्रोसेस्ड फ़ूड (Fast Food and Other Processed Foods)
व्यायाम करें (Exercise)
जिन लोगों को डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) की समस्या है। उन्हें अधिक से अधिक व्यायाम करना चाहिए। अधिक फिजिकल एक्टिविटी से आपको वजन कम करने और सही वजन पाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही शरीर सही तरीके से ब्लड शुगर और ब्लड ग्लूकोज का प्रयोग कर पाएगा।
तनाव से बचें (Avoid Depression)
डायबिटीज की समस्या को बढ़ाने में तनाव और चिंता को भी मुख्य कारण माना जाता है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि तनाव हमारे पूरे शरीर की परेशानियों को बढ़ा सकता है। इसलिए तनाव से बचने के उपाय करें। इसके लिए योगा करें, मैडिटेशन करें और अगर अधिक समस्या है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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शोधकर्ता इस बात से सहमत हैं कि डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) से पीड़ित महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक होती है, जिन्हें यह समस्या नहीं होती। ऐसे में प्रभावित व्यक्ति मेटफॉर्मिन (Metformin) जैसी दवा लेकर, जीवनशैली में बदलाव करके जैसे कि वजन कम करना, स्वस्थ आहार खाना और नियमित रूप से व्यायाम आदि से दोनों स्थितियों से राहत पाने में सफल हो सकता है। PCOS से पीड़ित कोई भी महिला जो गर्भवती है या गर्भावस्था की योजना बना रही है, उसे गेस्टेशनल डायबिटीज और PCOS (Diabetes and PCOS) से जुड़ी अन्य जटिलताओं के बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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