डायबिटीज के कारण होने वाली कॉम्प्लीकेशन्स में डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) भी शामिल है। डायबिटिक न्यूरोपैथी, नर्वस सिस्टम (Nervous System) के डैमेज का कारण भी बन सकती है। यह एक प्रोग्रेसिव डिजीज है, जिसके लक्षण समय के साथ बदतर हो सकते हैं। यह समस्या तब होती है, जब खून में मौजूद अधिक मात्रा में फैट्स और शुगर शरीर में नर्वज डैमेज का कारण बनते हैं। डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) के कई प्रकार हैं। जिनमें से एक को डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) के नाम से जाना जाता है। आइए, जानते हैं डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) के बारे में विस्तार से।
डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी क्या है? (Diabetic autonomic neuropathy)
जैसा की आप जानते ही हैं कि न्यूरोपैथी नर्वज के डैमेज होने को कहा जाता है। यह डायबिटीज से संबंधित सबसे सामान्य कॉम्प्लिकेशन है। ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज से पीड़ित लगभग 60-70% लोग इससे पीड़ित होते हैं। डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) को ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी भी कहा जाता है। इस समस्या ऑटोनोमिक नर्वज के डैमेज से जुडी है। यह कॉम्प्लीकेशन उन नर्वज में होती है, जो शरीर के इन्वॉलन्टरी फंक्शन्स (involuntary functions) को कंट्रोल करती हैं जैसे पाचन, यूरिनेशन और हार्ट रेट आदि। डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) को एडवांस्ड मेडिकल डिसऑर्डर माना जाता है। अब जानिए इसके लक्षणों के बारे में।
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डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Diabetic autonomic neuropathy)
डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) के लक्षण को सामने आने में कई साल लग सकते हैं। इसके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि रोगी किस तरह की न्यूरोपैथी से प्रभावित है और इसकी वजह से कौन सी नर्व पर असर हुआ है। इस समस्या से पीड़ित रोग में उन नर्वज को नुकसान होता है जो हार्ट और सर्कुलेशन, बॉवेल और ब्लैडर फंक्शन, सेक्शुअल रिस्पांस आदि को कंट्रोल करती हैं। इसके अलावा अन्य अंगों के ऑर्गन्स पर भी इसका असर हो सकता है। डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) के लक्षण इस प्रकार हैं:
- हार्टबर्न और ब्लोटिंग (Heartburn and bloating)
- जी मचलना, कब्ज या डायरिया (Nausea, constipation or diarrhea)
- हायपोग्लाइसेमिक अनअवेयरनेस (Hypoglycemic unawareness): इस स्थिति में प्रभावित व्यक्ति लो शुगर लेवल के प्रभावों को महसूस नहीं कर पाता है।
- बोलने या कुछ भी निगलने में समस्या (Difficulties speaking or swallowing)
- आहार को थोड़ी से मात्रा में खाने के बाद ही पेट के भरे होने का अनुभव होना (Feeling full after eating)
- खाने के बहुत देर बाद उल्टी होना (Vomiting)
- ऑर्थोस्टैटिक हायपोटेंशन (Orthostatic hypotension)
- खड़े होने पर चक्कर जैसा महसूस होना (Feeling light-headed)
- हार्ट रेट का सामान्य से तेज होना (Faster heart rate than normal)
- अधिक पसीना आना (Excessive sweating): इस स्थिति में ठंडे मौसम या आराम करते हुए भी रोगी को अधिक पसीना आना
- ब्लैडर प्रॉब्लम (Bladder problems): जैसे ब्लैडर को पूरी तरह से खाली करने में परेशानी होना
- महिलाओं और पुरुषों में सेक्शुअल डिस्फंक्शन (Sexual dysfunction)
- अपच (Dysesthesia)
- मसल कॉन्ट्रैक्शंस या कमजोरी (Muscle contractions and weakness)
ऐसा जरूरी नहीं है कि डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) से पीड़ित हर व्यक्ति को यह लक्षण नजर आएं। लेकिन अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूरी है। ताकि समय पर उपचार हो सके। अब जानिए इसके कारणों के बारे में।
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डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी के कारण (Causes of Diabetic autonomic neuropathy)
नर्वज के डैमेज होने पर ब्रेन और आपके ऑर्गन्स के बीच के सिग्नल्स प्रभावित होते हैं। नर्वज से संबंधित कुछ खास डिजीज और उनका उपचार इसका कारण हो सकते हैं। इनमें डायबिटीज सबसे सामान्य है। जानते हैं इस समस्या के कारणों के बारे में:
डायबिटीज (Diabetes)
जैसा की हम जानते हैं कि इस समस्या का मुख्य कारण है डायबिटीज। खासतौर पर अगर डायबिटीज को सही तरीके से कंट्रोल नहीं किया जाए, तो डायबिटीज शरीर में नर्व डैमेज का कारण बन सकती है।
अंगों में असामान्य प्रोटीन निर्माण (Abnormal protein buildup in organs)
अंगों में असामान्य प्रोटीन निर्माण यानी एमिलॉयडोसिस के कारण भी ऑर्गन्स और नर्वस सिस्टम (Nervous System) प्रभावित हो सकता है।
ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune diseases)
ऑटोइम्यून डिजीज वो डिजीज है जिसमें इम्यून सिस्टम शरीर पर अटैक करता है और शरीर के कई हिस्सों को डैमेज कर देता है, जिसमें नर्वज भी शामिल हैं। इनके उदाहरणों में शॉग्रेंन’स सिंड्रोम ( Sjogren’s syndrome), रयूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis), सीलिएक डिजीज (Celiac disease) आदि शामिल हैं।
कुछ दवाईयां (Some Medicines)
कुछ दवाईयां भी इस समस्या का कारण बन सकती हैं। इन दवाईयों में वो ड्रग्स शामिल हैं, जिनका प्रयोग कैंसर ट्रीटमेंट (Cancer treatment) में किया जाता है।
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कुछ वायरस और बैक्टीरिया (Some Virus and Bacteria)
कुछ वायरस और बैक्टीरिया जैसे HIV आदि भी इस समस्या की वजह हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ इनहेरिटेड डिसऑर्डर भी इसका कारण हो सकते हैं। इसके अलावा अन्य कुछ कारण भी हो सकते हैं, जो इस समस्या की वजह बन सकते हैं। इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स भी हो सकते हैं जैसे :
- अगर डायबिटीज को सही से कंट्रोल न किया जाए, तो इसका खतरा बढ़ सकता है और नर्व डैमेज हो सकती है।
- अन्य डिजीज जैसे एमिलॉयडोसिस (Amyloidosis), पोरफाइरिया (Porphyria), हायपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) आदि से भी इस समस्या का खतरा बढ़ सकता है। अब जान लेते हैं कि इस कंडिशन का निदान कैसे हो सकता है?
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डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी का निदान (Diagnosis of Diabetic autonomic neuropathy)
डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपसे लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके बाद आपकी मेडिकल और फैमिली हिस्ट्री जानी जाएगी। रोगी की शारीरिक जांच भी जरूरी है। इसके साथ ही डॉक्टर रोगी को ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests) की सलाह देंगे, ताकि इस समस्या का निदान हो सके। सबसे पहले इन रोगों का टेस्ट कराया जाता है:
- डायबिटीज (Diabetes)
- सिंड्रोम और अन्य ऑटोइम्यून डिजीज (Sjogren’s syndrome and other autoimmune diseases)
- HIV जैसे इंफेक्शंस (Infections like HIV)
इसके बाद डॉक्टर आपको कुछ अन्य टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं, जैसे:
- टिल्ट-टेबल टेस्ट (Tilt-table test)
- एक्स-रे (X-ray)
- यूरोडायनामिक (Urodynamic tests)
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
- गैस्ट्रिक एम्प्टयिंग टेस्ट (Gastric emptying test)
- थर्मोरेगुलेटरी स्वेट टेस्ट (Thermoregulatory sweat test)
इन टेस्ट्स के अलावा डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट कराने के लिए भी रोगी को कह सकते हैं ताकि इस समस्या का सही उपचार हो सके। जानिए इस तरह से संभव है इसका उपचार?
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डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी का उपचार (Treatment of Diabetic autonomic neuropathy)
डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) के निदान के बाद डॉक्टर इसके उपचार के तरीकों के बारे में निर्धारित करेंगे। इसके उपचार में अंडरलायिंग समस्याओं का उपचार, लक्षणों को मैनेज करना, जीवनशैली में बदलाव, दवाईयां आदि शामिल हैं। आइए जानते हैं इसके उपचार के बारे में।
अंडरलायिंग डिजीज का उपचार (Treating the underlying disease)
डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) के उपचार का पहला उद्देश्य उन डिजीज और कंडिशंस का उपचार करना है। जो नर्वज डैमेज का कारण बन सकती हैं। जैसे अगर इसका अंडरलायिंग कारण डायबिटीज है, तो डॉक्टर आपको ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कहेंगे। ताकि न्यूरोपैथी की समस्या बढ़ न सके।
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खास लक्षणों को मैनेज करना (Managing specific symptoms)
कुछ उपचार डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) के लक्षणों से छुटकारा दिला सकते हैं। इसका उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन सा हिस्सा नर्व डैमेज से प्रभावित हुआ है। जानिए कैसे किया जा सकता है इनका उपचार।
डायजेस्टिव सिम्पटम्स का उपचार (Digestive symptoms Treatment)
पाचन संबंधी लक्षणों को दूर करने के लिए आपको इन उपचारों की सलाह दी जाती है:
- पाचन संबंधी लक्षणों से राहत पाने के लिए आपको अपनी डायट में बदलाव करने चाहिए। इसके लिए आप अपने आहार में अधिक फायबर और फ्लुइड्स को शामिल करें। इसके अलावा फायबर सप्लीमेंट्स (Fiber Supplements) भी लिए जा सकते हैं। इससे आपको गैस और ब्लोटिंग से छुटकारा मिलेगा।
- कब्ज से छुटकारा पाने के लिए रोगी को दवाईयां दे सकते हैं। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आपको लैक्सेटिव (Laxatives) दी जा सकती है। पेट में दर्द और लूज मोशंस के लिए ट्रायसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स (Tricyclic Antidepressants) भी दी जा सकती हैं।
डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी में ब्लैडर और यूरिनरी उपचार (Bladder and urinary Treatment)
ब्लैडर और यूरिनरी उपचार के लिए डॉक्टर इन तरीकों को अपनाने के लिए कह सकते हैं:
- पेट खाली करने में मदद करने के लिए दवाईयां भी दी जा सकती हैं। पेट को जल्दी खाली करने के लिए डॉक्टर आपको मेटोक्लोप्रामाइड (Metoclopramide) दे सकते हैं। इन दवाईयों कोई लेने से डायजेस्टिव ट्रैक्ट का कॉन्ट्रेक्शन बढ़ता है।
- ओवरएक्टिव ब्लैडर (Overactive bladder) के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर रोगी को दवाईयां दे सकते हैं।
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सेक्शुअल डिसफंक्शंस का उपचार (Sexual dysfunction Treatment)
सेक्शुअल डिसफंक्शंस के उपचार के लिए डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों को अपना सकते हैं:
- पीनस में रक्त को इरेक्शन पैदा करने के लिए फाॅर्स करने के लिए वैक्यूम पंप (Vacuum Pump ) का उपयोग करना
- ड्रायनेस को दूर करने के लिए वजायनल ल्यूब्रिकेंट (Vaginal lubricant) का प्रयोग करना
हार्ट और हाय ब्लड प्रेशर का उपचार (Heart and High blood pressure Treatment)
हाय ब्लड प्रेशर और हार्ट की समस्याओं का उपचार करने के लिए भी डॉक्टर रोगी को कुछ तरीकों की सलाह दे सकते हैं। यह तरीके इस प्रकार हैं:
- संतुलित और हाय फ्लूइड डायट का पालन करना ताकि ब्लड प्रेशर संतुलित रहे।
- अगर आपको खड़े होने पर चक्कर आ रहे हों या बेहोशी की समस्या हो, तो इस समस्या को दूर करने के लिए दवाईयां दी जा सकती है।
- मिडोड्रिन (Midodrine) और ड्रोक्सीडोपा (Droxidopa) जैसी ड्रग्स को उन रोगियों को दिया जाता जिनका ब्लड प्रेशर लो (Low Blood Pressure) होता है।
- रोगी को बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers ) भी दी जा सकती हैं, ताकि रोगी की हार्ट रेट (Heart Rate) रेगुलेट रहे।
- अत्यधिक स्वेटिंग की समस्या को दूर करने के लिए भी रोगी को दवाईयां दी जा सकती हैं।
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कैसे बचा जा सकता है इस कंडिशन से? (Prevention of Diabetic autonomic neuropathy)
मेडलाइनप्लस (MedlinePlus) के अनुसार इस समस्या से बचाव और कंट्रोल करने के लिए इसके अंडरलाइंग कंडिशंस का उपचार बेहद जरूरी है। हालांकि, उन अंडरलायिंग स्थितियों से बचा नहीं जा सकता है, जो डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) का कारण बनती हैं। लेकिन अपनी सेहत का ध्यान रख कर और अपनी मेडिकल कंडिशंस को मैनेज कर के आप इनके लक्षणों को विकसित होने से रोक सकते हैं। इसके लिए रोगी को अपने जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कहा जा सकता है, जैसे:
- अगर आपको डायबिटीज है तो आपको अपनी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कहा जाएगा। एल्कोहॉल और स्मोकिंग से बचना भी जरूरी है।
- अगर आपको कोई ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune Disease) है, तो अपने लिए सही उपचार कराना जरूरी हैl
- हाय ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और उससे बचने के लिए भी सही समय पर उपयुक्त कदम उठाना आवश्यक है।
- अपने वजन को सही बनाए रखें। अगर आपका वजन अधिक है तो उसे कम करने के उपाय करें।
- रोजाना व्यायाम करें।
- पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें। इसके लिए अपने डायटीशियन से भी आप सलाह ले सकते हैं।
- पर्याप्त नींद लें।
क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!
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यह तो थी डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) के बारे में जानकारी। इस समस्या से बचने के लिए जरूरी है अपनी ब्लड शुगर को सही रखना। इसलिए, आप अपनी जीवनशैली को सही बनाए रखें, दवाईयों का सेवन करें और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें। यह रोग गंभीर हो सकता है इसलिए, समय रहते इसके लक्षणों को पहचानना और उपचार जरूरी है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। डायबिटिक ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी (Diabetic autonomic neuropathy) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से इसे समझना बेहतर होगा। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से राय अवश्य लें।
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