जब आपको यह लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप डॉक्टर से संपर्क करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी माना जाता है। जैसा कि आपने जाना डायबिटीज (Diabetes) की समस्या आपको लंबे समय तक परेशान कर सकती है, इसलिए इससे जुड़ी कॉम्प्लिकेशन भी आपको परेशान करने के लिए काफी होती है। इन्हीं कॉम्प्लिकेशन में से एक है कॉन्स्टिपेशन (Constipation)। आइए अब जानते हैं डायबिटीज और कॉन्स्टिपेशन (Diabetes and constipation) एक साथ कैसे जुड़े हुए हैं।
डायबिटीज और कॉन्स्टिपेशन : है एक-दूसरे से गहरा संबंध (Diabetes and constipation)

जैसा कि आप सभी जानते हैं डायबिटीज (Diabetes) की लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशन में से एक कॉम्प्लिकेशन है नर्वस सिस्टम डैमेज। टाइप वन और टाइप टू डायबिटीज की वजह से हाय ब्लड शुगर के चलते व्यक्ति को डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) की समस्या हो सकती है। इसके अलावा व्यक्ति को नर्व डैमेज की तकलीफ भी झेलनी पड़ सकती है। यदि डायबिटीज के कारण व्यक्ति की ऐसी नर्व डैमेज हो जाती है, जो आपका डाइजेस्टिव ट्रैक (Digestive track) कंट्रोल करती हो, तो आपको कॉन्स्टिपेशन (Constipation), डायरिया इत्यादि पेट से सम्बंधित समस्या हो सकती है। यदि आप लंबे समय तक हाय ब्लड शुगर की समस्या से जूझते हैं, तो इसका सीधा असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है और आपको कॉन्स्टिपेशन हो सकता है। इसके अलावा डायबिटिक न्यूरोपैथी के चलते लोगों के कुछ खास तरह की दवाएं लेने की जरूरत पड़ती है, जिसके कारण पाचन तंत्र धीमा पड़ जाता है और इसकी वजह से आपको कॉन्स्टिपेशन की समस्या होती है। इसलिए डायबिटीज में दवाएं लेने से पहले आपको डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। आइए अब जानते हैं डायबिटीज और कॉन्स्टिपेशन (Diabetes and constipation) की समस्या को किस तरह ठीक किया जा सकता है।
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