डायबिटीज की समस्या होने पर सिर्फ शरीर में ब्लड शुगर लेवल ही इम्बैलेंस नहीं होता है, बल्कि कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। डायबिटीज पेशेंट्स में ऐसी ही बीमारी का नाम है डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा (Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema)। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार टाइप 1 डायबिटीज एवं टाइप 2 डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हर 4 में से 1 व्यक्ति डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा का शिकार होता है। अब क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा और डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षण क्या हैं और क्या डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा एक ही बीमारी है, ऐसे कई अन्य सवालों जा जवाब जानेंगे इस आर्टिकल में।
- डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा क्या है?
- डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा एक ही समस्या है?
- डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षण क्या हैं?
- क्या डायबिटिक मैकुलर एडिमा की समस्या बिना डायबिटिक रेटिनोपैथी के हो सकती है?
- डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के रिस्क फेक्टर क्या हैं?
- डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा होने पर क्या करें?
चलिए अब एक-एक कर इन ऊपर बताये सवालों के जवाब में रिसर्च रिपोर्ट्स का क्या कहना है, यह समझने की कोशिश करते हैं।
डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा क्या है? (About Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema)
इन दोनों शारीरिक तकलीफों के बारे में एक-एक कर जानते हैं-
डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy [DR])- डायबिटीज की समस्या होने पर आंखों में सूखापन, देखने में परेशानी महसूस होना, मोतियाबिंद (Cataract) की समस्या या रेटिना (Retina) से जुड़ी तकलीफ डायबिटिक रेटिनोपैथी के अंतर्गत आती है।
डायबिटिक मैकुलर एडिमा (Diabetic Macular Edema [DME])- डायबिटीज की समस्या से पीड़ित लोगों में देखने की क्षमता पर अत्यधिक नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। वहीं जिन डायबिटिक लोगों में लंबे वक्त से हाय शुगर लेवल (High Blood Sugar Level) की समस्या चलती आ रही है, उन्हें डायबिटिक मैकुलर एडिमा (DME) का खतरा ज्यादा रहता है। डायबिटिक मैकुलर एडिमा (DME) की स्थिति में देखने की क्षमता पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
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क्या डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा एक ही समस्या है? (Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema is same problem)
डायबिटीज होने के कारण कई बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन आंखों से जुड़ी बीमारियों की समस्या से डायबिटिक पेशेंट सबसे ज़्यादा परेशान रहते हैं। ऐसे में कई बार डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा को एक ही समस्या समझ लेते हैं। अगर सामान्य शब्दों में समझें, तो डायबिटिक रेटिनोपैथी में विजन लॉस यानी देखने की क्षमता कम हो सकती है, जिसके साथ-साथ ही डायबिटिक मैकुलर एडिमा से जुड़ी अन्य परेशानी भी हो सकती है। आर्टिकल में आगे जानेंगे डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षणों को।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema)
डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है, जिससे इन दोनों परेशानियों को समझना और दोनों में क्या अंतर है यह जानना बेहद जरूरी है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण (Symptoms of Diabetic Retinopathy)-
- ऊंचाइयों पर तैरती हुई चीजें नजर आना।
- रात के वक्त देखने में परेशानी होना।
- आंखों में दर्द महसूस होना।
- मोतियाबिंद होना।
- देखने की क्षमता कम होना।
- रंगों को पहचानने में कठिनाई होना।
- एक ही ऑब्जेक्ट दो-दो दिखाई देना।
डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षण (Symptoms of Diabetic Macular Edema)-
- धुंधला दिखाई देना।
- रंगों को ना पहचान पाना।
- एक ही ऑब्जेक्ट दो-दो दिखाई देना।
डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षण और डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण एक जैसे ही हैं, लेकिन डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षण से होने वाली परेशानी एक ही जैसी होने पर भी पर थोड़ा डिफ्रेंस है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज पेशेंट को डॉक्टर से कंसल्टेशन करना बेहद जरूरी है।
नोट: डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के लक्षणों को समझना आसान नहीं होता है, ऐसी स्थिति में तकलीफ बढ़ती चली जाती और इलाज का असर भी देर से हो सकता है। इसलिए अगर आप डायबिटीज (Diabetes) की समस्या से पीड़ित हैं, तो शरीर में होने वाले नेगेटिव बदलाओं को इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
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क्या डायबिटिक मैकुलर एडिमा की समस्या बिना डायबिटिक रेटिनोपैथी (DR and DME) की समस्या हो सकती है?
नहीं, डायबिटिक रेटिनोपैथी होने की स्थिति में ही धीरे-धीरे डायबिटिक मैकुलर एडिमा की समस्या शुरू होती है। इसलिए डयबिटीज पेशेंट को डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा दोनों की समस्या हो सकती है। हालांकि जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या नहीं है, उन्हें भी डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा (Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema) जैसी तकलीफ हो सकती है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा के रिस्क फेक्टर क्या हैं? (Risk factor of Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema)
डायबिटीज एवं हाय ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर अगर पेशेंट द्वारा लापरवाही बरती जाती है, तो डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा की संभावना बढ़ सकती है। जैसे:
- डायबिटीज (Diabetes) की समस्या कितने सालों से है।
- इम्बैलेंस हाय ब्लड शुगर (High blood sugar) की समस्या।
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) या हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) की समस्या होना।
- महिला का गर्भवती (Pregnancy) होना।
- तंबाकू (Tobacco) का सेवन करना।
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टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) को समझने के लिए नीचे दिए इस 3 D मॉडल पर क्लिक करें।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा (Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema) होने पर क्या करें?
डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा की समस्या होने पर निम्नलिखित बातों का ध्यान करें। जैसे:
- ब्लड शुगर लेवल बैलेंस (Blood sugar level) रखें।
- रेटिना स्पेशलिस्ट (Retina Specialist) से कंसलट करें।
इन दोनों बातों को ध्यान में रखें। रेटिना स्पेशलिस्ट आवश्यकता पड़ने पर ल्यूसेंटिस (LUCENTIS Injection) इंजेक्शन प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। इस इंजेक्शन की मदद से डायबिटीज पेशेंट की आंखों से जुड़ी तकलीफों को कम करने में मदद मिल सकती है।
नोट: ल्यूसेंटिस इंजेक्शन (LUCENTIS Injection) प्रिस्क्राइब्ड ड्रग है, इसे अपनी मर्जी से लेना हानिकारक हो सकता है। वहीं आंखों के आसपास इंफेक्शन (Infection) होने पर इंजेक्शन नहीं दी जाती है।
डायबिटीज की समस्या होने पर ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना सबसे ज्यादा जरूरी माना जाता है, जिससे अन्य बीमारियों का खतरा टल सके।
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ब्लड शुगर लेवल कैसे रखें कंट्रोल? (Tips to control blood sugar level)
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है या निम्नलिखित टिप्स को फॉलो करना जरूरी है। जैसे:
- नियमित टहलने (Walk), योग (Yoga) या फिर क्षमता अनुसार एक्सरसाइज (Workout) करें।
- खान-पान का ध्यान रखें और समय पर खाने की (Healthy diet) आदत डालें।
- डायबिटीज की दवाओं (Diabetes medication) या इन्सुलिन (Insulin) का समय भी तय रखें।
- स्मोकिंग (Smoking) और एल्कोहॉल (Alcohol) से दूर रहें।
- समय पर सोने की आदत डालें और 7 से 9 घंटे की नींद (Sleep) लें।
- तनाव (Tension) से बचें।
- शुगर लेवल समय-समय पर चेक (Diabetes check) करते रहें।
इन 7 बातों को ध्यान में रखकर ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस में रखना आसान हो सकता है और अन्य बीमारियों के खतरे को भी कम करने में मदद मिल सकती है।
अगर आप डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा (Diabetic Retinopathy vs Diabetic Macular Edema) की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन और उनके दिए गए सलाह का ठीक तरह से पालन करें। ऐसा करने से बीमारी को जल्द से जल्द कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। डायबिटिक रेटिनोपैथी और डायबिटिक मैकुलर एडिमा से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब देने की जल्द से जल्द कोशिश करेंगे।
स्वस्थ्य रहने के लिए नियमित योग (Yoga) करें। योग आपके मन और तन दोनों को स्वस्थ रखने में सहायक है। योग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और योग करने का सही तरीका जानिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक में।
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