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वयस्कों के लिए नार्मल ब्लड शुगर लेवल चार्ट को फॉलो करना क्यों है जरूरी? कैसे करें मेंटेन

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/04/2021

    वयस्कों के लिए नार्मल ब्लड शुगर लेवल चार्ट को फॉलो करना क्यों है जरूरी? कैसे करें मेंटेन

    आपने अक्सर देखा होगा जब तक हमारी उम्र कम होती है, हम बेफिक्र होकर खाते-पीते है। अपने आपको इतना व्यस्त रखते हैं कि अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिलता है। लेकिन जैसे-जैसे उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं। हम अपने हेल्थ और खान-पान का ध्यान रखना शुरू कर देते हैं। बढ़ती उम्र के साथ होने वाली सभी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में मधुमेह सबसे आम समस्या मानी जाती है। जिसमें हमारा शुगर लेवल का स्तर सामान्य रहना बेहद आवश्यक होता है। शुगर लेवल सामान्य होने से आपकी स्थिति बेहतर बनी रहती है। यदि शरीर में बल्ड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। तो इससे मधुमेह के रोगियों की स्थिति बिगड़ने लगती है। आज हम बात करने जो रहे हैं वयस्कों के लिए ब्लड शुगर सामान्य रखना और शुरूआत से ही हेल्दी खान-पान रखना कितना आवश्यक है।

    • हमारे शरीर में रक्त शर्करा यानि ब्लड शुगर लेवल का क्या महत्व है ? यह केवल वही लोग समझ सकते हैं, जो मधुमेह यानि डायबिटीज रोग से ग्रसित होते हैं। मधुमेह से पीड़ित लोगों को शुगर की मात्रा नाप-तोलकर लेनी पड़ती है। इस कारण से उनके शरीर में जाने वाले खाद्य पदार्थों में शर्करा की मात्रा की जांच अच्छी तरह से की जानी चाहिए। 

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    ब्लड शुगर का नार्मल रेंज क्या होता है? (Normal Range Of Blood Sugar)

    ए 1 सी

    ए 1 सी (A1C) टेस्ट आपके बल्ड शुगर को लगभग पिछले दो से तीन महीनों के लिए मापता है। इस तरह से निदान करने का यह फायदा होता है, कि इसमें आपको खाली पेट या कुछ खाने पीने की आवश्यकता नहीं होती है।

    ए 1 सी नार्मल रेंज

    • सामान्य से कम 5.7%
    • प्रीडायबिटीज 5.7% से 6.4%
    • मधुमेह 6.5% या अधिक

    और पढ़ें: Diabetes insipidus : डायबिटीज इंसिपिडस क्या है ?

    फास्ट प्लाज्मा ग्लूकोज (FPG)

    फास्ट प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट ऐसा परीक्षण है,जिसे उपवास या खाली पेट होने वाला परीक्षण कह सकते हैं। इस जांच में परीक्षण से पहले आपको कम से कम 8 घंटे तक खाने या पीने के लिए मना किया जाता है। यह परीक्षण आमतौर पर सुबह नाश्ते से पहले ही करने की सिफारिश की जाती है।

    फास्ट प्लाज्मा ग्लूकोज (Fast Plasma Glucose) का नाॅर्मल रेंज

    • 100 मिलीग्राम / डीएल से कम सामान्य
    • प्रीडायबिटीज 100 एमजी /डीएल से 125 एमजी /डीएल
    • मधुमेह 126 एमजी /डीएल या अधिक

    ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Oral glucose tolerance test) (जिसे ओजीटीटी भी कहा जाता है)

    ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट को ओजीटीटी कहा जाता है। ओजीटीटी एक दो घंटे का परीक्षण है जो आपके रक्त शर्करा के स्तर की जांच करता है। यह जांच कुछ मीठा पेय पदार्थ पीने के दो घंटे बाद या दो घंटे पहले किया जाता है। जिसमें आपका डॉक्टर आपको यह बताता है कि आपके शरीर में शुगर कैसे कार्य करता है। मधुमेह का निदान 2 घंटे के रक्त शर्करा में  या 200 मिलीग्राम / डीएल से अधिक या उसके बराबर पर किया जाता है।

    ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट का नार्मल रेंज

    • 140 मिलीग्राम / डीएल से कम सामान्य
    • प्रीडायबिटीज 140 मिलीग्राम / डीएल से 199 मिलीग्राम / डीएल
    • मधुमेह 200 एमजी /डीएल याअधिक

    रैंडम (आकस्मिक भी कहा जाता है) प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट

    जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह परीक्षण दिन के किसी भी समय किया जा सकता है। जब आपको गंभीर मधुमेह के लक्षण  दिखाई देते हैं। उस वक्त एक रक्त जांच किया जाता है। मधुमेह का निदान 200 मिलीग्राम / डीएल से अधिक या उसके बराबर रक्त शर्करा में किया जाता है।

    औसतन ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

    • भोजन से पहले: 80 से 130 मिलीग्राम / डीएल।
    • भोजन शुरू करने के दो घंटे बाद: 180 मिलीग्राम / डीएल से कम।

    आपकी आयु और अन्य कारकों के आधार पर आपके बल्ड शुगर स्तर के लक्ष्य अलग हो सकते हैं। इस बारे में अपनी स्वास्थ्य देखभाल टीम से बात करके सुनिश्चित करें कि आपके लिए बल्ड शुगर स्तर का कौन-सा लक्ष्य सर्वोत्तम हैं।

    ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।

    मधुमेह क्या है? (Diabetes)

    ब्लड शुगर

    यदि मधुमेह के बारे में बताएं तो मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा घट जाती है। इसमें टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों में अग्न्याशय होता है जो इंसुलिन नहीं बनाता है। टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के शरीर में कोशिकाएं होती हैं जो इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी होती हैं। जो पर्याप्त इंसुलिन स्तर (रक्त शर्करा) का उत्पादन धीमा या बंद कर देती है। दोनों प्रकार के मधुमेह का परिणाम असामान्य ग्लूकोज स्तर हो सकता है। यदि आपको मधुमेह है तो आपका डॉक्टर आपको रक्त शर्करा पर ध्यान रखने के लिए एक खास प्रकार काे उपकरण लेने की सलाह दे सकता है। जिससे आप घर पर परीक्षण करके रक्त ग्लूकोज मॉनिटर या होम ब्लड शुगर मीटर से अपना परीक्षण स्वंय कर सकते हैं। यह आमतौर पर आपकी उंगली की नोक से रक्त का एक छोटा सा सैंपल लेता है, और यह आपके ग्लूकोज की मात्रा को मापता है।अपने डिवाइस का उपयोग सही तरीके से करने के लिए अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।

    और पढ़ें: Diabetic Eye Disease: मधुमेह संबंधी नेत्र रोग क्या है?

    कैसे करें ब्लड शुगर का परीक्षण (Blood Sugar Test)

    आपका डॉक्टर आपको बताएगा कि आपके रक्त शर्करा का परीक्षण कब और कैसे करना है। इसकी जांच करने के लिए आप एक नोटबुक या ऑनलाइन टूल या एप से लॉग इन कर सकते हैं। परीक्षण के लिए एप या टूल में दिए गए विकल्पों को ठीक से भरें। उसमें मांगी गई सभी जानकारी भरें । जो इस प्रकार हो सकती है।

    • आपने कौन-सी दवा और खुराक ली है
    • आपने क्या खाया
    • कब खाया
    • क्या आप उपवास कर रहे थे।
    • कितना व्यायाम किया
    • कितना तीव्र और किस तरह का व्यायाम आप कर रहे थे।
    • दिन भर में कितना एक्टिव थे। 

    नोट: यदि आप यह परिक्षण ठीक प्रकार से कर लेते हैं, तो इससे आपको और आपके डॉक्टर को यह देखने में मदद मिलेगी कि आपका उपचार कैसे काम कर रहा है।

    क्या हाई ब्लड शुगर का स्तर (High Blood Sugar Level) खतरनाक हो सकता है?

    जी हां, उच्च रक्त शर्करा का बढ़ा हुआ स्तर खतरनाक हो सकता है। हालांकि उच्च रक्त शर्करा का स्तर आमतौर पर अत्यधिक पेशाब, अत्यधिक प्यास और भूख, और वजन घटाने के लक्षण पैदा कर सकता है। समय के साथ इन उच्च रक्त शर्करा के स्तर के कारण ये समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। 

  • धुंधली दृष्टि
  • संक्रमण
  • किडनी की समस्या 
  • आंखों की समस्या
  • त्वचा को नुकसान 
  • बार-बार पेशाब की समस्या
  • रक्त प्रभाव खराब कर सकता है
  • अत्यधिक प्यास और भूख लगना
  • दिल का दौरा और स्ट्रोक 
  • अचानक वजन घटना
  • फुट अल्सर
  • न्यूरोलॉजिकल समस्याएं
  • इसके अलावा भी कई अन्य चिकित्सा समस्याओं के लिए उच्च जोखिम हो सकते हैं। बहुत अधिक रक्त शर्करा का स्तर (उदाहरण के लिए, 240 मिलीग्राम / डीएल से अधिक )  होना मधुमेह केटोएसिडोसिस का कारण बन सकता है। जिससे सोचने समझने की शक्ति खो सकती है। इसके अलावा मृत्यु के जोखिम भी हो सकता है। अत्यधिक उच्च रक्त शर्करा के उपचार में आईवी (IV) तरल पदार्थ और इंसुलिन शामिल हैं।

    और पढ़ें : डबल डायबिटीज की समस्या के बारे में जानकारी होना है जरूरी, जानिए क्या रखनी चाहिए सावधानी

    क्या लो ब्लड शुगर का स्तर (Low Blood Sugar level) खतरनाक हो सकता है?

    जी हां, लो ब्लड शुगर का स्तर भी कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है।  ज्यादातर मामलों में लो ब्लड शुगर के लक्षण भूख, घबराहट, पसीना, चक्कर आना और यहां तक कि भ्रम जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। यदि लो ब्लड शुगर का सही उपचार नहीं किया जाता है तो उसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। कई मामलों में इसमें बेहोशी, दौरा, कोमा या मृत्यु होने की संभावना हो सकती है। निम्न रक्त शर्करा का स्तर 70 मिलीग्राम / डीएल या उससे कम से शुरू होता है। 

    • मधुमेह वाले लोग जो बहुत अधिक दवा (इंसुलिन या दवा) लेते हैं। अपनी सामान्य मात्रा से कम खाते हैं, सामान्य से अधिक व्यायाम करते हैं। उन लोगों में हाइपोग्लाइसीमिया होने का खतरा अधिक होता है। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है की मधुमेह के बिना किसी को हाइपोग्लाइसीमिया हो। 
    • लो ब्लड शुगर वाले लोग जब किसी दवा का सेवन करते हैं और अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं तो ऐसे में उनमें गंभीर हेपेटाइटिस होने का खतरा बना रहता है, या अग्न्याशय के ट्यूमर होने का खतरा बना रहता है। लेकिन यह रेयर मामलों में देखने को मिलता है। हाइपोग्लाइसीमिया के लिए उपचार में ओरल ग्लूकोज सेवन 15. 0 ग्राम चीनी शामिल है। उदाहरण के लिए 1 बड़ा चम्मच चीनी, शहद या आईवी तरल पदार्थ युक्त ग्लूकोज उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार लो ब्लड शुगर के उपचार के बाद लगभग 15 मिनट में अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करें। आपके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार आपका उपचार किया जाता है। इसके अलावा डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपको किसी प्रकार के गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं तो दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।

    और पढ़ें: एलएडीए डायबिटीज क्या है, टाइप-1 और टाइप-2 से कैसे है अलग

    ब्लड शुगर लेवल की जांच (Blood Sugar level Test) करने के लिए कब कहा जाता है? 

    सबसे अधिक मधुमेह के रोगियों को डॉक्टर द्वारा ब्लड शुगर लेवल की जांच करने के लिए कहा जाता है। इस जांच में एक नोक के माध्यम से आपकी उंगली से बल्ड का एक छोटा सा सैंपल निकालकर जांच किया जाता है। यह जांच एक डिवाइस की मदद से की जाती है। इसे ग्लूकोमीटर कहा जाता है। इसमें ग्लूकोज की मात्रा को माप सकते है। इस जांच से मधुमेह के रोगियों की स्थिति पर निगरानी रखने में सहायता मिलती है। जिससे उनके उपचार में मदद मिलती है। इन लोगों में ब्लड शुगर लेवल की जांच करने की सिफारिश की जा सकती है। जो इस प्रकार से है।

    और पढ़ें: एमओडीवाई डायबिटीज क्या है और इसका इलाज कैसे होता है

    • महिला के गर्भवती होने पर ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है।
    • जिन लोगों में मधुमेह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे- अधिक प्यास लगना,ज्यादा यूरिन होना, अधिक भूख लगना। इन लक्षणों के दिखाई देने पर ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है।।
    • मधुमेह की स्थिति में स्वास्थ्य पर देखरेख करने के लिए ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है।
    • किसी उपचार में दवाओं की उचित मात्रा का निर्धारण करने के लिए ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है।
    • इंसुलिन का उपयोग करने वाले लोगों में ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है।
    • मधुमेह रोग की स्थिति में उचित उपचार को अपनाने के लिए ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है।
    • टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज की देखभाल करने के लिए ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है।

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     अपने ब्लड शुगर लेवल को कब मापना चाहिए? (When should you measure your blood sugar level?)

    • आप खाना खाने के बाद और खाना खाने से पहले ब्लड शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं।
    • आप बुखार की स्थिति में ब्लड शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं।
    • आप तनाव की स्थिति में ब्लड शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं।
    • आप व्यायाम करने के बाद ब्लड शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं।
    • आप सोने से पहले या उठने के तुरंत बाद ब्लड शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं।
    • आप हाइपोग्लाइसेमिक से संबंधित लक्षणों के दिखाई देने पर ब्लड शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं।

    और पढ़ें: प्री डायबिटीज से बचाव के लिए यह है गोल्डन पीरियड

     सामान्य ब्लड शुगर लेवल (Normal Blood Sugar Level) को बनाए रखने के लिए मैं क्या करूं?

    आप अपने ब्लड शुगर के सामान्य स्तर को बनाए रखने के लिए एक हेल्दी डायट फॉलो कर सकते हैं। इसमें आपको शुगरयुक्त आहार और शुगर वाले खाद्य पदार्थों सो दूर रहने की सलाह दी जाती है। जिसमें बहुत सी चीजें शामिल है जो इस प्रकार हैं।

    • अधिक मात्रा में कार्ब 
    • चीनी 
    • आलू
    • उच्च मक्खन वाले खाद्य पदार्थ,
    • वसायुक्त खाद्य पदार्थ
    • कैंडी
    • चीनीयुक्त मिठाइयां 

    एक हेल्दी आहार ही मधुमेह के प्रबंधन को सही रूप से बनाए रखने में प्रमुख स्टेप होता है। इसमें अच्छे आहार के साथ कम से कम 30 मिनट एक्ससाइज करना चाहिए।  अपने टाइप 1 डायबिटीज़ या टाइप 2 डायबिटीज़ का प्रबंधन करने के लिए ब्लड शुगर लॉग बुक का उपयोग करें और ग्लूकोज टेस्ट करने के लिए ब्लड ग्लूकोज होम टेस्ट किट का उपयोग करें। इसके स्तर के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए समय-समय पर जांच कराते रहना बेहद आवश्यक होता है।

    ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।

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    shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/04/2021

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