डायबिटीज की समस्या में आप क्या खाते हैं और किन चीजों से परहेज करते हैं, यह तय करता है कि आप डायबिटीज को किस तरह सामान्य बनाए रख सकते हैं। यही वजह है कि आपकी डायट डायबिटीज की समस्या में एक जरूरी फैक्टर मानी जाती है। जब बात हो रही हो डायट की, तो डायबिटीज में लंबे समय तक भूखे रहना व्यक्ति के लिए नुकसानदेह माना जाता है। वजन सामान्य बनाए रखने के लिए अक्सर लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) की मदद लेते हैं। लेकिन डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) कितनी कारगर है, यह जानना बेहद जरूरी है। ज्यादा लंबे समय तक भूखे रहने से व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल फ्लकचुएट हो सकता है और इसका सीधा प्रभाव उसकी सेहत पर पड़ता है। यही वजह है कि वजन कम करने के लिए डायबिटिक व्यक्ति फास्टिंग का चुनाव नहीं कर पाते।
डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग सेफ है या नहीं, आइए जानते हैं इस आर्टिकल में। लेकिन इससे पहले जानते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़ी यह जरूरी बातें।
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क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग? (Intermittent fasting)
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा डायट प्लान है, जिसमें शेड्यूल के अनुसार खाना खाया जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग को इंटरमिटेंट कैलेरी रिस्ट्रिक्शन का नाम भी दिया गया है। इस फास्टिंग के दौरान खाद्य पदार्थों का चुनाव नहीं किया जाता, बल्कि खाने के समय पर ध्यान दिया जाता है। जब आप इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) करते हैं, तो शरीर में मौजूद फैट, एनर्जी में बदलता है, जिससे आपका वजन तेजी से कम होता है। इसलिए इंटरमिटेंट फास्टिंग किसी तरह की डायट नहीं, बल्कि डायट का एक पैटर्न माना जाता है। आइए अब जाते हैं डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) कितनी सही हैं और इसे किस तरह फ़ॉलो किया जा सकता है।
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क्या डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग करना सही है? (Diabetes and intermittent fasting)
इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) वैसे तो डायट पैटर्न का एक अच्छा तरीका माना जाता है, लेकिन कई बार इसकी वजह से आपको कई तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। यही वजह है कि डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) पूरी तरह से सेफ नहीं मानी जाती है। डायबिटीज में इसके कुछ रिस्क भी देखे जा सकते हैं। यदि आप इंसुलिन या डायबिटीज (Diabetes) की दवाओं का इस्तेमाल करते हैं और अचानक इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आप कम खाना खाते हैं, तो आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से कम हो सकता है। इस स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) की समस्या कहा जाता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति में व्यक्ति को कई तरह की तकलीफें हो सकती हैं, जैसे –
- कन्फ्यूजन होना
- इरिटेशन होना
- दिल की धड़कन का अचानक बढ़ना
- नर्वसनेस महसूस होना
- पसीना आना
- ठंड लगना
- कमजोरी महसूस होना
- बहुत अधिक नींद आना
- एनर्जी का कम होना
- उल्टी जैसा महसूस होना
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इसके अलावा डायबिटीज में फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) का एक और खतरा माना जाता है, वह है हाय ब्लड शुगर, जिसे हाइपरग्लाइसीमिया (Hyperglycemia) कहा जाता है। इस स्थिति में जब आप इंटरमिटेंट फास्टिंग के बाद जरूरत से ज्यादा खाना खाते हैं, तो आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में आपको ये समस्याएं हो सकती है –
- नर्व डैमेज
- किडनी डिजीज
- हार्ट डिजीज
- स्ट्रोक
- हाय ब्लड प्रेशर
यही वजह है कि डायबिटीज में फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) शुरू करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आपके ब्लड शुगर लेवल और आपकी डायबिटिक स्थिति को जानते हुए डॉक्टर यह तय करेंगे कि आपके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग सही है या नहीं। जैसा कि आपने जाना इंटरमिटेंट फास्टिंग डॉक्टर की सलाह के बगैर करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) डायबिटीज (Diabetes) की समस्या को रिवर्स कर सकता है। आइए जानते हैं क्या यह मुमकिन है!
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क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग से डायबिटीज रिवर्सल मुमकिन है? (Diabetes reversal and intermittent fasting)
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institute of Health) में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) कुछ लोगों के लिए बेहद कारगर साबित हुई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक एक रिसर्च के दौरान टाइप टू डायबिटीज (Diabetes) से ग्रसित लोगों ने 1 सप्ताह में करीब 3 बार इंटरमिटेंट फास्टिंग की। करीब एक महीने बाद उन्हें इंसुलिन लेने की जरूरत कम महसूस हुई। इस दौरान उनका बॉडी मास इंडेक्स इंप्रूव हुआ और उनका वजन भी कम हो गया। लेकिन सिर्फ एक रिसर्च के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग सभी के लिए कारगर साबित होती है। अलग-अलग लोगों में डायबिटीज की स्थिति अलग-अलग होती है, यही वजह है कि इस बारे में अधिक रिसर्च की आवश्यकता है। लेकिन हाल की रिसर्च के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग करके डायबिटीज रिवर्सल (Diabetes reversal) मुमकिन है। लेकिन डायबिटीज की समस्या में आप डॉक्टर की सलाह के आप इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) के अलग-अलग प्रकारों को आजमा सकते हैं। आइए अब जानते हैं डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकारों के बारे में।
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अपना सकते हैं इसके अलग-अलग पैटर्न (Diabetes and Types of intermittent fasting)
डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में आपका खान-पान आपकी स्थिति के अनुसार बदलने की जरूरत पड़ती है। यही वजह है कि डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) की सलाह आमतौर पर नहीं दी जाती। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद इंटरमिटेंट फास्टिंग के कुछ प्रकारों को अपनाया जा सकता है। यह प्रकार इंटरमिटेंट फास्टिंग के अलग अलग पैटर्न माने जाते हैं। आइए जानते हैं डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) के कौन से प्रकार अपनाए जा सकते हैं।
16:8 इंटरमिटेंट फास्टिंग : इस पैटर्न में व्यक्ति अपने सभी मील्स 8 घंटे के अंदर खाने होते हैं और इसके बाद करीब 16 घंटे तक उन्हें फास्ट करना होता है। कई लोग रात 8 बजे से अगले दिन दोपहर तक फास्टिंग करते हैं। वहीं उसके बाद वे पूरी दिन की अपनी सभी मील्स दोपहर से लेकर रात के 8 बजे तक खाते हैं।
5:2 इंटरमिटेंट फास्टिंग : फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) के इस पैटर्न में आप अपनी रेग्यूलर मील्स 5 दिन तक खाते हैं, इसके बाद 2 दिनों तक आपको फास्टिंग करनी होती है। इन 2 दिनों के अंदर आप 500 कैलोरी से कम कैलरी का कंजप्शन करते हैं।
अल्टरनेट डे फास्टिंग : इंटरमिटेंट फास्टिंग के इस पैटर्न में आपको 24 घंटे तक भूखा रहना होता है और बेहद कम मात्रा में खाना खाना होता है। 24 घंटे बाद आप नॉर्मल डायट पर आ सकते हैं।
अर्ली टाइम रिस्ट्रिक्टेड फीडिंग : इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) के इस पैटर्न के दौरान आप सुबह और दोपहर में कम खाना खाते हैं और इसके बाद शाम और रात को फास्ट करते हैं।
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डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) के ये पैटर्न अपनाए जा सकते हैं। लेकिन यह पैटर्न आपको डॉक्टर की सलाह के बाद और डायटिशियन से कंसल्ट कर के ही अपनाने चाहिए। कई बार आपकी स्थिति को ध्यान में रखकर डॉक्टर किसी भी तरह की इंटरमिटेंट फास्टिंग की सलाह नहीं देते। वहीं यदि आपका वजन ज्यादा है और आप इंसुलिन या मेडिकेशन पर निर्भर हैं, तो डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके लिए सही नहीं मानी जाती। लेकिन डायबिटीज (Diabetes) की सामान्य स्थिति में आप डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग से हो सकते हैं ये फायदे (Benefits of intermittent fasting)
यदि डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) डॉक्टर की सलाह के बाद फॉलो की जाए, तो यह आपको कई तरह के फायदे दे सकती है। यदि आप वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग प्लान बना रहे हैं, तो समय के साथ आपकी डायबिटिक दवाओं पर निर्भरता कम हो सकती है। यहां तक कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) के बाद कई लोगों को ऊपरी तौर पर इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन आपको अपना प्लान बहुत सावधानी के साथ चुनना होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के आपको कई फायदे मिलते हैं –
- इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होना
- ब्लड प्रेशर का कम होना
- ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कम होना
- भूख कम लगना
- फैट ऑक्सीडेशन में बढ़ोतरी होना
इस तरह के फायदे आप डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) के दौरान देख सकते हैं। इसके अलावा लंबे समय तक डायबिटीज में इंटरमिटेंट कास्टिंग के जरिए आप अपने ग्लूकोज लेवल को भी कंट्रोल कर सकते हैं और साथ ही साथ डायबिटीज (Diabetes) कॉम्प्लिकेशन को भी सामान्य बनाए रख सकते हैं।
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डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके लिए कारगर साबित हो सकती है। जो डायबिटीज (Diabetes) को मैनेज करने में आपकी मदद कर सकती है, लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाने से पहले आपको अपना पूरा चेकअप करवाने की जरूरत पड़ती है और डॉक्टर की सलाह के बाद ही इंटरमिटेंट फास्टिंग के किसी प्लान को चुनना होता है। यदि आप बगैर डॉक्टर की सलाह के इंटरमिटेंट फास्टिंग (Diabetes and intermittent fasting) अपनाते हैं, तो यह आपके ब्लड शुगर लेवल पर बुरा प्रभाव डाल सकती है, जिससे आप की स्थिति बेहतर होने की बजाय और भी बिगड़ सकती है। इसलिए डॉक्टर के साथ-साथ डायटीशियन की सलाह के बाद ही आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग का चुनाव करना चाहिए।
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