नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases) के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज सामान्य तरह का डायबिटीज है। यह समस्या तब होती है जब ब्लड शुगर बहुत हाई होता है। ब्लड ग्लूकोज हमारी एनर्जी का मुख्य सोर्स है और यह जो आहार हम खाते हैं उससे प्राप्त होता है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की स्थिति में दवाइयों और इंसुलिन के साथ ही जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी है। आज हम एक ऐसी ही मेडिसिन के बारे में आपको जानकारी देने वाले हैं। इस मेडिसिन का नाम है ग्लिपीजाइड (Glipizide)। जानिए क्या है ग्लिपीजाइड (Glipizide) और क्या हैं इसके फायदे?
ग्लिपीजाइड क्या है? (Glipizide)
ग्लिपीजाइड (Glipizide) का इस्तेमाल सही आहार और एक्सरसाइज प्रोग्राम के साथ किया जाता है, ताकि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से पीड़ित लोगों में हाय ब्लड शुगरहाय ब्लड शुगर(High Blood Sugar) को कंट्रोल किया जा सके। इनका इस्तेमाल अन्य डायबिटीज मेडिकेशन्स के साथ किया जा सकता है है। हाय ब्लड शुगर (High Blood Sugar) को कंट्रोल करने से हम कई समस्याओं से बच सकते हैं जैसे किडनी डैमेज, ब्लाइंडनेस, नर्व प्रॉब्लम्स, सेक्शुअल फंक्शन प्रॉब्लम्स आदि। डायबिटीज को सही से कंट्रोल करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। ग्लिपीजाइड (Glipizide), सल्फोनिलयूरियास (Sulfonylureas) नाम की ड्रग्स की क्लास से संबंधित है। यह शरीर के नेचुरल इंसुलिन को रिलीज़ करके ब्लड शुगर को लो करने में मददगार होती है।
यह ओरल टेबलेट जेनेरिक और ब्रैंड नेम ड्रग दोनों के रूप में उपलब्ध है। इसका ब्रैंड नेम है ग्लूकोट्रॉल (Glucotrol) और ग्लूकोट्रॉल XL (Glucotrol XL)। इस दवा का इस्तेमाल डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बाद ही करने की सलाह दी जाती है। यह ओरल इमीडियेट-रिलीज टेबलेट (Oral immediate-release tablet ) और ओरल एक्सटेंडेड- रिलीज टेबलेट (Oral extended-release tablet) के रूप में उपलब्ध हैं। अब जानते हैं कि यह मेडिसिन कैसे काम करती है?
ग्लिपीजाइड कैसे काम करती है? (Uses of Glipizide)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि इस दवा का इस्तेमाल ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा सल्फोनिलयूरियास (Sulfonylureas) ड्रग्स की क्लास से संबंधित है। यह एक एंटीडायबिटिक मेडिकेशन है। यह पैंक्रियाज से इंसुलिन रिलीज़ करने के मदद करती है। इंसुलिन हमारे ब्लड स्ट्रीम से सेल्स तक शुगर को मूव करती है, इससे ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) कम होता है। संक्षेप में कहा जाए तो यह दवा ब्लड ग्लूकोज को कम करने के लिए अग्न्याशय द्वारा रिलीज़ इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाकर काम करती है। आगे जानिए कि ग्लिपीजाइड (Glipizide) का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
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ग्लिपीजाइड का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
ग्लिपीजाइड (Glipizide) की सलाह ब्रेकफास्ट या दिन के पहले आहार से पहले डॉक्टर की सलाह के अनुसार लें। इसकी सलाह दिन में एक बार ही लेने की दी जाती है। कुछ मरीज खासतौर पर जो लोग हाय डोज लेते हैं, उन्हें दिन में दो बार भी इस दवा को लेने के लिए कहा जाता है। यह डोज मेडिकल कंडीशन और ट्रीटमेंट के रिस्पांस पर निर्भर करती है। इस दवा के कारण होने वाले रिस्क फैक्ट्स को कम करने के लिए डॉक्टर इस दवा की शुरुआत लो डोज से करने के लिए कहते हैं और धीरे-धीरे इसकी डोज बढ़ाने के लिए कहा जाता है। इस दवा को लेते हुए अपने डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें।
अगर आप डायबिटीज की कोई और ड्रग ले रहे हैं जैसे क्लोरप्रोपामाइड (Chlorpropamide), तो डॉक्टर की डायरेक्शंस के अनुसार पहले इस दवा को लेना बंद करें और उसके बाद ग्लिपीजाइड (Glipizide) को लेना शुरू करें। अब जानिए क्या हो सकते हैं इस दवा के साइड इफेक्ट्स।
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ग्लिपीजाइड के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Glipizide)
मेटफार्मिन (Metformin) को टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के उपचार के लिए प्रयोग की जाने वाली मुख्य दवा के रूप में जाना जाता है। लेकिन, ध्यान रहे ग्लिपीजाइड (Glipizide), मेटफार्मिन के समान नहीं होती है। हालांकि, यह दोनों ओरल मेडिसिन्स टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के उपचार के लिए प्रयोग होती हैं। किंतु, इन दोनों का शुगर लेवल को कम करने का तरीका अलग-अलग होता है। यह दवा ब्लड शुगर में बदलाव ला सकती है। इसे लेते हुए आपको लो और हाय ब्लड शुगर के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। आपको यह भी जानकारी होनी चाहिए इन लक्षणों की स्थिति में आपको क्या करना है? अन्य दवाइयों की तरह ग्लिपीजाइड (Glipizide) के भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। यह साइड इफेक्ट्स इस प्रकर हैं:
- डायरिया (Diarrhea)
- गैस (Gas)
- सिर चकराना (Dizziness)
- शरीर के हिस्से का अनकंट्रोल तरीके से कंपकंपाना (Uncontrollable shaking of part of body)
- त्वचा का लाल होना या खुजली होना (Red or itchy skin)
- रैशेज (Rash)
- हाइव्ज (Hives)
- ब्लिस्टर्स (Blisters)
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यह तो थे कुछ सामान्य साइड-इफेक्ट्स। इस दवा के कुछ गंभीर साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। यह गंभीर साइड-इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:
- स्किन या आंखों का पीला होना (Yellowing of skin or eyes)
- लाइट-कलर्ड स्टूल (Light-colored stools)
- डार्क यूरिन (Dark urine)
- पेट के अपर राइट पार्ट में दर्द (Pain in stomach)
- अनयूजुअल नील पड़ना या ब्लीडिंग होना (Unusual bruising or bleeding)
- बुखार (Fever)
- गले में खराश (Sore throat)
ग्लिपीजाइड के कारण रोगी को कुछ अन्य साइड इफेक्ट्स भी नजर आ सकते हैं। अगर आपको इन दवाइयों का सेवन करने के बाद कोई भी साइड इफेक्ट्स नजर आए, तो इसे लेना तुरंत बंद कर दें और मेडिकल हेल्प लें। इस मेडिसिन को लेते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानिए।
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ग्लिपीजाइड के इस्तेमाल से पहले जानें यह बातें
ग्लिपीजाइड (Glipizide) को लेने से पहले आपको उसके बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। यही नहीं, डॉक्टर को भी इस दवा की सलाह देने से पहले रोगी की फैमिली हिस्ट्री और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए। ग्लिपीजाइड के इस्तेमाल से पहले इन चीजों का रखें ध्यान:
- जिन लोगों को गंभीर हायपोग्लाइसेमिया (hypoglycemia) का जोखिम है (इनमें बुजुर्ग, कुपोषित या गंभीर समस्या से पीड़ित लोग शामिल हैं)। उन्हें इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे लोगों को इस दवा को लेने के बाद सावधानी बरतनी चाहिए।
- अगर किसी व्यक्ति को स्ट्रेस है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर ग्लिपीजाइड (Glipizide) की जगह इंसुलिन की सलाह दी जाती है।
- हिपैटिक या रीनल इम्पेयरमेंट (Hepatic/renal impairment) की स्थिति में इस दवा का इस्तेमाल ध्यान से करें।
- प्रेगनेंसी और स्तनपान की स्थिति में भी डॉक्टर की सलाह के बिना इस दवा का सेवन न करें।
- ग्लिपीजाइड (Glipizide) कुछ दवाइयों के साथ इंटरेक्ट कर सकती है जैसे नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Non-steroidal anti-inflammatory drugs), एंटीफंगल मेडिकेशन्स (Antifungal medications), ब्लड थिनर मेडिकेशन (Blood thinner medication), डिप्रेशन ड्रग्स (Depression drugs) आदि। इसलिए डॉक्टर को पहले ही उन दवाइयों के बारे में बता दें जिनका सेवन आप पहले से ही कर रहे हैं।
- ग्लिपीजाइड (Glipizide) के कारण कुछ लोग वजन के बढ़ने की समस्या का अनुभव कर सकते हैं। ऐसे में इस दवा को लेने के बाद आपको अपनी डायट का ध्यान रखने और नियमित व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इसे लेते हुए अपने मील को भी स्किप न करें क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) लो हो सकता है।
- ग्लिपीजाइड का सेवन उन लोगों को भी नहीं करना चाहिए जिन्हें इस दवा के कंपोनेंट्स से एलर्जी हो या अन्य किसी तरह की एलर्जी है। इसके साथ ही उन लोगों को भी इसे नहीं लेना चाहिए जिन्हें गंभीर किडनी या लिवर डिजीज हों।
- टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को भी इस दवा को न लेने की सलाह दी जाती है।
- ग्लिपीजाइड (Glipizide) की ओवरडोज से भी ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) कम हो सकता है। अगर आपने गलती से इसकी अधिक डोज ले ली है तो आपको तुरंत पर्याप्त शुगर लेने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही इस स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प लेना भी जरूरी है।
- डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बाद आपको ग्लिपीजाइड (Glipizide) को बिना इसकी डोज को स्किप किये नियमित रूप से लेने की सलाह दी जाती है। इसकी सही डोज न लेने या डोज को स्किप करने से आपकी डायबिटीज बदतर हो सकती है। अगर आप इस दवा को लेना भूल गए हैं, तो याद आने पर तुरंत इस लें या डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!
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यह तो थी ग्लिपीजाइड (Glipizide) के बारे में जानकारी। यह तो आप समझ ही गए होंगे कि इस दवा का इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के उपचार के लिए किया जाता है। टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) में इस दवा को नहीं दिया जाता है। यही नहीं, इस दवा को लेने के बाद अधिकतर लोग गंभीर साइड-इफेक्ट्स का अनुभव नहीं करते हैं। लेकिन, अगर इस स्थिति में अगर आपको कोई भी दुष्प्रभाव नजर आता है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। ग्लिपीजाइड (Glipizide) को लेने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी होना भी जरूरी है। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से अवश्य पूछें।
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