मधुमेह यानी डायबिटीज के बारे में यह तो आप जानते ही होंगे कि यह एक गंभीर बीमारी है, जिससे हमारे देश की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की बड़ी जनसंख्या प्रभावित है। डायबिटीज कई कॉम्प्लीकेशन्स का कारण बन सकती है जैसे हार्ट डिजीज, आईज प्रॉब्लम्स आदि। ऐसे में अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) के बारे में। किंतु ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) के बीच के लिंक के बारे में जानने से पहले इन दोनों समस्याओं के बारे में जान लेते हैं।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम: क्या है यह परेशानी? (Obstructive sleep apnea syndrome)
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम (Obstructive sleep apnea syndrome) को नींद से संबंधित ब्रीदिंग डिसऑर्डर को कहा जाता है। इसके कारण रोगी को सोते हुए लगातार सांस लेना शुरू या बंद होने की समस्या होती है। स्लीप एप्निया के कई प्रकार हैं, जिसमें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम सबसे सामान्य है। यह समस्या तब होती है जब रोगी के गले की मसल्स नींद के दौरान रिलैक्स हो जाते हैं और एयरवेज को ब्लॉक कर देते हैं। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम का सबसे सामान्य लक्षण है रोगी का खर्राटे लेना। इस परेशानी का उपचार संभव है। इसके उपचार में एक ऐसे डिवाइस का इस्तेमाल करना शामिल है, जिससे सोते हुए एयरवेज को खुला रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा सर्जरी का सहारा भी लिया जा सकता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम (Obstructive sleep apnea syndrome) के लक्षण इस प्रकार हैं:
- दिन में अधिक सोना
- तेज आवाज में खर्राटे लेना
- नींद में ब्रीदिंग के स्टॉप होने एपिसोड्स को नोटिस करना
- हांफने या घुटन के साथ अचानक जागना
- गले में खराश या ड्राय माउथ के कारण जागना
- सुबह सिरदर्द होना
- दिन में कंसंट्रेशन में समस्या
- मूड का बदलना जैसे डिप्रेशन
- हाय ब्लड प्रेशर
- लिबिडो में कमी
लेकिन, यह जरूरी नहीं है कि हर मामले में खर्राटे लेना इस बीमारी या किसी गंभीर समस्या का ही संकेत है। ऐसे में इसका सही निदान जरूरी है। यह तो थी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम के बारे में जानकारी। अब जान लेते हैं डायबिटीज के बारे में।
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डायबिटीज क्या है? (Diabetes)
डायबिटीज एक मेटाबोलिक डिजीज है, जो हाय ब्लड शुगर का कारण बनती है। हार्मोन इंसुलिन खून से ग्लूकोज को एनर्जी के लिए स्टोर्ड या उसे करने के लिए आपकी सेल्स में ले जाता है। डायबिटीज के कारण रोगी का शरीर या तो सही से इंसुलिन को नहीं बना पाता है या सही से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है। बिना उपचार के डायबिटीज के कारण नर्व, आईज, किडनी और अन्य अंगों को नुकसान हो सकता है। इसके कई कारण हैं जैसे टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes), टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes), जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) आदि। इसमें टाइप 1 डायबिटीज को जुवेनाइल डायबिटीज और इंसुलिन-डिपेंडेंट डायबिटीज भी कहा जाता है। क्योंकि यह समस्या अधिकतर बच्चों को होती है और इससे पीड़ित लोगों को इंसुलिन की जरूरत होती है।
टाइप 2 डायबिटीज को इसका सबसे गंभीर प्रकार माना जाता है। जबकि, जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज को कहा जाता है। डायबिटीज चाहे किसी भी प्रकार की हो, इससे पीड़ित व्यक्ति को सही दवाईयों का सेवन करने, नियमित जांच और लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव आदि की सलाह दी जाती है। अब जान लेते हैं ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) के लिंक के बारे में।
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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes): क्या कहती है स्टडी, जानिए
बिना उपचार के ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम (Obstructive sleep apnea syndrome) को हायपरटेंशन और कार्डियक इवेंट्स के लिए रिस्क फैक्टर माना जाता है। लेकिन, हाल में ही हुई स्टडी के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से पीड़ित लोगों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम की संभावना अधिक होती है। इस स्टडी के उदेश्य क्रॉनिक और गंभीर टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम की गंभीरता और रिस्क फैक्टर्स की कंट्रीब्यूशन के बारे में जानना था। इस स्टडी में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से पीड़ित लोगों को शामिल किया था। इसमें यह पाया गया कि यह समस्या महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक होती है। यही नहीं, इससे पीड़ित लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (Body mass index) भी अधिक था।
ओएसए (OSA) यानी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम (Obstructive sleep apnea syndrome) से पीड़ित लोगों में डायबिटीज कॉम्प्लीकेशन्स जैसे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease), रेटिनोपैथी (Retinopathy) और न्यूरोपैथी (Neuropathy) की परसेंटेज भी अधिक थी। ओएसए (OSA) का उपचार संभव है, इसलिए डायबिटीज से पीड़ित लोगों को कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) के रिस्क को कम करने के लिए नियमित स्क्रीनिंग करानी चाहिए। अब पाते हैं ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) के बारे में पूरी जानकारी।
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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes): पाएं और जानकारी
अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो स्लीप एप्निया के कारण इसे मैनेज करना और भी मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सोते समय जब स्लीप एप्निया के रोगी की सांस रुक जाती है, तो उस के खून में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। इससे निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:
- इंसुलिन रेजिस्टेंस, जिससे शरीर इंसुलिन का प्रभावी रूप से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। यह ब्लडस्ट्रीम में अधिक शुगर का कारण होता है, जिससे हाय ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है।
- क्रॉनिक एलिवेटेड ब्लड प्रेशर
- हृदय की समस्याओं या हृदय रोग की समस्या का बढ़ना
- अर्ली मॉर्निंग सिरदर्द
सही से आराम ना करने या न सोने से रोगी एक्सरसाइज और मील प्लान के प्रति उदासीन हो सकता है। इससे न केवल डायबिटीज प्रभावित होती है, बल्कि रोगी का पूरा जीवन भी प्रभावित हो सकता है। स्लीपनेस से रोगी अपनी दवाईयां लेना भी भूल सकता है, जिससे डायबिटीज कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती हैं। ओएसए (OSA) जैसा रोग सामान्यतया उन लोगों में अधिक पाया जाता है जो ओवरवेट होते हैं, स्मोकिंग करते हैं और जिनकी उम्र चालीस साल से अधिक होती है। यह तो थी जानकारी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) के बारे में। अब जानिए की डायबिटीज और ओएसए (OSA) को मैनेज करने के कौन-कौन से सही उपाय हैं?
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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज कैसे करें मैनेज? (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes)
यह बात तो आप समझ गए होंगे कि अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) है, तो आपमें ओएसए (OSA) की संभावना अधिक होगी। इसके साथ ही ऐसे में आपके लिए ओएसए को मैनेज करना थोड़ा मुश्किल भी हो सकता है। यही नहीं,ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) के कारण भी डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है। लेकिन, कुछ चीजों का ध्यान रख कर इन दोनों समस्याओं को मैनेज किया जा सकता है। आइए जानें इनके बारे में।
सही आहार का सेवन करें (Eat right food)
सही आहार का सेवन कर के आपको संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में मदद मिल सकती है। खासतौर पर अगर आपको डायबिटीज है, तो आपके लिए सही आहार का सेवन करना बेहद महत्वपूर्ण है। अपने आहार में अधिक से अधिक फल, सब्जियों और अनाज आदि को शामिल करें। इसके लिए डॉक्टर की मदद भी ली जा सकती है।
व्यायाम करें (Exercise)
नियमित व्यायाम करना भी हेल्दी रहने के लिए आवश्यक है। इसलिए आप रोजाना कुछ समय निकालें और व्यायाम करें। आपको कौन सा व्यायाम करना चाहिए, इसमें डॉक्टर भी आपकी हेल्प कर सकते हैं।
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तनाव से बचें (Avoid stress)
तनाव से बचना न केवल डायबिटीज बल्कि ओएसए (OSA) यानी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) के लिए भी जरूरी है। इसलिए, तनाव से बचें। इसमें योगा, मैडिटेशन आदि आपके लिए मददगार हो सकते हैं।
वजन को कम करें (Manage your weight)
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) की स्थिति में रोगी का वजन अधिक है, तो उन्हें वजन कम करने के उपायों के बारे में सोचना चाहिए। इसके लिए अपने खाने-पीने का ध्यान रखें और व्यायाम करें।
एल्कोहॉल का सेवन करें सीमित मात्रा में (Limit Alcohol)
एल्कोहॉल के सेवन और डायबिटीज व ओएसए (OSA) की स्थिति में एल्कोहॉल का सेवन करने से बचना चाहिए या इसे सीमित मात्रा में करना चाहिए। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम में एल्कोहॉल और स्लीपिंग पिल्स लेने से सोते हुए एयरवेज क्लोज हो सकते हैं।
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इन दोनों कंडिशंस में नियमित जांच, सही दवाईयों और उपचार व डॉक्टर की सलाह का पालन करना बेहद आवश्यक है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम में रोगी को नेजल स्प्रे और सर्जरी के लिए भी कहा जा सकता है। यह तो थी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम और डायबिटीज (Obstructive sleep apnea syndrome and diabetes) के बारे में जानकारी। अगर आपको डायबिटीज है तो ऐसे में ओएसए (OSA) का निदान रोगी के लिए एक मुश्किल स्थिति हो सकती है। रोगी को डायबिटीज को मैनेज करने के लिए इस रोग को मैनेज करना भी जरूरी है। ताकि, आप आराम महसूस करें और एक हेल्दी जीवन जीने में मदद मिल सके। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।
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